लगभग हर छह में से एक कपल प्रेग्नेंसी कंसीव करने की समस्या के बारे में बात करते हैं। वहीं, जब से देश में आईवीएफ उपचार का विकास हुआ है, तब से साल 1991 से 2016 के बीच, लगभग 12 फीसदी कपल्स ने स्पर्म डोनर से प्रेग्नेंसी कंसीव की है। वहीं, हर साल देशभर में लगभग 13,500 लोग स्पर्म डोनर से प्रेग्नेंसी का सहारा लेते हैं।
स्पर्म डोनर से प्रेग्नेंसी की तकनीक कई कपल्स और सिंगल पेरेंट्स बनने की चाहत रखने वालों के लिए एक वरदान जैसी तकनीक ही है। बॉलीवुड के डॉयरेक्टर करण जौहर के साथ-साथ एक्टर तुषार कपूर जैसे कई हस्तियों में भी स्पर्म डोनर से सिंगल पेरेंट्स बनने की अपनी इच्छा पूरी की है। हालांकि, इन्होंने इस तकनीक में अपने खुद के स्पर्म का इस्तेमाल किया है। लेकिन, इसके अलावा ऐसी महिलाएं और कपल्स भी स्पर्म डोनर से प्रेग्नेंसी का सहारा ले सकते हैं, जिन्हें प्रेग्नेंसी से जुड़ी किसी तरह की कोई समस्या है। स्पर्म डोनर से प्रेग्नेंसी का सहारा वो भी ले सकते हैं, तो प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले मानसिक और शारीरिक बदलवाओं के दौर से नहीं गुजरना चाहते हैं। या फिर वो भी जिनके पास प्रेग्नेंसी और प्रेग्नेंसी के दौरान देखभाल करने का समय नहीं है। अगर आप भी स्पर्म डोनर से प्रेग्नेंसी की तकनीक को समझना चाहते हैं और इसकी योजना बना रहे हैं, तो सबसे कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें, जिनमें शामिल हैंः
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स्पर्म डोनर से प्रेग्नेंसी क्या है?
स्पर्म डोनर के तौर पर हमेशा के पुरुष के वीर्य का इस्तेमाल किया जाता है। पुरुष द्वारा प्राप्त किए गए स्पर्म को एक महिला के गर्भाशय में डाला जाता है। स्पर्म डोनर से प्रेग्नेंसी के लिए आप किसी गुमनाम डोनर या किसी दोस्त या रिश्तेदार के स्पर्म का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। स्पर्म डोनर से प्रेग्नेंसी की तकनीक कपल्स के साथ-साथ सिंगल महिला और सिंगल पुरुष भी अपना सकते हैं।
स्पर्म डोनर से प्रेग्नेंसी के उपचार के क्या विकल्प मौजूद हैं?
दान किए गए शुक्राणु के साथ गर्भवती होने के दो सबसे लोकप्रिय तरीके हैं, जिनमें शामिल हैं, इंट्रा यूटेरिन इनसेमिनेशन (आईयूआई) और इन विट्रो फर्टीलाइजेशन (आईवीएफ)।
स्पर्म डोनर से प्रेग्नेंसी का फैसला मुझे कब करना चाहिए?
अगर कोई कपल प्रेग्नेंसी कंसीव करने में समर्थ नहीं है, तो उसके लिए स्पर्म डोनर से प्रेग्नेंसी का विकल्प बेहतर समाधान हो सकता है। इसके अलावा अगर कोई शादी न हीं करना चाहता है और अकेले ही जीवन जीने का फैसला करता है, तो ऐसी स्थिति में भी वो स्पर्म डोनर से प्रेग्नेंसी का विकल्प अपना सकता है। साथ ही आपको निम्न बातों पर भी ध्यान देना चाहिएः
- आप अपने स्वयं के अंडे या शुक्राणु का उत्पादन नहीं कर सकते हैं
- आपके अपने शुक्राणु या अंडों गर्भावस्था के लिए तैयार नहीं हो पाते हैं
- उचित इलाज के बाद भी आप प्रेग्नेंसी कंसीव नहीं कर पाती हैं
- प्रेग्नेंसी से जुड़ी कोई अनुवांशिक बीमारी
- बांझपन की समस्या
- समलैंगिक कपल
- हर बार गर्भधारण करने के कुछ ही हफ्तों बाद गर्भपात हो जाना
- महिला की उम्र 45 या उससे अधिक होना (मेनोपॉज के बाद महिलाएं प्रेग्नेंट नहीं हो सकती है)।
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स्पर्म डोनर से गर्भधारण: स्पर्म डोनर से प्रेग्नेंसी के लिए मुझे कितने नियमों का ध्यान रखना चाहिए?
- स्पर्म डोनर से गर्भावस्था धारण के लिए भारत में अभी कोई खास नियम व कानून नहीं बनाएं गए हैं। हालांकी, जानकारी के मुताबिक एक स्पर्म डोनर का इस्तेमाल 10 बार किया जा सकता है।
- हमेशा एक सरकारी मान्यता प्राप्त फर्टिलिटी क्लिनिक के माध्यम से स्पर्म डोनर से प्रेग्नेंसी कंसीव करनी चाहिए।
- स्पर्म डोनर के स्वास्थ्य और फैमिली हिस्ट्री की जानकारी होनी चाहिए। उसे स्वास्थ्य से जुड़ी कोई गंभीर आनुवांशिक बीमारी नहीं होनी चाहिए। न ही कोई ऐसी बीमारी होनी चाहिए, जो गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास के दौरान या जन्म के बाद उसे होने का खतरा हो।
- स्पर्म डोनर से प्रेग्नेंसी धारण करने से पहले उसका एचआईवी, हेपेटाइटिस, सिफलिस और गोनोरिया सहित संक्रमणों की जांच करानी चाहिए।
- डोनर किसी भी तरह के क्रोनिक रोग का मरीज नहीं होना चाहिए।
- स्पर्म डोनर भविष्य में आपके बच्चे का पिता होने की कानूनी कार्यवाही न करें इस मुद्दे पर भी पहले ही कानूनी कार्यवाही कर लें।
क्या स्पर्म डोनर के लिए मुझे भुगतान करने की आवश्यकता होती है?
हां बिल्कुल, कई क्लीनिक और शहरों में स्पर्म डोनर आपको उचित भुगतान पर आसानी से मिल सकते हैं। हाालंकि, इनके भुगतान की राशि कितनी होगी यह क्लीनिक और स्पर्म डोनर पर निर्भर कर सकता है।
इसके अलावा अगर कोई पुरुष अपने स्पर्म का इस्तेमाल करके किसी महिला के गर्भ का इस्तेमाल करता है, तो कानूनी तौर पर उसे उस महिला के गर्भावस्था के दौरान उसके स्वास्थ्य और आहार का पूरा ध्यान रखना होता है। साथ ही, प्रसव और सभी जरूर टेस्ट के सारे खर्च की भी जिम्मेदारी लेनी पड़ती है।
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स्पर्म डोनर से गर्भधारण: जन्म के बाद क्या डोनर का बच्चों पर कोई अधिकार होता है?
अगर आपने किसी लाइसेंस प्राप्त फर्टिलिटी क्लिनिक से स्पर्म डोनर से गर्भावस्था धारण की है, तो आपको डोनर के पास अपने शुक्राणु, अंडे या भ्रूण के साथ पैदा हुए बच्चों के लिए कोई कानूनी अधिकार या जिम्मेदारियां नहीं होती है, इसके अलावा उसे निम्न बातों का भी ध्यान रखना होता हैः
- उसके पास अपने दान किये गए स्पर्म से किसी भी बच्चे के लिए कोई कानूनी दायित्व नहीं होगा।
- बच्चे के जन्म प्रमाणपत्र पर डोनर का नाम नहीं होगा।
- जन्म के बाद बच्चे की परवरिश किसी जगह में होगी या किस धर्म के तहत या समुदाय में होगा, इसे इस मामले में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं होगा।
- उसे आर्थिक या सामाजिक रूप से बच्चे की देखभाल की कोई जरूरत नहीं होगी।
लेकिन, अगर स्पर्म डोनर आपका कोई मित्र या रिश्तेदार है और उसके साथ किसी भी तरह से आपके कोई काननू कार्यवाही नहीं की है, तो वह उस बच्चे पर एक पिता का अधिकार भी रख सकता है। इसलिए इस बारे में अपने डॉक्टर से अधिक चर्चा करें।
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स्पर्म डोनर से गर्भधारण: मुझे स्पर्म डोनर से जुड़ी किन बातों की जानकारी होनी चाहिए?
- डोनर की शारीरिक जानकारी जैसे, उसका कद, वजन, आंखों की सेहत और रंग, बालों का रंग, त्वचा का रंग, आदि।
- जन्म का वर्ष और देश
- डोनर की जाति और नस्ल (कुछ लोग अपने ही धर्म और जाति के समुदाय के डोनर की खोज करते हैं)
- उसके कितनी बार स्पर्म डोनेट किया है
- स्पर्म डोनेट के समय उसके कितने बच्चे हैं
- अगर बच्चे हैं, तो उनका लिंग
- डोनर की वैवाहिक स्थिति
- डोनर का चिकित्सा इतिहास।
इसके अलावा, स्पर्म डोनर से गर्भावस्था धारण करने वाली महिला के भी स्वास्थ्य की पूरी जानकारी प्राप्त की जाती है। महिला से जुड़ी किसी तरह की मानसिक या शारीरिक समस्या, उसका पारिवारिक इतिहास, आर्थिक स्थिति और उसके वैवाहिक जीवन के बारे में भी जाना जाता है।
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