प्रेग्नेंट महिलाएं डिलिवरी के लिए अपने आपको तैयार करने के लिए इंटरनेट पर खूब पड़ती हैं। यहां तक कि वह अपनी सहेलियों से उनके अनुभव के बारे में भी पूछती हैं लेकिन, शिशु को जन्म देते वक्त कुछ अलग अनुभव होते हैं। हम इस आर्टिकल में कुछ ऐसी ही बातों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो शिशु के जन्म के दौरान घटित होती हैं। अगर आपका डिलिवरी का समय नजदीक आ गया है या आप प्रेग्नेंसी प्लानिंग कर रही हैं तो इन बातों को जानना जरूरी है। डिलिवरी के दौरान एहसास विभिन्न प्रकार के यानी अलग-अलग हो सकते हैं। हो सकता है कि जैसा आपकी दोस्त के साथ डिलिवरी के दौरान हुआ था, वैसा आपके साथ न हो। कुछ महिलाओं लेबर के कुछ समय बाद ही बेबी को जन्म दे देती हैं, वहीं कुछ महिलाओं को लंबा समय लग सकता है। आपने हो सकता है कि डिलिवरी के दौरान एहसास होने वाली कई परिस्थितयों की कल्पना भी कर ली हो, लेकिन कई बार वैसा नहीं होता है, जैसा आप सोचते हैं, या फिर जैसा आपने किसी से सुना हो। इस आर्टिकल के माध्यम से आप भी जानिए डिलिवरी के दौरान एहसास।
डिलिवरी के दौरान एहसास क्या होता है?
डिलिवरी के दौरान आपके आसपास मौजूद डॉक्टर और सहायक स्टाफ आपसे पुशिंग के लिए बार-बार कहेंगे। लेकिन, बेबी को पुश करते वक्त जो अहसास होगा शायद आपको हो वह कोई शब्दों में बयां सकता। बेबी को पुश करते वक्त आपके ब्लैडर पर दबाव पड़ता है। इस दौरान आपको बार-बार यूरिन पास करने की फीलिंग आ सकती है। ऐसे में यदि यूरिन पास भी हो जाता है तो आपको शर्मिंदा होने की जरूरत नहीं है। आपके समक्ष मौजूद विशेषज्ञों की टीम इस बात को पहले ही समझती है। यहां तक कि वह ऐसा बर्ताव कर सकते हैं जैसे कुछ हुआ ही ना हो।
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जरूरत होगी मैक्सी पैड्स
डिलिवरी के बाद आपको हैवी ब्लीडिंग हो सकती है। यह ब्लीडिंग आसानीभ गर्भाशय में आपके शिशु को सुरक्षा कवच प्रदान करता है। इसका बहाव पूरा दिन हो सकता है। ज्यादातर महिलाओं को लगता है कि एमनियोटिक फ्लूड डिलिवरी के वक्त एकदम बाहर आ जाता है लेकिन, हकीकत में ऐसा नहीं है। कई बार इसका रिसाव शुरू नहीं होता। इस स्थिति में डॉक्टर इसके बहाव को शुरू कराने का प्रयास करते हैं।
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डिलिवरी के दौरान एहसास: प्रिवेसी को भूलना पड़ेगा
डिलिवरी के वक्त महिलाओं को ऐसा लगता है कि सिर्फ डॉक्टर और नर्स ही उनके प्राइवेट हिस्से को देखेंगे लेकिन, हकीकत में ऐसा नहीं होता। कई बार इंटर्न की टीम भी उनके साथ होती है। इनकी संख्या ज्यादा भी हो सकती है। ऐसे में डिलिवरी रूम में अपनी प्रिवेसी ख्याल दिमाग से निकाल दें।
डिलिवरी के दौरान फीलिंग: फिल्मी डिलिवरी नहीं होगी
फिल्मों में डिलिवरी रूम को एक अलग ही ढंग में पेश किया जाता है। महिलाएं अस्पताल में भर्ती हुईं और मिनटों के भीतर उनकी डिलिवरी हो गई। ज्यादातर महिलाओं को यह हकीकत लगती है लेकिन, डिलिवरी रूम की सच्चाई एकदम अलग होती है। कई बार डिलिवरी में घंटों तक का समय लग जाता है। ये महिला की स्थिति पर निर्भर करता है कि उसकी डिलिवरी में कितना समय लगेगा। ये बात भी सच है कि कुछ महिलाओं की डिलिवरी लेबर पेन के दो से चार घंटे में हो जाती है, वहीं कुछ को सात से आठ घंटे का समय भी लग सकता है।
