अस्थमा की बीमारी होने व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होती है। अस्थमा की बीमारी होने पर ब्रोंकाइटिस में सूजन की समस्या हो जाती है। इसी कारण से सांस लेने के दौरान तकलीफ होती है। अब आप खुद ही सोच सकते हैं कि अस्थमा की बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को मेहनत वाले काम करने में कितनी दिक्कत होती होगी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में कुछ ऐसे एथलीट्स हैं, जिनको अस्थमा की समस्या होने पर भी हार नहीं मानी और फील्ड में अपना सौ प्रतिशत दिया। इंटरनेशनल ओलंपिक डे के मौके पर हम आपको ऐसे ही एथलीट्स के बारे में बताएंगे, जो अस्थमा का शिकार हो चुके है। एथलीट्स में अस्थमा की समस्या होना एक चैलेंजिंग सिचुएशन है, क्योंकि शारीरिक गतिविधियों के दौरान अस्थमा की समस्या बढ़ भी सकती है।
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एथलीट्स में अस्थमा : डेविड बेकहम (David Beckham)
डेविड बेकहम का नाम कौन नहीं जानता है। डेविड बेकहम वर्ल्ड फेमस फुटबॉलर हैं। डेविड बेखम को उनकी अस्थमा की बीमारी के बारे में 2009 में पता चला। 2009 में एलए गैलेक्सी(LA Galaxy) खेलने के दौरान उन्हें इस बीमारी का पता चला। डेविड ने एक मीडिया को जानकारी देते हुए बताया था कि उन्हें सालों पहले से अस्थमा की समस्या थी, लेकिन ज्यादा समस्या न होने पर उन्होंने किसी से भी इस बारे में डिस्कस करना सही नहीं समझा।
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एथलीट्स में अस्थमा : ग्रेग लौगनिस (Greg Louganis)
ग्रेग लौगनिस को गोताखोर के रूप में फेमस हैं। लौगनिस की कामयाबी का पता इस बात से ही लगाया जा सकता है कि वो अब तक पांच ओलंपिक पदक जीत चुके हैं। साथ ही वर्ल्ड चैम्पियनशिप का खिताब और टोटल 47 नेशनल अवॉर्ड जीत चुके हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि ग्रेग लौगनिस को बचपन से ही अस्थमा की बीमारी थी। अस्थमा की वजह से उन्हें कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ा और उनका ज्यादातर समय हॉस्पिटल में ही बीता। लेकिन उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी और खेल को जारी रख सफलता भी प्राप्त की।
एथलीट्स में अस्थमा: जैकी जोनर-केर्सी (Jackie Joyner-Kersee)
बास्केटबॉल और ट्रैक एथलीट (UCLA) ओलंपिक में छह पदक जीत चुकी हैं। एक मीडिया वेबसाइट को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि जब उन्हें दमा की समस्या हुई, तो मैंने ज्यादातर लोगों से यही सुना था कि ऐसे लोगों को दौड़ने और चलने में समस्या महसूस होती है। पहले मेरे लिए इस बात को स्वीकार कर पाना मुश्किल था, लेकिन बाद में मैंने समय पर दवाईयां लेना शुरू कर दिया। कुछ समय बाद मुझे ये समझ आ गया कि अस्थमा की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है। आपको बताते चले कि जैकी जोनर-केर्सी 20वीं सदी में बड़ी महिला एथलीट की लिस्ट में शामिल थीं।
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एथलीट्स में अस्थमा: जेरोम बेटिस (Jerome Bettis)
फुटबाल खिलाड़ी जेरोम बेटिस को 15 साल की उम्र में अस्थमा की समस्या हुई थी। एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में उन्होंने ये कहा था कि जब उन्हें अस्थमा के बारे में जब पता चला था, वो उनके लिए बहुत कठिन समय था। उनके माता-पिता ने उन्हें खेलने के लिए प्रोत्साहित किया था। उन्हें एक बार खेल के दौरान (1997) अस्थमा का दौरा भी पड़ा था जो उनके लिए भयानक अनुभव था। बेटिस के लिए वो दिन एक वेकअप कॉल की तरह था। उसके बाद बेटिस ने अपना ज्यादा ख्याल रखना शुरू कर दिया और उन्होंने कुछ समय बाद पाया कि बीमारी नियंत्रण में है।
एथलीट्स में अस्थमा: पीटर वेंडरकेय (Peter Vanderkaay)
पीटर वेंडरकेय ने बीजिंद खेलों (2008) में गोल्ड मेडल जीता। पीटर वेंडरकेय अमेरिका के महान तैराक माइकल फेल्प्स के साथ भी कॉम्पिटीशन कर चुके हैं। पीटर को 10 साल की उम्र में अस्थमा की समस्या हो गई थी। पीटर को अस्थमा की समस्या के साथ ही फेफड़ों में भी समस्या हो गई थी। उन्होंने अस्थमा की बीमारी से लड़ा और खेलों में बेहतरीन प्रदर्शन करके दिखाया।
