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ब्लोटिंग और प्रीबायोटिक्स: क्या है इनका आपस में तालमेल?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/05/2022

    ब्लोटिंग और प्रीबायोटिक्स: क्या है इनका आपस में तालमेल?

    कई बार कुछ खाने-पीने के बाद हमें पेट फूलने की शिकायत होती है, जिसे मेडिकल टर्म में ब्लोटिंग (Bloating) कहा जाता है। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार ब्लोटिंग की समस्या गैस या दूसरी डायजेस्टिव प्रॉब्लम की वजह से हो सकती है। हालांकि अगर ब्लोटिंग की समस्या को इग्नोर ना किया जाए, तो इस तकलीफ से जल्द राहत भी मिल सकती है, क्योंकि यह कोई गंभीर बीमारी नहीं है। अगर आप प्रायः ब्लोटिंग की परेशानी महसूस करते हैं, तो ऐसा इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (Irritable Bowel Syndrome [IBS]) की ओर इशारा करता है। वहीं ब्लोटिंग यानी पेट फूलने की समस्या अनहेल्दी डायट की वजह से भी शुरू हो जाती है। इसलिए इस आर्टिकल में आज ब्लोटिंग और प्रीबायोटिक्स (Bloating and prebiotics) से जुड़ी उलझनों को सुलझाने की कोशिश करेंगे, जिससे ब्लोटिंग और प्रीबायोटिक्स से जुड़ी कन्फयूजन को दूर किया जा सकेगा और आप स्वस्थ रह सकेंगे।

    ब्लोटिंग (Bloating) क्या है?

    ब्लोटिंग और प्रीबायोटिक्स (Bloating and prebiotics)

    ब्लोटिंग की समस्या होने पर पेट का साइज बढ़ने लगता है। इस दौरान पेट में सूजन होने लगता है। इसलिए ब्लोटिंग को पेट की सूजन भी कहते हैं। दरअसल जब खाना खाने के बाद छोटी आंत में गैस भर जाती है, तो ब्लोटिंग की समस्या शुरू हो जाती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार इसका संबंध पाचन तंत्र से होता है। हालांकि ब्लोटिंग आम परेशानी है, लेकिन अगर इसका इलाज वक्त पर ना करवाया जाए, तो अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। ब्लोटिंग का मुख्य कारण अनहेल्दी फूड माना जाता है। ऐसे में ब्लोटिंग के दौरान प्रीबायोटिक्स का उपयोग कैसे करें, जिससे सेहत को लाभ मिल सके, यह इस आर्टिकल में आगे समझेंगे।

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    ब्लोटिंग और प्रीबायोटिक्स : प्रीबायोटिक्स का उपयोग करें (Prebiotics during bloating)

    प्रीबायोटिक्स पेट में रहने वाले गट बैक्टीरिया के लिए खाद्य पदार्थ है। अगर इसे सामान्य भाषा में समझें, तो प्रीबायोटिक्स पेट में मौजूद बैक्टीरिया के लिए खाद्य पदार्थ की तरह काम करता है। प्रीबायोटिक्स दरअसल गुड बैक्टीरिया को बैलेंस रखने में सहायक होता है। प्रीबायोटिक्स फूड्स (Prebiotics food) के तौर पर ओट्स, नट्स, केला, लहसुन एवं प्याज का सेवन हेल्दी माना जाता है।

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    ओट्स, नट्स, केला, लहसुन एवं प्याज क्यों होता है हेल्दी?

    ब्लोटिंग और प्रीबायोटिक्स (Bloating and prebiotics) के रूप में इनके सेवन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी इस प्रकार हैं। जैसे:

    ओट्स (Oats)

    ब्लोटिंग और प्रीबायोटिक्स (Bloating and prebiotics)

    ओट्स में कंप्लीट न्यूट्रिएंट मौजूद होते हैं। इसके साथ ही इसमें मौजूद फाइबर बीटा-ग्लुकॉन (Fiber Beta Glucan) सेहत के लिए लाभकारी माना जाता है। ओट्स में अन्य अनाजों की तुलना में सबसे ज्यादा प्रोटीन मौजूद होता है। प्रोटीन के अलावा इसमें विटामिन (Vitamin), मिनिरल्स (Minerals) और एंटीऑक्सिडेंट्स (Antioxidants) भी मौजूद होते हैं। इसलिए इसका सेवन करना लाभकारी माना जाता है। ब्लोटिंग के दौरान प्रीबायोटिक्स के रूप में इसका सेवन किया जा सकता है।

    ब्लोटिंग और प्रीबायोटिक्स : नट्स (Nuts)

    ब्लोटिंग और प्रीबायोटिक्स (Bloating and prebiotics)

    बादाम, मैकडेमिया नट्स, पिस्ता, काजू एवं अखरोट (Walnut) का सेवन किया जा सकता है। नट्स में विटामिन-ई, मैंग्नीज, थायमिन, फोलेट और फैटी एसिड डायजेशन के साथ-साथ ब्रेन (Brain) को भी हेल्दी रखने में सहायक होता है। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार गर्भवती (Pregnancy) महिलाओं के लिए भी नट्स लाभकारी होता है। हालांकि जरूरत से ज्यादा नट्स का सेवन नुकसानदायक भी हो सकता है। इसलिए संतुलित मात्रा में इसका सेवन करें।

