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प्यार हो जाएगा आपको ग्रीन कॉफी से, जब जान जाएंगे इसके फायदे

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Shikha Patel द्वारा लिखित · अपडेटेड 06/12/2020

    प्यार हो जाएगा आपको ग्रीन कॉफी से, जब जान जाएंगे इसके फायदे

    कॉफी दुनिया में सबसे लोकप्रिय पेय पदार्थों में से एक है। शायद ही कोई ऐसा हो, जो छोटे-छोटे कॉफी बीन्स की खुशबू का दीवाना न हो। लेकिन जब आप  हरे रंग के छोटे-छोटे बीन्स या कहें ग्रीन कॉफी के फायदे सुनेंगे, तो आप इसे प्यार किए बिना नहीं रह पाएंगे। आज हम बात करने जा रहे हैं ग्रीन कॉफी की। हेल्थ और फिटनेस कम्युनिटी में जैसे ग्रीन टी फेमस है, वैसे ही फिटनेस फ्रीक्स के बीच में ग्रीन कॉफी बीन्स। इसे पीने के भी कई स्वास्थ्य लाभ हैं। ग्रीन कॉफी कैसे बनाते हैं? इसके हेल्थ बेनिफिट्स और साइड इफेक्ट्स क्या हैं? इंटरनेशनल कॉफी डे (1 अक्टूबर) पर यह सब जानते हैं “हैलो स्वास्थ्य’ के इस लेख में।

    ग्रीन कॉफी (green coffee) बीन्स क्या है?

    ग्रीन कॉफी, नॉर्मल कॉफी बीन्स ही हैं, जिन्हें रोस्ट नहीं किया जाता है। इसका बोटेनिकल नाम कॉफिया (Coffea) है। यह रुबीएसिआ (Rubiaceae) फैमिली से संबंधित है। इन ग्रीन कॉफी बीन्स का इस्तेमाल आप गर्म पेय बनाने के लिए कर सकते हैं। इसमें क्लोरेजेनिक एसिड की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। इसके एंटीऑक्सिडेंट (anti-oxidants) और एंटी-इंफ्लेमेटरी (anti-inflammatory) इफेक्ट्स आपको कई तरह के स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं।

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    ग्रीन कॉफी बीन्स के फायदे क्या हैं?

    ग्रीन कॉफी बीन्स की सीमित मात्रा का सेवन आपको इस तरह से लाभ पहुंचा सकता है-

    • एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर, ग्रीन कॉफी आपकी त्वचा की कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त होने से बचाती है।
    • यह हमारे ब्लड स्ट्रीम में अत्यधिक ग्लूकोज को रिलीज होने से भी रोकती है। लिवर में ग्लूकोज की कमी के कारण, शरीर बेसिक ग्लूकोज लेवल तक पहुंचने के लिए स्टोर की गई वसा को बर्न करना शुरू कर देता है। इस प्रकार, यह आपके चयापचय (metabolism) को बढ़ाती है और अतिरिक्त फैट को बर्न करने में मदद करती है।
    • इसके सेवन से टाइप-2 डायबिटीज पेशेंट्स में ब्लड शुगर का लेवल सामान्य रहता है।
    • ये ग्रीन बीन्स लिवर से विषाक्त पदार्थों और बैड कोलेस्ट्रॉल को साफ करने के लिए एक नेचुरल डिटॉक्सिफिकेशन के लिए भी इस्तेमाल किए जाते हैं।
    • ग्रीन कॉफी बीन्स गामा-अमीनोब्यूट्रिक एसिड (जीएबीए), एपिगैलोकैटेचिन गैलेट (Epigallocatechin Gallate) और थियोफायलिन(Theophylline) जैसे यौगिकों में समृद्ध हैं, जो झुर्रियों को कम करने में मदद करते हैं। इससे स्किन भी कोमल रहती है।
    • ग्रीन कॉफी, वजन कम करने की एक फेमस रेमेडी है। इसका उपयोग वेट लॉस करने के लिए लोगों द्वारा खूब किया जाता है।

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    ग्रीन कॉफी बनाने की विधि क्या है?

    ग्रीन कॉफी को दो तरीके से बनाया जा सकता है।

    1. ग्रीन कॉफी बीन्स पाउडर का उपयोग करके-

    सामग्री (2 सर्विंग्स के लिए):

    • 20 ग्राम ग्रीन कॉफी बीन्स
    • 300 एमएल गर्म पानी
    • चीनी, शहद या एक चुटकी दालचीनी (ऑप्शनल)

    तरीका:

    • कॉफी बीन्स को पाउडर फॉर्म में करने के लिए, इसे ग्राइंडर में पीसें।
    • पाउडर को 2 अलग कपों में डालें और अब इसमें धीरे-धीरे गर्म पानी डालें।
    • मिश्रण को 10 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें फिर इसे छान लें। अब इसका सेवन किया जा सकता है।
    • अगर आप चाहे तो इसमें चीनी या शहद भी ऐड कर सकते हैं।

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    2. कच्ची ग्रीन कॉफी बीन्स का उपयोग करके

    • इस विधि में अधिक समय लगता है। एक कटोरी पानी में बीन्स को रात भर भिगोकर रखें।
    • अगले दिन, उन्हें तेज आंच पर उसी पानी के साथ उबालें। पहली उबाल आने के बाद, इसे कम आंच पर कम से कम 15 मिनट के लिए छोड़ दें।
    • मिश्रण को पूरी तरह से ठंडा होने के लिए रख दें और फिर एक कप में इसे छान लें और आनंद लें।

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    ग्रीन कॉफी के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

    क्या ग्रीन कॉफी बीन्स रोस्टेड कॉफी बीन्स से ज्यादा हेल्दी है?

