प्रेग्नेंट होना खुशनमा एहसास है। जिस प्रकार मां के पेट में नौ महीने तक शिशु का विकास होता है ठीक उसी प्रकार लड़की से मां बनने का सफर भी इसी दौरान शुरू होता है। इस दौरान जहां कुछ तकलीफें होती हैं वहीं दूसरी ओर जो पेट में बच्चे की हलचल, उसका पांव मारना सुखद एहसास दिलाता है। आइए, आर्टिकल में हम प्रेग्नेंसी में सीने में जलन के कारण और उपचार को जानने की कोशिश करते हैं। सीने में जलन, जिसे हम हार्ट बर्न कहते हैं, इसका दिल से कोई सरोकार नहीं है। पेट में मौजूद तत्वों इसोफेगस से जब विपरित हलचल होती है उस समय हमारे छाती और सीने में जलन महसूस होता है। (इसोफेगस वो ट्यूब है जिससे खाना हमारे थ्रोट से होते हुए पेट में जाता है)। ऐसी ही स्थिति है प्रेग्नेंसी में सीने में जलन (Heartburn in pregnancy) की अवस्था जिससे लगभग हर गर्भवती को जुझना पड़ता है।
गैस्ट्रोएसोफेगल रिफलक्स (Gastroesophageal reflux) या एसिड रिफलक्स (Acid Reflux) की हो सकती है समस्या
गर्भावस्था के दौरान करीब 17 से 45 फीसदी महिलाओं में यह समस्या होती है। प्रेग्नेंसी में सीने में जलन (Heartburn in pregnancy) काफी सामान्य है।
प्रेग्नेंसी हार्मोन के कारण स्टमक के शुरुआत में मौजूद वाल्व आराम की मुद्रा में आने के कारण यह सामान्य रूप से बंद नहीं हो पाते। इस कारण इसोफेगस से एसिडिक स्टमक तत्व मुंह की ओर आते हैं। सामान्य शब्दों में इसे गेस्ट्रोएसोफेगल रिफलक्स (जीईआर-gastroesophageal reflux (GER) या एसिड रिफलक्स कहा जाता है। जैसे-जैसे भ्रूण बढ़ने लगता है वैसे-वैसे समस्या और जटिल होते जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यूट्रस बढ़ने के कारण पेट पर ज्यादा दबाव बनता है।
अपच (इनडायजेशन) या एसिड रिफलक्स की समस्या प्रेग्नेंसी के दौरान हार्मोन में बदलाव के कारण हो सकती है। प्रेग्नेंसी में सीने में जलन (Heartburn in pregnancy) को कम करने के लिए
डायट और लाइफस्टाइल में बदलाव कर या फिर कुछ खास उपचार कर इस समस्या से निजात पाया जा सकता है।
प्रेग्नेंसी में सीने में जलन के खास लक्षण (Symptoms of Heartburn in pregnancy)
- खट्टी डकार का आना
- बीमार महसूस करना
- पेट भरा महसूस करना, पेट फूलने का एहसास होना
- मुंह में खाना का आ जाना
- बर्निंग सेनसेशन के साथ सीनें में दर्द
गर्भवती महिलाओं को इस प्रकार के लक्षण खाना खाने के बाद या फिर पेय पदार्थ लेने के बाद आ सकते हैं। लेकिन कई बार खाने में देरी होने के कारण अपच की वजह से प्रेग्नेंसी में सीने में जलन (Heartburn in pregnancy) की समस्या हो सकती है। वैसे तो प्रेग्नेंसी के दौरान कभी भी सीने में जलन हो सकती है, लेकिन
प्रेग्नेंसी के 27वें सप्ताह के बाद यह समस्या और बढ़ जाती है।
इन कारणों से हो सकती है प्रेग्नेंसी में सीने में जलन ( Causes of Heartburn in pregnancy)
प्रेग्नेंसी में सीने में जलन के कारण आप असहज महसूस कर सकते हैं। यदि आप प्रेग्नेंट हैं और आपको यह समस्या है तो इन कारणों से यह समस्या हो सकती है, जैसे :
- शिशु के बढ़ने के साथ पेट पर दबाव पड़ने के कारण
- प्रेग्नेंसी के आखिसी सप्ताह में
- आप इससे पहले भी प्रेग्नेंट हुई हों
- हाॅर्मोनल चेंजेस के कारण
- गर्भवती होने से पहले भी इनडायजेशन की समस्या का रहना
हार्ट बर्न (Heart burn) से यह चीजें दिला सकती हैं निजात
- दिनभर में कई बार थोड़ा-थोड़ा खाना का सेवन करना फायदेमंद होता है
- सोने के दौरान सिर उठाएं
- प्रेग्नेंसी में सीने की जलन से निजात पाने के लिए डॉक्टरी सलाह लें, फिर दवा का सेवन करें
- सोने के करीब तीन घंटे पहले तक खाना नहीं खाने के साथ पानी न पीएं
