प्रेग्नेंसी वीक 19 के दौरान आपके शिशु का वजन करीब 240 ग्राम पहुंच जाता है और उसकी लंबाई 15 सेंटीमीटर होती है। इस समय एक वाइट वैक्स सेंसिटिव स्किन के लिए आपके शिशु को सुरक्षा प्रदान करता है। वैक्स की यह परत गर्भावस्था के आखिरी समय में खत्म हो जाती है, इसलिए प्री-मैच्योर डिलीवरी में शिशु के इर्द-गिर्द अक्सर वैक्स की एक परत होती है। इस आर्टिकल में जानें प्रेग्नेंसी वीक 19 से जुड़ी सभी बातें।
प्रेग्नेंसी वीक 19 में शारीरिक और दैनिक जीवन में परिवर्तन
गर्भावस्था का 19वां सप्ताह: प्रेग्नेंसी वीक 19 के दौरान मेरे शरीर में क्या-क्या बदलाव आएंगे?
प्रेग्नेंसी वीक 19 के दौरान आपको अपने गर्भ में शिशु की गतिविधियां महसूस होने लगेंगी। शिशु की पहली गतिविधि शायद आपको पेट फूलने या गैस की दिक्कत लग सकती है, क्योंकि वह काफी हल्की और कम समय के लिए महसूस होती है। लेकिन उसके बाद आपको शिशु के पैर मारने, हाथ मारने या फिर उसकी हिचकियां भी महसूस होने लगती हैं। हर शिशु का हिलने का अपना तरीका होता है। अगर शिशु के हिलने की फ्रीक्वेंसी और इंटेंसिटी में कमी आती है तो इसके बारे मे अपने डॉक्टर से बात करें।
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प्रेग्नेंसी वीक 19 के दौरान मुझे किन बातों के बारे में ध्यान रखना चाहिए?
हालांकि, ऐसे कोई वैज्ञानिक शोध नहीं है कि गर्भावस्था से आपकी दिमागी गतिविधि प्रभावित होती है। लेकिन, फिर भी कुछ महिलाएं गर्भावस्था में होने वाले शारीरिक बदलावों को ज्यादा गंभीरता से ले लेती हैं, जिससे उनको मानसिक स्तर पर प्रभाव पड़ता है। मगर एक बहुत कम ही होता है और आपमें शारीरिक और भावनात्मक बदलाव आने स्वाभाविक हैं। इसलिए, आपको अपने दिमाग पर इनके बारे में ज्यादा प्रेशर नहीं डालना चाहिए और गर्भावस्था के सकारात्मक पहलुओं को देखना चाहिए।
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प्रेग्नेंसी वीक 19 में डॉक्टरी सलाह
गर्भावस्था का 19वां सप्ताह: प्रेग्नेंसी वीक 19 के दौरान मुझे अपने डॉक्टर को क्या बताना चाहिए?
प्रेग्नेंसी वीक 19 के बाद बहुत जल्द आप ऐसी स्थिति में पहुंचने वाली हैं, जब आपको एक दिन लगेगा कि आपका शिशु पूरे दिन गतिविधि कर रहा है और अगले दिन लगेगा कि आपका शिशु बिल्कुल शांत है। ऐसा अनुभव करना बिल्कुल सामान्य है। गर्भावस्था के इस स्तर पर शिशु की गतिविधि की निरंतरता को लेकर चिंता करना सामान्य बात है, लेकिन यह चिंता भी अनावश्यक है। प्रेग्नेंसी वीक 19 के बाद प्रेग्नेंसी वीक 28 में शिशु की हलचल ज्यादा हो जाती है और इसी समय शिशु की गतिविधि को चेक करना आपकी आदत बन जाती है।
अगर आपको प्रेग्नेंसी वीक 19 के दौरान पूरे दिन शिशु की कोई हलचल महसूस नहीं होती है, तो आप इनमें से कुछ तरीके अपना सकती हैं, जिससे शिशु हलचल करना शुरू कर सकता है। जैसे- शाम के समय दूध का एक गिलास , एक कप संतरे का जूस या कोई हेल्दी स्नैक खाने के एक या दो घंटे के अंदर आप नीचे लेट जाएं। ऐसा करने से शिशु हलचल शुरू कर सकता है। हालांकि, ऐसा जरूरी नहीं है कि इन तरीकों को अपनाने के कुछ घंटे के अंदर ही आपको शिशु की हलचल महसूस होने लगेगी।
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प्रेग्नेंसी वीक 19 के दौरान मुझे किन टेस्ट्स के बारे में पता होना चाहिए?
