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हेयर स्ट्रेटनिंग और स्मूथनिंग में अंतर पता है आपको ?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 03/06/2020

    हेयर स्ट्रेटनिंग और स्मूथनिंग में अंतर पता है आपको ?

    हेयर के साथ आज एक्सपेरिमेंट करना आम है। न्यु लुक के लिए रोजाना कुछ न कुछ टेक्नीक का यूज किया जाता है। बालों में साधारण तौर पर हेयर स्ट्रेटनिंग और हेयर स्मूथनिंग का यूज किया जाता है। डिफरेंट लुक के लिए हम लोग हम कई बार हेयर स्ट्रेटनिंग और स्मूथनिंग अपना चुके हैं। लेकिन क्या आप स्ट्रेटनिंग और स्मूथनिंग में अंतर को जानते हैं। आज आप इस आर्टिकल के माध्यम से स्ट्रेटनिंग और स्मूथनिंग में क्या है फर्क इसके बारे में पढ़ेंगे।

    हेयर स्ट्रेटनिंग क्या है ?

    हेयर स्ट्रेटनिंग हेयर स्टाइलिंग का एक तरीका है। हेयर स्ट्रेटनिंग में बालों को सीधा किया जाता है।इस तकनीकी में बालों को सॉफ्ट किया जाता है। साल 1950 में ये टेक्नीक पॉपुलर थी। हेयर स्ट्रेटनिंग के लिए गर्म कंघी, लोहे की रॉड,  ब्लो-ड्रायर स्टाइल, रोलर सेट आदि का यूज किया जाता था। बालों की स्ट्रेटनिंग के लिए शैंपू, कंडीशनर, हेयर जैल, सीरम का यूज किया जाता है।

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    हेयर स्ट्रेटनिंग की सिंपल टेक्नीक

    1. शैम्पू एंड कंडीशनर

    बालों को स्ट्रेट करने के लिए आजकल मार्केट शैम्पू और कंडीशनर की कई वैराइटी उपलब्ध हैं। नमी का स्तर ज्यादा होने पर या फिर बाल कर्ल होने पर स्ट्रेटनिंग की जरूरत पड़ती है। कई बार हीटिंग उपकरण चुनने पर बालों को नुकसान पहुंचता है। ऐसे में बाल बेजान और रूखें हो जाते हैं। ऐसे समय में हेयर स्ट्रेटनिंग के लिए शैम्पू एंड कंडीशनर बेस्ट ऑप्शन साबित हो सकता है

    2.आर्गन ऑयल शैम्पू के साथ ट्राइसेम केराटिन

    सिल्कनेस और स्मूथनेस के लिए ऑर्गन ऑयल शैम्पू का यूज किया जा सकता है। केराटिन से हेयर नरिश होते हैं। इससे बालों को आसानी से स्टाइल किया जा सकता है।

    3.आर्गन ऑयल कंडीशनर के साथ ट्राइसेम केराटिन कंडीशनर

    आर्गन ऑयल (Argan Oil) शैम्पू के साथ केराटिन कंडीशनर का यूज किया जा सकता है। फ्रिजी बालों को हेल्दी और स्मूथ बनाने के लिए इसका इस्तेमाल करें।

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    हेयर स्ट्रेटनिंक क्रीम

    • क्रीम का यूज उन लोगों के लिए बेहतर है जो बालों के लिए किसी उपकरण का यूज करना नहीं चाहते हैं। ये आयरन के खतरे को भी कम करता है।
    • सबसे पहले क्रीम की थोड़ी सी मात्रा हाथ में लें।
    • अब बालों की जड़ से लेकर पूरी लंबाई में क्रीम को सीधा फैलाएं। बाल जितने लंबे है उतनी ही लंबाई में क्रीम को फैलाएं। अगर आपके बाल घने है तो क्रीम को दोबारा प्रयोग कर सकती हैं।
    • बालों में क्रीम को फैलाने के लिए लंबी दांतों वाली कंघी का यूज करें।
    • बालों में सेक्शन बनाकर उन्हें तीन से चार भागों में बांट दें।
    • अब कम बालों को लें और ब्रश की हेल्प से ब्लो करें।क्रीम हीट की हेल्प से बालों में सेट हो जाती है।
    • कुछ देर बाद देखेंगे कि बालों के फिज कम हो जाएंगे और बाल स्ट्रेट दिखाई देंगे। क्रीम बालों को स्ट्रेट करने के साथ ही उनका सूखापन भी कम कर देती है।ब्लो ड्रायरस्ट्रेट हेयर तो पसंद है लेकिन थोड़ा सा बाउंस भी चाहिए तो ब्लो ड्रायर बेस्ट ऑप्शन हो सकता है। हालांकि इसमें समय ज्यादा लगता है लेकिन प्रैक्टिस करने के बाद आपको यह काम आसान लगेगा। ये आयरन की तुलना ने हेयर स्ट्रेटनिंग का नेचुरल तरीका है। शैम्पू करने के बाद आप ब्लो ड्रायर का यूज कर सकती हैं।

