फंक्शन
सिजोडोन (Sizodon) कैसे काम करती है?
सिजोडोन 0.5 एमजी टैबलेट एक प्रकार की एंटीसाइकॉटिव दवा है। इस दवा को रिस्पेरिडोन (Risperidone) 0.5 एमजी टैबलेट नामक तत्व से तैयार किया गया है। सिजोफ्रेनिया सहित मानसिक बीमारी से जुड़े मामलों में इस दवा को देकर मरीज का इलाज किया जाता है। बता दें कि इस दवा का सेवन करने की सलाह पांच साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं दी जाती है। संभावनाएं रहती हैं कि इस दवा का सेवन करने से उनकी स्थिति बिगड़ सकती है। वहीं जरूरी है कि बिना डॉक्टरी सलाह लिए ना तो दवा का सेवन करें और ना ही दवा को छोड़ें। वहीं इस दवा का इस्तेमाल बाइपोलर डिसऑर्डर के साथ ऑटिस्टिक डिसऑर्डर से संबंधित बीमारी व इरीटेबिलिटी को ठीक करने के लिए होता है।
डोसेज
सिजोडोन (Sizodon) का सामान्य डोज क्या है?
व्यस्कों को यह दवा एक एमजी दिन में दो बार सेवन करने की सलाह दी जाती है। वहीं एक से दो एमजी करके दवा की खुराक बढ़ाई जाती है। एक ही बार में अधिकतम खुराक नहीं दी जाती है। हर 24 घंटे में दवा की खुराक को बढ़ाते हुए चार से आठ एमजी तक मरीज को दवा दी जा सकती है। वहीं बुजुर्गों की बात करें तो उन्हें यह दवा दिन में दो बार 0.5 एमजी लेने की सलाह दी जाती है। ऐसा डॉक्टरी सलाह के बाद करने को कहा जाता है। अब बच्चों की बात करें तो उन्हें दिन में एक बार दवा शुरुआत में 0.5 एमजी लेने की सलाह दी जाती है। वहीं क्लीनिकल कंडिशन को भांपते हुए डोज बढ़ाया जा सकता है।
ओवरडोज या आपात स्थिति में मुझे क्या करना चाहिए?
डॉक्टर के सुझाए डोज से यदि आप ज्यादा मात्रा में डोज का सेवन करते हैं तो जरूरी है कि जल्द से जल्द आप डॉक्टरी सलाह लें। इस परिस्थिति में आपको मेडिकल इमरजेंसी तक की जरूरत पड़ सकती है।
सिजोडोन (Sizodon) की खुराक मिस हो जाए तो क्या करूं?
यदि आप टैबलेट का सेवन करना भूल जाते हैं तो उस परिस्थिति में जरूरी है कि जितनी जल्दी आपको याद आए दवा का सेवन करें। यदि अगली खुराक का समय हो गया है तो छुटी हुई खुराक को भूल जाएं और पहले से निर्धारित दवा का सेवन करें। लोगों को डबल डोज से बचना चाहिए।
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उपयोग
सिजोडोन (Sizodon) का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए?
सिजोडोन दवा का सेवन आप चाहें तो खाने के साथ या बिना भोजन के सिर्फ पानी के साथ कर सकते हैं। खाने के बाद यदि इसका सेवन करेंगे तो काफी फायदा पहुंचेगा और स्टमक संबंधी परेशानी भी नहीं होगी, लेकिन जरूरी है कि पहले डॉक्टरी सलाह ली जाए, उसके बाद ही दवा का सेवन शुरू करें।
सिजोडोन टैबलेट के सेवन को लेकर जरूरी है कि खुराक संबंधी डॉक्टर के दिए दिशा- निर्देशों का पालन करना चाहिए। वहीं इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि डॉक्टर के द्वारा सुझाए गए डोज से न कम और न ही ज्यादा मात्रा में इसका सेवन करना चाहिए। दवा के सेवन को लेकर रिएक्शन होता है या फिर स्थिति और गंभीर होती है तो जरूरी है कि जल्द से जल्द इमरजेंसी ट्रीटमेंट करवाएं। दवा का सेवन डॉक्टर से पूछकर और दवा को छोड़ने संबंधी निर्णय भी डॉक्टर से पूछकर ही करना चाहिए।
सिजोडोन का इन बीमारियों का इलाज करने के लिए होता है इस्तेमाल
सिजोफ्रेनिया (Schizophrenia) : गंभीर और क्रॉनिक मेंटल डिसऑर्डर जैसे सिजोफ्रेनिया की बीमारी का उपचार करने के लिए इस दवा को इस्तेमाल में लाया जाता है। वहीं ऐसे लोग जो सामाजिक रूप से अच्छा व्यवहार नहीं करते और ना ही अच्छे से सोच पाते हैं उन्हें ठीक करने के लिए इस दवा का इस्तेमाल किया जाता है।
बाइपोलर डिसऑर्डर (Bipolar disorder) : इस दवा का इस्तेमाल बाइपोलर डिसऑर्डर जिसे मैनिक डिप्रेसिव इलनेस भी कहा जाता है, के इलाज में किया जाता है। इस बीमारी के होने से असमान्य रूप से व्यक्ति का मूड बदल जाता है।
ऑटिज्म : इस दवा का इस्तेमाल ऑटिज्म बीमारी का उपचार में किया जाता है ताकि मरीज सामान्य लोगों की तरह बात करें व सामाजिक भागीदारी में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले।
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साइड इफेक्ट्स
सिजोडोन (Sizodon) के क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
सिजोडोन का सेवन करने से निम्न प्रकार के साइड इफेक्ट हो सकते हैं।
- बैलेंस न बना पाना
- देखने में परेशानी
- स्किन रैशेज
- पीठ दर्द
- बोलने की शैली में एकाएक बदलाव
- कंफ्यूजन
- सिर चकराना
- भूख में कमी
- कब्जियत
- ड्राय माउथ
- वजन बढ़ना
- बॉडी पेन
- लिबिडो में कमी
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सावधानी और चेतावनी
सिजोडोन (Sizodon) का इस्तेमाल करने से पहले मुझे क्या जानना चाहिए?
