फंक्शन
बीकोस्यूल्स कैसे काम करता है?
बीकोस्यूल्स का इस्तेमाल शरीर में मल्टीविटामिन की कमी के लिए किया जाता है। इसका सेवन कई प्रकार की समस्या या बीमारी जैसे एक्ने, हेयर लॉस, एनीमिया, मसल्स क्रैंप और डायरिया जैसी बीमारी से निजात पाने के लिए किया जाता है। कई बार डॉक्टर शरीर में विटामिन बी12 की कमी होने पर, हाई कोलेस्ट्रोल होने की स्थिति में बीकोस्यूल्स देते हैं। खाद्य पदार्थों के सेवन से यदि किसी को संपूर्ण मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिलते हैं तो उस स्थिति में व्यक्ति को यह दवा दी जाती है। बीकोस्यूल्स की गोली को विटामिन बी काॅम्पलेक्स के विटामिन बी 12, बी1, बी2, बी6, बी3 व फॉलिक एसिड के साथ विटामिन सी और कैल्शियम पेंटोथिनेट के मिश्रण से तैयार किया जाता है।
दवा का कैमिकल कंपोजिशन
बीकोस्यूल्स में विटामिन बी1 (थायमीन) 10 एमजी, विटामिन बी2 (रिबोफ्लेविन) 10 एमजी, विटामिन बी 3 (नियासिनामाइड) 100 एमजी, विटामिन बी 6 (फाइरिडॉक्सीन) 3 एमजी, विटामिन बी7 बायोटीन 100 एमसीजी, विटामिन बी 9 (फॉलिक एसिड) 1.5 एमजी, विटामिन बी 1 (साइनोकोब्लेमिन), विटामिन ए, विटामिन सी (एलरकोर्बिक एसिड) 150 एमजी, कैल्शियम पेंथोथिनेट (50 एमजी) का इस्तेमाल कर इस दवा को तैयार किया जाता है।
डोसेज
बीकोस्यूल्स (Becosules) का सामान्य डोज क्या है?
बीकोस्यूल्स दवा मरीज की उम्र और हेल्थ कंडीशन पर निर्भर करता है, इन तमाम चीजों को आंकने के बाद ही डॉक्टर डोज की मात्रा तय करते हैं। सामान्य तौर पर एक टेबलेट या कैप्सूल लेने की सलाह दी जाती है। इसे खाने के साथ या खाने के बाद मरीज के स्वास्थ्य को देखते हुए लेने की सलाह दी जाती है। डोसेज में परिवर्तन सिर्फ डॉक्टरी सलाह पर ही निर्भर करता है। यह दवा कोई एक खास मात्रा में नहीं बनती बल्कि यह कई प्रकार से पैक की हुई मार्केट में उपलब्ध है। जैसे बीकोस्यूल्स 100 एमसीजी, बीकोस्यूल्स 15 एमसीजी, बीकोस्यूल्स3 एमसीजी, बीकोस्यूल्स 1.5 एमसीजी, बीकोस्यूल्स 10 एमसीजी सहित अन्य।
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अगर बीकोस्यूल्स का डोज मिस हो जाए तो क्या करना चाहिए?
यदि आप दवा की एक खुराक लेना भूल जाए तो उस स्थिति में जितना जल्द संभव हो दवा का सेवन करें। यदि दूसरी खुराक लेने का समय आ जाए तब दवा खुराक से ज्यादा दवा का सेवन न करें। यदि आप बार- बार दवा का सेवन नहीं करेंगे तो उस स्थिति में हो सकता है कि इसका प्रभाव न हो।
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उपयोग
मुझे बीकोस्यूल्स (Becosules) का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए?
