भले ही आज समय बदल गया हो लेकिन, बच्चों के लिए परिवार का महत्व (Importance of family to children) आज भी वही है जो पहले हुआ करता था। बच्चों के अंदर अच्छे मैनर्स और रिश्तों की समझ परिवार में रहकर के ही विकसित हो सकती है। लेकिन, एक सच ये भी है कि बच्चे के विकास में परिवार के साथ और आस-पास के लोगों का भी बहुत योगदान रहता है। यह कहावत एकदम सही है। बच्चे के जन्म के बाद आपके घरों में भले ही किलकारियां गूंजी हो। खुशियों की लहर पूरे गांव और रिश्तेदार के बीच होती है। पेरेंट्स बच्चों के पहले टीचर होते हैं। वहीं, समाज उनकी दूसरी पाठशाला माना जाता है।