पल्मोनरी एम्बोलिज्म गंभीर मेडिकल कंडीशंस का कारण बन सकती है या मौजूदा स्वास्थ्य स्थितियों को बदतर बना सकती है। कुछ पल्मोनरी एम्बोलिज्म के कॉम्प्लीकेशन्स (Complications of Pulmonary Embolism) इस प्रकार हो सकते हैं :
दुबारा से होना (Recurrence)
पल्मोनरी एम्बोलिज्म के कॉम्प्लीकेशन्स (Complications of Pulmonary Embolism) में सबसे पहला है इसका बार बार होना। अगर आपको पल्मोनरी एम्बोलिज्म की समस्या है, तो आपको एंटीकौयगुलांट (Anticoagulant) दवाईयां लेने की सलाह दी जा सकती है। यह दवाईयां जैसे वार्फरिन (Warfarin) भविष्य में ब्लड क्लॉट्स बनने से आपको बचाएगी, जो पल्मोनरी एम्बोलिज्म का कारण बन सकता है। हालांकि, साइंटिस्ट अभी भी इसके बात को लेकर क्लियर नहीं है कि पल्मोनरी एम्बोलिज्म (Pulmonary Embolism) के बार-बार होने का कारण क्या है। एक स्टडी के अनुसार पल्मोनरी एम्बोलिज्म से पीड़ित लोगों में जिन्होंने एंटीकौयगुलांट दवाइयां लेना बंद कर दिया है। उनमें बार-बार यह रोग होने की संभावना 22 प्रतिशत अधिक होती है। एंटीकौयगुलांट के साथ पल्मोनरी एम्बोलिज्म को मैनेज करना चुनौती भरा हो सकता है, क्योंकि इस पावरफुल दवाई से ब्लीडिंग समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है।
कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest)
पल्मोनरी एम्बोलिज्म के कॉम्प्लीकेशन्स (Complications of Pulmonary Embolism) में अगला है कार्डियक अरेस्ट। जब किसी व्यक्ति का दिल अचानक धड़कना बंद कर देता है, तो इस स्थिति को कार्डियक अरेस्ट कहा जाता है। कार्डियक अरेस्ट दिल के इलेक्ट्रिकल सिस्टम से जुड़ी एक समस्या है। जिसमें उन इलेक्ट्रिक सिग्नल्स में बाधा आ जाती है, जो यह बताते हैं कि दिल को कब धड़कना है। पल्मोनरी एम्बोलिज्म के कारण कार्डियक अरेस्ट की समस्या हो सकती है और जब ऐसा होता है तो मृत्यु का जोखिम बढ़ जाता है। इस आपातकालीन स्थिति में एक दवाई दी जाती है, जिसे टिश्यू प्लास्मिनोजेन एक्टिवेटर (Tissue Plasminogen Activator) कहा जाता है। इसके प्रयोग से दिल सामान्य रूप से धड़कना शुरू कर देता है। इससे वो क्लॉट भी टूट जाता है, जो लंग्स में ब्लॉकेज का कारण बनता है।
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प्ल्यूरल इफ्यूजन (Pleural Effusion)
प्ल्यूरल इफ्यूजन को लंग्स के ऊपर पानी भी कहा जाता है। यह वो स्थिति है जिसमें प्ल्यूरा की परतों के बीच तरल पदार्थ का निर्माण होता है। प्ल्यूरा पतली मेमब्रेन्स हैं और फेफड़ों को घेरे रहते हैं। इसके लक्षणों में सांस की तकलीफ, सूखी खांसी और सीने में दर्द शामिल हैं। अधिकतर मामलों में पल्मोनरी एम्बोलिज्म के कारणों के उपचार से फेफड़ों का स्वास्थ्य सुधरता है। पल्मोनरी एम्बोलिज्म प्ल्यूरल इफ्यूजन (Pleural Effusion), हार्ट फेलियर (Heart Failure), सिरोसिस (Cirrhosis) और ओपन-हार्ट सर्जरी (Open Heart surgery) के दुष्प्रभावों का प्रमुख कारण है। पल्मोनरी एम्बोलिज्म के कॉम्प्लीकेशन्स (Complications of Pulmonary Embolism) में यह भी मुख्य है।
पल्मोनरी इंफार्शन (Pulmonary Infarction)
