backup og meta

प्रेग्नेंसी के 13वें हफ्ते में ख्याल रखना क्यों है जरूरी?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 28/10/2021

    प्रेग्नेंसी के 13वें हफ्ते में ख्याल रखना क्यों है जरूरी?

    प्रेग्नेंसी का 13वां हफ्ता (13th week of pregnancy) महत्वपूर्ण होता है। प्रेग्नेंसी का 13वां हफ्ता हमेशा भ्रूण में ज्यादा बदलाव के लिए जाना जाता हैं। हालांकि गर्भवती महिला के शरीर में आने वाले बदलाव प्रेग्नेंसी के पहले हफ्ते से शुरू हो जाते हैं जो 42वें हफ्ते तक जारी रहते हैं। ये बदलाव हॉर्मोनल और शारीरिक होते हैं। प्रेग्नेंसी का 13वां हफ्ता पहले ट्राइमेस्टर का आखिरी हफ्ता होता है। इसका मतलब है कि गर्भवती महिला के तीन महीने सफलतापूर्वक पूरे हो गए हैं। इस हफ्ते से गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों से थोड़ी राहत मिल सकती है। आज जानेंगे प्रेग्नेंसी का 13वां हफ्ता आपको कैसे भ्रूण की देखभाल, खानपान और शारीरिक गतिविधियां कैसे मेनटेन रखनी हैं।

    प्रेग्नेंसी का 13वां हफ्ता: क्या-क्या खाएं?

    पौष्टिक और संतुलित आहार का सेवन स्वस्थ गर्भावस्था की पहली सीढ़ी है। प्रेग्नेंट महिला के साथ-साथ घर के और सदस्य भी इस वक्त महिला के खानपान का विशेष ख्याल रखते हैं। गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला का वजन बढ़ना निश्चित माना जाता है। एक स्वस्थ गर्भवती महिला का वजन 11 से 16 kg तक बढ़ता है। इसलिए वजन बढ़ने से घबराएं नहीं बल्कि अपनी डायट पर ध्यान दें। प्रेग्नेंसी के दौरान फॉलिक एसिड, आयरन, विटामिन-सी, विटामिन-डी, कैल्शियम, ओमेगा-3, ओमेगा-6, और फैटी एसिड जैसे पोषक तत्वों की जरूरत होती है। प्रेग्नेंसी का 13वां हफ्ता (13th week of pregnancy) हमेशा महिलाओं के लिए मुश्किल होता है जिसमें उन्हें अपना ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत होती है। प्रेग्नेंसी का 13वां हफ्ता सुरक्षित रखने के लिए अपने डायट में हेल्दी फूड और ड्रिंक्स शामिल करें जिससे आप स्वस्थ रह सकें।

    प्रेग्नेंसी का 13वां हफ्ता: निम्नलिखित डायट फॉलो करें –

  • नियमित रूप से 8 ग्लास तक पानी रोज पिएं। पानी के साथ-साथ फ्रेश जूस और नारियल पानी का भी सेवन करना लाभदायक हो सकता है;
  • शरीर में फॉलिक एसिड की मात्रा ठीक रखने के लिए हरी सब्जियां बीन्स, मटर, पालक और मूंग या अंकुरित मूंग, संतरे का सेवन लाभकारी हो सकता है;
  • आयरन और विटामिन-सी के लिए रेड मीट, चिकन, अंडा और ड्राई फ्रूट्स का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए;
  • कैल्शियम रिच फूड जैसे दूध, चीज और दही का सेवन करना चाहिए;
  • विटामिन-डी के लिए ऑयली फिश, अंडे का सेवन करना लाभकारी हो सकता है। वहीं विटामिन-डी के लिए सूर्य की किरणें खास कर सुबह की धूप में बैठना लाभकारी हो सकता है;
  • ओमेगा-3 और ओमेगा-6 की पूर्ति के लिए फिश (मछली), अलसी (Flax seed) और अखरोट का सेवन हितकारी हो सकता है;
  • शरीर में फैटी एसिड को बैलेंस्ड रखने के लिए मीट, चिकन, अंडा, लौकी और हरी सब्जियों का रोजाना सेवन लाभदायक हो सकता है।
  • प्रेग्नेंसी का 13वां हफ्ता (13th week of pregnancy) बहुत कुछ आपके खाने पर निर्भर करता है। आप क्या खाती है और किस तरह से खाना आपके स्वास्थ को बेहतर बनाता है इसके बारे में जानकारी रखें। महिलाओं को प्रेग्नेंसी में सही डायट लेनी चाहिए।

    और पढ़ें: प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में अपनाएं ये डायट प्लान

    प्रेग्नेंसी का 13वां हफ्ता: खाने पीने के इन चीजों को करें एवॉइड

    कच्चा और आधा पका हुआ मीट: प्रेग्नेंसी में कच्चा मीट से पूरी तरह परहेज करना चाहिए। इसमें ई कोलाई और साल्‍मोनेला नामक बैक्‍टीरिया होता है, जिससे फूड पॉइजनिंग की शिकायत हो सकती है। यदि आपका मीट खाने का मन हो रहा है तो उसे पूरी तरह पकाएं। तब उसका सेवन करें। मीट को पकाते समय उसमें किसी तरह का पिंक कलर या ब्लड का स्पॉट नहीं हहोना चाहिए।

    लिवर और विटामिन ए युक्त चीजों का सेवन न करें: प्रेग्नेंसी के दौरान लिवर और लिवर प्रोडक्ट्स को पूरी तरह एवॉइड करना चाहिए। मल्टिविटामिन जिसमें विटामिन ए हो या फिश लिवर ऑयल को लेने से परहेज करें। विटामिन ए की अधिक मात्रा स गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान पहुंच सकता है।

    कच्चा अंडा: गर्भावस्था में कच्चा अंडा या हाफ फ्राइ का सेवन न करें। इससे फूड पॉइजनिंग और बच्चे को हानि पहुंचने की संभावना अधिक होती है।

    एल्कोहॉल का सेवन नकरें: यदि आप एल्कोहॉल लेती हैं तो प्रेग्नेंसी के दौरान इसे पूरी तरह से छोड़ दें।

    कैफीन युक्त चीजों को न लें: प्रेग्नेंसी में कैफीन की अधिक मात्रा लेने से मिसकैरेज और लो बर्थ वेट के होने की संभावना होती है। इसलिए चाय, कॉफी, कोला, सॉफ्ट ड्रिंक, चॉकलेट आदि से परहेज करें।

    और पढ़ें: प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में क्या हॉर्मोनल बदलाव होते हैं?

    प्रेग्नेंसी का 13वां हफ्ता (13th week of pregnancy) : निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:

