एक्स्पेक्टेशॅन हैंगओवर के बारे में शायद ही आपने कभी सुना या सोचा होगा! कहते हैं कि जिंदगी लंबी नहीं बड़ी होनी चाहिए। हम अपनी जिंदगी को अच्छा बनाना के लिए बहुत कुछ करते है। यकीनन हमारी लोगों से कुछ एक्स्पेक्टेशॅन भी होती है। सोचा कुछ और फिर वो नहीं हुआ या फिर अच्छी खासी जॉब से हाथ धोना पड़ा। प्रमोशन के लिए कब से सोच रहे थे, लेकिन आज तक नहीं हो पाया। हम में से बहुत से ऐसे लोग हैं जो सोच के मुताबिक चीजें नहीं पा पाते हैं। मन में चल रही बातें कई बार पूरी न होने पर हमे परेशान करती हैं। किसी ने सही कहा है की एक्स्पेक्टेशॅन सिरदर्द का कारण बन जाती है। सोशल मीडिया के समय में कहीं न कहीं हमारी एक्स्पेक्टेशॅन बहुत बढ़ गई हैं। कहते हैं कि उम्मीदों का नशा अल्कोहल के नशे से भी खतरनाक होता है। खतरनाक इसलिए क्योंकि शराब का नशा तो कुछ समय बाद उतर जाता है लेकिन उम्मीदों का नशा लंबे समय तक साथ रहता है।
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एक्स्पेक्टेशॅन हैंगओवर क्या है?
‘एक्स्पेक्टेशॅन हैंगओवर: ओवर डिसिप्लीनमेंट इन वर्क, लव, एंड लाइफ‘ के लेखक क्रिस्टीन हस्लर ने अपनी पुस्तक में एक्स्पेक्टेशॅन हैंगओवर के बारे में बताया है। इस पुस्तक में एक्स्पेक्टेशॅन हैंगओवर की समस्या से निजात पाने के उपाय के बारे में भी बताया गया है। जब हम किसी भी बात तो बहुत गहराई तक सोचते हैं और उससे हमारा लगाव बढ़ जाता है, तो एक्स्पेक्टेशॅन हैंगओवर का सामना करना पड़ सकता है। अधिक अपेक्षाएं दुख का कारण भी बन जाती है। इतना ही कई बार अपेक्षाएं आपकी योजनाओं और इच्छाओं के अनुसार पूरी होने के बावजूद भी आपको अपनी अपेक्षित अधूरी रहने का एहसान हो सकता है।
- हस्लर कहते हैं कि ‘अपेक्षा करना गलत नहीं होता है बल्कि, उन अपेक्षाओं को खुद पर हावी होने देना ही आपके दुख का कारण बन सकता है। किसी भी बात को खुद पर हावी न होने दें।’
- कई बार एक्स्पेक्टेशॅन हैंगओवर अच्छा होता है क्योंकि इसकी हेल्प से आप कई नई बातों को सीख और समझ जाते हैं।
- आध्यात्मिक गुरू मोहन जी कहते हैं कि ‘जब हम केवल अपेक्षाओं के भरोसे जीते हैं तो हमारा दुख कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है। जब हम चीजों को एक्सेप्ट करना सीख जाते हैं, तो दुख कम होने लगता है।’
- आप खुद भी एक बार सोच कर देखिए, अगर आपकी सभी अपेक्षाएं पूरी हो जाएंगी तो आपको घमंड का अनुभव होगा। आप कुछ नया सीख नहीं पाएंगे और नैरो माइंडेड हो जाएंगे।
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एक्स्पेक्टेशॅन हैंगओवर के प्रकार कितने हैं?