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अस्थमा की बीमारी
अस्थमा की बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है। अस्थमा की बीमारी बच्चों को भी हो सकती है। अस्थमा की समस्या होने पर संक्रमण के लक्षण साफ तौर पर दिखाई देते हैं। अस्थमा होने पर खांसी की समस्या सुबह और शाम के समय अधिक हो जाती है। साथ ही सांस लेते समय आवाज भी सुनाई देती है। सीने में जकड़न की समस्या के साथ ही नींद न आने की समस्या भी हो जाती है। अस्थमा की समस्या के लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। कुछ लोगों को धूल से समस्या, फूलों में परागकण से समस्या, सिगरेट के धुएं से समस्या, स्प्रे से एलर्जी महसूस हो सकती है। दमा यानी अस्थमा की बीमारी एलर्जी के कारण भी हो सकती है। सांस संबंधि बीमारी आगे चलकर अस्थमा का रूप ले सकती है। स्मोकिंग करने वालों में भी अस्थमा की समस्या की अधिक संभावना रहती है।
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इन बातों पर दे ध्यान
जिन लोगों को अस्थमा की समस्या है, उन्हें कुछ बातों पर हमेशा ध्यान देना चाहिए। कुछ बातें जैसे कि,
- दवा का सही समय पर सेवन करें।
- जिन चीजों से एलर्जी है, उनसे दूर रहें।
- अस्थमा की बीमारी में लहसुन खाना फायदेमंद साबित होता है, डॉक्टर से परामर्श कर उसका सेवन करें।
- प्रेग्नेंसी के समय डॉक्टर से अपनी बीमारी के बारे में न छुपाएं और मेडिकेशन को लेकर बात जरूर करें।
- अगर इनहेलर का प्रयोग कर रहे हैं तो उसे बाहर जाते समय हमेशा अपने पास रखें।
- दवाओं का सही समय पर सेवन करें और अपनी जीवनशैली में सुधार भी करें।
अस्थमा के घरेलू इलाज
अदरक: एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर अदरक का सेवन अस्थमा के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है। आप चाहे तो सूखे और ताजे किसी भी अदरक का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें एंटी-इन्फलामेटरी प्रॉपर्टीज होती हैं, जो फेफड़ों में जाने वाले मार्ग से अतिरिक्त बलगम और सूजन को दूर करने में मददगार है।
नीलगिरी का तेल: अस्थमा के मरीजों के लिए नीलगिरी का तेल उपयोगी माना जाता है। इसमें बलगम को तोड़ने की क्षमता होती है, जिस वजह से इसका इस्तेमाल नाक को साफ करने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग करने के लिए एक कॉटन के नैपकीन में कुछ बूंदे नीलगिरी के तेल की डालें और सोते समय नाक के पास रखकर सोएं। आप चाहे तो पानी को उबालकर उसमें तेल की दो से तीन बूंदें डालकर भांप ले सकते हैं।
लहसुन: लहसुन भी अस्थमा के रोगियों के लिए उपयोगी माना जाता है। इसका सेवन करने से अस्थमा के लक्षणों को दूर करने में मदद करता है।
शहद: अस्थमा पेशेंट्स दिन में एक बार शहद को किसी हॉट ड्रिंक में मिलाकर पी सकते हैं। आप चाहे तो शहद और हल्दी का मिश्रण का सेवन भी कर सकते हैं।
हल्दी: हल्दी का दूध पीना भी अस्थमा रोगियों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। लेकिन अगर आपको बलगम की शिकायत है तो दूध का सेवन न करें।
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आप उपरोक्त बताए गए अस्थमा के घरेलू उपाय अपना सकते हैं, जो कुछ हद तक आपको इस समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, अपनी स्थिति की जांच के लिए डॉक्टर से मिलते रहना भी उतना ही जरूरी है। अगर आपको भी सांस लेने में तकलीफ हो रही है तो बेहतर होगा कि एक बार डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। ये जरूरी नहीं है कि सांस लेने में समस्या अस्थमा की ओर ही इशारा करें। बेहतर होगा कि एक बार डॉक्टर से संपर्क जरूर कर लें।
उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में एथलीट्स में अस्थमा की समस्या को लेकर जानकारी दी गई है। यदि आपका इस लेख से जुड़ा कोई प्रश्न है तो आप कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं।