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ब्लड क्लॉटिंग से जुड़ी हो सकती हैं पल्मोनरी एम्बोलिज्म कॉम्प्लीकेशन्स, जल्द से जल्द उपचार है जरूरी

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 18/02/2022

    ब्लड क्लॉटिंग से जुड़ी हो सकती हैं पल्मोनरी एम्बोलिज्म कॉम्प्लीकेशन्स, जल्द से जल्द उपचार है जरूरी

    फेफड़े हमारे रेस्पायरेटरी सिस्टम का सेंटर यानी केंद्र हैं। हमारे शरीर के हर सेल को ऑक्सीजन की जरूरत होती है, ताकि हम हेल्दी रह सकें। इसके साथ ही हमारे शरीर को कार्बन-डायऑक्साइड से छुटकारा पाना जरूरी है। यह गैस वो वेस्ट प्रोडक्ट है जो हमारे शरीर के सेल्स द्वारा सामान्य और रोजाना के कार्यों के दौरान बनाया जाता है। लंग्स का डिजाइन इस तरह से है कि जब भी हम सांस अंदर लें और बाहर निकालें, तो यह गैसेस एक्सचेंज हो सके। लेकिन, कई बार हमारे लंग्स भी कुछ समस्याओं का शिकार हो सकते हैं। इन्हीं में से एक है “पल्मोनरी एम्बोलिज्म (Pulmonary Embolism)’। पल्मोनरी एम्बोलिज्म एक गंभीर समस्या है और इसके साथ कई जटिलताएं भी शामिल हैं। जानिए पल्मोनरी एम्बोलिज्म के कॉम्प्लीकेशन्स (Complications of Pulmonary Embolism) के बारे में विस्तार से। इसके साथ ही इससे जुड़ी अन्य जानकारी भी पाएं।

     पल्मोनरी एम्बोलिज्म क्या है? (What is pulmonary embolism)

    पल्मोनरी एम्बोलिज्म के कॉम्प्लीकेशन्स (Complications of Pulmonary Embolism) के बारे में जानने से पहले पल्मोनरी एम्बोलिज्म के बारे में जानना जरूरी है। पल्मोनरी एम्बोलिज्म फेफड़ों के मेजर ब्लड वेसल (Major Blood Vessel ) यानी आर्टरी (Artery) में अचानक होने वाली ब्लॉकेज है। यह ब्लॉकेज ब्लड क्लॉट (Blood Clot) के कारण हो सकती है। अधिकतर मामलों में यह क्लॉट्स छोटे होते हैं और गंभीर नहीं होते। लेकिन, इनसे फेफड़े को नुकसान पहुंच सकता है। अगर यह क्लॉट बड़ा है और इसके कारण लंग्स से ब्लड फ्लो में बाधा आ सकती है और यह गंभीर हो सकता है। इसका जल्दी ट्रीटमेंट जीवन को सुरक्षित रखने और भविष्य की समस्याओं के जोखिम को कम करने में मददगार हो सकता है।

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    पल्मोनरी एम्बोलिज्म के क्या हैं लक्षण? (Symptoms of Pulmonary Embolism)

    पल्मोनरी एम्बोलिज्म (Pulmonary Embolism)के लक्षण हर किसी के लिए भिन्न हो सकते हैं। लेकिन, यह इस बात पर निर्भर करता है कि इससे आपके फेफड़े कितने प्रभावित हुए हैं, क्लॉट का आकार क्या है और क्या आपको कोई अन्य अंडरलाइंग लंग या हार्ट डिजीज है? इसके लक्षण इस प्रकार हैं:

    • अचानक सांस लेने में समस्या होना (Sudden Shortness of Breath)
    • छाती में तेज दर्द, खासतौर पर जब आप खांसते हैं या गहरी सांस लेते हैं (Sharp Chest Pain that is worse when you Cough or take a Deep Breath)
    • खांसी के साथ गुलाबी और झाग वाली बलगम आना (A Cough that Brings up Pink, Foamy Mucus)
    • पल्मोनरी एम्बोलिज्म (Pulmonary Embolism) के अन्य कई लक्षण भी हो सकते हैं जैसे बहुत अधिक पसीना आना (Excessive Sweating), चिंतित रहना (To be Anxious), चक्कर आना (Dizziness) या बेहोशी (unconsciousness) या दिल की धड़कन का बढ़ना (Increased heartbeat) आदि। अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई देता है, तो आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए। खासतौर पर अगर यह समस्या अचानक और गंभीर हो।  

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    पल्मोनरी एम्बोलिज्म के कारण (Causes of Pulmonary Embolism)

    पल्मोनरी एम्बोलिज्म के कॉम्प्लीकेशन्स (Complications of Pulmonary Embolism) के बारे में जानने से पहले इसके कारणों के बारे में जानना भी जरूरी है। अधिकतर मामलों में पल्मोनरी एम्बोलिज्म की समस्या टांग में ब्लड क्लॉट के कारण होती है, जो ढीला हो जाता है और फेफड़ों तक जाता है। स्किन के नजदीक नस में एक ब्लड क्लॉट के जमने से कोई समस्या नहीं होती। लेकिन, गहरी नसों में ब्लड क्लॉट्स होने से पल्मोनरी एम्बोलिज्म की समस्या हो सकती हैं। अन्य कुछ चीजें भी आर्टरी को ब्लॉक कर सकती हैं जैसे ट्यूमर (Tumors) ,एयर बबल्स (Air Bubbles), एमनियोटिक द्रव (Amniotic Fluid) , या वसा जो रक्त वाहिकाओं में एक हड्डी टूट जाने पर निकलती है लेकिन ऐसा होना दुर्लभ हैं।

    पल्मोनरी एम्बोलिज्म के कॉम्प्लीकेशन्स कौन सी हैं? (Complications of Pulmonary Embolism)?

    पल्मोनरी एम्बोलिज्म गंभीर मेडिकल कंडीशंस का कारण बन सकती है या मौजूदा स्वास्थ्य स्थितियों को बदतर बना सकती है। कुछ पल्मोनरी एम्बोलिज्म के कॉम्प्लीकेशन्स (Complications of Pulmonary Embolism) इस प्रकार हो सकते हैं :

    दुबारा से होना (Recurrence)

    पल्मोनरी एम्बोलिज्म के कॉम्प्लीकेशन्स (Complications of Pulmonary Embolism) में सबसे पहला है इसका बार बार होना। अगर आपको पल्मोनरी एम्बोलिज्म की समस्या है, तो आपको एंटीकौयगुलांट (Anticoagulant) दवाईयां लेने की सलाह दी जा सकती है। यह दवाईयां जैसे वार्फरिन (Warfarin) भविष्य में ब्लड क्लॉट्स बनने से आपको बचाएगी, जो पल्मोनरी एम्बोलिज्म का कारण बन सकता है। हालांकि, साइंटिस्ट अभी भी इसके बात को लेकर क्लियर नहीं है कि पल्मोनरी एम्बोलिज्म (Pulmonary Embolism) के बार-बार होने का कारण क्या है। एक स्टडी के अनुसार पल्मोनरी एम्बोलिज्म से पीड़ित लोगों में जिन्होंने एंटीकौयगुलांट दवाइयां लेना बंद कर दिया है। उनमें बार-बार यह रोग होने की संभावना 22 प्रतिशत अधिक होती है। एंटीकौयगुलांट के साथ पल्मोनरी एम्बोलिज्म को मैनेज करना चुनौती भरा हो सकता है, क्योंकि इस पावरफुल दवाई से ब्लीडिंग समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है।

    कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest)

    पल्मोनरी एम्बोलिज्म के कॉम्प्लीकेशन्स (Complications of Pulmonary Embolism) में अगला है कार्डियक अरेस्ट। जब किसी व्यक्ति का दिल अचानक धड़कना बंद कर देता है, तो इस स्थिति को कार्डियक अरेस्ट कहा जाता है। कार्डियक अरेस्ट दिल के इलेक्ट्रिकल सिस्टम से जुड़ी एक समस्या है। जिसमें उन इलेक्ट्रिक सिग्नल्स में बाधा आ जाती है, जो यह बताते हैं कि दिल को कब धड़कना है। पल्मोनरी एम्बोलिज्म के कारण कार्डियक अरेस्ट की समस्या हो सकती है और जब ऐसा होता है तो मृत्यु का जोखिम बढ़ जाता है। इस आपातकालीन स्थिति में एक दवाई दी जाती है, जिसे टिश्यू प्लास्मिनोजेन एक्टिवेटर (Tissue Plasminogen Activator) कहा जाता है। इसके प्रयोग से दिल सामान्य रूप से धड़कना शुरू कर देता है। इससे वो क्लॉट भी टूट जाता है, जो लंग्स में ब्लॉकेज का कारण बनता है।

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    प्ल्यूरल इफ्यूजन (Pleural Effusion)

    प्ल्यूरल इफ्यूजन को लंग्स के ऊपर पानी भी कहा जाता है। यह वो स्थिति है जिसमें प्ल्यूरा की परतों के बीच तरल पदार्थ का निर्माण होता है। प्ल्यूरा पतली मेमब्रेन्स हैं और फेफड़ों को घेरे रहते हैं। इसके लक्षणों में सांस की तकलीफ, सूखी खांसी और सीने में दर्द शामिल हैं। अधिकतर मामलों में पल्मोनरी एम्बोलिज्म के कारणों के उपचार से फेफड़ों का स्वास्थ्य सुधरता है। पल्मोनरी एम्बोलिज्म प्ल्यूरल इफ्यूजन (Pleural Effusion), हार्ट फेलियर (Heart Failure), सिरोसिस (Cirrhosis) और ओपन-हार्ट सर्जरी (Open Heart surgery) के दुष्प्रभावों का प्रमुख कारण है। पल्मोनरी एम्बोलिज्म के कॉम्प्लीकेशन्स (Complications of Pulmonary Embolism) में यह भी मुख्य है।

    पल्मोनरी इंफार्शन (Pulmonary Infarction)

    पल्मोनरी एम्बोलिज्म के कॉम्प्लीकेशन्स (Complications of Pulmonary Embolism) में सबसे गंभीर है पल्मोनरी इंफार्शन। पल्मोनरी इंफार्शन का अर्थ है लंग टिश्यू का नष्ट होना। यह तब होता है जब ओक्सिजनेटेड रक्त, लंग के ऊतकों तक पहुंचने से पहले ही ब्लॉक हो जाता है। आमतौर पर, यह एक बड़ा क्लॉट होता  है जो इस स्थिति का कारण बनता है। छोटे क्लॉट टूट सकते हैं और शरीर द्वारा अवशोषित हो सकते हैं। पल्मोनरी एम्बोलिज्म (Pulmonary Embolism) के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं। जब पल्मोनरी इंफार्शन के लक्षण सामने आते हैं, तो उनमें खांसी करने पर खून आना, तेज छाती में दर्द और बुखार शामिल है। हालांकि, यह लक्षण कुछ दिनों के बाद खुद ही दूर हो जाते हैं। लेकिन अगर आपकी खांसी के साथ खून आए तो आपको डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।

    हार्ट एरिथमिया (Heart Arrhythmias) 

    एरिथमिया को एब्नॉर्मल हार्ट रिदम (Abnormal Heart Rhythm) के रूप में परिभाषित किया जाता है। पल्मोनरी एम्बोलिज्म के कॉम्प्लीकेशन्स (Complications of Pulmonary Embolism) में यह भी मुख्य है। बहुत अधिक तेजी से बढ़ने वाली दिल की धड़कन को टैकीकार्डिया (Tachycardia) कहा जाता है। कई तरह के एरिथमिया होते हैं लेकिन उन सभी में यह बात कॉमन है कि वो दिल के इलेक्ट्रिकल सिस्टम (Heart’s Electrical System) में असामान्यता का परिणाम है। 

    पल्मोनरी हाइपरटेंशन (Pulmonary Hypertension)

    पल्मोनरी एम्बोलिज्म का उपचार करना बहुत जरूरी है क्योंकि अगर इसका उपचार न किया जाए। तो इसके कारण पल्मोनरी हाइपरटेंशन हो सकता है। फेफड़ों में आर्टरीज (Arteries) में होने वाले ब्लड प्रेशर को पल्मोनरी हाइपरटेंशन कहा जाता है। पल्मोनरी हाइपरटेंशन आपके दिल के दाहिने हिस्से में दबाव को बढ़ाती है। इसका मतलब है कि इससे दिल का दाहिना हिस्सा क्षमता से अधिक काम करता है, जिससे हार्ट फेलियर हो सकता है।

    एब्नार्मल ब्लीडिंग (Abnormal Bleeding)

    अगर आप एंटीकौयगुलांट (Anticoagulants) ले रहे हैं, तो आपको असामान्य ब्लीडिंग हो सकती है। पल्मोनरी एम्बोलिज्म के कॉम्प्लीकेशन्स (Complications of Pulmonary Embolism) में असामान्य ब्लीडिंग भी शामिल है। ये दवाएं इतनी स्ट्रांग होती हैं कि जल्दी से खून में से क्लॉट्स को निकाल देती हैं। हालांकि, कुछ लोगों को एंटीकौयगुलांट थेरेपी (Anticoagulants Therapy) से रक्तस्राव की समस्या हो सकती है। वो लोग जिनमें पल्मोनरी एम्बोलिज्म (Pulmonary Embolism) की समस्या होती है, वो अधिकतर एंटीकौयगुलांट थेरेपी (Anticoagulants Therapy) का प्रयोग करते हैं। इसलिए इसे मॉनिटर करना जरूरी है 

    एम्बोलेक्टोमी कॉम्प्लीकेशन्स (Embolectomy Complications)

    एम्बोलेक्टोमी में एक उपकरण के साथ ब्लड क्लॉट को हटाया जाता है। एमोबेलेक्टोमी में कैथेटर (Catheter) का उपयोग करके ऐसा किया जाता है। एक पतली, लचीली डिवाइस को ब्लड वेसल (blood Vessel) में डाला जाता है और फिर पल्मोनरी एम्बोलिज्म (Pulmonary Embolism) के स्थान पर इसे ले जाया जाता है। कैथेटर के सिरे में एक छोटा गुब्बारा क्लॉट को पकड़ने में मदद कर सकता है या इसे पूरी तरह से रिमूव कर सकता है। यह तरीका बेहद प्रभावी है लेकिन इसका प्रयोग आमतौर पर नहीं किया जाता है। लेकिन, इससे जुड़ा जोखिम यह है कि कैथेटर या गुब्बारा मेजर वेसल को नुकसान पहुंचा सकता है या इसके कारण अधिक ब्लीडिंग हो सकती है। 

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    गर्भवस्था (Pregnancy Considerations)

    पल्मोनरी एम्बोलिज्म के कॉम्प्लीकेशन्स (Complications of Pulmonary Embolism) में गर्भावस्था भी शामिल है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस दौरान हॉर्मोन्स में बदलाव के कारण ब्लड क्लॉट्स आसानी से हो सकते हैं। इसके अलावा, भ्रूण गर्भाशय में नसों पर दबाव ड़ाल सकता है और ब्लड फ्लो को हृदय तक वापस जाने में समस्या हो सकती है। नसों में ब्लड क्लॉट बनने की संभावना गर्भवती महिलाओं की तुलना में जो महिलाएं गर्भवती नहीं हैं, उन महिलाओं में दस गुना कम होती है। यदि आपके प्रसव के दौरान जटिलताएं हैं और नसें क्षतिग्रस्त हो गयी हैं, तो आपको पल्मोनरी एम्बोलिज्म का जोखिम अधिक होता है। सिजेरियन प्रसव में यह संभावना और भी अधिक होती है।

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    पल्मोनरी एम्बोलिज्म का निदान (Diagnosis of Pulmonary Embolism)

    पल्मोनरी एम्बोलिज्म का निदान बहुत मुश्किल है। खासतौर पर उन लोगों में जो अंडरलाइंग हार्ट और लंग डिजीज (Underling Heart and Lung Disease) से पीड़ित होते हैं। इसलिए इस समस्या के निदान के लिए डॉक्टर आपसे मेडिकल हिस्ट्री जानेंगे। इसके साथ ही आपकी शारीरिक जांच भी की जाएगी और आपको कुछ टेस्ट कराने के लिए भी कहा जा सकता है जैसे:

  • ब्लड टेस्ट्स (Blood Tests)
  • चेस्ट एक्स-रे (Chest X-ray)
  • अल्ट्रासाउंड (Ultrasound)
  • CT पल्मोनरी एंजियोग्राफी (CT Pulmonary Angiography)
  • वेंटिलेशन-परफ्यूजन स्केन (Ventilation-Perfusion Scan) 
  • पल्मोनरी एंजियोग्राफी (Pulmonary Angiogram) 
  • मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (Magnetic Resonance Imaging )
  • पल्मोनरी एम्बोलिज्म का उपचार इस प्रकार किया जाता है (Treatment of Pulmonary Embolism)

    पल्मोनरी एम्बोलिज्म (Pulmonary Embolism) के उपचार का लक्षण होता है ब्लड क्लॉट के आकार को बढ़ने से रोकना और नए क्लॉट्स को बनने से रोकना। इसका तुरंत उपचार जरूरी है अन्यथा यह जानलेवा साबित हो सकती है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल और प्रिवेंशन (Canter for Disease and Prevention) के अनुसार पल्मोनरी एम्बोलिज्म (Pulmonary Embolism) में तुरंत मेडिकल अटेंशन की जरूरत होती है। लेकिन, गंभीर मामलों में पल्मोनरी एम्बोलिज्म जान के लिए जोखिम हो सकती है। थ्रोम्बोलाइटिक्स (Thrombolytics)  नामक दवाएं क्लॉट को नष्ट कर सकती हैं और एंटीकौआगुलंट्स  (Anticoagulants) थक्कों के निर्माण को रोक सकते हैं। भविष्य में यह क्लॉट्स न बनें इसके के लिए कुछ लोगों को यह दवा लंबे समय तक लेने की आवश्यकता हो सकती है। 