बीकोस्यूल्स का इस्तेमाल कुछ खास प्रकार की बीमारी के साथ समस्याओं के उपचार के लिए किया जाता है। जैसे;ओरल अल्सर, हिपेटोबिलेरी ट्रैक्ट डिजीज (Hepatobiliary tract disease), ग्लॉस्सिटिस, स्सटोमैटेटिस, हिलिओसिस (Cheilosis), एलोपीसिया, एक्ने, खराब खानपान के कारण उत्पन्न समस्याएं जैसे शराब पीने के कारण, डायबिटीज और ओबेसिटी के साथ उम्र बढ़ने में इसका इस्तेमाल होता है।
बीमारी के कारण शरीर में होने वाले बदलाव जैसे फेब्रिल इलनेस (febrile illness), बुखार, क्रॉनिक इंफेक्शन, सर्जरी के बाद, फ्रैक्चर की स्थिति में इसका उपयोग किया जाता है। इसके अलावा डायरिया, मालन्यूट्रिशन और लगातार वजन गिरने के कारण शरीर को न्यूट्रिएंट्स न मिल पाने के कारण इस दवा का इस्तेमाल किया जाता है।
वहीं विटामिन बी 12 की कमी के कारण एनीमिया, न्यूट्रिशन की कमी, प्रेग्नेंसी और शरीर में फॉलिक एसिड की कमी होने पर, शरीर में कुछ विटामिन्स जैसे बी12, बी3, फोलेट, बायोटिन, ए और सी की कमी होने से दवा दी जाती है। वहीं हार्ट डिजीज, हायपोफोस्फेथिमिया (Hypophosphatemia ) और हायोपोकेल्शिमिया (hypocalcemia), मेंटल डिसऑर्डर, आस्टियोऑर्थेराइटिस, अल्जाइमर्स, स्किन व हेयर ग्रो, माइग्रेन, हाई कोलेस्ट्रोल, एलोपीसिया, मसल्स क्रैंप, स्कर्वी, सेबोरिक डर्मेटेटाइटिस, फोलेट डेफिशिएंशी, अर्मिक ऑस्टेडोस्ट्रोफी (Uremic osteodystrophy), अनुवांशिक, बाल की कमी, बाल का भूरा होना, सप्लिमेंट्स, सेलिसिलेट टॉक्सीसिटी, क्लोगिंग ऑफ आर्टरीज, कैथरेरल रेस्पीरेटरी डिसऑर्डर (Catarrhal Respiratory Disorders), कंजीनाइटल हापोथायरोडिज्म, स्ट्रीपेक्टोमाइसीन न्यूरोटॉक्सिटी (Streptomycin neurotoxicity), मेंटल डिस्ऑर्डर और कंजीनेटेव डिसऑर्डर, सेबोरिक डर्मेटेटाइटिस (Seborrheic dermatitis), डायबिटीज, कार्नस आदि में इस दवा का इस्तेमाल किया जा सकता है।
यह स्वभाविक है कि इसके अलावा दूसरी बीमारी या हेल्थ कंडिशिन हैं जिनमें इस दवा का इस्तेमाल किया जाता है।
- शरीर में रेड ब्लड सेल्स को बढ़ाने के लिए
- स्वास्थ्य सुधार या सेल्स बढ़ाने के लिए
- दिमाग की तंदरुस्ती बढ़ाने के लिए
- एनर्जी लेवल बढ़ाने के लिए
- आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए
- भूख बढ़ाने के लिए
- पाचन शक्ति को सुधारने के लिए
- नर्व फंक्शन को सुचारू रूप से काम करवाने के लिए
- रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए
- बॉडी टिशू को रिपेयर करने के लिए (इसके लिए विटामिन सी का भी इस्तेमाल किया जाता है)
विभिन्न लक्षणों को देख एक्सपर्ट देते हैं दवा
विभिन्न प्रकार के लक्षणों को देखने के बाद ही एक्सपर्ट बीकोस्यूल्स की दवा का सुझाव देते हैं। यह काफी मुश्किल होता है कि सही कारणों का पता चल पाए। इसके लिए एक्सपर्ट कई प्रकार के ब्लड टेस्ट, स्कैन कर बीमारी का पता करते हैं। ऐसे में ट्रीटमेंट को लेकर काफी आसानी हो जाती है। इतना ही नहीं टेस्ट की रिपोर्ट को स्टडी करने के बाद कई बार डॉक्टर बीकोस्यूल्स के साथ कोई और दवा लेनी है या नहीं उसके बारे में भी सुझाव देते हैं।
सामान्य तौर पर कुछ ब्लड टेस्ट हैं जिसकी जांच के बाद ही एक्सपर्ट इस दवा का सुझाव देते हैं। उनमें सीबीसी ब्लड टेस्ट है, इसमें कंप्लीट ब्लड काउंट पैनल की जांच की जाती है, विटामिन बी 12 ब्लड टेस्ट की जांच कर विटामिन बी 12 की शरीर में कमी है या नहीं इसके बारे में पता किया जाता है। लिपिड प्रोफाइल ब्लड टेस्ट की जांच कर शरीर में कोलेस्ट्रोल लेवल की जांच की जाती है, टीएसएच ब्लड टेस्ट में शरीर में टीएसएच के लेवल यानी थायरॉयड स्टीम्यूलिटिंग हार्मोन के साथ ऑस्टियोआर्थराइटिस की जांच करने के लिए बोन डेंसिटी टेस्ट की जांच कर सकते हैं।
क्या इसके लिए एक्सपर्ट की पर्ची की जरूरत है
अलग-अलग मरीजों के हेल्थ कंडिशन को देखते हुए बीकोस्यूल्स दी जा सकती है। मरीज के हेल्थ कंडिशन को देखते हुए और उसके लक्षणों की जांच करने के बाद ही सिर्फ डॉक्टर ही दवा का सुझाव दे सकते हैं। बिना डॉक्टरी सलाह के दवा का सेवन नही करना चाहिए।
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साइड इफेक्ट्स
बीकोस्यूल्स (Becosules) के क्या साइड-इफेक्ट्स हो सकते हैं?