पल्मोनरी एम्बोलिज्म के कॉम्प्लीकेशन्स (Complications of Pulmonary Embolism) में सबसे गंभीर है पल्मोनरी इंफार्शन। पल्मोनरी इंफार्शन का अर्थ है लंग टिश्यू का नष्ट होना। यह तब होता है जब ओक्सिजनेटेड रक्त, लंग के ऊतकों तक पहुंचने से पहले ही ब्लॉक हो जाता है। आमतौर पर, यह एक बड़ा क्लॉट होता है जो इस स्थिति का कारण बनता है। छोटे क्लॉट टूट सकते हैं और शरीर द्वारा अवशोषित हो सकते हैं। पल्मोनरी एम्बोलिज्म (Pulmonary Embolism) के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं। जब पल्मोनरी इंफार्शन के लक्षण सामने आते हैं, तो उनमें खांसी करने पर खून आना, तेज छाती में दर्द और बुखार शामिल है। हालांकि, यह लक्षण कुछ दिनों के बाद खुद ही दूर हो जाते हैं। लेकिन अगर आपकी खांसी के साथ खून आए तो आपको डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।
हार्ट एरिथमिया (Heart Arrhythmias)
एरिथमिया को एब्नॉर्मल हार्ट रिदम (Abnormal Heart Rhythm) के रूप में परिभाषित किया जाता है। पल्मोनरी एम्बोलिज्म के कॉम्प्लीकेशन्स (Complications of Pulmonary Embolism) में यह भी मुख्य है। बहुत अधिक तेजी से बढ़ने वाली दिल की धड़कन को टैकीकार्डिया (Tachycardia) कहा जाता है। कई तरह के एरिथमिया होते हैं लेकिन उन सभी में यह बात कॉमन है कि वो दिल के इलेक्ट्रिकल सिस्टम (Heart’s Electrical System) में असामान्यता का परिणाम है।
पल्मोनरी हाइपरटेंशन (Pulmonary Hypertension)
पल्मोनरी एम्बोलिज्म का उपचार करना बहुत जरूरी है क्योंकि अगर इसका उपचार न किया जाए। तो इसके कारण पल्मोनरी हाइपरटेंशन हो सकता है। फेफड़ों में आर्टरीज (Arteries) में होने वाले ब्लड प्रेशर को पल्मोनरी हाइपरटेंशन कहा जाता है। पल्मोनरी हाइपरटेंशन आपके दिल के दाहिने हिस्से में दबाव को बढ़ाती है। इसका मतलब है कि इससे दिल का दाहिना हिस्सा क्षमता से अधिक काम करता है, जिससे हार्ट फेलियर हो सकता है।
एब्नार्मल ब्लीडिंग (Abnormal Bleeding)
अगर आप एंटीकौयगुलांट (Anticoagulants) ले रहे हैं, तो आपको असामान्य ब्लीडिंग हो सकती है। पल्मोनरी एम्बोलिज्म के कॉम्प्लीकेशन्स (Complications of Pulmonary Embolism) में असामान्य ब्लीडिंग भी शामिल है। ये दवाएं इतनी स्ट्रांग होती हैं कि जल्दी से खून में से क्लॉट्स को निकाल देती हैं। हालांकि, कुछ लोगों को एंटीकौयगुलांट थेरेपी (Anticoagulants Therapy) से रक्तस्राव की समस्या हो सकती है। वो लोग जिनमें पल्मोनरी एम्बोलिज्म (Pulmonary Embolism) की समस्या होती है, वो अधिकतर एंटीकौयगुलांट थेरेपी (Anticoagulants Therapy) का प्रयोग करते हैं। इसलिए इसे मॉनिटर करना जरूरी है
एम्बोलेक्टोमी कॉम्प्लीकेशन्स (Embolectomy Complications)
एम्बोलेक्टोमी में एक उपकरण के साथ ब्लड क्लॉट को हटाया जाता है। एमोबेलेक्टोमी में कैथेटर (Catheter) का उपयोग करके ऐसा किया जाता है। एक पतली, लचीली डिवाइस को ब्लड वेसल (blood Vessel) में डाला जाता है और फिर पल्मोनरी एम्बोलिज्म (Pulmonary Embolism) के स्थान पर इसे ले जाया जाता है। कैथेटर के सिरे में एक छोटा गुब्बारा क्लॉट को पकड़ने में मदद कर सकता है या इसे पूरी तरह से रिमूव कर सकता है। यह तरीका बेहद प्रभावी है लेकिन इसका प्रयोग आमतौर पर नहीं किया जाता है। लेकिन, इससे जुड़ा जोखिम यह है कि कैथेटर या गुब्बारा मेजर वेसल को नुकसान पहुंचा सकता है या इसके कारण अधिक ब्लीडिंग हो सकती है।
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