दूसरी शादी हर किसी को एक असंभव स्थिति लगती है क्योंकि, कोई भी कभी भी दूसरी शादी (Second marriage) का ख्वाब नहीं देखता। पहली शादी टूट जाए तो खुद को इतना टूटा हुआ महसूस कर सकते हैं कि शादी के रिश्ते से भरोसा तक उठ जाता है। लेकिन, ये जरूरी नहीं कि पहली शादी टूट जाने पर खुद को अकेला ही रखें। अगर दिल चाहे तो खुद को एक और मौका दे सकते हैं और अपनी जिंदगी फिर से शुरू कर सकते हैं।
अकेलेपन को दूर करने या परिवार के दबाव के कारण कई लोग दूसरी शादी (Second marriage) करते हैं। दूसरी शादी करने के पीछे और भी कई कारण हो सकते हैं। लेकिन, अगर आप दूसरी शादी का फैसला ले रहे हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखें। सेकेंड मैरिज का फैसला न सिर्फ परिवार बल्कि आपके व्यक्तित्व को भी प्रभावित करता है। ऐसे बहुत से बॉलीवुड स्टार हैं जिन्होंने दूसरी शादी (Second marriage) की और वो आज खुश हैं, जैसे सैफ अली खान। आप भी दूसरी शादी के बाद खुश रह सकते हैं।
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क्या है एक्सपर्ट की राय?
जबलपुर हाईकोर्ट में एडवोकेट योगेंद्र सिंह बघेल ने हैलो स्वास्थ्य की टीम से बात करते हुए कहा, “पहली शादी से तलाक के बाद कोई भी दूसरी शादी (Second marriage) कर सकता है। यह पूरी तरह से कानून तौर पर वैध है। इसके लिए पूर्व साथी या परिवार की सहमति की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, अगर पूर्व रिश्ते में बच्चे हैं और नए साथी के भी बच्चे हैं, तो दोनों नए साथी को मिलकर बच्चों की परवरिश करनी होगी। इसमें पूर्व साथी कानूनी तौर पर किसी भी तरह की आर्थिक मदद देने के लिए बाध्य नहीं होता। कानून के ये नियम मूल रूप से माता-पिता दोनों पर ही लागू होते हैं।”
दूसरी शादी के लिए किन बातों का रखें ध्यान? (Tips for Second marriage)
दूसरी शादी कर रहे हैं, तो उन बातों को ध्यान रखें, जिनकी वजह से पहली शादी असफल रही। अपनी गलतियों और अच्छाइयों की लिस्ट बना कर खुद के फैसले को मजबूत बनाएं। ऐसा करने से आप एक बेहतर जिंदगी की ओर कदम बढ़ा पाएंगे।
1.पहली शादी को भूल जाएं
पहली शादी के जिक्र से न सिर्फ खुद बचें, बल्कि नए साथी को भी इससे दूर रखें। पिछला रिश्ता (Relationship) कैसा था, वह क्यों टूटा, किसी गलतियां ज्यादा थी, इन सब के बारे में बार-बार बात न करें। बेहतर होगा कि नए साथी से इन सबके बारे में शुरू में ही बात कर लें। ताकि बार-बार इसे दोहराने की जरूरत न पड़ें। ऐसा करने से आप अपना पास्ट भूलाकर एक नई जिंदगी को गले लगा सकेंगे।
2.पहले साथी से मन-मुटाव नहीं
किसी को माफ करना सबसे बड़ी जीत मानी जाती है। इसलिए पहले साथी को उनकी सभी गलतियों के लिए माफ करें। लेकिन, उनकी गलतियां हमेशा याद रखें। पहले साथी को खुलकर समझाएं कि आपके भविष्य के फैसले में उनकी कोई राय नहीं होनी चाहिए। न ही उनके भविष्य के किसी भी फैसले को लेकर आप किसी तरह की उम्मीद रखें।
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3.नए साथी के बारे में खुलकर तहकीकात करें
