शरीर में मौजूद सभी टिशू और ऑर्गन को ऑक्सिजन की जरूरत पड़ती है, जिससे वो ठीक तरह से काम कर सकें। मनुष्य का शरीर ऑक्सिजन एब्सॉर्ब कर सांस लेने में मददगार होती है। ब्लड में प्रोटीन की मौजूदगी को हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) कहते हैं, जो बॉडी सेल्स में ऑक्सिजन कैरी करने का काम करता है। अगर शरीर आवश्यक मात्रा में ऑक्सिजन की पूर्ति ना करवा पाए तो ऐसी ही स्थिति सायनॉसिस (Cyanosis) की बनने लगती है।
वहीं कुछ मेडिकल कंडिशन की वजह से भी शरीर को जितनी ऑक्सिजन की जरूरत होती है वह नहीं मिल पाती है। कभी-कभी जन्म से ही कुछ लोगों को एब्नॉर्मल हीमोग्लोबिन (Abnormal Hemoglobin) की समस्या हो सकती है। इन स्थितियों के साथ-साथ निम्नलिखित स्थितियों में भी पेरिफेरल सायनॉसिस (Peripheral Cyanosis) की समस्या हो सकती है। जैसे:
- रेनॉड सिंड्रोम (Raynaud’s syndrome)- रेनॉड सिंड्रोम एक ऐसी समस्या है, जिसमें हाथ और पैर का रंग ब्लू होना (Blue Hands and Feet) शुरू हो जाता है। इस दौरान विशेष रूप से हाथ और पैर की उंगलियों का ऊपरी हिस्सा ब्लू होने लगता है।
- लो ब्लड प्रेशर (Low blood pressure)- जब शरीर में ब्लड और ऑक्सिजन को पुश करने की क्षमता कम होने लगती है, तो पैर एवं हाथों की उंगलियों की टिप तक ऑक्सिजन नहीं पहुंच पाता है। लो ब्लड प्रेशर को मेडिकल टर्म में हायपोटेंशन (Hypotension) कहते हैं।
- हायपोथर्मिया (Hypothermia)- यह एक ऐसी स्थिति है जब शरीर का तापमान अत्यधिक कम हो जाता है और हायपोथर्मिया की स्थिति इमरजेंसी की स्थिति भी पैदा कर सकती है।
- वेन या आर्टरी की समस्या (Vein or artery problems)- अगर किसी व्यक्ति को वेन या आर्टरी की समस्या होती है, तो ऐसे में त्वचा पर नीले रंग का निशान देखा जा सकता है।
- हार्ट फेलियर (Heart failure)- जब हार्ट फेलियर की स्थिति बनती है, तो हार्ट शरीर में ऑक्सिजन सप्लाई करने में असमर्थ होने लगता है।
- लिम्फ सिस्टम में समस्या (Problems with the lymph system)- लिम्फेटिक डायफंक्शन (Lymphatic dysfunction) के दौरान लिम्फ फ्लूइड ठीक तरह से फ्लो नहीं कर पाता है। ऐसे में टिशू में सूजन की समस्या शुरू हो जाती है।
- डीप वेन थ्रोम्बोसिस (Deep vein thrombosis)- ब्लड क्लॉट की समस्या होने पर भी त्वचा पर नीले रंग का निशान देखा जा सकता है।
- हाइपोवॉलेमिक शॉक (Hypovolemic shock)- हाइपोवॉलेमिक शॉक की वजह से भी स्किन कलर ब्लू हो सकती है।
पेरिफेरल सायनॉसिस के कारण इन स्थितियों में हो सकती है। चलिए अब पेरिफेरल सायनॉसिस के लक्षण को समझने की कोशिश करते हैं, जिससे समय रहते बीमारी का इलाज करवाया जा सके।
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पेरिफेरल सायनॉसिस के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Peripheral Cyanosis)
त्वचा पर नीले रंग का निशान अगर नजर आ रहा है, तो नीचे बताये लक्षणों को ध्यान रखें। जैसे: