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अगर आपको भी हो रही है सोते हुए स्क्रैचेज की समस्या, तो जानिए क्या हो सकते हैं इसके कारण?

अगर आपको भी हो रही है सोते हुए स्क्रैचेज की समस्या, तो जानिए क्या हो सकते हैं इसके कारण?

स्किन प्रॉब्लम्स को अक्सर नार्मल परेशानियां ही माना जाता है। हर किसी को कभी न कभी त्वचा संबंधी कोई परेशानी होती ही है। लेकिन, अगर आप कभी सुबह उठते ही अपने शरीर पर स्क्रैचेज देखें, तो उसे लेकर परेशानी होना स्वाभाविक है। इसका कारण एक रोग हो सकता है जिसे पैरासोम्निया के नाम से जाना जाता है। यह एक स्लीप डिसऑर्डर है जिसमें मरीज असामान्य फिजिकल एक्टिविटीज जैसे स्क्रैचिंग या नींद में चलना आदि करता है। इसके साथ ही इसके अन्य कुछ कारण भी हो सकते हैं। आज हम बात करने वाले हैं “स्क्रैचेज के साथ जागना (Waking Up With Scratches)” इस टॉपिक के बारे में। स्क्रैचेज के साथ जागना (Waking Up With Scratches) किस कारण से हो सकता है, आइए जानें।

स्क्रैचेज के साथ जागना (Waking Up With Scratches): क्या हैं इसके कारण जानिए

जब भी कोई व्यक्ति जगा होता है, तो उसका स्क्रैचिंग पर पूरा कंट्रोल होता है और वो इचि स्किन से आराम पाने के लिए तरीकों के बारे में सोच सकते हैं। लेकिन, नींद में स्क्रैचेज एक असामान्य एक्टिविटी है। स्क्रैचेज के साथ जागना (Waking Up With Scratches) एक ऐसी समस्या है, जिसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे:

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स्किन कंडिशंस (Skin conditions)

हमारे शरीर में एक सर्कैडियन रिदम (Circadian rhythm) होती है, जिसके द्वारा हमें यह संकेत मिलते हैं कि किसी व्यक्ति को कब जागना है या कब नींद महसूस करनी चाहिए। त्वचा की अपनी सर्कैडियन रिदम भी होती है। विशेष रूप से, जब शरीर कोर्टिसोल नामक हार्मोन को कम स्रावित करता है, तो त्वचा बैरियर रात में वॉटर लॉस के हाय इन्सिडेंस का अनुभव कर सकते है। ये फैक्टर्स रात में किसी व्यक्ति की त्वचा में अधिक खुजली पैदा कर सकते हैं। नींद के दौरान स्क्रैचिंग का कारण कुछ स्किन कंडिशंस हो सकती हैं, जो इस प्रकार हैं:

डॉक्टरों ने इस संभावना से इंकार नहीं किया है कि कुछ डिस्टिंक्ट स्किन कंडिशन स्लीप रिलेटेड स्क्रेचिंग का कारण बनती है। हालांकि, उन्होंने अभी तक इस कंडिशन को कोई नाम नहीं दिया है।

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स्क्रैचेज के साथ जागना (Waking Up With Scratches) और एलर्जिक रिएक्शन (Allergic reactions)

कोई व्यक्ति नींद में उस दवा के एलर्जिक रिएक्शन के कारण भी स्क्रैच का अनुभव कर सकते हैं, जिन्हें उन्होंने शाम में लिया हो। इसके अलावा यह खुजली उस डिटर्जेंट के कारण भी हो सकती है, जिससे उनके कपड़े धुले हैं। एलर्जिक रिएक्शन के लक्षणों का कारण जानने से इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है, यह लक्षण इस प्रकार हैं:

लेकिन, अगर व्यक्ति को सांस लेने में समस्या हो रही हो तो यह गंभीर समस्या का सिग्नल हो सकता है। ऐसे में तुरंत मेडिकल अटेंशन की जरूरत होती है।

स्क्रैचेज के साथ जागना, Waking Up With Scratches .

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स्क्रैचेज के साथ जागना (Waking Up With Scratches): पालतू जानवर (Pets)

कई बार, स्क्रैचेज के साथ जागना (Waking Up With Scratches) किसी अन्य व्यक्ति या पालतू जानवर के कारण हो सकता है। अगर आपको यह समस्या हो रही है, तो आप अपने पार्टनर से भी जान सकते हैं कि आप रात को किन कारणों से खुजली कर रहे थे। इसके साथ ही ऐसा भी माना गया है कि कुछ बुरे सपने भी इसका कारण हो सकते हैं। अगर आपके पास पालतू जानवर हैं तो वो भी इस स्क्रैचेज की वजह हो सकते हैं। कुत्ता, बिल्ली या अन्य पालतू जानवर जो आपके साथ सोते हैं, इसकी वजह हो सकते हैं। अगर आपको लगता है कि स्क्रैचेज के साथ जागना (Waking Up With Scratches) आपके पालतू जानवर के कारण है, तो आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए। क्योंकि, यह गंभीर समस्या का कारण बन सकती है।

डर्मेटोग्राफिया (Dermatographia)

