अधिक आयरन और स्किन इंफेक्शंस (Iron and Skin infections) के बीच में क्या है संबंध, जानिए
हालांकि, एक्स्ट्रा आयरन के नेगेटिव इफेक्ट्स के बारे में बहुत अधिक स्टडीज नहीं की गयी हैं। लेकिन, ऐसा माना जाता है कि इससे लिवर डिजीज, हार्ट प्रॉब्लम्स और अन्य समस्याएं हो सकती हैं। यही नहीं, अधिक आयरन और स्किन इंफेक्शंस (Iron and Skin infections) के बीच में भी गहरा संबंध है। हाय आयरन (Iron) लेवल से बैक्टीरियल स्किन इंफेक्शंस जैसे सेल्युलाइटिस (cellulitis) और एब्सेस (Abscess) की संभावना बढ़ जाती है। सेल्युलाइटिस (Cellulitis) एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है, जो स्किन की इनर लेयर को प्रभावित करता है।
स्टडीज की मानें तो आयरन (Iron) वो जरूरी न्यूट्रिएंट्स हैं, जो बैक्टीरिया के सर्वाइवल और ग्रोथ के लिए जरूरी है। हालांकि, हाय आयरन लेवल (Iron level) और बैक्टीरियल इंफेक्शंस के बीच के लिंक के बारे में अभी और स्टडी की जानी जरूरी है। जैसा कि पहले ही बताया गया है कि आयरन एनीमिया से बचाता है और इसकी सही मात्रा में हाय कोलेस्ट्रॉल का रिस्क कम होता है। लेकिन, यह भी पाया गया है कि अधिक आयरन लेवल और स्किन इंफेक्शंस का भी गहरा कनेक्शन है। यह तो थी जानकारी आयरन और स्किन इंफेक्शंस (Iron and Skin infections) के बीच के लिंक बारे में। अब जानते हैं कि शरीर में आयरन (Iron) के अधिक लेवल का ट्रीटमेंट कैसे संभव है?
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शरीर में हाय आयरन लेवल (High iron level) का ट्रीटमेंट कैसे संभव है?
अगर आपके शरीर में आयरन लेवल (Iron level) अधिक है, तो इसके कारण आप कुछ लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं जैसे थकावट, कमजोरी, वेट लॉस, पेट में दर्द, हाय ब्लड शुगर लेवल, सेक्स ड्राइव में कमी आदि। ऐसे में, इसके लक्षण नजर आने पर डॉक्टर की सलाह लें। इसके निदान के बाद रोगी को ट्रीटमेंट के लिए इन तरीकों की सलाह दी जा सकती है।
फ्लेबोटॉमी (Phlebotomy)
फ्लेबोटॉमी एक सामान्य उपचार है, जिससे शरीर से आयरन-रिच ब्लड को रिमूव किया जाता है। इस प्रक्रिया को तब तक हर हफ्ते दोहराया जाता है, जब तक यह लेवल सामान्य नहीं हो जाता है। अगर आयरन लेवल फिर से बढ़ जाता है, तो इस ट्रीटमेंट को फिर से दोहराया जाता है। इस प्रक्रिया में इन चीजों का ध्यान रखा जाता है: