के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
हिस्टोप्लास्मोसिस एक प्रकार का फेफड़े से संबंधित इन्फेक्शन है। यह हिस्टोप्लाज्मा कैप्सुलेट्म फंगल स्पोर्स के कारण होता है, जोकि मिट्टी में पाए जाते हैं। इसके अलावा यह स्पोर्स पक्षियों और चमगादड़ की ड्रॉपिंग्स में भी पाए जाते हैं। पक्षी या चमगादड़ द्वारा दूषित मिट्टी भी इस बीमारी को प्रसारित करती है, इसलिए किसानों और लैंडस्केपर को इस बीमारी के होने का खतरा ज्यादा होता है। जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, उनमें इस बीमारी के होने का खतरा ज्यादा होता है।
1- एक्यूट हिस्टोप्लास्मोसिस (acute histoplasmosis): यह बहुत ही हल्का इन्फेक्शन होता है, जिसमें दूसरी समस्याएं होने की संभावना बहुत ही कम होती है, जिन लोगों को ये इन्फेक्शन होता है उनमें आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखाई देता है। एक स्टडी में पाया गया है कि लगभग 60 से 90% लोग जो ऐसी जगहों पर रहते हैं जहां ये फंगस (fungus) आसानी से पाए जाते हैं, उनमें यह समस्या हो सकती है।
2- क्रोनिक हिस्टोप्लास्मोसिस (chronic histoplasmosis): एक्यूट हिस्टोप्लास्मोसिस की तुलना में इसके होने की संभावना कम होती है। आपको बता दें कि यह समस्या पूरे शरीर में फैल सकती है। एक बार यह इन्फेक्शन पूरे शरीर में फैल गया, तो यह खतरनाक हो जाता है और इसका इलाज भी नहीं होता है।
हिस्टोप्लाज्मा के होना का खतरा उन क्षेत्रों में रहने वाले 80% लोगों में होते हैं, जहां कवक यानी फंगी (Fungi) आसानी से पाए जाते हैं, जैसे कि पूर्वी और मध्य संयुक्त राज्य। आपको बता दें कि शिशुओं, छोटे बच्चों और बड़े व्यक्तियों में, विशेष रूप से पुराने फेफड़ों की बीमारी वाले लोगों में इस गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।
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जो लोग इस फंगस से संक्रमित होते हैं, उनमें कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। अगर आपको कोई लक्षण होते हैं तो वो दस दिन के बाद ही दिखाई देंगे। इस बीमारी के संभावित लक्षण इस प्रकार हैं;
जो लोग फेफड़ों की बीमारी जैसे इम्फिसिमा से ग्रसित हैं, उनमें क्रोनिक हिस्टोप्लास्मोसिस होने की संभावना हाे सकती है। गंभीर स्थिति में इस बीमारी के लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं;
ऊपर बताएं गए लक्षणों में किसी भी लक्षण के सामने आने के बाद आप डॉक्टर से मिलें। हर किसी के शरीर पर हिस्टोप्लास्मोसिस अलग प्रभाव डाल सकता है। इसलिए किसी भी परिस्थिति के लिए आप डॉक्टर से बात कर लें।
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हिस्टोप्लाज्मा कैप्सुलेटम की प्रजनन कोशिकाओं (Reproductive cells) के कारण हिस्टोप्लास्मोसिस जैसी बीमारी होती है। ये स्पोर्स (spores) बहुत ज्यादा हल्के होते हैं और जब गंदगी या दूषित पदार्थ खराब होते हैं, तो ये स्पोर्स हवा में तैरते हैं। इन स्पोर्स को सांस के माध्यम से इन्फेक्शन होता है। हिस्टोप्लास्मोसिस एक से ज्यादा बार हो सकता है। हालांकि, पहला इन्फेक्शन बहुत ज्यादा गंभीर होता है।
इसके अलावा इस बीमारी के और भी कारण हो सकते हैं जैसे;
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जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया है कि हिस्टोप्लास्मोसिस एक प्रकार का लंग इन्फेक्शन है। हिस्टोप्लास्मोसिस के साथ एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (Acute respiratory distress syndrome), हार्ट की समस्या, मेनिनजाइटिस (Meningitis) और एड्रिनल ग्लैंड और हाॅर्मोनल समस्याएं आदि हो सकते हैं।
जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया है कि हिस्टोप्लास्मोसिस एक प्रकार का फेफड़े से जुड़ा हुआ इन्फेक्शन है। हिस्टोप्लास्मोसिस के साथ निम्नलिखित समस्याएं हो सकती है;
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हिस्टोप्लास्मोसिस का पता लगाने के लिए डॉक्टर शरीर की जांच करते हैं और मरीज का पारिवारिक इतिहास भी देखते हैं। इस बीमारी को जानने के लिए कुछ टेस्ट कराए जाते हैं :
डाइग्नोसिस की पुष्टि करने के लिए आपका डॉक्टर ब्लड टेस्ट या यूरीन टेस्ट कर सकते हैं। इसके अलावा सही डायग्नोसिस के लिए आपका डॉक्टर यूरीन, स्प्यूटम (Sputum) या ब्लड कल्चर (Blood culture) ले सकते हैं।
यदि आपको लाइट इन्फेक्शन है, तो संभवतः आपको उपचार की आवश्यकता नहीं है। आपका डॉक्टर आपको आराम करने और लक्षणों के लिए एक ओवर-द-काउंटर दवा यानी ओटीसी (OTC) ड्रग लेने का निर्देश दे सकता है।
अगर आपको सांस लेने में कोई परेशानी है या आप एक महीने से अधिक समय से संक्रमित हैं, तो आपको उपचार की आवश्यकता है। आपको संभवतः एक ओरल एंटिफंगल दवा दी जाएगी, लेकिन आपको आइवी (IV) उपचार की भी आवश्यकता हो सकती है।
आमतौर पर इस समस्या में निम्नलिखित ड्रग्स इस्तेमाल होती हैं
अगर आपको गंभीर इन्फेक्शन है, तो आपको अपनी दवाइयां इंजेक्शन यानी आइवी (IV) के रूप में लेने की जरूरत हो सकती है। कुछ लोगों को दो साल तक ऐंटीफंगल दवाइयां लेनी पड़ सकती हैं।
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हिस्टोप्लास्मोसिस के इलाज के लिए आप अपनी जीवनशैली में कुछ जरूरी बदलाव करके भी इस खतरनाक बीमारी को फैलने से रोक सकते हैं। आप अपने खान-पान में बदलाव कर सकते हैं। आप ऐसी जगहों से दूर रहें जहां ये फंगी (fungi) ज्यादा मात्रा में पाई जाती है।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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