आयरन (Iron) एक जरूरी मिनरल है। सभी ह्यूमन सेल्स में कुछ मात्रा में आयरन होता है, लेकिन इसका लगभग 70% रेड ब्लड सेल्स में होता है। यह मिनरल हीमोग्लोबिन को प्रोड्यूज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसा भी माना जाता है कि आयरन की सही मात्रा में लेने से थकावट कम होती है, इम्यून सिस्टम को सपोर्ट मिलती है, मसल मजबूत होती हैं और एनीमिया से बचाव होता है। लेकिन, किसी भी चीज की अधिकता हानिकारक हो सकती है। ऐसा ही कुछ आयरन के साथ भी है। यह भी मानना जा कि शरीर में आयरन की अधिक मात्रा होने से स्किन इंफेक्शंस की संभावना बढ़ जाती है। आज हम बात करने वाले हैं आयरन और स्किन इंफेक्शंस (Iron and Skin infections) के बारे में। अधिक मात्रा में आयरन और स्किन इंफेक्शंस (Iron and Skin infections) के बीच के कनेक्शन से पहले आयरन क्या होता है, यह जान लेते हैं।
आयरन (Iron) क्या है?
जैसा कि आप जानते ही होंगे कि आयरन (Iron) एक जरूरी डायट्री मिनरल है, जिसका अधिकतर रेड ब्लड सेल्स द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। यह हीमोग्लोबिन का एक जरूरी पार्ट है, जो रेड ब्लड सेल्स में मौजूद एक प्रोटीन होती है। हीमोग्लोबिन शरीर के सभी सेल्स तक ऑक्सीजन को डिलीवर के लिए जिम्मेदार होता है। डायट्री आयरन दो तरह के होते हैं:
- हीम आयरन (Heme iron): इस तरह का आयरन (Iron) केवल एनिमल फूड्स में पाया जाता है, खासतौर पर रेड मीट में। इसे नॉन-हीम आयरन की तुलना में आसानी से एब्जॉर्ब किया जा सकता है।
- नॉन-हीम आयरन (Non-Heme iron): अधिकतर डायट्री आयरन नॉन हीम फॉर्म में होती है। यह जानवरों और प्लांट्स दोनों में पाई जाती है। इसके एब्जोर्प्शन को विटामिन-सी जैसे कार्बनिक एसिड्स के साथ बढ़ाया जा सकता है, लेकिन फाइटेट (phytate) जैसे प्लांट कंपाउंड्स द्वारा कम किया जाता है। जो लोग अपनी डायट में कम या बिल्कुल भी हीम को नहीं लेते हैं, तो उनमें आयरन डिफिशिएंसी का खतरा हो सकता है। कई लोगों में आयरन (Iron) की कमी होती है, खासतौर पर महिलाओं में। आयरन डिफिशिएंसी सबसे सामान्य मिनरल डिफिशिएंसी है। आयरन और स्किन इंफेक्शंस (Iron and Skin infections) से पहले अब जानते हैं कि आयरन लेवल्स (Iron levels) का हेल्थ पर क्या प्रभाव पड़ता है?
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आयरन (Iron) लेवल्स का हेल्थ पर क्या प्रभाव पड़ता है?
हमारे शरीर पर आयरन के लो और हाय लेवल के प्रभाव को लेकर स्टडी की गयी है। ऐसा पाया गया है कि अधिक आयरन (Iron) लेवल का शरीर पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि, ऐसा भी माना गया है कि आयरन के हाय लेवल से एनीमिया और कोलेस्ट्रॉल से बचा जा सकता है। जबकि आयरन और स्किन इंफेक्शंस (Iron and Skin infections) के बीच में गहरा संबंध है। यही नहीं, आयरन का लेवल अधिक होने से कई डिसऑर्डर भी हो सकते हैं। अब जानते हैं शरीर में अधिक आयरन और स्किन इंफेक्शंस (Iron and Skin infections) के बारे में।
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अधिक आयरन और स्किन इंफेक्शंस (Iron and Skin infections) के बीच में क्या है संबंध, जानिए
हालांकि, एक्स्ट्रा आयरन के नेगेटिव इफेक्ट्स के बारे में बहुत अधिक स्टडीज नहीं की गयी हैं। लेकिन, ऐसा माना जाता है कि इससे लिवर डिजीज, हार्ट प्रॉब्लम्स और अन्य समस्याएं हो सकती हैं। यही नहीं, अधिक आयरन और स्किन इंफेक्शंस (Iron and Skin infections) के बीच में भी गहरा संबंध है। हाय आयरन (Iron) लेवल से बैक्टीरियल स्किन इंफेक्शंस जैसे सेल्युलाइटिस (cellulitis) और एब्सेस (Abscess) की संभावना बढ़ जाती है। सेल्युलाइटिस (Cellulitis) एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है, जो स्किन की इनर लेयर को प्रभावित करता है।
स्टडीज की मानें तो आयरन (Iron) वो जरूरी न्यूट्रिएंट्स हैं, जो बैक्टीरिया के सर्वाइवल और ग्रोथ के लिए जरूरी है। हालांकि, हाय आयरन लेवल (Iron level) और बैक्टीरियल इंफेक्शंस के बीच के लिंक के बारे में अभी और स्टडी की जानी जरूरी है। जैसा कि पहले ही बताया गया है कि आयरन एनीमिया से बचाता है और इसकी सही मात्रा में हाय कोलेस्ट्रॉल का रिस्क कम होता है। लेकिन, यह भी पाया गया है कि अधिक आयरन लेवल और स्किन इंफेक्शंस का भी गहरा कनेक्शन है। यह तो थी जानकारी आयरन और स्किन इंफेक्शंस (Iron and Skin infections) के बीच के लिंक बारे में। अब जानते हैं कि शरीर में आयरन (Iron) के अधिक लेवल का ट्रीटमेंट कैसे संभव है?
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शरीर में हाय आयरन लेवल (High iron level) का ट्रीटमेंट कैसे संभव है?
अगर आपके शरीर में आयरन लेवल (Iron level) अधिक है, तो इसके कारण आप कुछ लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं जैसे थकावट, कमजोरी, वेट लॉस, पेट में दर्द, हाय ब्लड शुगर लेवल, सेक्स ड्राइव में कमी आदि। ऐसे में, इसके लक्षण नजर आने पर डॉक्टर की सलाह लें। इसके निदान के बाद रोगी को ट्रीटमेंट के लिए इन तरीकों की सलाह दी जा सकती है।
फ्लेबोटॉमी (Phlebotomy)
फ्लेबोटॉमी एक सामान्य उपचार है, जिससे शरीर से आयरन-रिच ब्लड को रिमूव किया जाता है। इस प्रक्रिया को तब तक हर हफ्ते दोहराया जाता है, जब तक यह लेवल सामान्य नहीं हो जाता है। अगर आयरन लेवल फिर से बढ़ जाता है, तो इस ट्रीटमेंट को फिर से दोहराया जाता है। इस प्रक्रिया में इन चीजों का ध्यान रखा जाता है:
- रोगी की उम्र और सेक्स
- रोगी का संपूर्ण स्वास्थ्य
- आयरन ओवरलोड की गंभीरता
फ्लेबोटॉमी (Phlebotomy), सिरोसिस को रिवर्स नहीं कर सकता है, लेकिन इससे जी मिचलाना, पेट दर्द और थकान जैसे लक्षणों में सुधार हो सकता है। इससे हार्ट फंक्शन और जोड़ों के दर्द में भी इम्प्रूवमेंट हो सकती है। आयरन और स्किन इंफेक्शंस (Iron and Skin infections) के बारे में यह जानकारी बेहद जरूरी है।
किलेशन (Chelation)
आयरन किलेशन थेरेपी में ओरल और इंजेक्टेड मेडिसिन को दिया जाता है, ताकि शरीर से अतिरिक्त आयरन (Iron) को रिमूव किया जा सकता है। मेडिकेशन्स में वो सभी ड्रग्स शामिल हैं जो शरीर से अतिरिक्त आयरन को बाहर निकालने से पहले बाइंड करती हैं। हालांकि, इस उपचार को डॉक्टर फर्स्ट-लाइन ट्रीटमेंट के रूप लेने की सलाह नहीं दी जाती है। क्योंकि, यह कुछ ही लोगों के लिए सूटेबल होती हैं। अब जानते हैं कि अधिक आयरन (Iron) की मात्रा को शरीर से कम करने के लिए आपको अपनी डायट में क्या बदलाव करने चाहिए?
डायट्री चेंज (Dietary change)
आयरन (Iron) इंटेक को लिमिट करने के लिए डायट्री चेंजेज, लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए आप अपनी डायट में इन बदलावों को कर सकते हैं:
- ऐसे सप्लीमेंट्स को लेने से बचें जिसमें आयरन (Iron) हो।
- विटामिन-सी युक्त सप्लीमेंट्स को लेने से बचें। क्योंकि, विटामिन-सीआयरन एब्ज़ोर्प्शन को बढ़ा सकता है।
- आयरन रिच और आयरन-फोर्टिफाइड फूड्स को कम मात्रा में लें।
- अनकुक्ड फिश और शेलफिश को लेने से बचें।
- एल्कोहॉल का सेवन सीमित मात्रा में करें, क्योंकि इससे लिवर को नुकसान हो सकता है।
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यह तो थी जानकारी आयरन और स्किन इंफेक्शंस (Iron and Skin infections) के बारे में। शरीर में आयरन (Iron) की मात्रा कम या अधिक होने से कई समस्याएं हो सकती हैं। अगर शरीर में आयरन (Iron) की मात्रा अधिक हो, तो इससे स्किन इंफेक्शन (Skin infection) की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में, अगर आपको इसका कोई भी लक्षण नजर आए, तो डॉक्टर से बात अवश्य करें। इसके सही उपचार से आप कई परेशानियों से बच सकते हैं। अगर आपके मन में इस बारे में कोई भी सवाल है, तो इस बारे में डॉक्टर से अवश्य पूछें।
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