डर्मेटोग्राफिया (Dermatographia) को स्किन राइटिंग (skin writing) के नाम से भी जाना जाता है। इस स्किन कंडिशन के कारण व्यक्ति को त्वचा पर बड़े, उभरे हुए, लाल स्क्रैचेज या धब्बे जैसा अनुभव हो सकता है। ये परेशानी त्वचा पर हल्की खरोंच या हल्के स्पर्श के बाद भी हो सकती है। इस कंडिशन में रोगी जागने के बाद स्क्रैचेज का अनुभव करता है लेकिन जागने के बाद यह खरोचें ठीक हो जाती हैं।

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स्क्रैचेज के साथ जागना (Waking Up With Scratches): इंसेक्ट का काटना (Insect bites)

अगर सोते हुए व्यक्ति को कोई इंसेक्ट काटता है, तो वो रात में उस जगह पर स्क्रैचेज का अनुभव कर सकते हैं। बेड बग वो इंसेक्ट है जो रात को काटता है। अगर आप रात को किसी इंसेक्ट के काटने और सुबह स्क्रैचेज का अनुभव करें तो तुरंत आपके गद्दे और बेडकवर्स को जांचें और इनसे छुटकारा पाने के बारे में सोचें। यही नहीं, मच्छर और मकड़े के काटने से भी यह समस्या हो सकती है।

प्रेग्नेंसी (Pregnancy)

प्रेग्नेंसी के दौरान स्क्रैचेज के साथ जागना (Waking Up With Scratches) बढ़ते हुए पेट के आकार के कारण हो सकता है। इसके कारण स्ट्रेच मार्क्स हो सकते हैं जो इचि होते हैं। ऐसे में एंटी-इच मॉइस्चराइजर से दिन में खुजली को कंट्रोल किया जा सकता है लेकिन सोते हुए ऐसा नहीं हो पाता। जिसके कारण महिलाएं स्क्रैचेज के साथ जागती हैं। इसके साथ ही पैरासोम्निया (Parasomnia) भी इसका कारण हो सकता है, जिसमें रोगी रात को खुजली और नींद में चलने की समस्या का अनुभव कर सकता है। यह तो थी जानकारी कि स्क्रैचेज के साथ जागना (Waking Up With Scratches) किन कारणों से हो सकता है। अब जानते हैं कि इन समस्याओं से कैसे छुटकारा पाया जा सकता है?

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स्क्रैचिंग (Scratches) की समस्या से कैसे छुटकारा पाएं?

स्क्रैचेज के साथ जागना (Waking Up With Scratches) एक असामान्य और परेशानी भरी कंडिशन है। इसका उपचार अंडरलायिंग कारणों पर निर्भर करता है। जैसे अगर इसका कारण कोई स्किन कंडिशन है, तो इसका उपचार कराएं और टोपिकल प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें। इसके साथ ही अपने नाखुलों को छोटा रखें, इससे आपके स्क्रैचेज पेनफुल नहीं होंगे। स्क्रैचेज के साथ जागने की समस्या से इस तरह से पाएं छुटकारा:

  • स्लीप हाइजीन को सुधारें: इसका अर्थ है कि सोते हुए कॉफी या सिगरेट का इस्तेमाल न करें। किसी ठंडे और डार्क रूम में सोएं और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को सोने से एक घंटा पहले तक इस्तेमाल न करें।
  • स्ट्रेस से बचें: स्ट्रेस से कई परेशानियों की संभावना बढ़ सकती है। इसके लिए मैडिटेशन, डीप ब्रीदिंग और योगा आदि करें।
  • एल्कोहॉल को करें नजरअंदाज: एल्कोहॉल से व्यक्ति की स्लीप क्वालिटी प्रभावित होती है। इससे पैरासोम्निया (Parasomnia) का जोखिम बढ़ता है, जिसमें स्क्रैचिंग शामिल है। इसके साथ ही उस कंडिशंस से  भी बचें, जो नींद में समस्या का कारण बन सकती हैं। अगर इन तरीकों से भी आपको लाभ नहीं होता है, तो डॉक्टर कुछ दवाईयों की सलाह दे सकते हैं जिनसे नींद में सुधार हो सकता है।

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उम्मीद है कि “स्क्रैचेज के साथ जागना (Waking Up With Scratches)” किन कारणों से हो सकता है, इस बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। चेहरे, हाथों और शरीर में स्क्रैचेज के साथ जागना (Waking Up With Scratches), परेशानी की वजह हो सकती है। इसके कारण कुछ त्वचा संबंधी रोग हो सकते हैं या इसके पीछे अन्य रीजन भी हो सकते हैं। अगर यह स्क्रैच मार्क दर्द, बेचैनी और किसी गंभीर समस्या का कारण बन रहे हों, तो डॉक्टर से बात करें ताकि सही निदान और उपचार हो सके। इस समस्या के बारे में आपके मन में अगर कोई भी सवाल है, तो अपने डॉक्टर से अवश्य बात करें।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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.Accessed on 14/4/22

Current Version

19/04/2022

AnuSharma द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Nidhi Sinha


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

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AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 19/04/2022

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