प्रेग्नेंसी के पलों को एंजॉय करने के लिए महिला का पूरी तरह से स्वस्थ्य रहना बहुत जरूरी है। किसी तरह की बीमारी होने पर महिलाएं तुरंत डॉक्टर से संपर्क करती है लेकिन जब किसी बीमारी के लक्षण नहीं दिखाई देते हैं, तो महिला के लिए गंभीर स्थिति पैदा हो जाती है। प्रेग्नेंसी के दौरान संक्रमण मां और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक होता है। अगर संक्रमण का इलाज न कराया जाएं, तो बच्चे की जान को भी खतरा हो सकता है। ऐसा ही एक संक्रमण है ट्राइकोमोनिएसिस, जो प्रेग्नेंसी के दौरान फैल सकता है। ट्राइकोमोनिएसिस ( Trichomoniasis) सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन (STI) है, जो पैरासाइट (parasite) के कारण होता है। ट्राइकोमोनिएसिस कॉमन सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन है। ये इन्फेक्शन महिलाओं को अधिक होता है। करीब 3.7 मिलियन लोग इस बीमारी से ग्रसित हैं। प्रेग्नेंसी में ट्राइकोमोनिएसिस होने पर सीरियस चाइल्ड बर्थ कॉम्प्लीकेशन (serious childbirth complications) की संभावना बढ़ जाती है। ट्राइकोमोनिएसिस को ट्रिच भी कहते हैं, जो गर्भवती महिला के स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर सकता है। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि प्रेग्नेंसी में ट्राइकोमोनिएसिस कैसे होता है, इसके क्या लक्षण हो सकते हैं और कैसे इस संक्रमण का इलाज किया जा सकता है।
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प्रेग्नेंसी में ट्राइकोमोनिएसिस के लक्षण (Symptoms of Trichomoniasis)
प्रेग्नेंसी में कॉम्प्लीकेशन कई कारणों से हो सकते हैं। उन्हीं में से एक है संक्रमण के कारण प्रेग्नेंसी में समस्या होना। प्रेग्नेंसी में ट्राइकोमोनिएसिस के कारण महिला की वॉटर ब्रेक्रिंग या मेंबरेन रप्चरिंग (membranes rupturing) का खतरा बढ़ जाता है। गर्भावस्था में ट्राइकोमोनिएसिस होने के कारण कम वजन का बेबी या प्रीमेच्योर बेबी पैदा होने का खतरा बढ़ जाता है। अगर प्रेग्नेंसी के दौरान ट्राइकोमोनिएसिस संक्रमण के बारे में जानकारी मिल जाए, तो एंटीबायोटि दवाओं के माध्यम से बीमारी का इलाज कराया जा सकता है।
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) या सीडीसी के अनुसार, ‘ट्राइकोमोनिएसिस से संक्रमित करीब 70 से 85 प्रतिशत लोगों को बीमारी के लक्षणों के बारे में पता नहीं चल पाता है। यानी प्रेग्नेंसी में महिलाओं को अगर ट्राइकोमोनिएसिस का संक्रमण हो गया है, तो ये जरूरी नहीं है कि महिलाओं को इन्फेक्शन के लक्षण नजर आएं। जानिए प्रेग्नेंसी में ट्राइकोमोनिएसिस होने पर क्या लक्षण दिखाई पड़ सकते हैं।
- जननांग से बदबू आना
- वजाइनल डिस्चार्ज अधिक होना
- सफेद, हरा या ग्रे कलर का वजाइनल डिस्चार्ज
- सेक्स या यूरिनेशन के दौरान दर्द होना
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ट्राइकोमोनिएसिस (Trichomoniasis) कैसे फैलता है?