नए साथी के विचार और स्वाभाव कैसे हैं? यह जानना बेहद जरूरी होता है। दूसरी शादी के लिए वो कितना कंफर्टेबल है, इसके बारे में पता करें। उनका पास्ट कैसा रहा है इसके बारे में उनसे खुल कर बातें करें। उनके दोस्तों से भी इस बारे में बातचीत करें। साथ ही, उनके परिवार से भी मिले-जुलें। ऐसा करने से आप जिनसे दूसरी शादी (Second marriage) करने का विचार कर रहे हैं उसके बारे में पूरी तरह से जान पाएंगे और दोबारा किसी दलदल में फसने से बच जाएंगे।
4.बच्चों के बारे में बात करें
अगर पहली शादी से बच्चे हैं, तो उनके परवरिश को लेकर पहले ही एक एग्रिमेंट बना लें। याद रखें कि बच्चे की जिम्मेदारी आपकी और पहले साथी के कंधों पर होती है। लेकिन, नए साथी के साथ जीवन शुरू करने पर बच्चों के परवरिश की जिम्मेदारी भी नए साथी के कंधे पर ही आ जाती है, जिसके बाद पुराने साथी के ऊपर आप बच्चे की परवरिश के लिए दबाव नहीं बना सकते हैं। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए आप एक वकील की मदद ले सकते हैं।
5.बच्चे से बात करें
हो सकता है आपका पहली शादी से कोई बच्चा भी हो। ऐसे में कई लोग दूसरी शादी (Second marriage) इसलिए भी करने में संकोच करते हैं कि वो अपने बच्चे से इस बारे में कैसे बात करें या फिर दूसरी शादी का उनके पहले बच्चे पर क्या असर पड़ेगा। तो आपकी इस समस्या का हल देते हुए हम बता दें कि अगर आपके बच्चे थोड़े बड़े हैं, जो आपकी दूसरी शादी (Second marriage) को समझ सकते हैं, उनसे भी इस बारे में बात करें। नए साथी के साथ उनका व्यवहार कैसा है, इसका आंकलन करें। इस बात पर नजर रखें कि नया साथी आपके बच्चे के बार में क्या राय रखता है।
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6.संयम रखें
सेकेंड मैरिज का फैसला मानिसक तौर पर फिट (Mentally fit) होने के बाद ही करें। पहली शादी में हुई गलतियों से सबक लें। उन्हें समझें और आगे दोहराने से बचें। आप जल्दबाजी में या भावनाओं में बहकर ऐसा कोई निर्णय न लें जिससे भविष्य में आपको परेशानी का सामना करना पड़े। ध्यान रखें कि दूसरी शादी करना कुछ गलत नहीं है, बस आप जल्दबाजी में कोई भी निर्णय न लें।
7.खुद से सवाल करें
दूसरी शादी (Second marriage) किस वजह से कर रहे हैं? क्या परिवार की तरफ से यह रिश्ता आया है? क्या आप नए साथी से प्यार करते हैं? क्या आपको बच्चों की परवरिश के लिए किसी नए साथी की जरूरत है? या फिर सिर्फ पहले साथी को नीचा दिखाने या उसे भुलाने के लिए सेकेंड मैरिज कर रहे हैं? ये सभी सवाल खुद से पूछें। अपने परिवार और दोस्तों से भी इसके बारे में राय लें।
8.आर्थिक स्थिति के बारे में बात करें
आर्थिक स्थिति को लेकर साफ-साफ बात करें। अगर अपनी सैलेरी का आधा हिस्सा सिर्फ बच्चों की परवरिश (Parenting tips) के लिए रखना है, तो इसके बारे में पहले ही बात कर लें, ताकि भविष्य में उनकी परवरिश के लिए आर्थिक दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
याद रखें कि दूसरी शादी (Second marriage) करना कोई गुनाह नहीं है। लेकिन, अगर सिर्फ अपने फायदे के लिए शादी कर रहे हैं, जैसे नई पत्नी के आने पर बच्चों की परवरिश अच्छे से होगी या नए पति के साथ होने पर आप खुद को आर्थिक तौर पर ज्यादा मजबूत बना सकती हैं, तो एक बार फिर से इसके बारे में विचार करें।