मेनोपॉज (Menopause) क्या है?
मेनोपॉज (Menopause) हर एक महिला को अपने जीवन में मेनोपॉज का सामना करना ही पड़ता है। अगर इसे सामान्य शब्दों में समझें तो 12 महीने तक माहवारी यानी पीरियड्स नहीं आने और पीरियड्स (Periods) बंद होने की स्थिति मेनोपॉज कहलाता है। ध्यान रखें यह कोई बीमारी नहीं है, लेकिन तकरीबन 50 साल या उसके आसपास की उम्र होते-होते महिलाएं गर्भधारण नहीं कर पाती है। यह एक तरह का बायोलॉजिकल प्रॉसेस है, इसलिए मेनोपॉज की वजह से महिलाओं को टेंशन नहीं लेना चाहिए। इस दौरान शरीर में हो रहे बदलाव और हॉर्मोनल इम्बैलेंस की वजह से महिलाओं की शारीरिक परेशानी बढ़ जाती है, जिसकी वजह से चिड़चिड़ापन, मूड स्विंग होना या इंसोमनिया जैसी अन्य शारीरिक परेशानियों के साथ-साथ मेनोपॉज के कारण खुजली (Menopause Cause Itching) की भी समस्या हो सकती है।
और पढ़ें : Vitiligo On Black Skin: काली त्वचा पर विटिलिगो की समस्या क्या है? जानते विटिलिगो यानी सफेद दाग से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी!
क्या मेनोपॉज के कारण खुजली की समस्या हो सकती है? (Menopause Cause Itching)
महिलाओं में मेनोपॉज के दौरान हॉर्मोन लेवल कम होने लगता है, जिसे एस्ट्रोजन हॉर्मोन (Estrogen hormone) कहते हैं। एस्ट्रोजन स्किन हेल्थ के लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि इस हॉर्मोन की वजह से ही स्किन मॉस्चराइज रहती है और ऐसा नैचुरल ऑयल्स (Natural oils) एवं कोलेजन (Collagen) के निर्माण की वजह से होता है। बॉडी में मौजूद कोलेजन स्किन की इलास्टिसिटी यानी त्वचा में कसाव बनाये रखने में सहायक होती है। अब अगर नैचुरल ऑयल्स एवं कोलेजन का निर्माण कम होने लगे तो त्वचा सामान्य से ज्यादा पतली और रूखी होने लगती है। इसलिए मेनोपॉज के कारण खुजली की समस्या शुरू हो सकती है।
और पढ़ें : Hard Lump Under The Skin: त्वचा के नीचे कठोर गांठ की समस्या है? जानिए इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।
मेनोपॉज के कारण खुजली की समस्या शरीर के कौन-कौन से हिस्से पर ज्यादा देखी जाती है? (Itchy skin can occur on which part of body)