परिचय
धूल से होने वाली एलर्जी (Dust Exposure) क्या है?
अक्सर लोग धूल से एलर्जी होने की शिकायत करते है, धूल से होने वाली एलर्जी एक आम समस्या है। धूल के संपर्क में आने पर कई लोगों को एलर्जी की समस्या होने लगती है। कई ऐसे भी हैं, जिन्हें समस्या नहीं होती लेकिन लंबे समय तक संपर्क में रहने से उन्हें भी दिक्कते होने लगती है। धूल में कई हानिकारक कण मौजूद होते है, जो एलर्जी (Allergy) का कारण बनते है। जब हम धूल के कण को सांस के जरिये शरीर में लेते है तब इम्युनिटी ऊंचे गियर में चली जाती है और शरीर हानिरहित पदार्थों के खिलाफ एंटीबॉडी (Antibody) का उत्पादन करता है। शरीर की यह प्रतिक्रिया एलर्जी (Allergy) का कारण बनती है, इससे छींक आना और नाक बहना शुरू हो जाती है। अमेरिका के अस्थमा (Asthma) और एलर्जी फाउंडेशन (AAFA) के अनुसार, इस प्रकार की एलर्जी से अमेरिका में लगभग 20 मिलियन लोग प्रभावित है। एलर्जी के लक्षणों के अलावा धूल से संपर्क में आने पर साइनस इंफैक्शन और अस्थमा हो सकता है।
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लक्षण
धूल से होने वाली एलर्जी के लक्षण? (Symptoms of Dust Exposure)
धूल से होने वाली एलर्जी (Dust Exposure) एक आम समस्या है और हममें से कई लोग ऐसे है जो धूल की एलर्जी की समस्या से पीड़ित है। धूल के संपर्क में आने पर होने वाली एलर्जी को डस्ट माइट एलर्जी (Dust Exposure) भी कहते है। धूल की एलर्जी के निम्न लक्षण-
- धूल (Dust) के संपर्क में आने पर बहती या खुजलीदार नाक
- नाक ड्रिप
- त्वचा में खुजली
- रक्त-संकुलन (Congestion)
- साइनस का दर्द (चेहरे का दर्द हो सकता है)
- खुजली, पानी, या लाल आंखें
- गले में खराश
- खांसी
- आंखों में सूजन
- आंखों के नीचे की त्वचा पर छाले
- नींद (Sleep) न आना
- सीने में दर्द या जकड़न
- सांस लेने मे तकलीफ
- घरघराहट
- बात करने में कठिनाई
- अस्थमा (Asthma) का गंभीर दौरा
इन लक्षणों के अलावा अन्य लक्षण भी महसूस किए जा सकते हैं। इसलिए अगर ऐसी कोई परेशानी महसूस हो, तो डॉक्टर से कंसल्ट करें और लापरवाह ना रहें।
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कारण
धूल से होने वाली एलर्जी के कारण क्या हैं? (Cause of Dust Exposure)
धूल से होने वाली एलर्जी हानिरहित पदार्थ के लिए इम्यून सिस्टम (Immune system) की एक प्रतिक्रिया है। जिन पदार्थो के कारण शरीर यह प्रतिक्रिया देता है, वह एलर्जी कहलाता है, जैसे कुछ खाद्य पदार्थ, परागकण और धूल के कण। जिन लोगों को धूल के संपर्क में आने पर स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है, उन्हें मल और क्षयकारी निकायों से भी समस्या होती है। हो सकता है कि आपका घर साफ सुथरा हो, लेकिन फिर भी घर में धूल के कण मौजूद होते है और आपका शरीर धूल के संपर्क में आता है। बेडरूम में सबसे ज्यादा धूल के कण पाए जाते है। बिस्तर, फर्नीचर के कुशन नमी को बनाए रखते है। इस चीज का ध्यान रखना चाहिए कि धूल के कारण छींक आ सकती है, लेकिन सिर्फ कुछ लोगों का ही कमजाेर इम्यून सिस्टम (Immune system) एलर्जी की प्रतिक्रियाएं देता है। जितना आप धूल के संपर्क में आएंगे आपका शरीर उतनी ही प्रतिक्रिया देगा, इसलिए जितना हो सके धूल से बचना चाहिए।
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जांच
धूल से होने वाली एलर्जी की जांच कैसे की जाती है? (Diagnosis of Dust Exposure)
धूल से होने वाली एलर्जी की शिकायत होने पर रोगी को एलर्जी विशेषज्ञ को दिखाना पड़ता है। एलर्जी विशेषज्ञ यह जानने की कोशिश करते है कि क्या आपको धूल-मिटटी से एलर्जी है। इसके लिए स्किन प्रिक टेस्ट (Skin prick test) किया जाता है, जिसमें तमाम तरह के पदार्थ आपकी स्किन पर रखे जाते और कुछ समय बाद देखा जाता है कि स्किन लाल या कुछ प्रतिक्रिया देती है। इसमें 15 मिनट तक के लिए इंतजार किया जाता है। यदि आपको एलर्जी है तो स्किन का वह हिस्सा लाल और खुजली (Itching) भी हो सकती है। एलर्जी की जांच (Allergy test) के लिए कभी-कभी खून की जांच भी की जाती है, लेकिन खून का परीक्षण सिर्फ एंटीबॉडी के लिए स्क्रीन कर सकता है, इसलिए नतीजे उतने सटीक नहीं मिलते।