यदि आपको इस बात की जानकारी है कि इस दवा में पाए जाने वाले तत्वों से आपको एलर्जी है तो ऐसे में इस दवा का सेवन नहीं करना चाहिए।
- सिजोफ्रेनिया की बीमारी से ग्रसित 13 साल से कम उम्र के बच्चों को इस दवा का सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है। बाइपोलर डिसऑर्डर से ग्रसित 10 साल से कम उम्र के बच्चों को इस दवा का सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है। संभावनाएं रहती हैं कि दवा का सेवन करने से उनको स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं।
- बुजुर्गों के लिए : बेहद सावधानीपूर्वक इस दवा को बुजुर्गों को दिया जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि संभावनाएं रहती हैं कि उनको ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन या फिर किडनी इंज्युरी की समस्या हो सकती है।
- ड्राइविंग या हैवी मशीन चलाने को लेकर : इस दवा का सेवन करने के कारण कुछ मरीजों को सिर चकराना या उनींदापन के लक्षण महसूस हो सकते हैं। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि दवा का सेवन करने के बाद न तो ड्राइविंग करें और न हैवी मशीन ऑपरेट करें।
क्या प्रेग्नेसी या ब्रेस्टफिडिंग के दौरान सिजोडोन (Sizodon) को लेना सुरक्षित है?
गर्भवती महिलाओं के मामले में सिजोडोन का सेवन तब तक नहीं करना चाहिए जब तक यह एकदम जरूरी न हो जाए। इसलिए जरूरी है कि डॉक्टर से रिस्क व बेनिफिट्स पर पहले से ही चर्चा कर लें। वहीं शिशु को दूध पिलाने वाली महिलाओं को इस दवा का सेवन करने की सलाह नहीं दी जाती है।
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रिएक्शन
कौन-सी दवाइयां सिजोडोन (Sizodon) के साथ रिएक्शन कर सकती हैं?
वैसे तो हर दवा हर व्यक्ति पर अलग-अलग तरीके से रिएक्ट करती है। इस दवा को लेने से पहले भी इसके रिएक्शन को लेकर डॉक्टरी सलाह जरूर लेना चाहिए। ताकि उसके रिएक्शन से समय रहते बचा जा सके।
इन दवाओं के साथ सिजोडोन के रिएक्शन की है संभावना :
- क्लोजापीन (Clozapine)
- ट्रेमाडोल (Tramadol)
- एंटीडाबिटिक मेडिसिन (Anti diabetic medicines)
- एंटीहाइपरटेंटेटिव्स (Anti-hypertensives)
- लीवोडोपा (Levodopa)
क्या सिजोडोन (Sizodon) भोजन या एल्कोहॉल के साथ रिएक्शन करती है?
इस दवा का सेवन करने के साथ शराब का सेवन करने की सलाह डॉक्टर नहीं देते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि लोगों को दवा के साथ शराब का सेवन करने से नींद आना, सिर चकराना, निर्णय न ले पाना, एकाग्र करने में परेशानी आ सकती है। इतना ही नहीं इस दवा का सेवन करने के बाद डॉक्टर सलाह देते हैं कि संभव हो सके तो गाड़ी न चलाएं। हैवी मशीन पर काम न करें, ऑपरेट न करें।
क्या सिजोडोन आपकी हेल्थ कंडिशन को प्रभावित कर सकती है?
