यीस्ट इंफेक्शन (Yeast infection) सीधे तौर पर फर्टिलिटी को प्रभावित नहीं करता है, लेकिन यीस्ट इंफेक्शन से वजायना के आसपास के हिस्से में खुजली, जलन पैदा होती है। इससे इंटरकोस करने का मन नहीं करता है। कैंडिड फंगस की वजह से यह इंफेक्शन होता है। आमतौर पर वजायना में एसिड का संतुलन बिगड़ने से यह बढ़ता नहीं है, लेकिन वजायना में एसिड का संतुलन बिगड़ने, कुछ एंटीबायोटिक्स या गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करने से इंफेक्शन बढ़ता है।
टाइट कपड़े पहनने से सबसे ज्यादा यीस्ट इंफेक्शन के पनपने की संभावना रहती है। हालांकि इस इंफेक्शन का प्रमुख लक्षण खुजली और सफेद डिस्चार्ज होता हैं। इसके अलावा आपको वजायना के आउटर लिप्स पर जलन, खुजली और लालिमा का अहसास भी हो सकता है।
इस इंफेक्शन का इलाज आसान है। इसमें डॉक्टर वजायनल एंटीफंगल दवाइयां देता है। ज्यादातर मामलों में यह एक सप्ताह में ठीक हो जाता है। अब सवाल उठता है कि इंफेक्शन फर्टिलिटी को कैसे प्रभावित कर सकता है? हैलो स्वास्थ्य के इस आर्टिकल में हम आपको इस बारे में बताएंगे।
यीस्ट इंफेक्शन (Yeast infection) क्या है?
यीस्ट इंफेक्शन यीस्ट नामक फंफूद से होने वाली एक समस्या है, जो महिला के योनि और गुप्तांगों को प्रभावित करती है। इंफेक्शन के कारण योनि पर दाने निकल जाते हैं, जो संक्रमण के साथ बढ़ते जाते हैं।
यीस्ट इंफेक्शन के लक्षण क्या हैं? (Yeast infection Symptoms)
यीस्ट इंफेक्शन के लक्षण निम्नलिखित हैं। जैसे:
- वजायना में खुजली, जलन, और सोरनेस होना।
- सफेद थिक डिस्चार्ज होना, इसकी स्मैल यीस्ट/ब्रेड जैसे हो सकती है।
- इंटरकोस और यूरिन पास करते वक्त जलन होना।
- वजायनल रैशेज होना और असहज महसूस करना
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यीस्ट इंफेक्शन होने के क्या कारण हैं? (Yeast infection Causes)
यीस्ट इंफेक्शन एक फंगल इंफेक्शन है, जो फफूंद के कारण होता है। यीस्ट नामक फंफूद वजायना में नमी पाते ही फैलने लगता है। जिसके बाद यह पूरी वजायना में फैलने लगता है।
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यीस्ट इंफेक्शन (Yeast infection) होना कितना सामान्य है?
यीस्ट इंफेक्शन पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा होता है। लगभग 75 प्रतिशत महिलाएं यीस्ट इंफेक्शन से पीड़ित होती है। इंफेक्शन वजायना के अलावा स्तनों पर भी हो सकता है (अगर महिला स्तनपान करा रही है तो संभावना बनती है)। यूं तो यह इंफेक्शन सेक्स करने से नहीं फैलता है, लेकिन कुछ मामलों में देखा गया है कि सेक्स करने से इंफेक्शन पार्टनर को हो जाता है। इसलिए हमेशा सुरक्षित सेक्स करना याहिए।
यीस्ट इंफेक्शन (Yeast infection) होने का सबसे ज्यादा खतरा निम्न लोगों को होता है :
- प्यूबर्टी या मेनोपॉज होने पर इंफेक्शन हो जाता है
- गर्भावस्था में यीस्ट इंफेक्शन का खतरा रहता है
- डायबिटीज होने पर भी इंफेक्शन हो जाता है
- गर्भनिरोध के इस्तेमाल से
- एंटीबायोटिक्स या स्टेरॉइड्स के इस्तेमाल से
- कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण
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यीस्ट इंफेक्शन का निदान कैसे करें? (Yeast infection Diagnosis)
यीस्ट इंफेक्शन में प्रभावित क्षेत्र की त्वचा को पोछ कर सैंपल को लैब में जांच के लिए भेजा जाता है। जांच में कंफर्म किया जाता है कि इंफेक्शन कैंडिडा फंगस के द्वारा हुआ है। फिर उसी आधार पर इलाज किया जाता है।
यीस्ट इंफेक्शन का इलाज कैसे होता है? (Yeast infection Treatment)
यीस्ट इंफेक्शन होने पर एंटीफंगल दवाओं से इलाज किया जाता है। माइकॉनाजेल या टायोकॉनाजोल जैसी दवाओं को डॉक्टर यीस्ट इंफेक्शन में देते हैं। लेकिन ये दवाएं बिना डॉक्टर के परामर्श के न खाएं।
क्या फर्टिलिटी (Fertility) यीस्ट इंफेक्शन (Yeast infection) से प्रभावित होती है?
यीस्ट इंफेक्शन फर्टिलिटी को प्रभावित करता है या नहीं? इसके अभी पर्याप्त सुबूत नहीं मिले हैं, जिससे यह पता चलता हो कि इस इंफेक्शन से पीड़ित महिलाओं को इनफर्टिलिटी हो सकती है। हालांकि इंफेक्शन आपके इंटरकोस को असहज बना सकता है।
यह इंफेक्शन सेक्स लाइफ को कहीं न कहीं प्रभावित करता है। बार-बार इंफेक्शन होने से यह वजायना के अंदर के फ्लोरा को असंतुलित कर देता है, जिससे स्पर्म का यूटरस तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है। हालांकि कैंडिडा की ओवरग्रोथ होने से स्पर्म नष्ट नहीं होते हैं, लेकिन इंफेक्शन सर्वाइकल म्यूकस में बार बार बदलाव करता है। इससे स्पर्म को गर्भाशय के मुख तक पहुंचने में मुश्किल होती है।
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आंत में फैलकर कर सकता है प्रभावित
यदि आपको यीस्ट इंफेक्शन है, तो इसके शरीर के दूसरे हिस्सों में पहुंचने की संभावना प्रबल होती है। वजायना के ओपनिंग एरिया से महिलाओं का डायजेस्टिव सिस्टम जुड़ा होता है। ऐसे में कैंडिडा फंगस की ओवरग्रोथ होने पर यह बॉडी के दूसरे हिस्सों में पहुंच सकता है।
इंटेस्टाइन में यीस्ट की ओवरग्रोथ होने से यह भोजन से पोषक तत्वों को सोखने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है। वहीं फर्टिलिटी के लिए बॉडी का खाने से संपूर्ण पोषक तत्वों का सोखना बेहद ही जरूरी है। इंटेस्टाइन में फैलने से यह हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम और खाने के डायजेशन को प्रभावित कर सकता है। इससे फर्टिलिटी प्रभावित होगी।
यीस्ट इंफेक्शन (Yeast infection) से ऐसे बढ़ सकती है इनफर्टिलिटी (Infertilty) की समस्या
वजायनल फ्लोरा या वजायनल माइक्रोबायोटा माइक्रोओर्गानिज्म (सूक्ष्म जीव) जो वजायना को बैक्टीरिया और वायरस से प्रोटेक्ट करते हैं। इस इंफेक्शन की वजह से इन्हें नुकसान पहुंचता है। इससे वजायनल म्युकस का संक्रमण या बीमारी (जो बाद में फर्टिलिटी से संबंधित समस्याएं पैदा करते हैं) से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। इस इंफेक्शन से शरीर के रोग रोधी तंत्र में दिक्कत हो सकती है। ऐसी स्थिति में यदि आपको फर्टिलिटी से संबंधित अन्य समस्या है और आप उससे उबरने की कोशिश कर रही हैं तो यह और मुश्किल हो सकता है।
यीस्ट इंफेक्शन से एग्स का फर्टिलाइजेशन हो जाता है मुश्किल (Yeast infection makes fertilization of eggs difficult)
इसके के इलाज में कुछ किस्म की एंटी फंगल क्रीम का इस्तेमाल किया जाता है। यह वजायना के पीएच को असंतुलित करती है। इस स्थिति में यदि आप सेक्स करती हैं तो स्पर्म का एग्स तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है, जिसकी वजह से एग्स फर्टिलाइज नहीं हो पाते। इस पूरे घटनाक्रम के नतीजतन आप गर्भधारण नहीं कर पाती हैं।
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यीस्ट इंफेक्शन (Yeast infection) कितने समय तक रहता है?
एक सामान्य यीस्ट इंफेक्शन को साफ होने में कुछ दिनों से हफ्तों तक का समय लग सकता है। इसके अलावा यदि स्थिति गंभीर या मध्यम है तो संक्रमण को ठीक होने में 2 से 3 हफ्तों का समय लग सकता है।
हालांकि कई मामलों में यीस्ट इंफेक्शन अपने आप ही ठीक हो जाता है, लेकिन फिर भी आपको सावधानी बरतने की बेहद आवश्यकता पड़ सकती है।
यीस्ट इंफेक्शन के अपने आप ही ठीक होने की संभावना व्यक्ति दर व्यक्ति निर्भर करती है। इसलिए यदि आप यीस्ट संक्रमण का इलाज नहीं करवाते हैं, तो उसके अधिक गंभीर होने की आशंका रहती है।
ऐसे में यीस्ट इंफेक्शन के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
यीस्ट इंफेक्शन से बचने के लिए क्या हैं घरेलू उपाय? (Home remedies for Yeast Infection)
यीस्ट इंफेक्शन (Yeast infection) की परेशानी को दूर करने के लिए निम्नलिखित घरेलू उपाय अपनाएं जा सकते हैं। जैसे:
नारियल तेल (Coconut oil): नारियल तेल यीस्ट इंफेक्शन की परेशानी को दूर करने के लिए बेहद गुणकारी माना जाता है, क्योंकि इसमें एंटीफंगल गुण मौजूद होते हैं। दरअसल एंटीफंगल गुण होने की वजह से यह खुजली जैसी तकलीफ को दूर करने में सहायक होता है। अगर आपको यीस्ट इंफेक्शन की समस्या होती है, तो संक्रमित हिस्से पर नारियल का तेल लगाने से लाभ मिल सकता है।
दही (Cured): त्वचा के लिए दही का इस्तेमाल तो हमसभी जानते हैं, लेकिन यीस्ट इंफेक्शन (Yeast infection) की परेशानी को भी दही से दूर किया जा सकता है। यीस्ट इंफेक्शन वाली जगहों पर दही लगाकर कुछ घंटों के लिए रहने दें। इस दौरान ध्यान रखें की दही ताजी हो और इसमें कुछ भी मिला हुआ जैसे चीनी या कोई अन्य खाने-पीने की चीजें शामिल न हों। कुछ घंटों के बाद आप इसे ताजे पानी से क्लीन कर लें।
टी ट्री ऑयल (Tea Tree Oil): स्किन प्रॉब्लम को दूर करने के लिए और त्वचा को जवां-जवां बनाये रखने के लिए टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन टी ट्री ऑयल से यीस्ट इंफेक्शन की तकलीफ को भी दूर करने में सहायता मिल सकती है। टी ट्री ऑयल में मौजूद एंटी फंगल गुण यीस्ट इंफेक्शन (Yeast infection) जैसी समस्याओं के लिए रामबाण माना जाता है। इसलिए इस परेशानी को दूर करने के लिए इंफेक्शन वाले एरिया पर टी ट्री ऑयल लगाएं और तक़रीबन दो से तीन घंटों के बाद ताजे पानी से वॉश करें। आप ऐसे एक दिन में दो बार कर सकती हैं :
नोट: गर्भवती महिलाओं को यीस्ट इंफेक्शन होने पर टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसलिए अगर आप गर्भवती हैं, तो डॉक्टर से सलाह लें और उनके बताये निर्देशों का पालन करें।
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इन बातों का रखें ध्यान
इंफेक्शन को रोकने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखें :
- हॉट बाथ और हॉट टब का इस्तेमाल न करें
- अगर आप किसी तरह का कॉस्मेटिक गुप्तांगो पर इस्तेमाल कर रही हैं, तो आप उसे बदल लें, हो सकता है आपको उसके केमिकल से एलर्जी हो
- अगर आपको डायबीटिज है, तो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करें।
हम उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में यीस्ट इंफेक्शन से जुड़ी जानकारी दी गई है। यदि आप इसके बारे में अन्य जानकारी पाना चाहते हैं तो बेहतर होगा इसके लिए आप किसी विशेषज्ञ से कंसल्ट करें। वहीं अगर आप यीस्ट इंफेक्शन (Yeast infection) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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