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हेयर स्मूथनिंग
स्ट्रेटनिंग और स्मूथनिंग में फर्क है। हेयर स्मूथनिंग नेचुरल लुक को बिना हार्म पहुंचाएं स्मूथनिंग से बाल रेशमी और मुलायम बनता है। इसमे भी केमिकल का यूज करते है लेकिन ये रिबॉन्डिंग से बेहतर प्रोसेस है। ये बालों में छह से आठ महीने तक काम करता है। ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप बालों की देखभाल किस तरह से कर रहे हैं।
स्ट्रेटनिंग और स्मूथनिंग के क्या हैं नुकसान?
स्ट्रेटनिंग और स्मूथनिंग के निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स हैं:-
स्ट्रेटनिंग और स्मूथनिंग के साइड इफेक्ट्स 1: फिजिनेस
अगर बाल फिजिनेस हों तो स्ट्रेटनिंग और स्मूथनिंग की वजह से बालों को नुकसान पहुंचता है। ऐसे बालों को संभालने में परेशानी महसूस होती है या दिक्कत आती है। चेहरे की तरह बाल भी अगर नमी खो देते हैं तो बाल रूखे हो जाते हैं।
स्ट्रेटनिंग और स्मूथनिंग के साइड इफेक्ट्स 2: ड्राय हेयर
स्ट्रेटनिंग और स्मूथनिंग की वजह से कुछ देर के लिए बाल आकर्षित तो दीखते हैं लेकिन, इनकी वजह से बाल रूखे या ड्राय हेयर होने लगते हैं। बालों में मौजूद नैचुरल ऑयल खत्म होने लगती है।
स्ट्रेटनिंग और स्मूथनिंग के साइड इफेक्ट्स 3: बाल टूटना