त्वचा संबंधी कई तरह की परेशानियां होती हैं। कुछ परेशानियों से हम परिचित होते हैं, तो कुछ से नहीं। वैसे कहते हैं कि अगर किसी भी शारीरिक तकलीफ या मानसिक परेशानी की जानकारी हो, तो उससे बचने में या उसे आसानी से दूर किया जा सकता है। इसलिए आज एलोडीनिया (Allodynia) स्किन कंडिशन के बारे में समझेंगे। आर्टिकल की शुरुआत करने से पहले एक बात जरूर आपके साथ शेयर करना चाहुंगी कि कुछ परेशानियां सामान्य हो सकती हैं, लेकिन इसे अगर इग्नोर किया जाए तो आने वाले वक्त में तकलीफ बढ़ सकती है। इसलिए किसी भी हेल्थ कंडिशन (Skin Condition) को इग्नोर ना करें, क्योंकि गंभीर से गंभीर बीमारियों को दूर करने का यह पहला स्टेप होता है।
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- एलोडीनिया क्या है?
- एलोडीनिया कितने प्रकार का होता है?
- एलोडीनिया के लक्षण क्या हैं?
- एलोडीनिया के कारण क्या हैं?
- एलोडीनिया का निदान कैसे किया जाता है?
- एलोडीनिया का इलाज कैसे किया जाता है?
- एलोडीनिया से बचाव कैसे संभव है?
- डॉक्टर से कंसल्टेशन कब करना जरूरी है?
चलिए स्किन कंडिशन एलोडीनिया (Allodynia) से जुड़े इन सवालों का जवाब जानते हैं।
एलोडीनिया (Allodynia) क्या है?
एलोडीनिया को अगर आसान शब्दों में समझें, तो यह है शरीर में दर्द की समस्या है, जो सिर्फ बॉडी को टच करने या बालों में कंघी करने से भी दर्द होता है। ऐसी स्थिति को कई बार अनजाने में हम यह कह कर इग्नोर कर देते हैं कि ये तो सेंसेटिव है। जबकि ऐसी परेशानी एलोडीनिया की ओर इशारा करती है। एलोडीनिया रेयर स्किन कंडिशन (Rare Skin Condition) मानी जाती है और दी लैंसेट न्यूरोलॉजी (The Lancet Neurology) में पब्लिश्ड साल 2014 की रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार न्यूरोपैथिक पेन (Neuropathic pain) की समस्या (न्यूरोपैथिक पेन की समस्या तब होती है जब नर्वस सिस्टम किसी वजह से डैमेज हो जाते हैं या ठीक तरह से अपना काम करने में सक्षम नहीं होते हैं।) से डायग्नोस लोगों में तकरीबन 15 से 50 प्रतिशत लोगों में एलोडीनिया की समस्या देखी गई है। एलोडीनिया की समस्या अलग-अलग तरह की होती है, जिनके बारे में आगे समझेंगे।
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एलोडीनिया कितने प्रकार का होता है? (Types of Allodynia)
एलोडीनिया तीन अलग-अलग तरह की होती है। जैसे:
- टैक्टाइल (स्टैटिक) एलोडीनिया (Tactile (Static) allodynia)– यह एक ऐसी स्थिति है जब बहुत तेज दर्द महसूस होता है।
- थर्मल एलोडीनिया (Thermal allodynia)- मौसम के बदलने पर भी दर्द महसूस होना।
- मैकेनिकल (डायनैमिक) एलोडीनिया (Mechanical (Dynamic) allodynia)- हल्का स्पर्श होने पर भी तेज दर्द होना।
ये हैं तीन अलग-अलग तरह के एलोडीनिया। चलिए अब एलोडीनिया के लक्षण को समझने की कोशिश करते हैं।
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एलोडीनिया के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Allodynia)
एलोडीनिया की समस्या या दर्द नहीं होने की स्थिति में भी महसूस होने लगती है। इसके अलावा एलोडीनिया के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:
- एंग्जाइटी (Anxiety) की समस्या होना।
- व्यक्ति का डिप्रेशन (Depression) में रहना।
- ध्यान केंद्रित (Trouble concentrating) करने में समस्या होना।
- नींद आने में परेशानी (Trouble sleeping) महसूस होना।
- थकान (Fatigue) महसूस होना।
इन लक्षणों के अलावा माइग्रेन (Migraine) की भी समस्या होती है और ऐसी स्थिति में अत्यधिक तेज सिरदर्द (Painful headaches), लाइट या साउंड से सेंसेटिविटी बढ़ना (Increased sensitivity to light or sounds), देखने में समस्या होना (Changes in your vision) या फिर जी मिचलाने (Nausea) की भी समस्या हो सकती है। हालांकि इनसभी परेशानियों को पढ़कर एलोडीनिया के कारण को समझना जरूरी है।
