परिचय
इंक्रीस्ड इंट्राक्रेनियल प्रेशर (Increased Intracranial Pressure) क्या है?
इंक्रीस्ड इंट्राक्रेनियल प्रेशर (Increased Intracranial Pressure) यानी मस्तिष्क के चारों ओर दबाव का बढ़ना है। यह मस्तिष्क के आसपास तरल पदार्थ की मात्रा में वृद्धि होने के कारण हो सकता है। उदाहरण के लिए, सेरब्रोस्प्य्नल फ्लूइड (Cerebrospinal Fluid-सीएसएफ टेस्ट) की बढ़ी हुई मात्रा हो सकती है, जो स्वाभाविक रूप से मस्तिष्क को आरामदायक परत देती है या चोट के कारण या टूटे हुए ट्यूमर के कारण मस्तिष्क में खून की वृद्धि करती है।
ICP में वृद्धि मस्तिष्क के ऊतकों में सूजन होने, किसी तरह की चोट लगने या मिर्गी जैसी बीमारी होने के कारण भी हो सकता है। बढ़ा हुआ आईसीपी मस्तिष्क में चोट लगने के कारण हो सकता है और यह मस्तिष्क में चोट लगने का कारण भी बन सकता है।
बढ़ी हुई ICP जीवन के लिए जोखिम भरी स्थिति हो सकती है। इसके लक्षणों के दिखाई देने पर तुरंत आपातकालीन चिकित्सा की मदद लेनी चाहिए।
कितना सामान्य है इंक्रज्ड इंट्राक्रेनियल प्रेशर?
इंक्रीस्ड इंट्राक्रेनियल प्रेशर (ICP) न्यूरोसर्जिकल और न्यूरोलॉजिकल प्रैक्टिस में एक आम समस्या है। इसका विकास तीव्र या पुराना हो सकता है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से पारमर्श करें।
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लक्षण
इंक्रीस्ड इंट्राक्रेनियल प्रेशर के लक्षण क्या हैं?
इंक्रीस्ड इंट्राक्रेनियल प्रेशर (ICR) के सामान्य लक्षणों में शामिल हैंः
- सिर दर्द
- मतली
- उल्टी
- बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर
- मानसिक स्थिति का कमजोर होना
- लोगों को याद रखने या जगहों को याद रखने में परेशानी होना
- दोहरा दिखाई देना
- आंख की पुतली में कोई समस्या
- सांस लेने में दिक्क्त होना
- बेहोशी
ये लक्षण बढ़ी हुई ICP के अलावा अन्य गंभीर स्थितियों का भी संकेत दे सकते हैं, जैसे स्ट्रोक, ब्रेन ट्यूमर या हाल ही में सिर में लगी कोई चोट।
शिशुओं में बढ़े हुए ICP के लक्षण
शिशुओं में बढ़े हुए आईसीपी चोट के कारण हो सकते हैं, जैसे बिस्तर से गिरना या शेकेन बेबी सिंड्रोम (Shaken baby syndrome)। शेकेन बेबी सिंड्रोम तब होता है, जब किसी छोटे बच्चे को खिलाते समय हवा में उछाला जाता है। इसके कारण बच्चे के दिमाग में कई चोट लग सकती है।
शिशुओं में बढ़ी हुई ICP के लक्षण वयस्कों के लक्षणों से अलग हो सकते हैं। 12 महीने से कम उम्र के शिशुओं में इसके कुछ अतिरिक्त लक्षण भी देखें जा सकते हैं। क्योंकि बोनी प्लेट्स जो स्कल का निर्माण करती हैं, बड़े बच्चों और वयस्कों की तुलना में शिशुओं में ज्यादा नाजुक होती हैं, वे बढ़ी हुई आईसीपी के साथ शिशु में फैल सकती हैं।
इसके सभी लक्षण ऊपर नहीं बताएं गए हैं। अगर इससे जुड़े किसी भी संभावित लक्षणों के बारे में आपका कोई सवाल है, तो कृपया अपने डॉक्टर से बात करें।
मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
अगर ऊपर बताए गए किसी भी तरह के लक्षण आपमें या आपके किसी करीबी में दिखाई देते हैं या इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें। हर किसी का शरीर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया करता है।
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कारण
इंक्रीस्ड इंट्राक्रेनियल प्रेशर के क्या कारण हैं?
- बहुत ज्यादा सेरब्रोस्प्य्नल फ्लूइड (cerebrospinal fluid) की मात्रा (यह द्रव दिमाग और स्पाइनल कॉर्ड के आसपास होती है। इसका पता लगाने के लिए सीएसएफ टेस्ट किया जाता है।)
- ब्रेन के अंदर ब्लीडिंग होना
- मस्तिष्क में सूजन
- मस्तिष्क के कुछ हिस्से में रक्त का जमाव
- मस्तिष्क या सिर पर चोट
- मस्तिष्क में ट्यूमर
- इंसेफेलाइटिस या मेनिन्जाइटिस जैसे संक्रमण
- हाई ब्लड प्रेशर
- स्ट्रोक
जोखिम
कैसी स्थितियां इंक्रीस्ड इंट्राक्रेनियल प्रेशर के जोखिम को बढ़ा सकती हैं?
किस तरह की स्थितियां कैसी स्थितियां इंक्रीस्ड इंट्राक्रेनियल प्रेशर के जोखिम को बढ़ा सकती हैं, इसके बारे में उचित जानकारी नहीं है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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उपचार
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
इंक्रीस्ड इंट्राक्रेनियल प्रेशर का निदान कैसे किया जाता है?
इंक्रीस्ड इंट्राक्रेनियल प्रेशर का निदान करने के लिए आपका डॉक्टर निम्नलिखित प्रक्रिया कर सकते हैंः
- आपके स्वास्थ्य से जुड़ी सभी जानकारिया इक्ट्ठा करेंगे और आपके इंद्रियों, संतुलन और मानसिक स्थिति का परीक्षण करने के लिए न्यूरोलॉजिकल टेस्ट भी करेंगे।
- स्पाइनल टैप (जिसे काठ का पंचर भी कहा जाता है), जो मस्तिष्कमेरु द्रव के दबाव को मापता है, इसकी जांच करेंगे।
- कंप्यूटेड टोमोग्राफी (CT) स्कैन, गोल्ड स्टैंडर्ड इमेजिंग टेस्ट, सिर और मस्तिष्क की क्रॉस-सेक्शनल की छवियां देखने के लिए एक्स-रे भी कर सकते हैं।
- मस्तिष्क के ऊतकों की सामग्री में सूक्ष्म परिवर्तनों का पता लगाने के लिए MRI टेस्ट भी कर सकते हैं।
इंक्रीस्ड इंट्राक्रेनियल प्रेशर का इलाज कैसे होता है?
इसके उपचार का उद्देश्य स्कल के अंदर के दबाव को कम करना होता है। इसके बाद मस्तिष्क से जुड़ी अन्य स्थितियों का उपचार किया जाता है।
स्कल में दबाव को कम करने के लिए, स्कल में एक छोटा छेद किया जाता है। जिसके माध्यम या रीढ़ की हड्डी के माध्यम से मस्तिष्क में उत्पन्न हुए द्रव पदार्थ को बाहर निकाला जाता है। हालांकि, इसके उपचार के लिए कुछ तरह की दवाओं का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन, दवाओं का इस्तेमाल अत्यधिक जोखिम भरा हो सकता है। ये रक्तचाप को बढ़ाकर आईसीपी की स्थिति को और भी ज्यादा बदतर बना सकती हैं।
आईसीपी के लिए कम सामान्य उपचारों में शामिल हैं:
- स्कल का हिस्सा निकालना
- बेहोसी की स्थिति को कम करने के लिए दवाओं का इस्तेमाल
- शरीर को ठंडा करना या इन्डूस्ट हाइपोथर्मिया का इस्तेमाल करना
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घरेलू उपाय
जीवनशैली में हाेने वाले बदलाव क्या हैं, जो इंक्रीस्ड इंट्राक्रेनियल प्रेशर को रोकने में मदद कर सकते हैं?
निम्नलिखित जीवनशैली में बदलाव लाने और घरेलू उपायों से आप इंक्रीस्ड इंट्राक्रेनियल प्रेशर के खतरे को कम कर सकते हैंः
बढ़े हुए ICP के स्तर को रोका नहीं जा सकता है, लेकिन सिर में चोट लगने की स्थिति से बचाव किया जा सकता हैः
- बाइक चलाते समय या किसी भी तरह के खेल खेलते समय हमेशा हेलमेट पहनें।
- वाहन चलाते समय सीटबेल्ट लगाएं।
- गाड़ी चलाते समय अपनी सीट को गाड़ी के स्टेरिंग से जितना हो सके उतना पीछे रखें।
- बच्चों को बाल सुरक्षा सीट में बांधे।
घर पर गिरना सिर की चोट का एक सामान्य कारण है। यह वृद्ध वयस्कों में भी सबसे सामान्य कारण हो सकता है। इसलिएः
- घर की फर्श को सूखा रखें
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपके लिए उचित उपचार बता सकते हैं।
अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो उसकी बेहतर समझ के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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