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डिलिवरी के दौरान एहसास: हो सकता है बॉवेल मूवमेंट
डिलिवरी के वक्त बॉवेल मूवमेंट हो सकता है। इस स्थिति के बारे में आपको कोई नहीं बताएगा। डिलिवरी के वक्त यह एक सामान्य सी बात होती है। इस दौरान आपके बॉवेल पर जबर्दस्त दबाव होता है।
डिलिवरी के दौरान एहसास: शिशु के बाहर आने पर होगी बर्निंग
डिलिवरी के वक्त जब शिशु वजायना से बाहर आने को होता है तो उस वक्त तेज बर्निंग सेंसेशन होता है। हालांकि, इस अहसास के बारे में आपको व्यक्तिगत तौर पर कोई नहीं बताएगा। वजायना में यह बर्निंग शिशु के बाहर आने के बाद खत्म हो जाती है।
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डिलिवरी के दौरान फीलिंग: कई लोग देंगे इंस्ट्रक्शन
डिलिवरी रूम में डॉक्टरों और स्टाफ की एक पूरी फौज मौजूद रहती है। इस स्थिति में आपको एक साथ कई लोग इंस्ट्रक्शन देंगे। कोई आपको पुशिंग के लिए तो कोई ब्रीथिंग ठीक करने के लिए कह सकता है। इस स्थिति में आपको कंफ्यूज नहीं होना है। उस वक्त आपको इंस्ट्रक्शन देना उनकी ड्यूटी होती है, जिससे आपकी डिलिवरी जल्द से जल्द कराई जा सके।
डिलिवरी के दौरान एहसास: पुशिंग स्किल नहीं सिखाएगा कोई
यह एक ऐसी सलाह जो प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों से आपको दी जाती रही है। शायद ही आप गंभीरता से इस पर विचार करती हों लेकिन, डिलिवरी में आपको सिर्फ इंस्ट्रक्शन दिए जाएंगे। बेबी को बाहर निकालने के लिए कोई पुशिंग के तरीकों के बारे में नहीं बताएगा। बेहतर होगा कि आप पुशिंग स्किल के बारे में पहले ही जानकारी जुटा लें।
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डिलिवरी के दौरान एहसास: टीयरिंग होने पर ना घबराएं
वजायना में यदि टीयरिंग हो जाती है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। वजायनल डिलिवरी के कई मामलों में टीयरिंग या कट लग जाते हैं। डिलिवरी के बाद डॉक्टर इन्हें सिल देते हैं। हालांकि, कुछ दिनों तक इनमें दर्द रह सकता है लेकिन, यह जल्द ही ठीक हो जाता है। डिलिवरी के दौरान के एहसास को लेकर आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है।
डिलिवरी रूम जाने के बाद यदि इस प्रकार की चीजें आपके साथ होती हैं तो आप घबराइएगा नहीं। अचानक किसी चीज के सामने आने से बेहतर है कि आप उसके बारे में पहले ही जानकारी हासिल कर लें।
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उम्मीद करते हैं कि आपको इस आर्टिकल की जानकारी पसंद आई होगी और आपको डिलिवरी के दौरान एहसास से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अगर आपको अधिक जानकारी चाहिए तो बेहतर होगा कि आप एक बार डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। डिलिवरी के दौरान अगर आपको किसी प्रकार की समस्या हो तो घर पर ही उसका निवारण करने की कोशिश न करें, क्योंकि ये आपके और आपके बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
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