मूल बातें जानिए
कंजंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) क्या है?
कंजंक्टिवाइटिस, जिसे पिंकआई भी कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है, जिसमें पलक की आंतरिक सतह और आंख के सफेद भाग की बाहरी सतह में सूजन आ जाती है। इससे आंखें लाल हो जाती हैं और खुजली होती है। कुछ लोग इसे आंख आना भी कहते हैं। यह समस्या दोनों आंखों में हो सकती है। कंजंक्टिवाइटिस एक संक्रामक रोग है, इसलिए दूसरों को संक्रमित होने से बचाने के लिए आपको अलग रहना चाहिए और जल्द से जल्द इलाज करवाना चाहिए।
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क्या कंजंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) एक आम बीमारी है?
कंजंक्टिवाइटिस एक बहुत ही आम आंख की बीमारी है और इसे बिना दवाई के भी दूर किया जा सकता है। किसी भी उम्र में यह संक्रमण किसी को भी हो सकता है।
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लक्षण
कंजक्टिवाइटिस (आंख आना) के लक्षण क्या हैं?
अगर आपको कंजक्टिवाइटिस हुआ है, तो आपकी आंख का सफेद हिस्सा लाल हो जाएगा क्योंकि, कंजंक्टिवा में सूजन आ जाती है। अगर एलर्जी के कारण आंखें लाल हो गई हैं, तो आपको खुजली महसूस हो सकती है। वहीं, वायरल संक्रमण की वजह से आपकी आंखें सूज जाएगी और पानी निकलेगा। बैक्टीरियल संक्रमण में, आंखों में हल्का दर्द और जलन महसूस होती है।
इसके कुछ और लक्षण भी हो सकते हैं। यदि आपके पास इन संकेतों के बारे में कोई प्रश्न हैं, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
अगर आपको ऊपर बताए गए कोई भी लक्षण दिखें, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत है। पहला लक्षण दिखाई देने के बाद, दो सप्ताह के अंदर ही कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) बेहद संक्रामक हो सकता है। इसलिए, शुरुआती उपचार न केवल आपको जल्दी ठीक होने में मदद करता है बल्कि, आपके आसपास के लोगों को भी कंजक्टिवाइटिस के संक्रमण से बचाएगा।
इसके अलावा, आप घर में मन-माने ढंग से या अस्पताल में जाने से देर न करें क्योंकि, इससे आपको आंखों के अन्य रोगों को विकसित करने की संभावना बढ़ सकती है।
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जानें इसके कारण
कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) का क्या कारण है?
इसके कई कारण हैं, जैसे –
- सांस संबंधी रोग जनित स्टेफिलोकोकल या स्ट्रेप्टोकोकल बैक्टीरिया।
- वायरल संक्रमण (अक्सर आम सर्दी-जुकाम से जुड़े वायरस)।
- परागकण, धूल या जानवरों के फर से एलर्जी।
- आंखों में केमिकल।
- नवजात शिशुओं में आंसू ग्रंथियां बंद होना।
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निदान और उपचार को समझें
कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) का खतरा किन कारणों से बढ़ जाता है?
आपको अन्य लोगों को संक्रमित करने से बचाने के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य की रक्षा के लिए कंजक्टिवाइटिस के जोखिम कारणों को जानना जरूरी है। इन कारकों में शामिल हैं –
- संक्रमित व्यक्ति के द्वारा उपयोग किया गए तौलिए का उपयोग करना।
- लेंस अक्सर प्रयोग करना।
- एक ही कॉन्टेक्ट लेंस को सप्ताह भर लगाए रखना (सोने से पहले न हटाना)।
निदान और उपचार को समझें
दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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कंजंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) का इलाज कैसे किया जाता है?
अगर बैक्टीरियल संक्रमण की वजह से कंजंक्टिवाइटिस हुआ है, तो एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग किया जाता है। एंटीबायोटिक दवा से लक्षण कुछ ही दिनों में चले जाते हैं। बैक्टीरिया के कारण होने वाले कंजंक्टिवाइटिस आमतौर पर उपचार के 48 घंटों के भीतर ठीक होना शुरू हो जाता है। आमतौर पर यह एक सप्ताह में पूरी तरह ठीक हो जाता है।
वायरल संक्रमण की वजह से हुआ कंजंक्टिवाइटिस में एंटीबायोटिक आई ड्रॉप प्रभावी नहीं होगा। डॉक्टर आपको कुछ आई ड्रॉप बताएंगे, जिससे आंख में नमी बढ़ाने में मदद मिलेगी और सूजन कम होगी। यह संक्रमण सात से दस दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है। तब तक, सिकाई करने से आपके लक्षणों में सुधर आ सकता है।
एलर्जी की वजह से हुए कंजंक्टिवाइटिस के इलाज के लिए डॉक्टर आपको एंटीहिस्टामाइन आई ड्रॉप्स देंगे। इसके अलावा, बर्फ की सिंकाई आपको खुजली से राहत देने में मदद करेगी।
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जीवनशैली में बदलाव और घरेलू उपचार
क्या जीवनशैली में बदलाव या घरेलू उपचार से मुझे कंजंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) के नियंत्रण में मदद मिल सकती है?
एक अच्छी जीवनशैली कंजंक्टिवाइटिस को होने से रोकने का सबसे अच्छा तरीका है। अगर आप कुछ चीजों पर ध्यान दें, तो आप अपनी बीमारी को नियंत्रित कर सकते हैं:
- यदि आप कंजंक्टिवाइटिस से पीड़ित हैं, तो किसी से सीधे संपर्क से बचें।
- हाथ जल्दी-जल्दी धोएं।
- सभी लोग अलग-अलग तौलिए, वॉश क्लॉथ और तकिया का उपयोग करें।
- आंखों के पुराने कॉस्मेटिक्स को फेंक दें और दूसरों के आई कॉस्मेटिक्स प्रोडक्ट्स न उपयोग करें।
- संभव हो तो एलर्जी के कारण से बचें।
- डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं का उपयोग करें।
- संक्रमित क्षेत्र को हाथ न लगाएं, न आंख रगड़ें।
- जब तक इलाज खत्म न हो जाए, कॉन्टेक्ट लेंस न पहनें।
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- धूप में बाहर जा रहे हैं, तो हमेशा अच्छी क्वालिटी के धूप के चश्में का इस्तेमाल करें। खराब क्वालिटी के धूप के चश्में आंखों के लिए हानिकारक हो सकते हैं और आंखों से जुड़ें जोखिम भी बढ़ा सकते हैं। धूप के चश्में का इस्तेमाल करने से आपकी आंखों को सुरक्षा मिलती है और आप आंखों की देखभाल कर सकते हैं।
- मछलियां ओमेगा-3 फैटी एसिड का सबसे अच्छा सोर्स हैं। टूना, सैल्मन, ट्राउट, सार्डिन, हिलसा आदि ऐसी मछलियां हैं जिनके पेट और शरीर के ऊतकों में तेल होता है, इसलिए उन्हें खाने से शरीर को ओमेगा-3 का उच्च स्तर मिलता है।
- गाजर में विटामिन-ए और बीटा कैरोटीन दोनों से भरपूर मात्रा में होते हैं। बीटा कैरोटीन की वजह से ही गाजर को प्राकृतिक रंग मिलता है। विटामिन-ए आंखों के लिए बहुत ही जरूरी होता है। यह रेटिना को प्रकाश को अवशोषित करने में मदद करता है।
- कॉन्टैक्ट लेंस तब तक न पहनें जब तक कंजंक्टिवाइटिस ठीक न हो जाए।
- हरी पत्तेदार सब्जियां ल्यूटिन और जेक्सैथीन दोनों में समृद्ध होती हैं और यह विटामिन-सी का भी अच्छा स्रोत हैं। जैसे-पालक और कोलार्ड्स आदि का सेवन करने से कंजंक्टिवाइटिस से राहत मिलती है।
- स्मार्टफोन, टीवी, कंप्यूटर और लैपटॉप का इस्तेमाल कम करें।