के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Pooja Bhardwaj
शुरुआत में सामान्य सा लगने वाला डेंगू का बुखार देरी या गलत इलाज से जानलेवा साबित हो सकता है। वक्त पर सही इलाज हो तो हालात कंट्रोल में रहते हैं। डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। इन मच्छरों के शरीर पर चीते जैसी धारियां होती हैं। डेंगू बुखार से पीड़ित मरीज के खून में डेंगू वायरस बहुत ज्यादा मात्रा में होता है। जब कोई एडीज मच्छर डेंगू के किसी मरीज को काटता है तो वह उस मरीज का खून चूसता है। खून के साथ डेंगू वायरस भी मच्छर के शरीर में चला जाता है। जब डेंगू वायरस वाला वह मच्छर किसी और इंसान को काटता है तो उससे वह वायरस उस इंसान के शरीर में पहुंच जाता है, जिससे वह डेंगू वायरस से पीड़ित हो जाता है।
काटे जाने के करीब 3-5 दिनों के बाद मरीज में डेंगू बुखार के लक्षण दिखने लगते हैं। शरीर में बीमारी पनपने का समय 3 से 10 दिनों की भी हो सकती है।
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डेंगू से बचाव के दो ही उपाय हैं। एडीज मच्छरों को पैदा होने से रोकना और एडीज मच्छरों के काटने से बचाव करना।
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निष्कर्ष- डेंगू मच्छरों द्वारा फैलता है। इसलिए सबसे पहले डेंगू से बचाव पर ध्यान दें और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। अन्यथा डेंगू जानलेवा साबित हो सकता है।
अगर आपको अपनी समस्या को लेकर कोई सवाल है, तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लेना ना भूलें। हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में डेंगू से बचाव से जुड़ी हर जरूरी जानकारी दी गई है। यदि आप डेंगू से बचाव से जुड़ी अन्य कोई जानकारी पाना चाहते हैं तो आप अपना सवाल हमसे कमेंट सेक्शन में कर सकते हैं। आपको हमारा यह लेख कैसा लगा यह भी आप हमें कमेंट कर बता सकते हैं।
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