हेल्थ के बारे में जागरूक लोग प्रोबायोटिक्स और इन्हें कैसे प्राप्त किया जा सकता है इसके बारे में जानते होंगे, लेकिन शायद प्रीबायोटिक फूड्स (Prebiotic Foods) के बारे में जानकारी नहीं होगी। बता दें कि प्रोबायोटिक डायजेस्टिव सिस्टम को सर्पोट करने में मदद करते हैं। ये लिविंग बैक्टीरिया होते हैं जो हमारे गैस्ट्रोइंटेस्टिनल ट्रैक्ट के अंदर होते हैं। जिन्हें दही और योगर्ट से प्राप्त किया जा सकता है। वहीं प्रीबायोटिक्स नॉन लिविंग इनडायजेस्टेबल प्लांट फायबर हैं जो जीवित रहने के लिए कोलन में अच्छे बैक्टीरिया द्वारा उपयोग किए जाते हैं। यदि आप हेल्दी गट के लिए प्रोबायोटिक्स फूड्स का सेवन कर रहे हैं, तो अपनी डायट में प्रीबायोटिक फूड्स (Prebiotic Foods) को शामिल करना भी महत्वपूर्ण है।
इस आर्टिकल में कुछ प्रीबायोटिक्स फूड्स के बारे में जानकारी दी जा रही है। जिनका सेवन किया जा सकता है।
प्रीबायोटिक फूड्स (Prebiotic Foods)
प्रीबायोटिक्स प्राप्त करने के लिए कई लोग सप्लिमेंट्स का भी सहारा लेते हैं, लेकिन इन्हें फूड के जरिए प्राप्त करना सबसे अच्छा है। ऐसे कई फूड्स हैं जिनमें प्रीबायोटिक फायबर अच्छी मात्रा में उपलब्ध है। चलिए उनके बारे में जान लेते हैं। ऐसा कहा जाता है कि प्रीबायोटिक्स को प्रोबायोटिक के साथ कंज्यूम नहीं किया जाना चाहिए।
1.डेंडेलियन की पत्तियां (Dandelion Greens)
प्रीबायोटिक फूड्स (Prebiotic Foods) में सबसे पहले डेंडेलियन ग्रीन्स को रखा गया है। डेंडेलियन ग्रीन्स में फायबर अधिक मात्रा में पाया जाता है। साथ ही इसमें इनुलिन (Inulin) भी होता है। जो कि एक प्रीबायोटिक है। प्रीबायोटिक्स और फायबर के अलावा डेंडेलियन ग्रीन्स में एंटीऑक्सिडेंट्स भी होते हैं जो कोशिकाओं के डैमेज को रोकने में मदद करते हैं जो गंभीर बीमारयों जैसे कि कैंसर, कार्डियोवैस्कुलर डिजीज और अल्जाइमर का कारण बनते हैं। डेंडेलियन की पत्तियों को सलाद, जूस और स्मूदीज में मिलाया जा सकता है।
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2.लहसुन (Garlic)
लहसुन भी प्रीबायोटिक फूड्स (Prebiotic Foods) में शामिल है। यह एक हर्ब है जो खाने में फ्लेवर और पोषक तत्वों को बढ़ाता है। यह प्रीबायोटिक का अच्छा सोर्स है। यह गट बैक्टीरिया को सपोर्ट करता है। दशकों से ओवरऑल हेल्थ के लिए लहसुन का उपयोग किया जाता रहा है। इसके फायदे तभी मिलते हैं जब इसे कच्चा खाया जाए। खाना बनाते समय इसका उपयोग करने से भी इसके फायदे प्राप्त किए जा सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें इसे अधिक मात्रा में ना खाएं। अधिक लहसुन खाने से कई प्रकार की हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं।
3.प्याज (Onion)
प्याज में अच्छी मात्रा में प्रीबायोटिक्स पाए जाते हैं इसलिए इसे प्रीबायोटिक्स फूड्स की लिस्ट में शामिल किया गया है। इसके साथ ही प्याज एंटीऑक्सिडेंट्स और फ्लेवोनॉइड्स की अच्छी सोर्स है। प्याज में इनुलिन पाया जाता है जो गट को स्ट्रॉन्ग करने के साथ ही इम्यून सिस्टम की मदद करता है। भारतीय घरों में प्याज का उपयोग खूब किया जाता है। इसे सब्जी के साथ ही सूप या सलाद में एड करके खा सकते हैं। इसे कच्चा और पकाकर खाया जाता है।
4.केला (Banana)
प्रीबायोटिक फूड्स (Prebiotic Foods) की लिस्ट में केला भी आता है। केले में विभिन्न विटामिन, खनिज और फायबर होते हैं, जिनमें थोड़ी मात्रा में इनुलिन भी शामिल है। यह फल आपके पेट में स्वस्थ बैक्टीरिया को बढ़ाने और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। केले को कच्चा या पकाकर खाया जा सकता है। इसे फ्रूट सलाह के रूप में या कच्चे केले की सब्जी बनाकर खाई जा सकती है।