इसके उपयोग से निम्न साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।
- सिर दर्द
- कुछ समय के लिए डायरिया
- क्रैंप्स
- खुजली
- चकत्ते
- मुंह में कड़वा स्वाद आना
- सोर थ्रोट (गले में दर्द)
- थकान
- सिर चकराना
- मसल्स में कमजोरी
- शरीर में सूजन
- जी मचलाना
- गैस
- इरीटेशन
- कंफ्यूजन
- कुछ समय के लिए बेहोशी
- मुंह का ड्राय होना
- कब्जियत
- पैर में दर्द
- लीवर में सूजन
- सीने में दर्द
- एलर्जिक रिएक्शन
- सूजन
गंभीर साइड इफेक्टस को भी जानें
वैसे तो इस दवा का सेवन करने से ऐसा काफी कम ही देखा गया है कि लोगों को इस प्रकार के साइड इफेक्ट्स का सामना करना पड़ता हो, लेकिन यह साइड इफेक्ट रेयर होने के साथ जानलेवा भी हैं। यदि किसी में इस प्रकार के लक्षण दिखते हैं तो उन्हें जल्द से जल्द डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए, नहीं तो स्थिति और भी ज्यादा बिगड़ सकती है। इन साइड इफेक्ट्स को भी जानें वहीं लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
- कंजीनाइटल हार्ट प्रॉब्लम
- दवा लेने के बाद तुरंत पेशाब लगने का एहसास होना
- बालों का रूखापन
- सिर चकराना
- स्किन रैश
- एलर्जिक रिएक्शन
- डायरिया
- ज्यादा प्यास लगना
- पेशाब के रंग का बदलना
- फोकस न कर पाना
- स्टमक डायजेशन से संबंधित समस्या का होना
- एनोरेक्सिया (Anorexia)
- अल्सर
- ओवरएक्टिविटी
- जी मचलाना
- पेट फूलना
- ध्यान केंद्रित न कर पाना
- चिड़चिड़ापन
- जीभ और होंठों का फूलना
- सांस लेने में परेशानी
- लिवर टॉक्सिटी
- फेस स्टिफनेस
- एकाएक वजन का बढ़ना
- सही से फैसला न ले पाना
- सूजन
- हार्टबर्न
- सांस लेने में परेशानी
- हार्ट फेलियर
- खुजली
- आंखों के आगे नीला छाना
- इंजेक्शन देने वाली जगह पर दर्द व सूजन होना
- फाइब्रोसिस होने के कारण ब्लड वेसल्स का ब्लॉक होना
- बेचैनी
- नर्व का सही से काम न कर पाना
- शरीर में विटामिन बी 12 की कमी
- छोती आंत से बाइल सिकरेशन का कम होना या न हो पाना
- उल्टी का एहसास
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सावधानियां और चेतावनी
बीकोस्यूल्स (Becosules) का इस्तेमाल करने सेपहले मुझे क्या जानना चाहिए?
गर्भवती महिलाओं के साथ महिलाएं जो स्तनपान कराती हैं उन्हें दवा का सेवन करने के पहले डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए। बिना डॉक्टरी सलाह के इसका कतई सेवन न करें। यदि आप विटामिन या हर्बल सप्लिमेंट का सेवन करती हैं तो उस स्थिति में भी डॉक्टरी सलाह जरूर लें, यदि आप किसी अन्य बीमारी से पीड़ित हैं और उसके लिए दवा का सेवन कर रही हैं तो उस स्थिति में भी डॉक्टर को पूरी बात बताना जरूरी हो जाता है। उसके अलावा इन बातों का रखें ख्याल;
- डॉक्टर के कहे अनुसार ही खुराक लें। ओवरडोज, कम डोज न लेकर डॉक्टर के बताए समय के अनुसार ही सेवन करें।
- बीकोस्यूल्स का सेवन करने के दौरान विटामिन 12 का सेवन नहीं करना चाहिए। पेरनिसियस एनीमिया और मेगालोब्लास्टिक एनीमिया में विटामिन बी 12 की कमी होने पर ये दवा दी जाती है।
- यदि आप कोई थेरिपी ले रहे हैं तो डॉक्टर को इसकी जानकारी जरूर दें, उसके बाद ही दवा का सेवन करें।
- शराब के साथ दवा का सेवन कतई न करें, ऐसे में एल्कोहॉलिक सिरिओसिस होने की संभावनाएं बढ़ जाती है, शराब का सेवन करने से कई और नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं।
- डायबिटीज की बीमारी होने पर डॉक्टर को बताएं।
- खाली पेट दवा का सेवन कतई न करें।
- स्टेयरॉयड के साथ दवा का सेवन न करें।
- दवा का सेवन करने पर यदि दुष्प्रभाव दिखें तो डॉक्टर को सूचित करें।
- यदि दवा का सेवन करने के बाद आप गाड़ी या फिर हेवी मशीन चलाते हैं और आपको चक्कर आना, सिर दर्द, आंखों के सामने अंधेरा जैसे लक्षण आते हैं तो आपको तुरंत दवा का सेवन छोड़ देना चाहिए
- जितना सुझाव दिया है उससे अतिरिक्त दवा का सेवन कतई नहीं करना चाहिए।
- दवा का सेवन करने के पूर्व एक्सपायरी डेट को जरूर देखना चाहिए।
- बीकोस्यूल्स पानी में आसानी से घुल जाती हैं। यदि आप ओवरडोज लेते हैं तो उस स्थिति में ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाता क्योंकि यह यूरिन के रास्ते आसानी से निकल जाता है, वहीं यदि किसी को किडनी की बीमारी है तो यह निकलने की बजाय किडनी में जा सकती है।
- बुजुर्गों और बच्चों को दवा का सेवन करने को नही कहा जाता है जब तक डॉक्टर सुझाव न दें।
- यदि आपको कोबाल्ट से एलर्जी है तो उस स्थिति में बिना डॉक्टरी सलाह के इस दवा का सेवन करने की सलाह नहीं दी जाती है।
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रिएक्शन
कौन सी दवाइयां बीकोस्यूल्स (Becosules) के साथ रिएक्शन कर सकती हैं?
यदि आप कुछ खास प्रकार का खानपान के साथ बीकोस्यूल्स का सेवन करते हैं तो उस स्थिति में नुकसान हो सकता है या फिर यूं कहें रिएक्शन हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि सेवन करने के पूर्व इन बातों का ख्याल रखें। इसलिए जरूरी है कि यदि आप पहले से कोई दवा का सेवन करते हैं तो या शराब और अन्य तरह के खाद्य पदार्थ का सेवन करते हैं तो उसके बारे में डॉक्टर को बताएं, तभी दवा का सेवन करें। निम्न दवाओं के साथ बीकोस्यूल्स रिएक्शन कर सकता है।
- शराब
- एंटी डायबिटिक ड्रग्स
- एमीनोफाइलीन (Aminophylline)
- एलोपूरनिनोल (Allopurinol)
- आर्सेनिक ट्राइऑक्साइड
- एबेकेविर (Abacavir)
- एट्रोफिन (Atropine)
- बारबीटूरेट्स (Barbiturates)
- बिसहाइड्रोक्सीक्यूमेरियन (Bishydroxycoumarin)
- एटोरवेस्टेटिन
- कारबेमेजिफिन (Carbamazepine)
इसके अलावा क्लोसफेनिकोल (Chloramphenicol), क्लोरोथियाजिड (Chlorothiazide), क्लोरोप्रोमेजिन (Chlorpromazine), क्लोरोथैलिडन, कोलेस्ट्रेमीन, क्लोनेडीन, क्लोजेफीन, डेसोजिस्ट्रिल, डिजोक्सीन, एरिथ्रोमाइसिन, फ्लूवोक्सामाइसिन, फॉलिक एसिड, आयरन साल्ट, पैरासिटामोल, सहित अन्य दवाओं का सेवन कर रहें हो तो बीकोस्यूल्स का उपयोग करने से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लेनी चाहिए।
स्टोरेज
मैं बीकोस्यूल्स (Becosules) को कैसे स्टोर करूं?
दवा को घर में सामान्य रूम टेम्प्रेचर पर ही रखें। कोशिश करें कि उसे सूर्य की किरणों से बचाकर रखें। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो यह दवा सामान्य रूप से काम नहीं कर पाएगी। इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए डाॅक्टरी सलाह लें।
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