गर्भवती महिलाओं के लिए नौ महीनों तक शिशु को गर्भ में रखना रोमांचक के साथ ही कष्टप्रद अनुभव होता है। बच्चे के चाह में वे जितनी उत्सुक रहती हैं उतना ही तनाव भी होता है। शिशु के जन्म लेने से कई दिनों पहले ही घर में उसका नाम रखने की कवायद शुरू हो जाती है लेकिन, कुछ महत्वपूर्ण चीजें डिलिवरी के पहले देखभाल या प्रसव से पहले देखभाल से मिस हो जाती हैं।
प्रेग्नेंसी के आखिरी वक्त यानी डिलिवरी के पहले देखभाल या प्रसव से पहले देखभाल में आपको क्या करना है? इसके लिए एक लिस्ट बनानी होगी, ताकि हड़बड़ी में कुछ भूलें नहीं। हम आपको कुछ ऐसी ही चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें डिलिवरी से पहले यदि सुनिश्चित कर लिया जाए तो लिए बेहतर होगा।
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डिलिवरी के पहले देखभाल (Prenatal care) कैसे करें?
डिलिवरी के पहले देखभाल के लिए निम्नलिखित टिप्स करें फॉलो। जैसे:
डिलिवरी के पहले देखभाल के लिए टिप्स 1: बच्चे के बिस्तर का करें इंतजाम
जैसे ही आप नौंवे महीने के आखिरी दिनों में प्रवेश करें तो यह सुनिश्चित कर लें कि घर में बच्चे के लिए बेड/ झूला/ चादर मेट्ररेस जरूर हो। यदि आप इसका इंतजाम पहले ही कर लेती हैं तो अस्पताल से वापस घर आने के बाद कोई परेशानी नहीं होगी।
डिलिवरी के पहले देखभाल के लिए टिप्स 2: अस्पताल के लिए करें तैयारी
जैसे ही डिलिवरी का समय नजदीक आने लगे आपको एक बैग तैयार करना है। इसमें सभी जरूरी जीचें रखनी हैं, जिनकी जरूरत आपको उस वक्त पड़ेगी। इस बेग को कार की डिग्गी में रखा जा सकता है। पहले से यह पता नहीं होता है कि डिलिवरी घर पर होगी या अस्पताल में और दिन में होगी या रात में। अपने इस बैग में आपको पजामा या ढीले कपड़े रखने हैं, जिन्हें डिलिवरी के बाद पहना जा सकता। कपड़ों के साथ कुछ खाने- पीने का सामान भी रख लें, जिसे आपका पार्टनर या मिलने आने वाले लोग खा सके।
दक्षिणी दिल्ली के लाजपत नगर में स्थित दिल्ली के सपरा क्लीनिक की सीनियर गायनोकोलॉजिस्ट डॉक्टर एस के सपरा के मुताबिक डिलिवरी के पहले देखभाल, ‘डिलिवरी से 12-15 घंटे पहले महिला को हार्ड फूड नहीं देना चाहिए क्योंकि यदि डिलिवरी सिजेरियन से होती है, तो ऐसे में यह ठोस आहार परेशानी खड़ी कर सकता है। बेहतर होगा कि महिला को सॉफ्ट फूड दें ताकि डिलिवरी आसानी से की जा सके।’
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डिलिवरी के पहले देखभाल के लिए टिप्स 3: बच्चे के लिए बनाएं अलग बैग
आपको यह जरूर सुनिश्चित करना है कि बच्चे के लिए भी एक बैग तैयार किया गया हो। इसके अतिरिक्त, आप अपने ही बैग में बच्चे का जरूरी सामान रख सकती हैं। इसमें आप घर वापस लौटते वक्त पहने जाने वाले कपड़े भी रख सकती हैं। अस्पताल में बच्चे को पहनाने के लिए कुछ कपड़े जरूर रखना है। शिशु के लिए विशेष बिछावन और चादर जरूर रखें। बेहतर होगा शिशु के लिए सॉफ्ट कॉटन के चादर और तकिये का इस्तेमाल करना।
डिलिवरी के पहले देखभाल के लिए टिप्स 4: डायपर्स को न भूलें
आमतौर पर डायपर्स अस्पताल में ही मिल जाएंगे। आप इन्हें घर से साथ लेकर भी जा सकती हैं। इसके साथ ही आप डायपर से पड़ने वाले रैशेज की क्रीम साथ रखना न भूलें। नन्हें शिशु के हांथ सुरक्षित रहें इसके लिए दस्ताने भी ले जा सकती हैं। अगर शिशु को डायपर से कोई नुकसान पहुंचता है, तो फिर ज्यादा ध्यान रखें। क्योंकि शिशु की त्वचा कोमल होती है।
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डिलिवरी के पहले देखभाल के लिए टिप्स 5: डिलिवरी के आखिर वक्त पर इनका जरूर रखें ध्यान
डिलिवरी के आखिर हफ्ते में जितना संभव हो सके उतना आपको आराम करना है। शिशु के जन्म लेने के बाद शायद ही आपको नींद पूरी करने का वक्त मिले। ऐसी कई महिलाएं होती हैं, जो इस बात को लेकर लिए भी कॉन्शियस रहती कि डिलिवरी के दौरान उनका वह हिस्सा कैसा दिखेगा? यदि आपके दिमाग में भी कुछ ऐसा ही चल रहा है तो आप डिलिवरी की तारीख से कुछ दिन पहले बिकनी वैक्स या ट्रिम करवा सकती हैं। इससे आप हाइजीन भी मेंटेन रख सकती हैं। लेकिन, इस दौरान किसी भी काम को करने के लिए या करवाने के लिए तनाव न लें। क्योंकि तनाव का नकारात्मक असर आप पर जन्म लेने वाले शिशु पर पड़ सकता है।
डिलिवरी के पहले देखभाल के लिए टिप्स 6: पार्टनर के साथ बिताएं कुछ खास पल
डिलिवरी से पहले कोशिश करें कि आप और आपका पार्टनर एकांत में समय गुजारें। क्योंकि शिशु के जन्म लेने के बाद शायद आपको एकांत में अपने पार्टनर के साथ समय व्यतीत करने का मौका मिल सकेगा। यदि आपके पहले ही कुछ बच्चे हैं, तो कोशिश करें कि आप उन्हें उस वक्त के दौरान रिश्तेदार या किसी दोस्त के यहां छोड़ने की व्यवस्था कर लें। वैसे इस ध्यान रखें की अगर आपके पास पहले से शिशु है, तो उसे जरा भी नजरअंदाज न करें और उसे भी बताएं की उसका भाई या बहन आने वाली है, जो उसके साथ दोस्त की तरह होगा।
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कुछ अन्य कार्य
डिलिवरी से पहले आप चाहें तो फेशियल भी करा सकती हैं। नाखून जरूर काट लें। इसके अलावा, अस्पताल जाने से पहले महिलाओं को अपने पिछले सभी मेडिकल डॉक्यूमेंट्स एक थैले में अपने साथ रखने चाहिए। डिलिवरी के बाद कई बार मेडिकल हिस्ट्री की जरूरत पड़ती है।
डिलिवरी के पहले देखभाल का आखिरी हफ्ता जितना आपके लिए खुशनुमा होगा उतना ही थकावट भरा भी। यह जरूरी है कि आप आखिरी पलों तक शरीर को आराम देने के साथ इन पलों को एंजॉय भी करें और तनाव मुक्त रहें। वहीं अगर आपकी कोई करीबी या सहेली बेबी प्लानिंग कर रहीं तो उनके साथ अपना एक्सपीरियंस जरूर शेयर करें। वैसी महिलाओं से भी जरूर बात करें जो मां बन चुकी हैं। उनसे उनके अनुभव को पूछें। उन्होंने इस 9 महीने के खास पल को कैसे जीने की कोशिश की। ऐसी ही कई अन्य बातों को भी एक दूसरे के साथ साझा करें।
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