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5.ओट्स (Oats)
प्रीबायोटिक फूड्स (Prebiotic Foods) लिस्ट ओट्स के बिना अधूरी है। ओट्स में फायबर अच्छी मात्रा में पाया जाता है। साथ ही बीटा ग्लूकेन फायबर और रेसिस्टेंट स्टार्च भी होता है। जो कि लाभदायक गट बैक्टीरिया से संबंधित है। ओट्स को आसानी से पकाया जा सकता है। यह मार्केट में भी आसानी से मिल जाते हैं। यह ब्लड शुगर को कंट्रोल, वजन को मेंटेन और डायजेशन को अच्छा रखने में मदद करते हैं। ओट्स को कई प्रकार से खाया जा सकता है। इसका चीला बनाया जा सकता है, इसे दूध के साथ खाया जा सकता है और इसे फ्राय करके भी खाया जा सकता है।
6.सेब (Apple)
सेब विटामिन सी, एंटीऑक्सिडेंट्स और फायबर में हाय होता है। सेब में मौजूद फाइबर में पेक्टिन (Pectin) होता है, जो आंत में स्वस्थ बैक्टीरिया को बढ़ाता है और हानिकारक बैक्टीरिया को कम करता है। जबकि सेब के गूदे के स्वास्थ्य लाभ होते हैं, सेब के छिलके में कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं जो आपके स्वास्थ्य को लाभ पहुंचा सकते हैं, इसलिए पूरे सेब को खाना फायदेमंद होता है। सेब को फल के रूप में खा सकते हैं या इसका शेक बनाकर या फ्रूट सलाह में उपयोग कर सकते हैं।
7.मसूर की दाल (Pink lentils)
दालों को भी प्रीबायोटिक फूड्स की लिस्ट में शामिल किया जाता है। खासकर मसूर की दाल प्रीबायोटिक्स का अच्छा सोर्स है। यह प्रोटीन का अच्छा सोर्स होने के साथ ही बॉवेल मूवमेंट को अच्छा रखने में मदद करती है।
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8.जौ (Barley)
इस अनाज में बीटा ग्लूकन अधिक मात्रा में पाया जाता है जो कि प्रीबायोटिक फायबर का एक प्रकार है। जो इंस्टेटाइन में प्रोबायोटिक्स की ग्रोथ को बढ़ाता है। इसलिए इसे प्रीबायोटिक फूड्स (Prebiotic Foods) की लिस्ट में शामिल किया गया है। बीटा ग्लूकन प्रीबायोटिक फायबर है जो डायजेस्टिव ट्रैक्ट में फ्रेंडली बैक्टीरिया की ग्रोथ को प्रमोट करता है। जौ में सेलेनियम भी अधिक मात्रा में होता है जो थायरॉइड फंक्शन में मदद करता है।
9. कॉफी (Coffee)
कॉफी, जो कोकोआ की फलियों से बनती है, हमारे शरीर में अच्छे बैक्टीरिया का उत्पादन करती है। पाचन प्रक्रिया के दौरान, कोकोआ की फलियां कोलन में फ्लेवनॉल उत्पन्न करती हैं जो अत्यधिक प्रीबायोटिक लाभ ले जाती हैं। कॉफी को प्रीबायोटिक फूड्स (Prebiotic Foods) लिस्ट में शामिल किया जाता है इसका मतलब ये नहीं है कि इसे अत्यधिक मात्रा में उपयोग करें। अधिक मात्रा में सेवन नुकसानदायक हो सकता है।
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10. अलसी (Flaxseeds)
अलसी के बीज अविश्वसनीय रूप से हेल्दी होते हैं। वे प्रीबायोटिक्स का भी एक बड़ा स्रोत हैं। अलसी में मौजूद फायबर खाने वाले खाद्य पदार्थों से आहार वसा को अवशोषित करता है और आसान मल त्याग को बढ़ावा देता है। ये डायट्री फैट के डायजेस्ट और एब्जॉर्ब होने की मात्रा को भी कम करते हैं। अलजी के बीज कुछ एंटीऑक्सिडेंट से भी भरपूर होते हैं जो शरीर के कोलेस्ट्रॉल स्तर को नियंत्रित करते हैं। अलजी के बीच मार्केट से आसानी से खरीदे जा सकते हैं।
उम्मीद करते हैं कि आपको प्रीबायोटिक फूड्स (Prebiotic Foods) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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