निम्न बीमारियों के साथ रिएक्शन की रहती हैं संभावनाएं
- डिमेंशिया : डिमेंशिया से संबंधित मरीज साइकोसिस से ग्रसित होते हैं। संभावनाएं रहती हैं कि उनकी बीमारी कहीं और न बढ़ जाए। ऐसे मरीजों में निमोनिया के कारण हार्ट फेलियर का खतरा रहता है। यह खतरा सामान्य लोगों की तुलना में बुजुर्गों में ज्यादा रहता है। ऐसे में जरूरी है कि मरीजों की क्लीनिकल कंडिशन को देखते हुए वैकल्पिक दवाओं का इस्तेमाल मरीज के इलाज के लिए किया जाना चाहिए।
- लिवर डिजीज : लिवर डिजीज से ग्रसित मरीजों की बात करें तो बेहद जरूरी मामलों में ही इस दवा को मरीज को दिया जाता है। वही ऐसे मरीजों का समय समय पर हेपेटिक फंक्शन की जांच कराना जरूरी हो जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि संभावनाएं रहती है कि यदि मरीज सिजोडोन दी जाए तो उनके लक्षण बढ़ सकते हैं। इस मामले में डॉक्टरी सलाह अनुसार मरीज की क्लीनिकल कंडिशन को देखते हुए डोज एडजस्टमेंट कर सकते हैं।
- किडनी डिजीज : किडनी डिजीज से ग्रसित मरीजों की बात करें तो बेहद ही जरूरी मामलों में इस दवा को मरीज को दिया जाता है। ऐसे मरीजों का समय-समय पर किडनी फंक्शन की जांच कराना जरूरी हो जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि संभावनाएं रहती हैं कि यदि इस दवा को मरीज को दिया जाए तो उनके लक्षण बढ़ सकते हैं। इस मामले में डॉक्टरी सलाह अनुसार मरीज की क्लीनिकल कंडिशन को देखते हुए डोज एडजस्टमेंट कर सकते हैं।
- न्यूरोपैथिक मेलिग्नेंट सिंड्रोम : संभावनाएं रहती हैं कि सिजोडोन दवा का सेवन करने से न्यूरोपैथिक मैलिग्नेंट सिंड्रोम की बीमारी न हो जाए। इस बीमारी में शरीर के तापमान में एकाएक वृद्धि हो जाती है, मांसपेशियों में ऐंठन, चेतना बदल जाती है। इस प्रकार के लक्षण दिखने पर जरूरी है कि पेरेंट्स को दवा का सेवन नहीं करवाना चाहिए। वहीं इस दवा की बजाय वैकल्पिक दवाओं को इस्तेमाल करना फायदेमंद होता है।
- टारडिव डिस्किनीशिया (Tardive dyskinesia) : इस दवा का सेवन करने से मरीज में विभिन्न प्रकार के लक्षण दिखने को मिल सकते हैं, जैसे जीभ, होंठ और चेहरे में असामान्य हाव-भाव। इसलिए जरूरी है कि ऐसे लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए। इस मामले में मरीज की क्लीनिकल कंडिशन को देखते हुए डोज एडजस्टमेंट की जरूरत पड़ती है।
- डायबिटीज और डिस्लीपीडिमिया (Diabetes and Dyslipidemia) : संभावनाएं रहती हैं कि इस दवा का सेवन करने से मरीज का ब्लड ग्लूकोज लेवल और लिपिड लेवल बढ़ सकता है। इसलिए जरूरी है कि यह दवा देने के दौरान मरीज का समय-समय पर ब्लड ग्लूकोज लेवल और वजन का नियमित रूप से चेकअप किया जाए।
- सीजर्स : ऐसे मरीज जिनको सीजर्स हो या फिर सीजर्स थ्रेशहोल्ड जैसे लक्षण दिखें उन मरीजों को काफी सावधानीपूर्वक इस दवा को दिया जाता है। वहीं समय- समय पर डॉक्टरी सलाह लेना जरूरी हो जाती है।
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स्टोरेज
सिजोडोन (Sizodon) को कैसे करूं स्टोर?
दवा को घर में सामान्य रूम टेम्प्रेचर पर ही रखें। इसे सूर्य कि किरणों से बचाकर रखें। 25 डिग्री तापमान दवा के लिए बेस्ट है, लेकिन फ्रिज में रखने की गलती कतई न करें। यदि आप ऐसा करते हैं तो यह दवा सामान्य रूप से काम नहीं कर पाएगी। इसके अलावा इसे बच्चों की पहुंच से दूर रखना चाहिए। एक्सपायरी होने के पहले ही दवा का सेवन करें। लंबे समय तक सेवन करना हो तो डॉक्टरी सलाह लें। इसे एयरटाइट कंटेनर में रखना चाहिए। दवा को फ्लश नहीं करना है। इससे पर्यावरण को नुकसान पहुंच सकता है। दवा एक्सपायर हो जाए तो उसे कैसे डिस्पोज करना है उसको लेकर फॉर्मासिस्ट से सलाह लें।
सिजोडोन किस रूप में उपलब्ध है?
- टैबलेट
इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए डाॅक्टरी सलाह लें। ।
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