    स्ट्रेटनिंग आयरन

    मेटल की प्लेट से बने स्ट्रेटनिंग आयरन बालों को नुकसान पहुंचाते हैं। आजकल सिरेमिक, टूमलाइन, और टाइटेनियम प्लेटों का यूज किया जाता है। ये हार्ड हेयर को भी कई दिनों तक स्ट्रेट रखते हैं। बालों की वॉल्युम के अकॉर्डिंग जड़ों से लेकर बॉटम तक बालों को आयरन करें। लंबे समय तक स्ट्रेटनिंग के लिए शैम्पू का इस्तेमाल किया जा सकता है।

    हेयर स्ट्रेटनिंग ब्रश

    अगर आपके बाल घने हैं या उलझे हुए बाल हैं तो आप स्ट्रेटनिंग ब्रश का यूज कर सकते हैं। ये बालों को फ्लैट और फेबुलस बनाता है।

    परमानेंट हेयर स्ट्रेटनिंग या रिबॉन्डिंग

    ये प्रोसेस  परमानेंट कहलाता है  लेकिन सच तो ये है कि कुछ समय के लिए ही आपके बाल स्ट्रेट रहते हैं और कुछ सालों बाद दिक्कतें शुरू हो जाती है। इस प्रोसेस में केमिकल का यूज किया जाता है। अगर बालों की सही देखभाल न की जाएं तो हेयर फॉल की समस्या शुरू हो जाती है। ये बालों के नेचुरल बांड को तोड़ देता है। बाल तो स्ट्रेट हो जाते है लेकिन अपने साथ समस्याएं भी ले कर आते हैं।

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    हेयर स्मूथनिंग

    स्ट्रेटनिंग और स्मूथनिंग में फर्क है। हेयर स्मूथनिंग नेचुरल लुक को बिना हार्म पहुंचाएं स्मूथनिंग से बाल रेशमी और मुलायम बनता है। इसमे भी केमिकल का यूज करते है लेकिन ये रिबॉन्डिंग से बेहतर प्रोसेस है। ये बालों में छह से आठ महीने तक काम करता है। ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप बालों की देखभाल किस तरह से कर रहे हैं।

    स्ट्रेटनिंग और स्मूथनिंग के क्या हैं नुकसान?

    स्ट्रेटनिंग और स्मूथनिंग के निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स हैं:-

    स्ट्रेटनिंग और स्मूथनिंग के साइड इफेक्ट्स 1: फिजिनेस

    अगर बाल फिजिनेस हों तो स्ट्रेटनिंग और स्मूथनिंग की वजह से बालों को नुकसान पहुंचता है। ऐसे बालों को संभालने में परेशानी महसूस होती है या दिक्कत आती है। चेहरे की तरह बाल भी अगर नमी खो देते हैं तो बाल रूखे हो जाते हैं।

    स्ट्रेटनिंग और स्मूथनिंग के साइड इफेक्ट्स 2: ड्राय हेयर

    स्ट्रेटनिंग और स्मूथनिंग की वजह से कुछ देर के लिए बाल आकर्षित तो दीखते हैं लेकिन, इनकी वजह से बाल रूखे या ड्राय हेयर होने लगते हैं। बालों में मौजूद नैचुरल ऑयल खत्म होने लगती है

    स्ट्रेटनिंग और स्मूथनिंग के साइड इफेक्ट्स 3: बाल टूटना

    एक रिसर्च के अनुसार एक दिन में कुछ गिने-चुने बालों के झड़ने की परेशानी आम है लेकिन अगर सामान्य से ज्यादा बाल झड़ने लगें या बाल टूटने लगे यह परेशानी का कारण बन सकता है।

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    स्ट्रेटनिंग और स्मूथनिंग करवाने की वजह से ऊपर बताई गई तीन साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। इसलिए अगर आप स्ट्रेटनिंग और स्मूथनिंग करवाती हैं तो इन परेशानी से बचने के लिए बालों का खास ध्यान रखें। समय-समय पर हेयर ऑयलिंग करें, बालों को हेल्दी रखने के लिए घरेलू उपाय करें और हफ्ते में दो से तीन बार हेयर वॉश जरूर करें। हेयर केयर करने बालों से जुड़ी परेशानियों से बचा जाता है।

    अगर आप स्ट्रेटनिंग और स्मूथनिंग से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहती हैं तो इससे जुड़े विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।

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