ज्यादातर लोगों को तीन प्रकार के एक्स्पेक्टेशॅन हैंगओवर हो सकते हैंः
1.सिचुएशन एक्स्पेक्टेशॅन हैंगओवर (Situational Expectation Hangover)
सिचुएशन एक्स्पेक्टेशॅन हैंगओवर का मतलब है, जब किसी भी काम का हमें मनमुताबिक रिजल्ट नहीं मिलता है तो उसे सिचुएशन एक्स्पेक्टेशॅन हैंगओवर कहते हैं। इसकी समस्या अक्सर माता-पिता में देखी जा सकती है। उदाहरण के लिए, महंगी फीस या ट्यूशन के बाद भी बच्चे का अच्छा रिज्लट न लाना। अक्सर माता-पिता को लगता है कि अगर वो अपने बच्चे को पढ़ाने के लिए महंगी फीस जमा कर रहे हैं, तो उनका बच्चा पढ़ने में दूसरे बच्चों के मुकाबले बहुत तेज होगा।
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2.इंटरपर्सनल एक्स्पेक्टेशॅन हैंगओवर (Interpersonal Expectation Hangover)
इंटरपर्सनल एक्स्पेक्टेशॅन हैंगओवर का मतलब है, किसी दूसरे के अचानक से दिए गए अनप्लीजेंट सरप्राइज के कारण इंटरपर्सनल एक्स्पेक्टेशॅन हैंगओवर हो जाना। कुछ लोग अपनी अपेक्षाओं में दूसरे लोगों को भी शामिल कर सकते हैं। आम भाषा में हम इसे किसी से उम्मीद लगाना भी कह सकते हैं। हालांकि, जिससे हमनें उम्मीद रखी हो, उसे इस अपेक्षा के बारे में भले ही कुछ पता हो या न पता हो।
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3. सेल्फ इंम्पोस्ड एक्स्पेक्टेशॅन हैंगओवर (Self-Imposed Expectation Hangover)
सेल्फ इंम्पोस्ड एक्स्पेक्टेशॅन हैंगओवर का मतलब है, जब हम कोई गोल या लक्ष्य तय करते हैं और उसके मुताबिक काम नहीं होता है, तो उसे सेल्फ इंम्पोस्ड एक्स्पेक्टेशॅन हैंगओवर कह सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, किसी नौकरी के लिए या किसी परीक्षा में पास होने के लिए जी-जान से मेहनत करने के बा़द भी उसमें सफलता नहीं मिलना। जिसके कारण अधिकतर छात्र आत्महत्या भी कर लेते हैं।
एक्स्पेक्टेशॅन हैंगओवर से कैसे बचाव करें?
एक्स्पेक्टेशॅन हैंगओवर से बचाव करने के कई तरीके है, हालांकि जरूरी है कि इन बातों पर गौर किया जाए।
1. हैंगओवर के कारण का पता करें
अगर इस समस्या से बचाव करना है, तो सबसे पहले इसकी जड़ यानी इसके होने के कारणों का पता करें। इसके कारणों का पता करने के लिए आप ऊपर बताए गए इसके तीनों प्रकारों की स्थितियों की खुद से तुलना भी कर सकते हैं। एक बार जब आपको इसके कारण पता चल जाएंगे, तो आप खुद को अपने किसी भी प्रिय को इस समस्या से आसानी से बाहर निकाल सकते हैं।
2.इसके बारे में बात करें
वैसे तो अपनी समस्याएं हर किसी के साथ बांटनी नहीं चाहिए, लेकिन कुछ करीबी और भरोसेमंद लोगों के साथ अगर अपनी समस्याएं बांटी जाए, तो उनका हल आसानी से निकाला जा सकता है। अगर आप भी एक्स्पेक्टेशॅन हैंगओवर की समस्या से परेशान हैं, तो इसके कारणों का पता लगते ही या लगाने के लिए अपने किसी करीबी या प्रिय से इस समस्या के बारे में बात करें। लेकिन, ध्यान रखें कि उससे अपनी समस्या बांटते समय उससे यह उम्मीद न लगाएं कि उसकी मदद से आपकी समस्या 100 फिसदी तक दूर हो सकती है।
3.उम्मीदें पूरी होने पर निराश न हों
यह एक्स्पेक्टेशॅन हैंगओवर से बचने के लिए सबसे अच्छे तरीकों में से एक है। एक बात का ध्यान रखें कि हमारी सारी अपेक्षाएं एक ही समय पर पूरी नहीं हो सकती है या एक ही बार में प्रयास करने से हमें किसी काम में सफलता नहीं मिल सकती है। इसलिए, अगर आपकी कोई उम्मीद पूरी नहीं भी होती है, तो निराश न हो और न ही उस उम्मीद को खोएं। बल्कि, पूरी हिम्मत और मेहनत के साथ एक बार फिर से उस उम्मीद को पूरा करने का प्रयास करें। दूसरी बार प्रयास करने से पहले एक बार अपनी अपेक्षाओं का अवलोकन भी जरूर करें।
ऊपर दी गई सलाह किसी भी चिकित्सा को प्रदान नहीं करती हैं। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें।