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Lactose intolerance: लैक्टोज इनटॉलेरेंस क्या है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Anoop Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 18/02/2022

Lactose intolerance: लैक्टोज इनटॉलेरेंस क्या है?

परिचय

लैक्टोज इनटॉलेरेंस क्या है? What is Lactose intolerance

लैक्टोज (Lactose) एक प्रकार का शुगर होता है जो दूध व दूध से बने उत्पादों में पाया जाता है। आपका शरीर एक ऐसे एज़ाइम का इस्तेमाल करता है जिसे लैक्टेज कहते हैं, जो शुगर को तोड़ने में मदद करता है जिससे शरीर में ये पदार्थ अच्छे से अवशोषित हो जाए। लेकिन जो लोग लैक्टोज इनटॉलेरेंस से पीड़ित होते हैं उनके शरीर में पर्याप्त मात्रा में लैक्टेज नहीं होता। आपको बता दें लैक्टेज छोटी आंत में बनता है। 

लैक्टेज की कम मात्रा होने के बाद भी कुछ लोग दूध या दूध से बने उत्पादों को पचा सकते हैं। लेकिन जो लोग लैक्टोज इनटॉलेरेंस से पीड़ित होते हैं, उनमें डेयरी उत्पाद लेने के बाद कम मात्रा में लैक्टेज के कारण कुछ लक्षण देखने को मिल सकते हैं। 

और पढ़ें: क्या आप जानते हैं दूध से एलर्जी (Milk Intolerance) का कारण सिर्फ लैक्टोज नहीं है?

लक्षण

लैक्टोज इनटॉलेरेंस

लैक्टोज इनटॉलेरेंस के लक्षण क्या हैं? symptoms of Lactose intolerance

लैक्टोज इनटॉलेरेंस के निम्नलिखित लक्षण हैं :

  • पेट में सूजन 
  • दस्त लगना 
  • पेट फूलना 
  • पेट में अधिक हवा भर जाना 
  • गैस बनना 
  • जी मचलाना 
  • पेट दर्द 
  • पेट से आवाज आना (गुड़गुड़ जैसी आवाज)
  • उल्टी आना 

इससे हो रहे लक्षण कम या गंभीर भी हो सकते हैं, तो इस बात पर निर्भर करता है कि आपके शरीर में लैक्टोज की मात्रा कितनी है। 

मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए? When should I see a doctor?

दूध या दूध से बने उत्पाद लेने के आधे या 2 घंटे बाद अगर आपको ऊपर बताए गए लक्षण महसूस होते हैं तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं। डॉक्टर को हर लक्षणों के बारे में अच्छे से बताएं। 

कुछ आम लक्षण जैसे –

आप में से कई लोगों को अपने जीवन में गैस, मतली और पेट फूलना जैसी समस्याओं का अनुभव हो सकता है। अक्सर इसका संबंध लैक्टोज इन्टोलेरेंस से नहीं होता। लेकिन अगर आप इससे लेकर चिंतित हैं तो कुछ बातों को नोट करके जरूर रखें और फिर इन बातों को डॉक्टर के साथ साझा करें :

  • जब आप दूध या दूध से बने उत्पादों को लेते हैं तो उससे होने वाले लक्षणों को लिखें और इसके बिना भी होने वाले लक्षणों को भी लिखें। 
  • अपनी दवाइयों, विटामिन और सप्लीमेंट की भी लिस्ट बनाकर रखें। 
  • लक्षण दिखाई देने से पहले क्या आपने दूध या दूध से बना उत्पाद लिया था। 
  • ये होने के क्या अन्य कारण भी हैं?

और पढ़ें : हल्दी दूध (Turmeric Latte) पीने के क्या फायदे हैं?

कारण

लैक्टोज इनटॉलेरेंस

लैक्टोज इनटॉलेरेंस के कारण causes of Lactose intolerance

लैक्टोज इनटॉलेरेंस के दो अहम प्रकार हैं, जिनके अलग-अलग मुख्य कारण हैं। 

प्राइमरी लैक्टोज इनटॉलेरेंस

प्राइमरी लैक्टोज इनटॉलेरेंस बहुत ही आम है। ये उम्र के साथ होने वाले लैक्टेज उत्पादन में कमी के कारण होता है, जिसमें लैक्टेज बनाने की मात्रा बहुत ही कम हो जाती है। 

लैक्टोज इनटॉलेरेंस का ये रूप अनुवांशिक या पीढ़ी दर पीढ़ी चल सकता है क्योंकि ये समस्या अधिकतर लोगों में पायी जाती है। एक स्टडी में लैक्टोज इनटॉलेरेंस 5–17% युरोपियन, 44% के आसपास अमेरिकन और 60–80% अफ्रीकन और एशियन में पाया गया है। 

सेकेंडरी लैक्टेज इनटॉलेरेंस

सेकेंडरी लैक्टेज इनटॉलेरेंस बहुत ही कम देखने को मिलता है। ये बीमारी के कारण होता है, जैसे पेट से जुडी समस्या या अधिक गंभीर समस्या जैसे सीलिएक रोग। यह इसलिए होता है क्योंकि आंत की परत में सूजन आ जाती है जो कि लैक्टेज उत्पादन में कुछ समय के लिए कमी आ जाती है। 

डेवलपमेंटल लैक्टोज इन्टोलेरेंस 

डेवलपमेंटल लैक्टोज इन्टोलेरेंस शिशुओं में होता है, जिनका समय से पहले जन्म हो जाता है। ये समस्या अपने आप चली जाती है, या फिर जन्म के बाद कुछ समय के लिए ही रहती है। 

कॉन्जेनिटल लैक्टेज इन्टोलेरेंस 

इस स्थिति में, जन्म से ही शिशु की छोटी आंत बहुत ही कम मात्रा में लैक्टेज बनाती है। ये एक अनुवांशिक विकार है। 

और पढ़ें : जानें ऑटोइम्यून बीमारी क्या है और इससे होने वाली 7 खतरनाक लाइलाज बीमारियां

जोखिम

लैक्टेज इन्टोलेरेंस के साथ मुझे क्या समस्याएं हो सकती हैं? What problems can I have with Lactase Intolerance?

अगर आपको निम्नलिखित समस्याएं हैं, तो लैक्टोज इन्टोलेरेंस होने के जोखिम अधिक रहते हैं:

बढ़ती उम्र – लैक्टेज इन्टोलेरेंस आमतौर पर वयस्कों में होता है। शिशुओं और बड़े बच्चों में ये स्थिति बहुत ही असामान्य है। 

पेट में संक्रमण –इस स्थिति को गैस्ट्रोएंटेराइटिस कहते हैं, इस स्थिति में आँतों में इन्फेक्शन हो जाता है। 

क्रोन रोग –यह समस्या लम्बे समय तक रहती है, जिसमें पाचन तंत्र की परत लाल व सूजने लगती है।  

लम्बे समय तक एंटीबायोटिक लेने से, अल्सरेटिव कोलाइटिस के कारण, कीमोथेरेपी के कारण भी ये समस्या हो सकती है। 

उपचार

यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

लैक्टेज इन्टोलेरेंस का निदान कैसे किया जाता है? How is Lactase Intolerance Diagnosed?

आपका डॉक्टर आपके लक्षणों और आपके आहार में डेयरी खाद्य पदार्थों की मात्रा को कम करने के आधार पर लैक्टोज इन्टोलेरेंस पर आपसे बात कर सकता है। आपका डॉक्टर निम्नलिखित टेस्ट की मदद से इसका निदान कर सकता है।  

लैक्टोज इन्टोलेरेंस टेस्ट –

यह टेस्ट लैक्टोज में विशेष पदार्थ के प्रति आपके शरीर की प्रतिक्रिया को दर्शाता है। उच्च तरल पदार्थ पीने के 2 घंटे बाद आपका ब्लड टेस्ट किया जाता है, जिससे खून में ग्लूकोज के स्तर की जांच की जाती है। अगर आपका स्तर बढ़ता नहीं है, तो इसका मतलब है कि शरीर लैक्टोज युक्त तरल पदार्थ को ठीक से पचा नहीं पा रहा है।

हाइड्रोजन ब्रिथ टेस्ट –

इस टेस्ट में आपको तरल पदार्थ पीना होता है जिसमें अधिक मात्रा में लैक्टोज होता है। फिर आपका डॉक्टर सांस छोड़ने के दौरान हाइड्रोजन की मात्रा को मापता है। आमतौर पर, बहुत कम हाइड्रोजन का पता लगाया जा सकता है।

हालांकि, अगर आपका शरीर लैक्टोज को नहीं पचाता है, तो बड़ी आंत में खमीर उठने (Ferment) लगेगा जिसकी वजह से हाइड्रोजन और अन्य गैस बनने लगती हैं, जो कि आंत द्वारा अवशोषित कर ली जाती है और सांस द्वारा बाहर निकाल दी जाती है। ब्रिथ टेस्ट में सामान्य से अधिक मात्रा में हाइड्रोजन गैस देखने को मिलती है, जिसका मतलब है कि आपमें लैक्टोज का पाचन व अवशोषण ठीक तरह से नहीं हो पा रहा है। 

ये भी पढ़ें : गैस दर्द का क्या है कारण? क्विज से जानें गैस को दूर करने के टिप्स

स्टूल एसिडिटी टेस्ट –

शिशु व छोटे बच्चों में अन्य टेस्ट नहीं किये जा सकते तो उनके लिए स्टूल एसिडिटी टेस्ट किया जाता है। बिना पची हुई लैक्टोज में यीस्ट उठता है जिसमें लैटिक एसिड व अन्य प्रकार के एसिड बनने लगते हैं। स्टूल एसिडिटी टेस्ट से सभी तरह के एसिड का पता लगाया जा सकता है। 

लैक्टेज इन्टोलेरेंस का इलाज कैसे होता है? How is Lactase Intolerance treated?

शरीर में लैक्टेज का उत्पादन बढ़ाने का कोई तरीका नहीं है, लेकिन आप आमतौर पर लैक्टोज इन्टोलेरेंस से होने वाली असहजता को कम कर सकते हैं –

  • अधिक मात्रा में दूध या दूध से बनी चीजों का सेवन न करें 
  • रोजाना अपने आहार में बहुत कम मात्रा में डेयरी उत्पादों को शामिल करें। 
  • आईसक्रीम और दूध का सेवन न करें। 

और पढ़ें: फूड पॉइजनिंग और स्टमक इंफेक्शन में क्या अंतर है? समझें इनके कारणों को

घरेलू उपचार

जीवनशैली में होने वाले वदलाव (lifestyle changes) क्या हैं, जो मुझे लैक्टेज इन्टोलेरेंस को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?

डेयरी प्रोडक्ट करने का मतलब ये नहीं है कि आपको किसी और से कैल्शियम की मात्रा नहीं मिल सकती। कैल्शियम अन्य आहार से भी मिल सकता है, जैसे –

  • ब्रोकली 
  • कैल्शियम फोर्टिफाइड प्रोडक्ट, जैसे ब्रेड और जूस 
  • बंद डब्बे साल्मन 
  • मिल्क सब्स्टीट्यूट, जैसे सोया मिल्क और राइस मिल्क 
  • संतरे 
  • पिंटो बीन 
  • पालक

साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि आप पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी लें, जो कि फोर्टिफाइड मिल्क में मिलता है। अंडे, लीवर और योगर्ट में भी विटामिन डी मिलता है और आप सूरज के सामने रहकर भी विटामिन डी ले सकते हैं।

उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और लैक्टोज इनटॉलरेंस से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

डिस्क्लेमर

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