फेफड़े हमारे शरीर का अहम अंग हैं। फेफड़े स्वस्थ रहने से श्वसन तंत्र ठीक ढंग से काम करता है। यदि फेफड़ों में किसी तरह की समस्या होती है, तो व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होने लगती हैं। साथ ही कई प्रकार की रेस्पिरेटरी डिजीज होने का खतरा भी रहता है। इसलिए फेफड़ों की सेहत का ध्यान रखना आवश्यक है और इसके लिए जरूरी है फेफड़ों की सफाई (Detox lungs)। बॉडी की तरह ही फेफड़ों को भी डिटॉक्सिफाई किया जाना चाहिए, ताकि हानिकारक पदार्थ बाहर निकल जाएं। फेफड़ों की सफाई किस तरह से की जा सकती है जानिए इस आर्टिकल में।
फेफड़ों की सफाई (Detox lungs)
फेफड़ों की सफाई (Detox lungs) तो जरूरी है ही, लेकिन उससे पहले आपको यह पता होना चाहिए आप अपने लंग्स यानी फेफड़ों को कैसे स्वस्थ रख सकते हैं।
स्मोकिंग से तौबा- सिगरेट या तंबाकू युक्त किसी भी पदार्थ का सेवन फेफड़ों के लिए बहुत हानिकारक होता है यह आपके लंग्स को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर सकता है, इसलिए बहुत जरूरी है कि आप स्मोकिंग से तौबा कर लें।
डायट का रखें ख्याल- हेल्दी लंग्स के लिए एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर चीजों को अपनी डायट में शामिल करें। इसके लिए फलों को अपनी डायट का हिस्सा बना लें। इसके अलावा अलग-अलग तरह के विटामिंस और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करें, ताकि आपकी शारीरिक और मानसिक सेहत भी अच्छी रहे।
एक्सरसाइज है बहुत जरूरी- स्वस्थ जीवनशैली का सबसे अहम हिस्सा है नियमित रूप से एक्सरसाइज करना। यदि आपको लंबे समय से फेफड़ों संबंधी कोई बीमारी है, तो रेग्युलर एक्सरसाइज से आपको बहुत लाभ होगा। हालांकि बीमारी की स्थिति में डॉक्टर की सलाह के बाद ही कोई भी एक्सरसाइज करें। ब्रीदिंग एक्सरसाइज फेफड़ों की सफाई (Detox lungs) के साथ ही उसे हेल्दी बनाए रखती है।
शुद्ध वातावरण है जरूरी- आपके फेफड़े तभी स्वस्थ रहेंगे जब आपके आसपास का वातावरण शुद्ध होगा। यदि आप लंबे समय तक ऐसी जगह पर रहते हैं जहां प्रदूषण बहुत अधिक है, तो उसका फेफड़ों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। साथ ही घर में इस्तेमाल किए जाने वाले कई क्लीनिंग प्रोडक्टस की खुशबू भी बहुत स्ट्रॉन्ग होती है जो फेफड़ों के लिए अच्छी नहीं होती, इसलिए ऐसे उत्पादों का इस्तेमाल करने से बचें।
चलिए अब जानते हैं फेफड़ों की सफाई (Detox lungs) कैसे की जा सकती है।
फेफड़ों की सफाई (Detox lungs) के आसान तरीके
वैसे तो हर दिन सांस लेने के साथ जो प्रदूषण फेफड़ों में जाता है उसे वे खुद ही साफ कर लेते हैं। लेकिन स्मोकिंग करने वालों और सांस की बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए फेफड़ों की सफाई बहुत जरूरी होती है। फेफड़ों की सफाई कई तरीके से की जा सकती है।
स्टीम थेरिपी
स्टीम थेरिपी के बारे में आपने पिछले कुछ महीनों में बहुत सुना होगा, क्योंकि कोरोना वायरस से बचाव के लिए हेल्थ एक्सपर्ट्स गरम पानी की भांप लेने की सलाह दे रहे हैं। उनके मुताबिक, इससे फेफड़े साफ रहते हैं और यदि किसी तरह का वायरस अंदर जाता है तो वह मर जाता है। वैसे आमतौर पर फेफड़ों में बलगम भर जाने पर स्टीम थेरिपी बहुत कारगर साबित होती है। स्टीम लेने से एयरवेज और लंग्स में जमा बलमग ढीला हो जाता है। हालांकि इस संबंध में बहुत अधिक रिसर्च नहीं किया गया है, लेकिन स्टीम थेरेपी की सलाह विशेषज्ञ देते हैं और यह काम भी करती है।
और पढ़ें: स्टीम बाथ के फायदे : त्वचा से लेकर दिल के लिए भी है ये फायदेमंद
ब्रीदिंग एक्सरसाइज (Breathing exercises)
पूरे शरीर और दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए रेग्युलर एक्सरसाइज हर किसी के लिए जरूरी है, लेकिन इन एक्सरसाइज में 10-15 मिनट की ब्रीदिंग एक्सरसाइज या योग को जरूर शामिल करें। क्योंकि इससे फेफड़ों तक ऑक्सीजन की सप्लाई बेहतर तरीके से होती है। एक्सरसाइज से ब्लड सर्कुलेशन भी ठीक रहता है और शरीर में मौजूद अतिरिक्त कार्बनडाई ऑक्साइड को बाहर निकालने में मदद मिलती है। क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मनरी डिजीज (COPD), सिस्टिक फायब्रोसिस और अस्थमा के मरीजों को डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही एक्सरसाइज करनी चाहिए।
फेफड़ों की सफाई करने में खाद्य पदार्थों की भी अहम भूमिका होती है। इसलिए कुछ खास चीजों को डायट में जरूर शामिल करें। आगे जानिए उनके बारे में।
और पढ़ें: 4-7-8 ब्रीदिंग तकनीक, तनाव और चिंता दूर करेंगी ये एक्सरसाइज
ग्रीन टी (Green tea)
ग्रीन टी वजन घटाने में तो मदद करती ही है साथ ही इसके सेवन से फेफड़ों को भी डिटॉक्सिफाई किया जा सकता है। ग्रीन टी में कई तरह के एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो फेफड़ों की सूजन कम करते हैं। साथ ही ग्रीन टी में मौजूद तत्व स्मोकिंग के बुरे प्रभाव से भी फेफड़ों की कोशिकाओं की रक्षा कर सकते हैं। कोरिया में हुए एक अध्ययन के मुताबिक, दिन में 2 कप ग्रीन टी पीने वालों के फेफड़े ग्रीन टी न पीने वालों की तुलना में बेहतर तरीके से काम करते हैं।
पिपरमिंट टी (Peppermint tea)
श्वसन संबंधी परेशानियों के लिए सालों से पिपरमिंट यानी पुदीने की चाय का इस्तेमाल किया जा रहा है। लंग इंफेक्शन और निमोनिया के कारण होने वाले गले की खराश और बलगम से छुटकारा दिलाने में गरम-गरम पुदीने की चाय बहुत फायदेमंद होती है।
और पढ़ें: अद्भुत गुणों से भरपूर है अदरक (Ginger), जानिए अदरक के फायदे
अदरक (Ginger)
सर्दी-खांसी होने पर लगभग हर घर में अदरक का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें एंटी इंफ्लामेट्री गुण होते हैं, जो श्वसन तंत्र (रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट) से हानिकारक पदार्थों को निकालने में मदद करते हैं। अदरक में विटामिंस और मिनरल्स भी होते हैं। कुछ अध्ययन में यह भी दावा किया गया है कि अदरक की कुछ मात्रा लंग कैंसर सेल्स को खत्म करने में मदद करती है। मौसमी फ्लू से बचने और इम्यूनिटी मजबूत करने के लिए अदरक वाला काढ़ा या अदरक वाली चाय बेस्ट ऑप्शन माना जाता है।
शहद (Honey)
श्वसन संबंधी समस्याओं की वजह से होने वाली असहजता को कम करने में शहद बहुत फायदेमंद है। एक रिसर्च के मुताबिक, शहद में एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन और सामान्य सर्दी-खांसी से राहत दिलाने में मदद करते हैं। यह फेफड़ों को साफ रखती है।
लहसुन (Garlic)
कच्चा लहसुन खाने में भले ही अच्छा न लगे, लेकिन यदि आप इसे यूं ही खाएंगे तो आपके फेफड़े स्वस्थ रहेंगे। दरअसल, लहसुन में ऐसे तत्व होते हैं जो फेफड़ों में जमा कफ और बलगम को निकालने के साथ ही सूजन को भी कम करते हैं। यह अस्थमा के मरीजों को भी लाभ पहुंचाता है। लहुसन के सेवन से लंग कैंसर का खतरा कम हो सकता है।
और पढ़ें: World COPD Day: स्मोकिंग को बाय-बाय बोल कर सीओपीडी से बचें
सीओपीडी होने पर इस तरह भी की जाती है फेफड़ों की सफाई (Detox lungs)
क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मनरी डिजीज (COPD) लंबे समय तक चलने वाली एक बीमारी है जिसकी वजह से पीड़ित व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होती है। COPD की समस्या होने पर हवा फेफड़ों के अंदर आसानी से ना तो जा पाती है और ना ही बाहर आ पाती है। जिससे व्यक्ति की सांस उखड़ने लगती है, कफ हो जाता है और फेफड़ों में बलगम भर जाता है। ऐसी स्थिति में फेफड़ों की सफाई से फेफड़ों तक सुचारू रूप से ऑक्सीजन सप्लाई हो पाती है और उन्हें संक्रमण से बचाया जा सकता है। हालांकि इस स्थिति में डॉक्टर की सलाह लेना बहुत जरूरी है। आमतौर पर ऐसी स्थिति में डॉक्टर फेफड़ों की सफाई के निम्नलिखित तीन तरीके अपनाने की सलाह देते हैं:
- कंट्रोल्ड कफिंग (controlled coughing)- इसमें फेफड़ों की गहराई से आपको खांसने के लिए कहा जाता है ताकि बलगम ढीला होकर निकल जाए।
- पुजिशनल ड्रेनेज (positional drainage)– इस तकनीक में अलग-अलग पुजिशन में लेटने की सलाह दी जाती है जिससे बलगम फेफड़ों से बाहर निकल जाए।
- चेस्ट पर्क्यूशन (chest percussion )– इस तरीके में छाती और पीठ पर हल्के हाथ से थपथपाया जाता है जिससे फेफड़ों में जमा बलगम ढीला होकर निकल जाए।
उम्मीद है कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और फेफड़ों की सफाई से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।