    ग्रीन कॉफी बीन्स कॉफिया अरेबिका (Coffea Arabica) फल के बीज हैं, जिन्हें सामान्य कॉफी बीन्स की तरह भुना नहीं जाता है। कॉफी बीन्स की रोस्टिंग प्रक्रिया के दौरान, बीन्स में मौजूद क्लोरोजेनिक एसिड नामक एक प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट कम हो जाता है। क्लोरोजेनिक एसिड कई स्वास्थ्य समस्याओं जैसे उच्च रक्तचाप, मधुमेह, अपच और यहां तक ​​कि वजन कम करने में मददगार होता है। और ग्रीन कॉफी में क्लोरोजेनिक एसिड की मात्रा सामान्य कॉफी बीन्स की तुलना में अधिक होती है। इसलिए ग्रीन कॉफी बीन्स को ज्यादा स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है।

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    ग्रीन कॉफी कितनी बार पीनी चाहिए?

    ग्रीन कॉफी का इस्तेमाल आपको अपनी उम्र और शारीरिक स्थिति के अनुसार डॉक्टर या हर्बलिस्ट की सलाह से ही करना चाहिए। हेल्थ एक्सपर्ट्स की माने तो दिनभर में 2 से ज्यादा बार इसका सेवन नहीं किया जाना चाहिए।

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    ग्रीन कॉफी पीने का सबसे अच्छा समय क्या है?

    मैक्रोबायोटिक न्यूट्रिशनिस्ट शिल्पा अरोड़ा के अनुसार, “यदि आप वेट लॉस के लिए ग्रीन कॉफी का सेवन कर रहे हैं, तो इसे सुबह के समय लेना सबसे अच्छा रहता है। यह आपके मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने और दिन में अधिक फैट बर्न करने में आपकी मदद करती है। हमेशा इसे भोजन से कम से कम एक घंटे पहले या बाद में पीना चाहिए।”

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    क्या ग्रीन कॉफी पीना सुरक्षित है?

    एक्सपर्ट्स की माने तो एक उचित मात्रा में ग्रीन कॉफी का सेवन करना बिल्कुल सेफ है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक रोजाना 12 हफ्तों तक 480 मिलीग्राम ग्रीन कॉफी एक्सट्रैक्ट लेना आपके लिए बिलकुल सुरक्षित है। लेकिन यदि आपको कोई मेडिकल समस्या है, तो इसके इस्तेमाल से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।

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    ग्रीन कॉफी के सेवन से कितना वजन कम किया जा सकता है?

    रिसर्च के अनुसार, रोजाना ली जाने वाली ग्राउंड ग्रीन कॉफी बीन्स से लगातार वजन कम होता है। 22 सप्ताह के एक अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने पाया कि 16 ओवर वेटेड पुरुषों और महिलाओं ने औसतन 7.7 किलोग्राम वजन कम किया।

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    ग्रीन कॉफी के साइड इफेक्ट्स क्या हैं?

    ग्रीन कॉफी में कैफीन होता है। इसलिए इसका अधिक मात्रा में सेवन आपको कुछ समस्याएं दे सकता है। जैसे कि एंग्जायटी, नींद में गड़बड़ी, बढ़ी हुई हार्ट बीट और ब्लड प्रेशर में वृद्धि आदि। यदि आप किसी भी रूप में ग्रीन कॉफी ले रहे हैं, तो इसके साइड इफेक्ट्स प्रभावों से बचने के लिए इसकी कम मात्रा का सेवन करें।

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    क्या प्रेग्नेंसी में इसका सेवन किया जा सकता है?

    यदि आप गर्भवती हैं या स्तनपान करा रही हैं, तो इस कॉफी के सेवन से बचें।

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    ग्रीन कॉफी किस फॉर्म में मार्केट में उपलब्ध है?

    कच्चे ग्रीन कॉफी बीन्स और एक्सट्रैक्ट के रूप में मार्केट में अवेलेबल है।

    नोट : ग्रीन कॉफी बीन एक्सट्रैक्ट एक प्रभावी वेट लॉस रेमेडी साबित हो सकती है। इसके कई स्वाथ्य लाभों का फायदा उठाने के लिए, इसके सेवन से पहले हमेशा डॉक्टर से बात करनी चाहिए। बिना किसी सलाह के किसी भी हर्बल का सेवन करना आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

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    Shikha Patel द्वारा लिखित · अपडेटेड 06/12/2020

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