विश्व मच्छर दिवस हर साल 20 अगस्त को मनाया जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि हर जगह बीमारियां फैलाने वाले कीटों के लिए एक दिन की आवश्यकता क्यों पड़ी? तो आपको बता दें कि आज ही के दिन यानी 20 अगस्त को ब्रिटिश डॉक्टर सर रोनाल्ड रॉस और अन्य डॉक्टरों ने मिलकर मादा मच्छरों के कारण मनुष्यों में होने वाले मलेरिया की खोज की थी। इसी वजह से यह दिवस मनाया जाने लगा।
मच्छर विश्व के जानलेवा कीटों में से एक है। इसमें मनुष्यों के भीतर रोग प्रसारित और रोग संचारित करने की क्षमता है, जिसके कारण विश्व में प्रतिवर्ष लाखों लोगों की मृत्यु हो जाती है।
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विभिन्न मच्छरों के कारण होने वाले रोग
मच्छरों के कई प्रकार हैं और इन अलग-अलग मच्छरों की वजह से अनगिनत बीमारियां भी होती हैं।
- एडीज- चिकनगुनिया, डेंगू फिवर, फाइलेरियासिस, लिम्फेटिक, येलो फीवर, जीका फीवर, रिफ्ट वैली फीवर।
- एनोफिलिस- मलेरिया, लिम्फेटिक फाइलेरिया (अफ्रीका में)।
- क्यूलेक्स- जैपनीज इन्सेफेलाइटिस, लिम्फेटिक फाइलेरिया, वेस्ट नील फीवर।
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मच्छर से होने वाले बीमारियां
- मादा एनोफिलिस (Female Anopheles) मलेरिया का मुख्य वाहक है। यह मनुष्यों और जानवरों में होता है।
- एनोफिलिस मच्छर सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच सक्रिय होते हैं।
- एडीज मुख्य रूप से सूर्यास्त से पहले (सुबह) या शाम को काटता है।
- क्यूलेक्स मच्छर रात भर सक्रिय रहते हैं। यह मच्छर रात के दौरान घर के अंदर और बाहर दोनों ही जगहों पर काटते हैं।
- मादा मच्छरों के लिए केवल रक्त आहार और जानवरों को काटने की आवश्यकता होती है, जबकि पुरुष मच्छर काटते नहीं है, लेकिन वे फूलों के पराग या अन्य उपयुक्त शर्करा स्रोत को खाते हैं।
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मच्छरों से होने वाली बीमारी से कैसे बचा जाए?
मच्छरों के काटने से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाएं:
- सफाई- पुराने कचरे के डिब्बे, गटर, पूल कवर, कार कवर, कूलर से पानी को साफ और सूखा करें। आपके घर के पास फूल के बर्तन, ड्रम, बोतलें, गड्ढे वाले क्षेत्र। आपके घर या कार्यस्थल के आसपास कहीं भी पानी को स्थिर न रहने दें।
- कवर- अगर आप शाम को बाहर जा रहे हैं, तो अपने आप को फुल स्लीव कपड़े, मोजे, जूते, लंबी पैंट से जरूर कवर करें। इससे मच्छरों के प्रकोप से आप बच सकते हैं।
- दरवाजे- खिड़की बंद रखें- शाम के वक्त दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें। ऐसा करने से मच्छरों को घर में प्रवेश करने से रोका जा सकता है। अपने आस-पास के क्षेत्र में साफ-सफाई बनाएं रखें।
ध्यान रखें स्वच्छ वातावरण में मच्छर न के बराबर होते हैं। इसलिए वातावरण को साफ-सुथरा बनाए रखें और किसी भी बीमारियों से दूर रहें। आइए अब जानते हैं, मच्छर से होने वाली खतरनाक बीमारी डेंगू के बारे में :
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डेंगू क्या है?
