परिचय
सिस्टोस्कोपी (Cystoscopy) क्या है?
सिस्टोस्कोपी (Cystoscopy) एक टेस्ट है जिसमें आपके डॉक्टर कैमराननुमा उपकरण ब्लैडर के अंदर डालकर उसकी अंदरूनी जांच करते हैं। कई बार कितनी ही ऐसी स्वास्थ्य परिस्थितियां है जिनका पता X Ray के द्वारा नहीं चल पाता है ऐसे में इस टेस्ट का उपयोग किया जाता है जिसके द्वारा डॉक्टर टिश्यू और ब्लड सैंपल भी जमा करते हैं।
सिस्टोस्कोपी में सिस्टोस्कोप जो की कैमरा और लाइट के साथ एक पतली से ट्यूब होती है उसे यूरेथ्रा के रास्ते से ब्लेडर में डाला जाता है। इससे ब्लेडर के अंदर देखा जाता है। कैमरे के जरिए ब्लेडर के अंदर की तस्वीरें स्क्रीन पर नजर आती हैं, जिन्हें डॉक्टर देखते हैं।
सिस्टोस्कोपी (Cystoscopy) क्यों की जाती है?
हो सकता है आपका डॉक्टर इसे तब रिकमेंड करें जब आपको यूरिनरी प्रोब्लम हो जैसे बार-बार यूरिन आना या फिर यूरिन के समय दर्द होना। आमतौर पर इन लक्षणों का कारण जानने के लिए सिस्टोस्कोपी की जा सकती है:
- बार-बार मूत्र-मार्ग में संक्रमण होना।
- यूरिन में खून आना
- यूरिन सैंपल में कोशिकाओं का मिलना
- पेशाब करने पर लगातार दर्द होना।
- ओवरएक्टिव ब्लेडर (Overactive bladder)
- पेल्विक पेन (Pelvic Pain)
सिस्टोस्कोपी से कई अन्य बीमारियों जैसे ब्लैडर ट्यूमर, पथरी और कैंसर का भी पता चलता है। आपका डॉक्टर इसे निम्नलिखित परेशानियों को डायग्नोज करने के लिए भी इसे कर सकता है:
- ब्लॉकेज (blockages)
- नॉनकैंसरस ग्रोथ (noncancerous growths)
- यरेटर्स में दिक्कत (problems with the ureters)
- एनलार्जड प्रोस्टेट ग्लैंड (enlarged prostate gland)
यह काफी आम प्रक्रिया है लेकिन कई बार इससे कई बड़ी बीमारियों के इलाज में मदद मिलती है। जैसे कि ब्लैडर ट्यूमर के बाद कई बार सिस्टोस्कोपी की जाती है। ताकि उसकी पहले की वजह और वर्तमान की स्थिती का पता लगाया जा सके। पथरी जैसी बीमारी में इसका इस्तेमाल बेहद आम है।
इस प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर कई साधनों का प्रयोग कर यह कुछ चीजें कर सकते हैं;
- ब्लैडर से पथरी को निकाल सकते हैं
- शरीर में युरेटर्स से यूरिन के सैंपल जमा कर सकते हैं
- ब्लैडर से ट्यूमर निकाल सकते हैं
- युरेटर में छोटी नली डाल सकते हैं
- युरेटर्स या किडनी का X Ray ले सकते हैं
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ये जरूरी बातें जानें
सिस्टोस्कोपी (Cystoscopy) कराने से पहले मुझे किन बातों के बारे में पता होना चाहिए?
यदि आपके ब्लैडर, प्रोस्टेट ग्लैंड में इंफेक्शन है, तो आमतौर पर यह नहीं की जाती है। इसके अलावा, इस टेस्ट के दौरान अन्य टेस्ट जैसे कि एक्स-रे, पाइलोग्राफी या सिस्टोअरेथ्रोग्राफी किए जा सकते हैं।
यदि आपका डॉक्टर आपकी सिस्टोस्कोपी करने वाला है तो पहले वह आपको कुछ एंटीबायोटिक्स लिखेगा। टेस्ट से पहले आपका यूरिन सैंपल भी लिया जाएगा। यदि डॉक्टर आपको एनेस्थीसिया देने की योजना बना रहा है तो आपको बाद में अजीब महसूस होगा। इसलिए इस प्रक्रिया के बाद घर जाकर पूरी तरह से आराम करें।
यदि आप किसी दवा का नियमित इस्तेमाल कर रहे हैं तो इसकी जानकारी अपने डॉक्टर को जरूर दें। क्योंकि कुछ दवाओं से अधिक ब्लीडिंग होने की संभावना होती है।
इसके अलावा यदि सिस्टोस्कोपी से जुड़ा आपका अन्य कोई सवाल है तो अपने चिकित्सक से उसके बारे में बात करें।
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प्रक्रिया
सिस्टोस्कोपी (Cystoscopy) के लिए खुद को कैसे तैयार करें ?