एलोडीनिया के कारण क्या हैं? (Cause of Allodynia)
एलोडीनिया की समस्या निम्नलिखित कारणों से हो सकती है। जैसे:
- फाइब्रोमायल्जिया (Fibromyalgia) की समस्या होना।
- माइग्रेन (Migraine headaches) की समस्या होना।
- पोसथेरपेटिक न्यूराल्जिया (Postherpetic neuralgia) की समस्या होना।
- शिंगल्स (Shingles) की समस्या होना।
- ओपिओइड का उपयोग (Opioid use) करना।
- कीमोथेरिपी (Chemotherapy) लेना।
- डायट या न्यूट्रिशन (Diet and nutrition factors) से जुड़ी समस्या होना।
- डायबिटीज की समस्या (Diabetes) होना।
- ट्रॉमा (Trauma) में रखना।
ये ऊपर बताई गईं 9 स्थितियां एलोडीनिया के कारण बन सकते हैं।
एलोडीनिया का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Allodynia)
डॉक्टर पेशेंट से लक्षणों और तकलीफों के बारे में समझते हैं और फिर एलोडीनिया का निदान के लिए निम्नलिखित टेस्ट किये जाते हैं। जैसे:
- ब्लड टेस्ट, ब्लड टेस्ट में हीमोग्लोबिन ए1 सी ब्लड टेस्ट (Hemoglobin A1c blood test) की जाती है।
- एमआरआई (MRI) की जाती है।
- एलेक्ट्रोमायोग्राफी (Electromyography [EMG]) की जाती है।
इन टेस्ट के अलावा अगर पेशेंट को डायबिटीज की समस्या है या डॉक्टर को इसका अंदेशा होता है, तो ब्लड शुगर टेस्ट (Blood sugar test) भी की जा सकती है।
इनसभी टेस्ट रिपोर्ट्स को ध्यान में रखकर एलोडीनिया का इलाज शुरू किया जाता है।
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एलोडीनिया का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for Allodynia)
एलोडीनिया का इलाज निम्नलिखित तरहों से किया जाता है। जैसे:
- ओरल मेडिकेशन (Oral medications) जैसे एलोडीनिया (Lidocaine) या प्रेगैबालिन (Pregabalin) दी जाती है।
- टॉपिकल ट्रीटमेंट के लिए एलोडीनिया ऑइंटमेंट (Lidocaine ointment) के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है।
- नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेंटरी ड्रग्स (Nonsteroidal anti-inflammatory drugs) जैसे नेप्रोक्सिन (Naproxen) या इंडोमेथासिन (Indomethacin) दी जाती है।
- पेशेंट के हेल्थ कंडिशन को ध्यान में रखकर एक्सरसाइज (Workout) करने की सलाह दी जाती है।
- कॉग्नेटिव बिहेवियर थेरिपी (Cognitive behavioral therapy [CBT]) दी जाती है।
- कीमोथेरिपी लिए हुए मरीजों को सोकीककेत्सुतो मेडिसिन (Sokeikakketsuto medicine) दी जाती है।
- नर्व ब्लॉकर्स (Nerve blockers) दी जा सकती है।
- कुछ केसेस में नर्व की सर्जरी (Nerve surgery) भी की जा सकती है।
इन्हीं अलग-अलग तरहों से एलोडीनिया का इलाज किया जाता है। हालांकि अगर तकलीफ ज्यादा नहीं है, तो डॉक्टर दर्द को मैनेज करने के तरीकों को बताते हैं।
नोट: ऊपर कुछ दवाओं के नाम की जानकारी दी गई है, लेकिन इन दवाओं का सेवन अपनी मर्जी से ना करें।
एलोडीनिया से बचाव कैसे संभव है? (Prevent allodynia)
एलोडीनिया के कारणों को समझकर इस बीमारी से बचने में मदद मिल सकती है।
डॉक्टर से कंसल्टेशन कब करना जरूरी है?
दर्द की समस्या अगर ज्यादा हो, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर को कंसल्ट करना चाहिए।
हमें उम्मीद है कि इस आर्टिकल में एलोडीनिया (Allodynia) से जुड़ी जानकारी आपके लिए लाभकारी होंगी। इसलिए अगर आप लंबे वक्त से एलोडीनिया (Allodynia) की समस्या के शिकार हैं और यह परेशानी दूर नहीं हो रही है, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर से कंसल्ट करें। डॉक्टर बीमरी की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए मेडिसिन प्रिस्क्राइब कर सकते हैं। स्किन प्रॉब्लेम (Skin problem) से जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए आप हैलो स्वास्थ्य के त्वचा संबंधी समस्याओं पर क्लीक करें।
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