प्रेग्नेंसी वीक 19 के दौरान आपका डॉक्टर एक एम्नियोसेंटेसिस टेस्ट के बारे में सलाह दे सकता है। यह टेस्ट चुनिंदा कारणों पर करवाया जाता है और यह पीरीयोडिक टेस्ट नहीं है। एम्नियोसेंटेसिस टेस्ट के अंतर्गत शिशु के आसपास मौजूद एम्नियोटिक फ्लूड का सैंपल लिया जाता है और उसकी जांच की जाती है। शिशु को होने वाली डाउन सिंड्रोम या एड्वार्ड्स सिंड्रोम जैसी जेनेटिक असामान्यताओं की जांच करने के लिए यह टेस्ट किया जाता है। वैसे यूट्रस में इन असामान्यताओं से शिशु को प्रभावित होने की संभावना एक प्रतिशत से भी कम होती है। लेकिन इस टेस्ट को करवाने से पहले अपने डॉक्टर से बात कर लें कि यह टेस्ट आपके लिए कितना सुरक्षित है।
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प्रेग्नेंसी वीक 19 में स्वास्थ्य और सुरक्षा
प्रेग्नेंसी वीक 19 के दौरान मुझे स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़ी किन बातों के बारे में जानकारी होनी चाहिए?
इंटरकोर्स- आपको चिंता हो सकती है कि प्रेग्नेंसी वीक 19 के दौरान इंटरकोर्स करने से आपके शिशु पर बुरा असर पड़ सकता है। लेकिन इसमें चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि प्रोटेक्टेड इंटरकोर्स गर्भावस्था के किसी भी पड़ाव पर खतरा नहीं होता है, जबतक कि आपकी प्रेग्नेंसी में कोई जटिलताएं न हों। हालांकि, महिलाओं को अक्सर गर्भावस्था के अलग-अलग पड़ाव पर इंटरकोर्स करने की इच्छा हो सकती है, जो कि बिल्कुल सामान्य और सुरक्षित है। इंटरकोर्स करना बिल्कुल सुरक्षित है, जबतक कि आपमें शारीरिक, मानसिक हिम्मत है तो।
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गाय के दूध में मौजूद बीएसटी हॉर्मोन
प्रेग्नेंसी वीक 19 में कई महिलाएं पोषण प्राप्त करने के लिए गाय का दूध पीती हैं। हालांकि, गाय के दूध के कुछ प्रकार में बीएसटी हॉर्मोन होता है, जो कि उनके द्वारा उत्पादित किए जा रहे दूध को बढ़ाने के लिए गायों में इंजेक्शन द्वारा लगाया जाता है। अब सवाल यह उठता है कि क्या बीएसटी हॉर्मोन वाला गाय का दूध पीना सुरक्षित है? सच यह है कि बीएसई एक प्रोटीन होता है न कि स्टेरॉयड। इसलिए यह मनुष्य को प्रभावित नहीं करता और अन्य प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ की तरह आसानी से पच जाता है। अगले आर्टिकल में हम प्रेग्नेंसी वीक 20 के बारे में बात करेंगे।
उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। आप प्रेग्नेंसी की जिस भी स्टेज से गुजर रही है,उस दौरान आपको क्या खाना चाहिए या किस चीज से परहेज करना चाहिए, इस बारे में डॉक्टर से जानकारी जरूर प्राप्त करें।
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