के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
हाइपरवेंटिलेशन एक ऐसी बीमारी है जिसमें मरीज की सांसें बहुत तेजी से चलने लगती हैं यानी हार्ट बीट बढ़ जाती है। स्वस्थ श्वास के लिए हमारा ऑक्सिजन लेना और कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकालने के बीच एक संतुलन होना जरूरी है। जब आप अधिक श्वास छोड़ते हैं तब आप इस संतुलन को बिगाड़ देते हैं। इससे शरीर में कार्बन डाइऑक्साइड की तेजी से कमी होती है। कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर कम होने से मस्तिष्क में रक्त पहुंचाने वाली वाहिकाएं संकुचित हो जाती हैं। मस्तिष्क में रक्त न पहुंचने से उंगलियों में झुनझुनी की समस्या जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। गंभीर हाइपरवेंटिलेशन होने पर आपको बेहोशी आ सकती है।
हाइपरवेंटिलेशन एब दुर्लभ और गंभीर बीमारी है। यह केवल भय, तनाव या किसी फोबिया के होने पर होती है। कुछ में यह स्थिति भावनात्मक विकार जैसे तनाव (Tension), अवसाद (Depression), चिंता या क्रोध (Anger) की प्रतिक्रिया के रूप में भी दिखाई देती है। जब हाइपरवेंटिलेशन लगातार होता है, तो इसे हाइपरवेंटिलेशन सिंड्रोम के रूप में भी जाना जाता है। इस तरह की समस्या हो अनदेखा न करें या उसे टाले न। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने चिकित्सक से चर्चा करें।
और पढ़ें : ऐसे समझाएं बच्चे को गुड टच और बैड टच
हाइपरवेंटिलेशन एक गंभीर बीमारी हो सकती है। इसका असर 20 से 30 मिनट तक रह सकता है। निम्नलिखित लक्षण होने पर आपको हाइपरवेंटिलेशन (Hyperventilation) का शिकायत होती है, इसलिए इनके हाेने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें।
हाइपरवेंटिलेशन के कुछ अन्य लक्षण भी हैं—
यह सिंड्रोम अच्छी तरह से समझा नहीं गया है। इसे अक्सर अस्थमा भी समझ लिया जाता है जो कि गलत है।
दिए गए लक्षणों में अगर कुछ भी आपको अनुभव हो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। शरीर के हिसाब से डॉक्टर आपको इलाज के बारे में बताएंगे।
और पढ़ें : बच्चे के सुसाइड थॉट को अनदेखा न करें, इन बातों का रखें ध्यान
कई कारक हैं जो हाइपरवेंटिलेशन (Hyperventilation) को जन्म दे सकते हैं। यह स्थिति सबसे अधिक चिंता, घबराहट या तनाव से उत्पन्न होती है। यह अक्सर पैनिक अटैक का रूप ले लेता है। इन कारणों से होता है हाइपरवेंटिलेशन, उत्तेजक पदार्थों का उपयोग
और पढ़ें : हर्पीस वायरस की इस गंभीर रोग से निपटने के लिए मिल गयी है वैक्सीन
सही समय पर इलाज ना मिलने से हाइपरवेंटिलेशन (Hyperventilation) जैसी बीमारी बढ़ सकती है। इसके अलावा इस बारे में अपने डॉक्टर से बात कर सकते हैं।
और पढ़ें : सरोगेसी के बारे में सोच रहे हैं? तो पहले जान लें इससे जुड़े कुछ फैक्ट्स
इस तरह की समस्या होने पर डॉक्टर रोगी की सांस की जांच करेगा। यदि आपके चिकित्सक समस्या ज्यादा गंभीर नहीं दिखती है तो वह आपकी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पूछेगा और शारीरिक परीक्षण करेगा। जांच के हिसाब से ही डॉक्टर आगे का इलाज करता है। डॉक्टर हाइपरवेंटिलेशन पैदा करने वाले अन्य कारणों को खत्म करने की कोशिश करता है। आपके निम्लिखित टेस्ट हो सकते हैं—
हाइपरवेंटिलेशन का इलाज घर पर ही हो सकता है। आप ये तरीके अपना सकते हैं, जैसे-
और पढ़ें : प्री-स्कूल में बच्चे का पहला दिन, ये तैयारियां करें पेरेंट्स
अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो उसकी बेहतर समझ के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
यदि आप हाइपरवेंटिलेशन का अनुभव कर रहे हैं, तो तुरंत अपने डाॅक्टर से संपर्क करें।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
और भी पढ़ें:
अस्थमा रोग से हमेशा के लिए पाएं छुटकारा, रोजाना करें ये आसन
त्वचा के इस गंभीर रोग से निपटने के लिए मिल गयी है वैक्सीन
क्या एबॉर्शन और मिसकैरिज के बाद हो सकती है हेल्दी प्रेग्नेंसी?
Calcium carbonate : कैल्शियम कार्बोनेट क्या है? जानिए इसके उपयोग, साइड इफेक्ट्स और सावधानियां
Calcium : कैल्शियम क्या है? जानिए इसके उपयोग और साइड इफेक्ट्स
डिस्क्लेमर
हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।