  • गर्भावस्था के दौरान ब्लीडिंग (मासिकधर्म) होना मां और बच्चे दोनों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। इसलिए इसे बिलकुल भी नजरअंदाज न करें और अपने डॉक्टर से तुरंत मिले। कई बार प्रेग्नेंसी की शुरुआत में स्पॉटिंग की समस्या होती है।
  • चिड़चिड़ापन होना, कमजोरी महसूस होना या ऐसी कोई भी समस्या होने पर अपने डॉक्टर को अपनी परेशानी बताएं। कई बार गर्भावस्था के समय संतुलित आहार नहीं लेने की वजह से भी चक्कर, कमजोरी या चिड़चिड़ापन हो सकता है।
  • ब्लड प्रेशर का ध्यान रखें। ब्लड प्रेशर ज्यादा या कम हो तो डॉक्टर को इसकी जानकारी दें। बीपी (नॉर्मल ब्लड प्रेशर 120/80 होता है) चेक करवाते रहें।
  • पेट में दर्द होना इसे नजरअंदाज न करें।
  • बार-बार टॉयलेट की इच्छा होना। ऐसी स्थिति में इन्फेक्शन्स का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि गर्भावस्था के दौरान इम्यून सिस्टम कमजोर होता है
  • अगर आप पानी सही मात्रा में पी रही हैं और फिर भी यूरिन का रंग पीला हो, तो ऐसे में इसे टाले नहीं क्योंकि ये डीहाइड्रेशन की निशानी हो सकती है। ज्यादा यूरिन गर्भवती महिला में डायबिटीज (जेस्टेशनल डायबिटीज ) के भी संकेत हो सकते हैं।
  • प्रेग्नेंसी के दौरान अगर डायबिटीज की शिकायत होती है, तो ऐसे में गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए कई तरह की समस्या शुरू हो सकती हैं। इस बारें में डॉक्टर आपको सही सलाह और आहार बताएंगे।
  • गर्भावस्था के दौरान शरीर में खुजली होना सामान्य बात है लेकिन, अगर ज्यादा हो और रात के वक्त हो, तो इसे इग्नोर न करें।
  • इन दिनों शरीर में सूजन होना सामान्य है लेकिन, अगर पैर और हाथों में ज्यादा सूजन आ जाए या सिर में लगातार दर्द होना गर्भवती महिला की परेशानी बढ़ा सकता है।
  • ऐसे वक्त में अगर आपको बुखार होता है तो शरीर का टेम्प्रेचर चेक करें ज्यादा तापमान बच्चे की सेहत पर बुरा असर करता है।
  • गर्भावस्था में उल्टी आम समस्या है लेकिन, ज्यादा उल्टी के साथ दस्त होना डायरिया की निशानी भी हो सकती है।
  • और पढ़ेंः प्रेग्नेंसी के दौरान स्किन टैग क्यों होता है, जानिए इसके कारण और उपचार

    खानपान के साथ-साथ अगर डॉक्टर ने बेड रेस्ट की सलाह नहीं दी हो, तो फिजिकल एक्टिविटी और गर्भावस्था के दौरान की जाने वाली एक्सरसाइज और वॉक जरूर करें। इससे शरीर फिट रहेगा, गर्भ में पल रहा शिशु स्वस्थ रहेगा, नॉर्मल डिलिवरी की संभावानाएं बढ़ेंगी।और गर्भवती महिला प्रेग्नेंसी के बाद भी हेल्दी रहेंगी। प्रेग्नेंसी का 13वां हफ्ता (13th week of pregnancy) महिलाओं के साथ भ्रूण के लिए भी काफी सेंसिटिव होता है। महिलाओं को अपने साथ-साथ भ्रूण के स्वास्थ्य के बारे में सोचकर काम करने की जरूरत होती है। प्रेग्नेंसी का 13वां हफ्ता (13th week of pregnancy) ना केवल खाने-पीने के लिहाज से सेंसिंटिव होता है बल्कि इस दौरान क्या एक्सरसाइज करनी है इसपर भी ध्यान देने की जरूरत है। आपको प्रेग्नेंसी का 13वां हफ्ता (13th week of pregnancy) कैसे हैंडल करना इसके लिए अफने डॉक्टर और डायटिशियन दोनों से मिले। खाने-पीने की चीजों से लेकर एक्सरसाइज और रेस्ट सब कुछ सही मात्रा में लेना जरूरी है।  हालांकि यह ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि इस दौरान छोटी से छोटी परेशानी को अनदेखा न करें और डॉक्टर से संपर्क करें। प्रेग्नेंसी का 13वां हफ्ता ध्यान में रखकर हेल्दी डायट ले और अपने स्वास्थ का ध्यान रखें।

    और पढ़ें: प्रेग्नेंसी में मूली का सेवन क्या सुरक्षित है? जानें इसके फायदे और नुकसान

    उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में प्रेग्नेंसी का 13वां हफ्ता (13th week of pregnancy) में किन बातों का ध्यान रखें। इससे जुड़ी जानकारी दी गई है। यदि आपका इस लेख से जुड़ा कोई प्रश्न है तो आप अपना सवाल कमेंट सेक्शन में कर सकते हैं। हम अपने एक्सपर्ट्स द्वारा आपके प्रश्नों के उत्तर दिलाने का पूरा प्रयास करेंगे।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    डॉ. प्रणाली पाटील

    फार्मेसी · Hello Swasthya


    Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 28/10/2021

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement