हेपैटोसेलुलर कार्सिनोमा (Hepatocellular carcinoma [HCC]) लिवर कैंसर से जुड़ी समस्या है। लिवर डिजीज और कोविड-19 के खतरे से बचने के लिए इनदिनों कैंसर पेशेंट्स के लिए विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है। दरअसल कैंसर पेशेंट या हेपैटोसेलुलर कार्सिनोमा से पीड़ित लोगों की इम्यून पावर सामान्य लोगों की तुलना में कमजोर होती है और कमजोर इम्यूनिटी की वजह से पेशेंट्स को ज्यादा प्रिकॉशन की जरूरत पड़ती है। वहीं अगर कैंसर पेशेंट (Cancer patients) को कीमोथेरिपी दी जा रही है, तो इस दौरान भी पेशेंट की रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immune power) कम हो जाती है। कोविड 19 का खतरा उनलोगों में ज्यादा होता है, जिनकी इम्यूनिटी कमजोर (Weak immunity) होती है। इसलिए लिवर डिजीज और कोरोना वायरस इनदोनों से ही सावधान रहने की सलाह डॉक्टर्स एवं रिसर्च रिपोर्ट्स में दी जा रही है।
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लिवर ट्रांसप्लांट, क्रॉनिक लिवर डिजीज और कोविड-19 के खतरे कम करने के लिए वैक्सीन लिया जा सकता है?
रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार कोरोना वायरस के खतरे को कम करने के लिए या इससे बचने के लिए कोविड 19 वैक्सिनेशन (Covid 19 Vaccination) जरूर करवाना चाहिए। लिवर डिजीज के पेशेंट को वैक्सिनेशन में देर नहीं करना चाहिए। हां, कोविड 19 वैक्सीन लेने से पहले अपने डॉक्टर से कंसल्ट जरूर करना चाहिए।
हेपेटाइटिस बी या हेपेटाइटिस सी के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली एंटी वायरल ड्रग से ही कोविड का भी इलाज किया जाता है?
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने कोविड 19 के इलाज के लिए सिर्फ एक ड्रग रेमडेसिविर (Remdesivir) को ही मान्यता दी है। लिवर डिजीज और कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए पहले से मान्यता प्राप्त लिवर डिजिज ड्रग्स (Liver disease drugs) या अन्य हेल्थ कंडिशन (Health condition) को ध्यान में रखकर पेशेंट को प्रिसक्राइब की जा सकती है।
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हेपेटाइटिस बी या हेपेटाइटिस सी के पेशेंट्स को क्या करना चाहिए?
हेपेटाइटिस बी या हेपेटाइटिस सी जैसे लिवर डिजीज और कोविड-19 के खतरे को देखते हुए मरीजो उन सभी कारणों से बचना चाहिए, जिससे कोरोना वायरस का खतरा ज्यादा होता है। जैसे भीड़ वाली जगह, संक्रमित लोगों के संपर्क में आना, मास्क नहीं लगाना या हाथों की सफाई पर ध्यान नहीं देना। इसलिए लिवर डिजीज और कोविड-19 से बचने का सबसे महत्वपूर्ण बातों को समझना और उन्हें फॉलो करना बेहद जरूरी है।
लिवर डिजीज और कोविड-19 से इन्फेक्टेड लोगों के संपर्क में आने पर क्या करें?
अगर आप लिवर से जुड़ी परेशानियों से पीड़ित हैं और अनजाने में या किसी कारण से आप कोरोना वायरस के पेशेंट के कॉन्टैक में आ चुके हैं, तो सबसे पहले घबराएं नहीं और ना पैनिक हों। अब अपने आपको आइसोलेट करें और डॉक्टर को इन्फॉर्म करें। इस दौरान अपने शरीर में हो रहे बदलाव को समझें और इस बारे में डॉक्टर से कंसल्ट करें।