डेंगू (Dengue) एक संक्रामक रोग है, जो मच्छर के काटने से होता है। डेंगू को अंग्रेजी में ब्रेक-बोन फीवर (Break-Bone Fever) यानी हड्डी तोड़ बुखार कहा जाता है। क्योंकि डेंगू बुखार में मरीज को हड्डी टूटने जैसा दर्द होता है। डेंगू के वजह से तेज बुखार, शरीर पर लाल चकत्ते, जोड़ों के दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। लेकिन डेंगू का समय पर इलाज न करने से खून बहना और ब्लड प्रेशर में अचानक गिरावट जैसी समस्याएं भी सामने आती हैं। गंभीर मामलों में डेंगू के कारण व्यक्ति की मौत भी हो जाती है।
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डेंगू के लक्षण क्या है?
डेंगू होने पर गंभीर फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, जो रोगी की अलग-अलग लोगों में अलग-अलग हो सकते हैं। डेंगू में किसी व्यक्ति को निम्न लक्षणों के साथ तेज बुखार आता है :
- सिर में तेज दर्द होना
- त्वचा पर रैशेज होना
- चक्कर आना
- उल्टी होना
- आंखों में तेज दर्द होना
- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना
- ग्रंथियों में सूजन होना
- थकान या बेचैनी महसूस होना
- पेट में दर्द होना
- बार-बार उल्टियां होना
- उल्टी के साथ खून आना
- तेजी से सांस लेना
- मसूड़े से खून आना
- थ्रोट इंफेक्शन
- प्लेटलेट्स और वाइट ब्लड सेल्स (WBC) में आई कमी की वजह से वायरल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है
डेंगू के लक्षण आमतौर पर मच्छर के काटने के 4 से 10 दिनों के बाद दिखाई देते हैं। आमतौर पर डंगू के लक्षण लगभग 2-7 दिनों तक रहते हैं।
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डेंगू का इलाज क्या है?
डेंगू का अभी तक कोई खास इलाज नहीं है। लेकिन बुखार और लक्षणों के आधार पर दवाओं के साथ आमतौर पर मरीज 15 दिनों में ठीक होने लगते हैं। डेंगू का सबसे बेहतरीन इलाज है उसके लक्षणों को रोकना। डेंगू होने पर डॉक्टर आपको निम्न सलाह देते है :
- ज्यादा से ज्यादा आराम करें, डॉक्टर आपको पूरी तरह बेड रेस्ट करने के लिए कहेंगे।
- 80 फीसदी लिक्विड डायट पर रहें।
- डॉक्टर द्वारा दी गई बुखार और दर्द को कम करने की दवा लें।
- ऐसी पेनकीलर न लें, जिससे ब्लीडिंग की समस्या बढ़ जाए, जैसे- एस्पिरिन (aspirin), आईब्यूप्रोफेन (ibuprofen) और नेप्रॉक्सिन सोडियम (naproxen sodium)। बुखार ज्यादा तेज होने पर शॉक या दौरे जैसी स्थिति पैदा हो सकती है, जिसमें तुरंत इलाज की जरूरत होती है।
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डेंगू होने पर ये चीजें जरूर खाएं
- पालक : पालक में विटामिन, आयरन और ओमेगा-3 फैटी एसिड से प्रचूर मात्रा में पाई जाती है। जो इम्यून सिस्टम को बढ़ाने में मदद करता है।
- अनार : अनार आयरन का सबसे अच्छा स्रोत है। इसलिए यह घटते हुए ब्लड प्लेटलेट्स को बढ़ाने में रखने मददगार साबित होता है। गिरते हुए ब्लड प्लेटलेट्स डेंगू वायरस के कारण होते हैं।
- नारियल पानी : डेंगू के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है। नारियल पानी शरीर को हाइड्रेट रखेने के लिए सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है। नारियल पानी में पोषक तत्व के साथ-साथ इलेक्ट्रोलाइट्स भी पर्याप्त मात्रा में पाई जाती है।
- संतरा- संतरे में विटामिन सी की प्रचूर मात्रा पाई जाती है। साथ ही संतरा खनिज तत्वों से भी भरा होता है। इसमें फाइबर भी अच्छी मात्रा में मौजूद होते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट भी शरीर को लाभ पहुंचाने में मदद करते हैं।
- दिन और रात के खाने में हरी सब्जी, दाल और रोटी जरूर खाएं।
- इसके अलावा किवी, ड्रेगन फ्रूट और पपीता भी डेंगू में बहुत फायदेमंद साबित होता है।