    ब्लोटिंग और प्रीबायोटिक्स : केला (Banana)

    ब्लोटिंग और प्रीबायोटिक्स (Bloating and prebiotics)

    ब्लोटिंग और प्रीबायोटिक्स (Bloating and prebiotics) की चर्चा हो और इसमें केला शामिल ना हो ऐसा हो ही नहीं सकता है। दरअसल केले में मौजूद विटामिन, प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व जैसे फाइबर, पोटैशियम, कैल्शियम (Calcium) और विटामिन सी (Vitamin-C) पेट के लिए लाभकारी होते हैं। इसलिए ब्लोटिंग के दौरान प्रीबायोटिक्स (Prebiotics during bloating) का उपयोग कर रहें हैं, तो इस लिस्ट में केले को जरूर शामिल करें।

    ब्लोटिंग और प्रीबायोटिक्स : लहसुन (Garlic)

    ब्लोटिंग और प्रीबायोटिक्स (Bloating and prebiotics)

    विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार लहसुन को सेहत के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है, जो कई बीमारियों से लड़ने में सक्षम भी है। इसमें एंटीवायरल (Antiviral), एंटीऑक्सिडेंट्स (Antioxidant) और एंटीफंगल (Antifungal) गुण मौजूद होते हैं। वहीं इसमें विटामिन, मैंगनीज, कैल्शियम एवं आयरन जैसे पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं। इसलिए ब्लोटिंग और प्रीबायोटिक्स की जब बात करते हैं, तो इसके सेवन की सलाह दी जाती है।

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    ब्लोटिंग और प्रीबायोटिक्स : प्याज (Onion)

    ब्लोटिंग और प्रीबायोटिक्स (Bloating and prebiotics)

    इसमें मौजूद फाइबर गुड बैक्टीरिया को पोषण प्रदान करते हैं। ये आंतों की सेहत को काफी फायदा पहुंचाता है। क्लिनिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और हेपेटोलॉजी (Clinical Gastroenterology and Hepatology) द्वारा 2015 में किए गए एक शोध में पाया गया कि ओलिगोफ्रक्टोज (Oligofructose) डायरिया (Diarrhea) में लाभ पहुंचाता है। राष्ट्रीय प्याज संघ के अनुसार, प्याज में पाए जाने वाले फाइटोकेमिकल्स (Phytochemicals) गैस्ट्रिक अल्सर के विकास के जोखिम को कम करते हैं।

    नोट: ब्लोटिंग और प्रीबायोटिक्स (Bloating and prebiotics) का सेवन करना हो, तो इन ऊपर बताये खाद्य पदार्थों का सेवन किया जा सकता है, लेकिन इनका सेवन जरूरत से ज्यादा नुकसानदेह हो सकता है। इसलिए ब्लोटिंग की समस्या होने पर डॉक्टर से कंसल्ट जरूर करें और फिर इन प्रीबायोटिक्स फूड्स का सेवन करें।

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    पेट दर्द, ऐंठन, सीने में जलन, उल्टी जैसा महसूस करना गैस की परेशानी की ओर इशारा करते हैं। गैस से जुड़ी इन परेशानियों को दूर करने के लिए आप क्या करते हैं? नीचे दिए इस क्विज को खेलिए और जानिए अपना स्कोर।

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    प्रीबायोटिक्स के फायदे क्या-क्या हैं? (Benefits of Prebiotics foods)

    प्रीबायोटिक्स के सेवन से निम्नलिखित लाभ मिलता है। जैसे:

  • प्रीबायोटिक्स फूड्स के सेवन से पेट भरा हुआ महसूस होगा।
  • प्रीबायोटिक्स के सेवन से वजन कम (Weight loss) करने में सहायता मिलती है।
  • पेट एवं आंत में होने वाले इंफेक्शन और डायरिया की तकलीफ को दूर करने में सहायक होता है।
  • इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) एवं ब्लोटिंग की तकलीफ दूर होती है।
  • प्रीबायोटिक्स फूड्स के सेवन से कैल्शियम, मैग्नीशियम एवं ऑयरन जैसे अन्य न्यूट्रिशन के डायजेशन में लाभकारी माना जाता है।
  • अगर आप ब्लोटिंग की वजह से प्रीबायोटिक्स का सेवन करना चाहते हैं और इनसे जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। हमारे हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों का जवाब देंगे। अगर आप पेट की सूजन या ब्लोटिंग की समस्या से पीड़ित हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।

    कब्ज कई बीमारियों को दावत देने में सक्षम है। इसलिए स्वस्थ रहने का राज छिपा है नियमित योगासन में। नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक करें और योग से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों को समझें और अपने दिनचर्या में इसे शामिल करें।

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