रेबीज (Rabies)
रेबीज एक ऐसी बीमारी है जो तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है। यह आमतौर पर वायरस के कारण होता है और संक्रमित जानवर के काटने पर व्यक्ति संक्रमित हो जाता है। रेबीज के लक्षण बहुत ही घातक होते हैं। हालांकि, रेबीज के टीके आज के समय में मौजूद हैं।
डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया
ये मच्छर जनित बीमारियाँ हैं। इसके लक्षणों में बुखार, उल्टी और सिरदर्द शामिल हैं। जितनी जल्दी हो सके इन स्थितियों का इलाज करना जरूरी होता है क्योंकि समय पर इलाज न होने से ये जानलेवा भी साबित हो सकती हैं।
साल्मोनेला संक्रमण (Salmonella infection)
साल्मोनेला अक्सर आमतौर पर रेप्टाइल्स के कारण होता है। यह चूजों और बत्तखों में भी पाया जाता है। यह जूनोटिक बीमारी आमतौर पर चार से सात दिनों के बीच रहती है। दस्त, बुखार और पेट में ऐंठन इसके लक्षण हैं।
सिटैकोसिस (Psittacosis)
इसे ऑर्निथोसिस (ornithosis) या पैरेट फीवर के नाम से भी जाना जाता है। यह एक बैक्टीरियल डिजीज है जो अक्सर बर्ड्स को प्रभावित करता है। लोगों में यह पंख और सेक्रेशंस की मदद से पहुंच सकता है। बुखार, सिरदर्द और सूखी खांसी इसके मुख्य लक्षण हैं। गंभीर मामलों में, इससे निमोनिया हो सकता है।
एंथ्रेक्स (anthrax), एवियन इन्फ्लूएंजा या बर्ड फ्लू (avian influenza or bird flu), ब्रूसीलोसिस (brucellosis), बिल्ली की खरोंच के कारण होने वाला बुखार (cat scratch fever), इबोला (Ebola), कुष्ठ रोग (leprosy), जीका बुखार (Zika fever), ट्रिचिनोसिस (trichinosis), स्वाइन इन्फ्लूएंजा (swine influenza),
हिस्टोप्लास्मोसिस (histoplasmosis) आदि भी जूनोटिक डिजीज हैं।
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जूनोटिक बीमरी के कारण क्या हैं?
लोगों और जानवरों के बीच एक अच्छा कनेक्शन होने के कारण, उन सामान्य तरीकों के बारे में पता होना जरूरी है जिनसे लोग कीटाणुओं से संक्रमित हो सकते हैं जो जूनोटिक रोगों का कारण बन सकते हैं।
सीधा संपर्क (direct contact)
किसी संक्रमित जानवर के लार, ब्लड, यूरिन, म्यूकस, स्टूल या शरीर के अन्य तरल पदार्थों के संपर्क में आने से जूनोटिक बीमरी होने की संभावना बढ़ जाती है। संक्रमित जानवरों को छूने या थपथपाने या उनके काटने या खरोंच के कारण भी हो सकता है।
इनडायरेक्ट कांटेक्ट (indirect contact)
जिन जगहों पर संक्रमित जानवरों की आवाजाही रहती हैं, ऐसी जगहों के संपर्क में आने से आप बीमारी से शिकार हो सकते हैं। जैसे एक्वेरियम टैंक वॉटर, पेट बास्केट्स, पिंजरे, पौधे और मिट्टी जहां संक्रमित जानवर रहते हैं आदि।