हाथों और पैरों की फटी हुई त्वचा (Cracked Skin on Hands And Feet) की समस्या कई लोगों में सर्दियों के मौसम में होती है या ज्यादा बिगड़ जाती है। क्योंकि सूखी और ठंडी हवा हाथ, होंठ और पैरों की त्वचा को नुकसान पहुंचाती है। कई बार फटी हुई त्वचा कुछ स्किन कंडिशन जैसे कि एक्जिमा, सोरायसिस के कारण भी हो सकती है। इसके अलावा इरिटेंट सब्सटेंस के संपर्क में आने से भी हाथों और पैरों की फटी हुई त्वचा की समस्या हो सकती है। कई बार यह किसी अंडरलाइन कंडिशन की वजह से भी हो सकता है। उदाहरण के लिए डायबिटीज के कारण भी यह समस्या देखी जाती है। इस आर्टिकल में हाथों और पैरों की फटी हुई त्वचा की समस्या होने के कारण और इसके इलाज के बारे में बताया जा रहा है।
फटी हुई त्वचा (Cracked skin) कैसी होती है?
फिशर्स, कट्स या फटी हुई त्वचा के निशान तब दिखाई देते हैं जब व्यक्ति की स्किन ड्राय होती है। ड्राय और क्रैक्ड स्किन की वजह से खुजली, ब्लीडिंग जैसी समस्याएं हो सकती हैं। फटी त्वचा पर कोई भी उत्पाद लगाते समय कुछ लोगों को अप्रिय उत्तेजना महसूस हो सकती है। उनकी त्वचा पानी के तापमान और घरेलू सफाई उत्पादों के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकती है। फटी त्वचा शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है, लेकिन यह विशेष रूप से हाथ पर ज्यादा दिखाई देती है।
और पढ़ें: पॉकमार्क्स यानी त्वचा पर छेद या गढ्ढे होना: जानिए इसके कारण और उपाय
हाथों और पैरों की फटी हुई त्वचा के कारण (Causes of cracked skin on hands and feet)
हाथों और पैरों की फटी हुई त्वचा के कारण निम्न हो सकते हैं।
रूखी त्वचा (Dry Skin)
अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ डर्मेटेलॉजी के अनुसार सर्दियों का कम तापमान और हवा त्वचा को परेशान कर सकती है। जब हवा की नमी कम हो जाती है, तो त्वचा शुष्क हो सकती है और फटने लगती है। ठंड या शुष्क मौसम में, बहुत से लोगों को सूखे और फटे होंठ की समस्या भी हो जाती है। चाटने और काटने से फटे होंठ और खराब हो सकते हैं।
कॉन्टैक्ट डर्माटाइटिस (Contact dermatitis)
हाथों और पैरों की फटी हुई त्वचा (Cracked Skin on Hands And Feet) के कारणों में कॉन्टैक्ट डर्माटाइटिस शामिल है। इसमें खुजली, शुष्क त्वचा और चकत्ते जैसी समस्याएं होती हैं जब कोई व्यक्ति किसी स्पेसिफिक सब्सटेंस के संपर्क में आता है। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि किसी व्यक्ति को एलर्जी है, या क्योंकि पदार्थ विषाक्त या एलर्जी पैदा करने वाला है।
उदाहरण के लिए, लेटेक्स एलर्जी वाला कोई व्यक्ति लेटेक्स दस्ताने पहनते समय कॉन्टैक्ट डर्माटाइटिस की सूजन विकसित कर सकता है। फ्लू के मौसम में, बार-बार हाथ धोने से भी सूखापन, खुजली या दरारें पड़ सकती हैं। यह COVID-19 महामारी के दौरान हाथ धोने पर भी लागू होता है।
और पढ़ें: How To Manage Thin Skin: त्वचा को पतला होने से बचाएं, इन तरीकों को अपनाएं
एक्जिमा (Eczema)
एक्जिमा या एक्टोपिक डर्माटाइटिस से पीड़ित लोग शुष्क और खुजलीदार त्वचा की समस्या से पीड़ित होते हैं। हाथों और पैरों की फटी हुई त्वचा (Cracked Skin on Hands And Feet) के कारणों में से यह भी एक है। इसमें स्किन लाल और सूजी हुई भी दिख सकती है। खुजली करने से स्थिति और बिगड़ जाती है। एक्जिमा तब होता है जब स्किन बैरियर्स स्किन की नमी को कम कर देते हैं। नमी के कारण त्वचा में रूखापन आ जाता है और कभी-कभी त्वचा फट जाती है। एक्जिमा के कारण के बारे में हमेशा पता नहीं चल पाता, लेकिन इसकी फैमिली हिस्ट्री रह सकती है।
सोरायसिस (Psoriasis)
सोरायसिस एक ऑटोइम्यून कंडिशन है जो हाथों और पैरों की फटी हुई त्वचा (Cracked Skin on Hands And Feet) का कारण बन सकती है। सोरायसिस से पीड़ित लोगों में बहुत अधिक ड्राय स्किन के पैचेस होते हैं। जो खासकर स्कैल्प, जॉइंट और शरीर के ऊपरी हिस्से में दिखाई देते हैं। ये पैचेस बॉडी में कहीं भी दिखाई दे सकते हैं। सोरायसिस से पीड़ित कुछ लोगों को दर्द भी हो सकता है।
एथलीट फुट (Athlete’s foot)
एथलीट फुट, या टिनिया पेडिस, दाद के कारण पैरों का संक्रमण है। दाद एक प्रकार का कवक fungus है। एथलीट फुट के लक्षणों में शामिल हैं:
- खुजली
- पैर की उंगलियों के बीच एक दाने
- त्वचा का छिलना
- त्वचा का फटना
लोगों को एथलीट फुट होने की संभावना अधिक होती है यदि वे पानी में बहुत समय बिताते हैं, बहुत पसीना बहाते हैं, या ऐसे जूते पहनते हैं जिससे त्वचा तक हवा नहीं पहुंच पाती।
और पढ़ें: त्वचा के लिए गुलाब जल के फायदे एक नहीं, अनेक है, जानिए यहा….