    दवाईयां (Medications)

    पल्मोनरी एम्बोलिज्म के उपचार में कई तरह की दवाइयां शामिल हैं जिनमें ब्लड थिनर और क्लॉट डिजाल्वर्स शामिल हैं

    ब्लड थिनर (Blood Thinners) : यह दवाईयां क्लॉट्स को बड़ा होने और नए क्लॉट्स को बनने से रोकती हैं। हिपैरिन (Heparin) सबसे अधिक प्रयोग होने वाले एंटीकोआगुलंट्स (Anticoagulants) दवाई है। 

    क्लॉट डिजाल्वर्स (Clot Dissolvers) : कई क्लॉट्स बहुत जल्दी खुद डिजाल्व हो जाते हैं। कभी-कभी नसों के माध्यम से दिए गए थ्रोम्बोलायटिक्स (Thrombolytics) क्लॉट्स को जल्दी नष्ट कर सकते हैं। क्योंकि ये क्लॉट नष्ट करने वाली दवाएं अचानक और गंभीर रक्तस्राव का कारण बन सकती हैं, इसलिए इन्हें गंभीर स्थितियों में ही दिया जाता है।

    सर्जिकल और अन्य प्रक्रियाएं (Surgical and Any Procedures)

     ब्लड क्लॉट रिमूवल : अगर रोगी के लंग में बड़ा और जानलेवा क्लॉट हो तो डॉक्टर उसे निकालने के लिए सर्जरी कर सकते हैं। 

    नस फिल्टर (Vein Filter) 

    एक कैथेटर का उपयोग शरीर की मुख्य नस में एक फिल्टर लगाने के लिए भी किया जा सकता है। यह फिल्टर फेफड़ों में क्लॉट्स को जानें से रोकने में मदद कर सकता है। यह प्रक्रिया आम तौर पर ऐसे लोगों में की जाती है जो एंटीकौयगुलांटस ड्रग्स नहीं ले सकते हैं या उन्हें बार-बार एंटीकौयगुलांटस के उपयोग के बावजूद भी ब्लड क्लॉट होते हैं।

    पल्मोनरी एम्बोलिज्म का बचाव है जरूरी (Prevention from Pulmonary Embolism)

    टांगों में डीप वैन्स में क्लॉट्स से बच कर आप पल्मोनरी एम्बोलिज्म (Pulmonary Embolism) से बच सकते हैं। इसके लिए आपको कुछ आसान तरीकों को अपनाना चाहिए। यह तरीके इस प्रकार हैं

    • रोजाना व्यायाम करना सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। लेकिन, अगर आप किन्हीं कारणों से बेड रेस्ट पर हैं। चाहे वो किसी सर्जरी के कारण हो या अन्य कोई स्थिति तो हर घंटे कुछ मिनटों के लिए अपनी बाजू, टांग, पैरों को अवश्य हिलाएं। ब्लड फ्लो को सही रखने के लिए कम्प्रेशन स्टॉकिंग (Compression Stockings) का भी प्रयोग करें।
    • जितना अधिक हो सके तरल पदार्थों का सेवन करें। लेकिन, एल्कोहॉल और कैफीन के सेवन से बचें।
    • अधिक टाइट कपड़े पहनने से बचें।
    • अगर आपका वजन अधिक है, तो उसे कम करने की कोशिश करें। 
    • संतुलित और सही आहार का सेवन करें।

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    पल्मोनरी एम्बोलिज्म एक भयानक और जानलेवा स्थिति हो सकती है। लेकिन, सही समय पर इसका उपचार कराने से अधिकतर पल्मोनरी एम्बोलिज्म (Pulmonary Embolism) से पीड़ित व्यक्ति पूरी तरह से रिकवर हो जाता है और पल्मोनरी एम्बोलिज्म के कॉम्प्लीकेशन्स (Complications of Pulmonary Embolism) से भी बच सकता है। अगर आपको या आपके परिवार में किसी को ब्लड क्लॉटिंग की समस्या है तो इसके जोखिमों से बचने के लिए डॉक्टर की सलाह लें। ध्यान रहें कि इस समस्या को नजरअंदाज करना रोगी के लिए घातक हो सकता है। 

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