- खाना न खाने व पानी न पीने के कारण स्थिति और बिगड़ सकती है, वहीं सिट्रस (चटक), मसालेदार, फैटी व फ्राय खाना खाने के कारण, कैफीन का सेवन करने से और कार्बोनेटेड ड्रिंक का सेवन करने से भी प्रेग्नेंसी में सीने में जलन (Heartburn in pregnancy) बढ़ सकती है
- जल्दीबाजी में खाना खाने की बजाय, समय लेकर खाना खाएं
- खाना खाने के बीच में तरल का सेवन न करें, बाद में पानी पीएं
- भोजन करने के तुरंत बाद लेटने से परहेज करना चाहिए
इन तरीकों को अपनाकर पाएं प्रेग्नेंसी में हार्ट बर्न (Heart burn during Pregnancy) से निजात
अपने डायट के साथ लाइफस्टाइल में बदलाव कर प्रेग्नेंसी में सीने में जलन (Heartburn in pregnancy) के लक्षणों को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
शराब का सेवन करें बंद (Avoid Alcohol consumption)
यदि आप शराब का सेवन करते हैं तो उस कारण भी अपच की समस्या हो सकती है। खासतौर से प्रेग्नेंसी में सीने की जलन हो सकती है। इतना ही नहीं बच्चे की सेहत के लिए भी यह काफी नुकसानदेह होता है। जच्चा-बच्चा की भलाई इसी में है कि शराब का सेवन न ही किया जाए।
धूम्रपान करना करें बंद (Quit smoking)
गर्भवती के साथ किसी को भी
स्मोकिंग (Smoking) नहीं करनी चाहिए। इस कारण भी अपच की समस्या होती है। वहीं यह आपकी सेहत के साथ शिशु की सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। आप जब भी सिगरेट पीते हैं तो कई
हानिकारक कैमिकल्स भी शरीर में चले जाते हैं, इस कारण अपच की समस्या होती है। यही कैमिकल्स गर्दन में रुक जाते हैं, ऐसे में जब हम सोने जाते हैं तो उस दौरान स्टमक एसिड बनाने में मदद करते हैं। इसी को एसिड रिफलक्स भी कहा जाता है।
सिगरेट के कारण होने वाले नुकसान:
खाने-पीनें की आदतों में करें सुधार (Improve eating habits)
सीने में जलन और अपच की समस्या से निजात पाने के लिए आप चाहें तो
अपने खाने-पीने की आदतों में सुधार कर सकते हैं। ज्यादा खाने या दिन में तीन बार खाना खाने की बजाय कम-कम कर खाना चाहिए। सोने के पहले तीन घंटों में कुछ नहीं खाना चाहिए। खाने में कोशिश करें कि कैफीन का कम सेवन करें, मसालेदार खाने के साथ तले-भूने भोजन का सेवन करने से बचें।
हेल्दी खाना खाकर (Eat Healthy)
अपच की समस्या तभी होती है जब हमारा पेट पूरी तरह से भरा होता है। यदि आप प्रेग्नेंट है तो सामान्य की तुलना में आपको ज्यादा खाने की इच्छा होती है। लेकिन ऐसा करना आपके शिशु के लिए कतई अच्छा नहीं है।
जरूरी है कि हेल्दी डायट लें। खाने के दौरान सीधा बैठें (Sit up straight while eating)
जब भी आप खाना खाएं तो सीधे बैठकर भोजन करें। ऐसा करने से आपके पेट पर प्रेशर नहीं पड़ेगा। ऐसे में जब आप सोने जाएंगे तो सोने के दौरान नहीं बनेगा व समस्या नहीं होगी।
सही समय पर लें डॉक्टरी सलाह
प्रेग्नेंसी में सीने में जलन (Heartburn in pregnancy) की समस्या हो तो उसे इग्नोर करने की बजाय डॉक्टर से शेयर करना चाहिए। ताकि इस प्रकार के लक्षणों को कम किया जा सके। लक्षणों को कम करने के लिए डॉक्टर कुछ दवा सुझा सकते हैं, जिनका सेवन कर हम इन समस्याओं से निजात पा सकते हैं। कई बार लक्षणों की जांच करने के लिए डॉक्टर आपके पेट, छाती को छू भी सकता, ताकि दर्द किस जगह पर हो रहा है उसे पकड़ सके। जरूरी है कि ऐसी दिक्कत हो तो डॉक्टरी सलाह लें।
- पेट दर्द
- खाने में दिक्कत व खाना निगलने में परेशानी
- वजन का कम होना
कई बार प्रेग्नेंसी में सीने में जलन (Heartburn in pregnancy) इसलिए भी हो सकता है क्योंकि आप किसी अन्य दवा का सेवन करते हो। उदाहरण के तौर पर एंटीडिप्रिसेंट्स का सेवन करने के कारण भी अपच की समस्या हो सकती है। जरूरी है कि यह बात अपने डॉक्टर से शेयर करें ताकि वो आपको अन्य दवा का सुझाव दे।
इस बारे में अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह लें।
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