डायबिटिक न्यूरोपैथी (Diabetic neuropathy)
मधुमेह से पीड़ित लोगों को अपने पैरों में समस्या हो सकती है। इसमें सूखी या फटी त्वचा शामिल है। तंत्रिका तंत्र में बदलाव के कारण डायबिटीज वाले लोगों के पैरों में पसीना कम आता है। जबकि बहुत अधिक नमी एथलीट फुट के लिए एक जोखिम कारक है, बहुत कम त्वचा को शुष्क बना सकता है, जिससे दरारें पड़ सकती हैं।
चूंकि कुछ लोग अपने पैरों के तलवों को नहीं देख सकते हैं, इसलिए उन्हें अपनी जांच के लिए किसी साथी या उनके डॉक्टर पर निर्भर रहना चाहिए। पैरों पर फटी त्वचा पर तब तक ध्यान नहीं दिया जा सकता जब तक कि व्यक्ति को संक्रमण या दर्दनाक त्वचा का अल्सर न हो जाए।
हाथों और पैरों की फटी हुई त्वचा (Cracked Skin on Hands And Feet) का इलाज कैसे किया जाता है?
हाथों और पैरों की फटी हुई त्वचा इसके कारण और यहां समस्या बॉडी के किस हिस्से में है उस पर निर्भर करता है। ठंड के मौसम में या बार-बार हाथ धोने के परिणामस्वरूप होने वाली दरारों के लिए, त्वचा को हाइड्रेट रखने की सलाह दी जाती है। एक व्यक्ति हाथ धोने के तुरंत बाद खुशबू- और डाई-फ्री हैंड क्रीम या ऑइंटमेंट लगाकर ऐसा कर सकता है। फटी त्वचा के लिए क्रीम या मॉश्चराइजर चुनते समय, लोगों को इन लाभकारी सामग्रियों की तलाश करनी चाहिए:
- जैतून का तेल
- जोजोबा का तेल
- शीया बटर
- लैक्टिक एसिड
- यूरिया
- हाईऐल्युरोनिक एसिड
- डाइमेथिकोन
- ग्लिसरीन
- लानौलिन
- खनिज तेल
ये भी जान लें
चूंकि अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइजर भी सूखापन का कारण बन सकते हैं, त्वचा विशेषज्ञ भी इनका उपयोग करने के बाद मॉश्चराइजर लगाने की सलाह देते हैं। एक्जिमा और सोरायसिस से पीड़ित लोगों को भी मॉश्चराइजर से फायदा होता है ताकि इंफ्लामेशन से बचा जा सके और त्वचा की रक्षा की जा सके। हालांकि इसको नियंत्रित करने के लिए उन्हें अतिरिक्त उपचार की आवश्यकता हो सकती है। इसमें शामिल हो सकते हैं:
- कॉर्टिकोस्टेरॉइड क्रीम
- कैल्सीनुरिन अवरोधक
- दवाएं
- यूवी प्रकाश चिकित्सा
- यदि त्वचा संक्रमित हो गई है, तो डॉक्टर एंटीबायोटिक मरहम या गोलियां भी लिख सकता है।
एनसीबीआई के अनुसार एथलीट फुट से पीड़ित लोगों को पसीने को रोकने के लिए अपने जूते बदलने पाउडर लगाने की आवश्यकता हो सकती है। उन्हें दाद के इलाज के लिए एंटीफंगल उत्पादों का उपयोग करने की भी आवश्यकता हो सकती है।
और पढ़ें: उंगलियों की त्वचा निकलना नहीं है कोई बड़ी समस्या, जानिए इससे बचने के तरीके
उम्मीद करते हैं कि आपको हाथों और पैरों की फटी हुई त्वचा (Cracked Skin on Hands And Feet) की समस्या से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।