ट्राइकोमोनास वैजाइनलिस (Trichomonas vaginalis) नाम का पैरासाइट ट्राइकोमोनिएसिस इन्फेक्शन के लिए जिम्मेदार होता है। ये पैरासाइट एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में सेक्शुअल इंटरकोर्स के दौरान आसानी से फैल सकता है। ये संक्रमण पांच से 28 दिनों तक रह सकता है। जिन महिलाओं को पहले से ही कोई सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन (STI) रहा हो, उनमें प्रेग्नेंसी में ट्राइकोमोनिएसिस का खतरा अधिक बढ़ जाता है। वहीं जो लोग एक से ज्यादा लोगों के साथ सेक्शुअल रिलेशन रखते हैं, उन्हें भी ट्राइकोमोनिएसिस का खतरा रहता है। अगर किसी महिला को प्रेग्नेंसी के पहले ट्राइकोमोनिएसिस इन्फेक्शन हो चुका है, तो अधिक संभावना है कि उसे वो संक्रमण प्रेग्नेंसी के दौरान हो जाए। सेक्स के दौरान बैरियर मैथड यानी कॉन्डम का इस्तेमाल न करने से भी ट्राइकोमोनिएसिस संक्रमण होने के चांसेज बढ़ जाते हैं। अगर प्रेग्नेंसी के दौरान समय-समय पर जांच कराई जाए, तो संक्रमण की पहचान की जा सकती है। आप इस संबंध में डॉक्टर से सलाह कर सकते हैं।
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प्रेग्नेंसी में ट्राइकोमोनिएसिस (Trichomoniasis diagnosis) का डायग्नोज कैसे किया जाता है?
प्रेग्नेंसी में ट्राइकोमोनिएसिस को डायग्नोज करने से पहले डॉक्टर महिला से कुछ सवाल कर सकते हैं। जैसे कि महिला को किन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है या फिर यूरिनेशन के दौरान दर्द हो रहा है या फिर नहीं आदि। फिर डॉक्टर सैम्पल के रूप में वजायनल डिस्चार्ज (vaginal discharge) की जांच करते हैं। वहीं पुरुषों में संक्रमण को डायग्नोज करने के लिए यूरिन सैम्पल लिया जाता हैं। पुरुषों में महिलाओं की अपेक्षा ट्राइकोमोनिएसिस का खतरा कम रहता है। डॉक्टर सैम्पल लेने के बाद जांच करते हैं कि पैरासाइट उपस्थित है या फिर नहीं। इसके बाद कल्चर टेस्ट (culture test), न्यूलिक एसिड एम्प्लीफिकेशन टेस्ट (nucleic amplification acid) या एंटीजन टेस्ट ( antigen test) कर सकते हैं। अगर प्रेग्नेंट महिला को संक्रमण के किसी भी तरह के लक्षणों का सामना कर पड़ रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करानी चाहिए। समय पर जांच और इलाज न होने पर प्रेग्नेंट महिला के बच्चे को खतरा हो सकता है और बच्चे को नुकसान भी पहुंच सकता है। आप इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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गर्भावस्था में ट्राइकोमोनिएसिस (Trichomoniasis) का ट्रीटमेंट कैसे किया जाता है?
प्रेग्नेंसी में ट्राइकोमोनिएसिस संक्रमण के इलाज के लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक्स दवाओं का सेवन करने की सलाह देते हैं। डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक्स मेट्रोनिडाजोल (metronidazole) या टिनिडाजोल (tinidazole) दे सकते हैं। डॉक्टर पार्टनर की भी जांच करते हैं, ताकि संक्रमण को पूरी तरह से खत्म किया जा सके और भविष्य में इन्फेक्शन के खतरे को कम किया जा सके। डॉक्टर प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स न करने की सलाह भी देंगे। प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स को सुरक्षित माना जाता है लेकिन यौन संक्रमण को रोकने के लिए सेक्स न करना ही बेहतर है। अगर प्रेग्नेंसी में सुरक्षित सेक्स किया जाए, तो यौन संक्रमण को रोकने में मदद मिल सकती है।आपको दवा का सेवन करने के करीब 72 घंटे बाद तक एल्कोहॉल नहीं लेना चाहिए। अगर आपने एल्कोहॉल लिया, तो वॉमिटिंग या मितली की समस्या हो सकती है। एल्कोहॉल का सेवन मां और बच्चे, दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है। दवाओं का कोर्स पूरा करने के बाद आपको डॉक्टर से दोबारा चेकअप जरूर कराना चाहिए। इससे ये सुनिश्चित हो जाता है कि संक्रमण पूरी तरह से खत्म हुआ या फिर नहीं। दो हफ्ते से लेकर तीन महीने के बीच डॉक्टर आपको जांच के लिए बुला सकते हैं। प्रेग्नेंसी में ट्राइकोमोनिएसिस संक्रमण के इलाज के बारे में आप अधिक जानकारी चाहते हैं, तो आप डॉक्टर से संपर्क करें। उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है।
प्रेग्नेंसी में ट्राइकोमोनिएसिस संक्रमण से कैसे बच सकते हैं?
