मलेरिया ट्रांसमिशन का एक चक्र होता है, जिसमें सबसे पहले किसी संक्रमित मच्छर के आपको काटने पर आप में मलेरिया विकसित होने लगता है और पैरासाइट आपके लिवर तक पहुंच जाता है, जहां पर पैरासाइट के कुछ प्रकार एक साल तक निष्क्रिय पड़े रह सकते हैं। जब पैरासाइट मैच्योर हो जाता है, तो वह लिवर से निकलकर आपके रक्त की रेड ब्लड सेल्स को संक्रमित करने लगता है और इस समय व्यक्ति में मलेरिया के लक्षण दिखने शुरू होते हैं। अगर इस समय कोई मच्छर आपको काटता है, तो वह भी पैरासाइट से संक्रमित हो जाता है और वह भविष्य में जिस भी व्यक्ति को काटेगा, उस व्यक्ति में भी मलेरिया विकसित हो जाता है।
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मलेरिया की जांच
मलेरिया से जुड़े मिथ से पहले इसकी जांच के बारे में जानते हैं। जब आपमें मलेरिया के लक्षण विकसित हो जाते हैं, तो डॉक्टर इन लक्षणों के आधार पर ब्लड टेस्ट्स के जरिए इसकी जांच कर सकता है। इस टेस्ट की मदद से पता चलता है कि, आपको मलेरिया है या नहीं, आप में कौन से प्रकार का मलेरिया है, मलेरिया की वजह से कहीं एनीमिया तो नहीं हुआ आदि।
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मलेरिया से जुड़े मिथ और फैक्ट्स
निम्नलिखित मलेरिया से जुड़े मिथ पर लोग अभी भी विश्वास करते हैं। आइए, इनसे जुड़े फैक्ट्स जानते हैं।
- मलेरिया से जुड़े मिथ में सबसे पहला मिथ यह होता है कि, मैं पोश एरिया में रहता/रहती हूं और मुझे मलेरिया नहीं हो सकता। लेकिन, अगर आपके घर के आसपास का एरिया पोश भी है, तो भी किसी संक्रमित मच्छर के उड़ के वहां आने पर और आपको काटने पर मलेरिया हो सकता है।
- इसके अलावा, लोग मलेरिया और डेंगू को एक ही समझते हैं। लेकिन, फैक्ट यह है कि हालांकि दोनों बीमारी ही मच्छरों के काटने से होती हैं, मगर इनके कारणों, लक्षणों और इलाज में काफी अंतर है।
- मलेरिया से जुड़े मिथ में माना जाता है कि इसका मच्छर एक बार काटने के बाद मर जाता है, लेकिन यह भी गलत अवधारणा है। क्योंकि, इन पैरासाइट से संक्रमित मच्छर कई लोगों को अपना शिकार बना सकता है।
- मलेरिया की जांच में नेगेटिव आने पर मलेरिया हो ही नहीं सकता। दरअसल, कई बार शरीर में पैरासाइट का काउंट कम होने पर वह टेस्ट में नहीं आ पाता, लेकिन कुछ समय में वह अपनी संख्या में बढ़ोतरी कर लेता है और टेस्ट के जरिए पकड़ में आ सकता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान खतरनाक हो सकता है मलेरिया
मलेरिया से जुड़े मिथ के अलावा ये भी जान लें कि गर्भावस्था में मलेरिया होना खतरनाक हो सकता है। क्योंकि प्रेग्नेंसी में मलेरिया होने से गर्भपात होने का खतरा बना रहता है। इतना ही नहीं मलेरिया के कारण गर्भवती महिलाओं में एनीमिया, किडनी या कई महत्वपूर्ण अंगों के फेल होने की संभावना भी रहती है। जिसके चलते मां और बच्चे दोनों की जान भी जा सकती है। इसलिए प्रेग्नेंसी में मलेरिया के लक्षण नजर आए तो किसी तरह की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। इस अवस्था में गर्भवती महिला को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत होती है। गर्भावस्था में मलेरिया होने से निम्नलिखित परेशानियां हो सकती हैं:
- गर्भपात
- समय से पहले डिलीवरी
- जन्म के वक्त शिशु के वजन मे कमी होना
- जन्मजात संक्रमण
- बच्चे के जन्म के बाद मृत्यु हो जाना