शिशु के चेहरे पर रूखी त्वचा (Dry Skin On A Baby’s Face) जम्न के कुछ दिनों के बाद होना सामान्य है। ज्यादातर मामलों में रूखी त्वचा से नुकसान नहीं होता है। यह अपने आप ठीक हो जाती है और इसे ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं होती। शिशु के चेहरे पर रूखी त्वचा इसलिए होती है क्योंकि उनकी स्किन वयस्कों से ज्यादा सेंसटिव होती है। गर्भाशय से बाहर आने के बाद वे नए माहौल में एडजस्ट कर रहे होते हैं। कई बार किसी प्रकार के प्रोडक्ट या कपड़े से एलर्जी होने पर भी शिशुओं की स्किन ड्राय हो जाती है। इसके लिए कुछ स्किन कंडिशन्स और डीहायड्रेशन जैसे कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं।
ज्यादातर मामले माइनर और अस्थाई होते हैं जिससे परेशानी नहीं होती। कुछ मामलों में स्पेशलिस्ट की सलाह, ट्रीटमेंट और लगातार ऑब्जर्वेशन की जरूरत होती है। इस लेख में शिशु के चेहरे पर रूखी त्वचा होने के कारण और ट्रीटमेंट के बारे में बताया जा रहा है।
शिशु के चेहरे पर रूखी त्वचा के कारण (Causes of Dry Skin On A Baby’s Face)
शिशु के चेहरे पर रूखी त्वचा के कुछ कारणों के बारे में बताया जा रहा है। जो निम्न प्रकार हैं।
न्यूबॉर्न स्किन पीलिंग (Newborn skin peeling)
शिशु के चेहरे पर रूखी त्वचा का एक कारण स्किन पीलिंग की समस्या है। नवजात शिशुओं में जन्म के एक या दो सप्ताह बाद तक त्वचा का पील होना आम है। गर्भ में, एमनियोटिक द्रव भ्रूण को घेर लेता है, और गर्भ के बाहर की तरह त्वचा एक्फोलिएट (Exfoliate) नहीं होती। जन्म के बाद के शुरुआती दिनों में, नवजात शिशु की त्वचा शुष्क दिखाई दे सकती है और पील हो सकती है।
गर्भ में, वर्निक्स (Vernix) की एक मोम की कोटिंग (Waxy coating) भ्रूण की त्वचा को ढकती है, जो इसे एमनियोटिक द्रव से बचाती है। जन्म के तुरंत बाद बच्चे की त्वचा पर वर्निक्स हटने से बच्चे की त्वचा को गर्भ के बाहर के वातावरण के अनुकूल होने में मदद मिल सकती है। त्वचा का छिलना (Skin Peeling) एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, और अधिकांश शिशुओं को उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। रूखी त्वचा अपने आप चली जाएगी, हालांकि लोग इस प्रक्रिया को तेज करने के लिए घरेलू उपचारों का उपयोग कर सकते हैं। गर्म स्नान और ह्यूमिडिफायर का उपयोग करने से मदद मिल सकती है, लेकिन पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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शिशु के चेहरे पर रूखी त्वचा का कारण (Dry Skin On A Baby’s Face) पानी का ओवरएक्सपोजर
शिशु के चेहरे पर रूखी त्वचा का एक कारण बच्चों पर पानी का अधिक उपयोग भी हो सकता है। जिसमें लंबे समय तक उनको नहलाना खासकर गर्म पानी में। जिससे स्किन में मौजूद नैचुरल ऑयल धुल जाता है। इससे स्किन पील, ड्राय स्किन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कैमिकल युक्त साबुन का यूज करना भी त्वचा को ड्राय कर सकता है। बच्चे को 15 मिनिट के लिए गुनगुने पानी में ना रहने दें। इसके बाद बेबी स्किन को सॉफ्ट टॉवेल का उपयोग करके सुखाएं। टॉवेल को चेहरे पर रगड़े नहीं। इससे स्किन पील हो सकती है। यदि बच्चे की त्वचा अत्यधिक शुष्क है, तो लोग कभी-कभार लगाने के लिए शिशु के अनुकूल मॉश्चराइजर रखने पर विचार कर सकते हैं।
डीहायड्रेशन (Dehydration)
शिशु के चेहरे पर रूखी त्वचा का एक कारण डीहायड्रेशन या बहुत ठंडा वातावरण दोनों हो सकता है। ठंडा और सूखा वातावरण त्वचा की नमी सोख लेता है और स्किन पीलिंग का कारण बन सकता है। ऐसे में ब्रेस्टमिल्क नवजात शिशुओं को हायड्रेटेड और हेल्दी रखने का सबसे अच्छा सॉल्यूशन है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफीडिंग रिकमंड करता है। यानी 6 महीने तक कोई दूसरा फूड या लिक्विड नहीं सिर्फ ब्रेस्टमिल्क।
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एल्कोहॉल बेस्ड प्रोडक्ट्स (Alcohol based products) का उपयोग
कई बार पेरेंट्स जाने अनजाने में ऐसे स्किन प्रोडक्ट्स का उपयोग शिशुओं की स्किन पर करते हैं जो ड्रायनेस का कारण बनता है। एल्कोहॉल बेस्ड लोशन, क्रीम या सोप का उपयोग शिशु के चेहरे पर रूखी त्वचा का कारण बन सकता है। ये प्रोडक्ट्स स्किन की बाहरी परत को रूखा कर देते हैं।
इथियोसिस (Ichthyosis)
इथियोसिस आनुवंशिक त्वचा स्थितियों का एक समूह है जो स्किन पीलिंग और ड्रायनेस का कारण बनता है जो अक्सर गंभीर होता है। शब्द ‘इथियोसिस’ ग्रीक शब्द ‘इथिसिस’ से आया है – जिसका अर्थ है मछली – क्योंकि इस स्थिति वाले लोगों की त्वचा पपड़ीदार होती है। इथियोसिस वल्गरिस (Ichthyosis vulgaris) इस स्थिति का सबसे हल्का रूप है जो शैशव या बचपन के दौरान विकसित होता है।
डॉक्टर इथियोसिस यह पता लगाने की कोशिश करते हैं यदि यह परिवार के चिकित्सा इतिहास और शारीरिक परीक्षण के आधार पर जन्म के समय मौजूद है। वे स्थिति की पुष्टि करने के लिए रक्त या त्वचा का सैम्पल भी मांग सकते हैं।
इथियोसिस का कोई इलाज नहीं है, लेकिन कई टॉपिकल क्रीम सूखापन को दूर करने और अन्य लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं। हालांकि, जब तक त्वचा विशेषज्ञ या बाल रोग विशेषज्ञ द्वारा निर्धारित नहीं किया जाता है, तब तक ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) उपचार का उपयोग न करें।
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एक्जिमा (Eczema)
कुछ मामलों में शिशु के चेहरे पर रूखी त्वचा एक्जिमा के कारण भी हो सकती है। जिसे एक्टोपिक डर्मेटाइटिस भी कहा जाता है। इसकी वजह से शिशु के फेस पर ड्रायनेस होती है। कई बार एक्जिमा के कारण के बारे में पता नहीं चल पाता, लेकिन एक्सपर्ट ने पता लगाया है कि अधिकांश लोग जो मॉडरेट से सीवियर एक्जिमा का शिकार होते हैं उन्हें अस्थमा (Asthma), सीजनल एलर्जी (Seasonal allergies), फूड एलर्जी (Food allergies) या एलर्जिक रिनाइटिस (Allergic rhinitis) भी होता है जो अर्ली इंफेंसी में डेवलप नहीं होता है। एक्जिमा के आम लक्षणों निम्न प्रकार हैं।
- खुजलीदार त्वचा
- सूखी या पपड़ीदार त्वचा
- लाल और मोटी स्किन
- सूजन जो आती जाती रहती है
- चेहरे, गर्दन, कलाई, घुटने, कोहनी और एड़ियों पर चकत्ते
एक्जिमा वाले शिशुओं में, शुष्क त्वचा में दाने और खुजली की समस्या बढ़ जाती है। डॉक्टर से बात करें जो लक्षणों से राहत के लिए क्रीम या मलहम की सिफारिश करेगा।
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उपचार (Treatment)
ज्यादातर मामलों में, बच्चे के चेहरे की शुष्क त्वचा को उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। यह अपने आप ठीक हो जाती है। बच्चे को रूखी त्वचा की समस्या से बचाने के लिए कुछ आसान टिप्स और घरेलू उपाय अपनाए जा सकते हैं जिनमें शामिल हैं:
- यदि आवश्यक हो तो शिशु के उपयुक्त मॉश्चराइजर का उपयोग करना, हालांकि यह आमतौर पर यह जरूरी नहीं होता है।
- बच्चे को सर्दी इनडोर और बाहरी परिस्थितियों से दूर रखना चाहिए।
- बच्चे के पास तेज सुगंध वाली क्रीम और परफ्यूम का उपयोग करने से परहेज करना चाहिए।
- नहाने का समय अधिकतम 15 मिनट रखना सही होगा।
- बच्चे के चेहरे को धीरे से थपथपाकर सुखाना चाहिए।
- घर्षण को कम करने के लिए उनकी त्वचा को तौलिये से रगड़ने से बचना चाहिए।
उम्मीद करते हैं कि आपको शिशु के चेहरे पर रूखी त्वचा (Dry Skin On A Baby’s Face) किन कारणों से होती है और इस परेशानी का सामना कैसे करे इससे संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।