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इलाज
धूल से होने वाली एलर्जी का इलाज? (Treatment for Dust Exposure)
धूल से होने वाली एलर्जी का इलाज किया जाना जरूरी है। धूल से होने वाली एलर्जी का बचाव करने के लिए धूल के संपर्क न आये इससे एलर्जी के जोखिम कम हो जायेंगे। यदि यह तरीका काम नहीं करता है तो ओवर-द-काउंटर और प्रिस्क्रिप्शन दवाएं हैं जो डस्ट माइट के लक्षणों को दूर करने में मदद कर सकती है। जैसे-
- धूल की एलर्जी होने पर एंटीथिस्टेमाइंस (Antihistamines) जैसे कि एलेग्रा या क्लेरिटिन, छींकने, बहती नाक और खुजली से राहत देने में मदद कर सकता है।
- धूल की एलर्जी होने पर नाक कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (Corticosteroids) जैसे कि फ्लोनेज या नैसोनेक्स, कम नुकसान के साथ सूजन को कम करने में मदद करते है।
- धूल की एलर्जी होने पर डिकंजेस्टेंट्स (Decongestants) जैसे कि सूडाफेड, नाक में टिश्यू को सिकोड़ देते है, जिससे सांस (Breathing) लेने में आसानी होती है।
- दवाएं जो एंटीहिस्टामाइन और डिकॉन्गेस्टेंट का कॉम्बिनेशन है जैसे कि एक्टिफेड या क्लैरिटिन-डी।
कुछ अन्य तरह के उपचार से भी एलर्जी का इलाज किया जाता है।
- क्रोमोलीन सोडियम।
- ल्यूकोट्रिएन संशोधक जैसे कि सिंगुलैर, एकोलेट या जीफ्लो।
- इम्यूनोथेरेपी, जिसे एलर्जी शॉट्स के रूप में भी जाना जाता है।
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सावधानियां
धूल से होने वाली एलर्जी (Dust Exposure) में रखें ये सावधानियां?
अगर आपको धूल की एलर्जी (Allergy) है, तो सबसे बेहतर यही है कि इलाज कराने की बजाय धूल के संपर्क में आने से बचना चाहिए। यहां पर हम आपको धूल से एलर्जी होने पर रखी जाने वाली सावधानियों के बारे में बताने जा रहे है। धूल से एलर्जी होने पर रखे ये सावधानियां-
- धूल कणों की एलर्जी (Dust Exposure) से बचने के लिए घर में ह्यूमिडिटी 30 और 50 प्रतिशत के बीच रखने के लिए एक एयर कंडीशनर या ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें।
- एक अच्छी क्वालिटी वाला एयर फिल्टर (Air filter) इस्तेमाल करें।
- केवल धोने योग्य स्टफ्ड खिलौने खरीदें और उन्हें समय-समय पर धोएं। स्टफ्ड खिलौने बिस्तर से दूर रखें क्योंकि इनमें धूल कण मौजूद होते है।
- एलर्जी से बचने के लिए तौलिये के कवर को समय-समय पर धोएं।
- जहां धूल इकट्ठा होती है, वहां अव्यवस्था हटा कर सफाई रखें ताकि धूल कणों को घर से बाहर किया जा सके।
- साफ पर्दे और मुलायम फर्नीचर इस्तेमाल करें।
- यदि संभव हो तो लकड़ी, टाइल, लिनोलियम या विनाइल फर्श के साथ कालीन को बदलें।
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धूल से होने वाली एलर्जी (Dust Exposure) एक आम समस्या है अगर आप धूल की एलर्जी से बचना चाहते है तो आपको धूल कणों से हमेशा बचकर रहना होगा। धूल से ज्यादा एलर्जी होने डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
धूल से होने वाली एलर्जी (Dust Exposure) की समस्या को शुरुआती वक्त में इग्नोर किया गया, तो व्यक्ति की परेशानी बढ़ सकती है। इसलिए अगर धूल से होने वाली एलर्जी के लक्षण समझ आ रहें या आप महसूस करते हैं, तो इलाज में देरी ना करें। वहीं अगर आप धूल से होने वाली एलर्जी (Dust Exposure) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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