गर्भावस्था में ट्राइकोमोनिएसिस से बचने का एकमात्र उपाय है कि आप सेक्स के दौरान सावधानी रखें या फिर सेक्स न करें। ट्राइकोमोनिएसिस की बीमारी यौन संबंध बनाने से ही फैलती है। ये भी अन्य सेक्शुअल ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन की तरह ही है। अगर यौन संबंध बनाते समय कॉन्डम का इस्तेमाल किया जाए, तो बीमारी को काफी हद तक रोका जा सकता है। अगर आप सेक्स टॉय का इस्तेमाल करते हैं, तो उसकी सफाई का भी ध्यान रखें। एक बार इस्तेमाल करने के बाद सेक्स टॉय को जरूर धो लें। सेक्स टॉय को किसी के साथ साझा न करें और न ही किसी अन्य का सेक्स टॉय इस्तेमाल करें।
बच्चे को ट्राइकोमोनिएसिस के संक्रमण से कैसे बचा सकते हैं?
अगर आपको गर्भावस्था के दौरान संक्रमण की समस्या हो जाती है, तो आपको स्क्रीनिंग से गुजरना पड़ सकता है। अगर पॉजिटिव डायग्नोसिस है, तो आपको तुरंत अपना ट्रीटमेंट शुरू करा देना चाहिए। अगर प्रेग्नेंसी के दौरान संक्रमण को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाता है, तो जन्म के दौरान बच्चे को संक्रमण होने का खतरा कम हो जाएगा और बच्चा संक्रमण के जोखिम से भी बच सकता है। वैसे तो ये रेयर केस ही होता है कि मां से ट्राइकोमोनिएसिस संक्रमण बच्चे तक पहुंचे लेकिन सावधानी रखना बहुत जरूरी है। ट्राइकोमोनिएसिस का ट्रीटमेंट आसानी से किया जा सकता है और संक्रमण को पूरी तरह से खत्म भी किया जा सकता है।
संक्रमण का दोबारा खतरा रहता है इसलिए सेक्स के दौरान सावधानी जरूर रखें। आप इन बातों को अपनाकर बच्चे को संक्रमण से बचा सकते हैं। ट्राइकोमोनिएसिस संक्रमण को रोकने के लिए सेक्शुअल कॉन्टेक्ट के दौरान सेफ्टी जरूर रखें। बहुत कम ही संभावना है कि ट्राइकोमोनिएसिस त्वचा के माध्यम से फैले, बेहतर होगा कि आप सुरक्षित यौन संबंध बनाएं और अपने साथी के साथ वफादारी भी रखें। अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
अगर आपको प्रेग्नेंसी के दौरान किसी प्रकार के संक्रमण या फिर कोई अन्य समस्या परेशान कर रही है, तो डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। हम उम्मीद करते हैं कि आपको प्रेग्नेंसी में ट्राइकोमोनिएसिस संक्रमण से संबंधित ये आर्टिकल जरूर पसंद आया होगा। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।
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