हॉग प्लम (Hog Plum) को भारत में आम्र के नाम से जाना जाता है। इसे जून प्लम, येलो मोम्बिन या मंकी मोम्बिन के नाम से भी अन्य देशों में जाना जाता है। हॉग प्लम हरा, पर्पल, लाल, ऑरेंज और पीले रंग का होता है। हॉग प्लम में विटामिन और पोषक तत्व जैसे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन-बी 1, बी-2, विटामिन-सी, आयरन, सोडियम, विटामिन-के और मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं। आम्र इम्यून सिस्टम को स्ट्राॅन्ग करने के साथ-साथ इंफेक्शन से भी बचाता है। इसे अन्य फलों की तरह खाया जाता है और इसका जूस भी पिया जाता है। हॉग प्लम को आइसक्रीम, जेम और जेली में भी उपयोग किया जाता है। कई जगहों में हॉग प्लम को अचार और किचन स्पाइस के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।
हॉग प्लम के क्या हैं फायदे ?
1. फायबर
हॉग प्लम डायजेशन को बेहतर रहने में मददगार होता है। इससे पेट से जुड़ी समस्या जैसे ब्लोटिंग या गैस की परेशानी से भी राहत मिल सकती हैं।
2. आयरन
हॉग प्लम में मौजूद आयरन जैसे खनिज तत्व शरीर में हीमोग्लोबिन के लेवल को संतुलित रखने में सहायक होते हैं। जिससे शरीर में ऑक्सिजन का सही तरह से संचार होता है। आयरन अत्यधिक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है, जो शरीर के लिए आवश्यक है और एनीमिया और ब्लड से जुड़ी दूसरी किसी भी समस्या से लड़ने में सहायक होता है।
3. विटामिन-सी की प्रचुर मात्रा
हॉग प्लम में मौजूद विटामिन-सी संपूर्ण शरीर के लिए फायदेमंद होता है। इसके नियमित सेवन से दांतों और हड्डियों से जुड़ी परेशानी दूर हो सकती हैं।
4. एंटी-ऑक्सिडेंट
हॉग प्लम में प्रचुर मात्रा में उपस्थित एंटी-ऑक्सिडेंट्स तनाव को कम करने में मदद करते हैं। ये शरीर को इंफेक्शन से भी बचाने और कोलेजन (collagen) के निर्माण में मददगार होता है। इससे स्किन में चमक आने के साथ ही झुर्रियां भी दूर होती हैं।
5. विटामिक-के
हॉग प्लम फैट-फ्री, सोडियम-फ्री, कोलेस्ट्रॉल फ्री फ्रूट (फल) है। इसमें मौजूद विटामिन-के हड्डियों को स्वस्थ रखें और उनके सही विकास में सहायक होता है। हॉग प्लम ब्लड क्लॉट होने से बचाता है।
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6. थायमिन (Thiamine)
हॉग प्लम में मौजूद थायमिन पोषक तत्वों में से एक है। इसके सेवन से मांसपेशियां मजबूत होती हैं। शरीर में थायमिन की कमी से मांसपेशियों में कमजोरी जैसे कई लक्षण नजर आ सकते हैं। कभी-कभी भ्रम जैसी स्थिति भी बन जाती है। इस फल के पर्याप्त सेवन से ऐसी बीमारी से बचा जा सकता है।
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7. डायूरेटिक (Diuretic) और एंटिफेब्रील (Anti-febrile)
हॉग प्लम डायूरेटिक और एंटिफेब्राइल तत्व होते हैं। डायूरेटिक होने की वजह से यूरिन की समस्या से बचाता है। फेब्राइल यानी बुखार और हॉग प्लम बुखार से जुड़ी कई दवाओं में इस्तेमाल किया जाता है एंटिफेब्राइल के तौर पर।
नियमित रूप से इसके सेवन के साथ-साथ हॉग प्लम को प्रेग्नेंसी के दौरान भी खाया जा सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट मानते हैं कि इसमें मौजूद न्यूट्रिएंट्स गर्भावस्था के दौरान खाने को लेकर होने वाली क्रेविंग को कम करता है। इसके सेवन से इस समय के दौरान होने वाली कब्ज की समस्या भी दूर हो सकती है।
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हालांकि इसके साइड इफेक्ट्स से जुड़ी कोई रिसर्च सामने नहीं आई हैं लेकिन, संतुलित मात्रा में ही इसका सेवन करना लाभदायक हो सकता है। अगर इसके सेवन से कोई परेशानी होती है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना बेहतर होगा।
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