आपके टेस्ट की प्रक्रिया के अनुसार आपको कुछ दवाइयां दी जाती हैं।
अगर टेस्ट अनेस्थिआ की मदत से ऑपरेशन रूम में की जाने वाली है, तो डॉक्टर आपसे संपर्क करेंगे।
ज्यादातर यह सलाह दी जाती है, टेस्ट से पहले रात को और सुबह खाना या पीना नहीं चाहिए। लेकिन, आजकल डॉक्टर बस सिस्टोस्कोपी से 4-5 घंटे पहले से कुछ भी खाने पीने के लिए मना करते हैं।
अगर आप एस्पिरिन या आइबूप्रोफेन जैसी दवाइयों का सेवन कर रहें हैं तो अपने डॉक्टर को इस बारे में सूचित करें।
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सिस्टोस्कोपी (Cystoscopy) के दौरान क्या होता है?
सिस्टोस्कोपी वन डे प्रोसेस है। इसके लिए आपको अस्पताल का गाउन पहनना होगा और एक सोफे पर अपनी पीठ के बल लेटना होगा। इसके बाद डॉक्टर आपके यूरेथ्रा और उसके आसपास की त्वचा को साफ़ करेंगे। साथ ही डॉक्टर उस स्थान को सुन्न करने के लिए वहां थोड़ी जेली लगाते हैं।
डॉक्टर तब सिस्टोस्कोप को धीरे से ब्लैडर में डालते हैं। इस प्रक्रिया में डॉक्टरों को बेहद सावधानी बरतनी होती है। साथ ही साथ डॉक्टर उपकरण के दुसरे चैनल से पानी भी डालते रहते हैं इससे उन्हें ब्लैडर की किनारे की परत को देखने में मदत मिलती है।
अगर डॉक्टर को सिर्फ मुआयना करना हो तो सिस्टोस्कोपी ज्यादा से ज्यादा 5 से 10 मिनट तक चलती है। लेकिन वहीं अगर डॉक्टर को बायोप्सी या अन्य कुछ और टेस्ट भी करने हों तो यह थोड़ा और समय ले सकती है। बायोप्सी के कुछ सैंपल लेकर उन्हें प्रक्रिया के लिए भेजा जाता है। इसकी रिपोर्ट आने में थोड़ा समय लगता है।
सिस्टोस्कोपी (Cystoscopy) के बाद क्या होता है?
सिस्टोस्कोपी के बाद मरीज को उसी दिन घर भेज दिया जाता है। सुन्न होने का असर कब तक रहेगा यह आपको किस तरह का एनेस्थेटिक दिया गया है इसपर निर्भर करता है। साधारण एनेस्थेटिक का असर तुरंत ख़त्म हो जाता है और आप घर भी जाता है। वही कुछ एनेस्थेटिक का असर 2 से 4 घंटों तक रह सकता है। घर जाने से पहले आपको एक बार पेशाब करने के लिए कहा जाता है ताकि डॉक्टर यह जान लें कि आपको यूरिन के दौरान कोई तकलीफ तो नहीं हो रही है।
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रिपोर्ट
सिस्टोस्कोपी (Cystoscopy) की रिपोर्ट को कैसे समझें?
सिस्टोस्कोपी (Cystoscopy) की रिपोर्ट आने में कुछ दिन लग सकते हैं।
सिस्टोस्कोपी रिपोर्ट सामान्य है अगर;
- यूरेथ्रा, ब्लैडर और युरेटर्स सामान्य हैं।
- कोई पॉलीप्स या अन्य असामान्य टिश्यू नहीं हैं, सूजन, रक्तस्राव, संकीर्ण क्षेत्र (सख्ती), या संरचनात्मक असामान्यताएं नहीं हैं।
- पिछले संक्रमण या बढ़े हुए प्रोस्टेट ग्लैंड के कारण यूरेथ्रा की सूजन या संकुचन होता है।
रिपोर्ट असामान्य है अगर;
- ब्लैडर ट्यूमर,पॉलीप्स, अल्सर, पथरी या मूत्राशय की ब्लैडर में सूजन हैं।
- जन्म के बाद से यूरिनरी ट्रैक्ट की संरचना में असामान्यताएं हैं।
लेबोरेट्री या अस्पताल अनुसार सिस्टोस्कोपी के दर अलग हो सकते हैं। आप अपने डॉक्टर से इस बारे में परामर्श कर सकते हैं।
हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की मेडिकल सलाह, निदान या सारवार नहीं देता है न ही इसके लिए जिम्मेदार है।
हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में सिस्टोस्कॉपी से जुड़ी ज्यादातर जानकारियां देने की कोशिश की हैं, जो आपके काफी काम आ सकती हैं। इससे जुड़ी यदि आप अन्य जानकारी चाहते हैं तो आप हमसे कमेंट कर पूछ सकते हैं।
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