थ्रोम्बोसाइटोपेनिया की कंडीशन में खून में मौजूद प्लेटलेट कम होने लगते हैं। जब किसी इंसान को चोट लगती है, तो खून तेजी से निकलने लगता है। कुछ समय बाद खून आना बंद भी हो जाता है। ऐसा थ्रोम्बोसाइट्स के कारण होता है। थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (Thrombocytopenia) की समस्या किसी भी व्यक्ति को हो सकती है। जब ब्लड में प्लेटलेट कम होने लगती हैं, तो खून जमने यानी क्लॉटिंग में भी समस्या हो जाती है और खून बहना बंद नहीं होता है। इस स्थिति में यूरिन से ब्लड आना, स्टूल के दौरान खून आना, शरीप पर हाइव्ज आदि लक्षण दिखने लगते हैं। कुछ लोगों में इंटरनल ब्लीडिंग की समस्याभी हो जाती है। कुछ हेल्थ कंडीशन भी इस बीमारी के लिए जिम्मेदार हो सकती है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको थ्रोम्बोसाइटोपेनिया मेडिसिंस (Thrombocytopenia medicines) के बारे में जानकारी देंगे, जो इन समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मदद करती हैं।
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थ्रोम्बोसाइटोपेनिया मेडिसिंस (Thrombocytopenia medicines )
तीन टीपीओ ( TPO) दवाओं के माध्यस से थ्रोम्बोसाइटोपेनिया का ट्रीटमेंट किया जाता है। एवाट्रोमबोपैग (avatrombopag), एल्ट्रोमबोपैग (Eltrombopag) और रोमिप्लोस्टिम (romiplostim)। दवाओं को बीमारी के अनुसार डॉक्टर लेने की सलाह देते हैं। इन्हें दिन में एक बार या दो बार लेने की सलाह दी जा सकती है। दवाओं का सेवन करने से खून में प्लेटलेट काउंट का लेवल बढ़ जाता है।
थ्रोम्बोसाइटोपेनिया मेडिसिंस (Thrombocytopenia medicines ) का सेवन करने से प्लेटलेट डिसऑर्डर से छुटकारा मिलता है। अगर आपको बीमारी के लक्षण दिखें, तो आपको तुरंत आपको डॉक्टर से जांच करानी चाहिए। डॉक्टर आपको थ्रोम्बोसाइटोपेनिया मेडिसिंस (Thrombocytopenia medicines) लेने की सलाह देंगे। कुछ कारण जैसे कि प्रेग्नेंसी के दौरान या फिर बच्चे के जन्म के बाद मां के खून में प्लेटलेट की संख्या में कमी आ सकती है। वहीं ऑटोइम्यून सिस्टम डिसऑर्डर भी प्लेटलेट को कम कर सकता है। संक्रमण जैसे कि बैक्टीरियल इंफेक्शन, वायरल इंफेक्शन भी खून में प्लेटलेट के कम होने का कारण हो सकता है। आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि कुछ दवाएं भी खून में प्लेटलेट के स्तर को कम करने का काम कर सकती है। इन दवाओं में एंटी बायोटिक, हेपरिन आदि शामिल हैं। अगर परिवार में किसी को थ्रोम्बोसाइटोपेनिया है, तो इस बीमारी की संभावना बच्चों में बढ़ जाती है। डॉक्टर लक्षणों के आधार पर शरीर की जांच करने के साथ ही कम्लीट ब्लड टेस्ट (CBC) कर बीमारी का पता लगाने की कोशिश करते हैं। इसके बाद बीमारी के अनुसार डॉक्टर दवाएं लिखते हैं। यहां हमने कुछ थ्रोम्बोसाइटोपेनिया मेडिसिंस (Thrombocytopenia medicines) के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जो आपकी जानकारी बढ़ाने में मदद करेंगी।
रेवोलेड 50mg टैबलेट ( Revolade 50mg Tablet)
रेवोलेड 50एमजी में एल्ट्रोम्बोपैग होता है जो थ्रोम्बोपोइटिन रिसेप्टर एगोनिस्ट (Thrombopoietin receptor agonists) नामक दवाओं के समूह से संबंधित है। इसका उपयोग वयस्कों और 1 वर्ष और उससे अधिक उम्र के बच्चों में कम प्लेटलेट काउंट को बढ़ाने के लिए किया जाता है। थ्रोम्बोसाइटोपेनिया मेडिसिंस (Thrombocytopenia medicines) का इस्तेमाल बिन डॉक्टर की सलाह के नहीं करना चाहिए। इस रक्त विकार से छुटकारे के लिए या फिर नाक से ब्लीडिंग होने पर इस दवा का इस्तेमाल किया जाता है। इसकी दवा की एक स्ट्रिप 12,155 रुपए में मिलती है। आप इसे ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं।
हिमालया प्लेटेंजा (Himalaya Platenza)
हिमालया प्लेटेंजा की मदद से कम प्लेटलेट की मात्रा को बढ़ाने में मदद मिलती है। प्लेटेंजा प्लेटलेट काउंट को बढ़ाता है और डेंगू से जुड़े थ्रोम्बोसाइटोपेनिया को ठीक करने में मदद करता है। अगर आपको थ्रोम्बोसाइटोपेनिया की समस्या हो जाती है, तो डॉक्टर आपको इस दवा को खाने की सलाह दे सकते हैं। ये दवा बुखार को ठीक करने के साथ ही लिवर की भी रक्षा करती है। इसमें एक्टिव इंग्रीडिएंट के रूप में फाइलेन्थस मेडेरास्पेटेन्सिस (Phyllanthus maderaspatensis), टीनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया (Tinospora cordifolia), पाइपर निग्रम (Piper nigrum) आदि मौजूद होता है। आपको बिना डॉक्टर की सलाह के इस दवा का सेवन नहीं करना चाहिए।
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एनप्लेट (Nplate)
एनप्लेट (रोमिप्लोस्टिम) मैन मेड प्रोटीन है, जिसका इस्तेमाल शरीर में प्लेटलेट की संख्या को बढ़ाने के लिए किया जाता है। एनप्लेट थ्रोम्बोपोइटिन (Thrombopoietin) का एक फ्यूजन प्रोटीन एनालॉग है, जो प्लेटलेट उत्पादन को नियंत्रित करता है।एनप्लेट टैबलेट इंडिया में आसानी से उपलब्ध है। आप इसे ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं। थ्रोम्बोसाइटोपेनिया मेडिसिंस (Thrombocytopenia medicines) का सेवन बिना डॉक्टर से परामर्श के नहीं करना चाहिए। एनप्लेट (Nplate) टैबलेट 250 mcg और 500 mcg में उपलब्ध हैं। बीमारी के अनुसार डॉक्टर आपको डोज लेने की सलाह देंगे।
डोप्टेलेट 20mg (Doptelet 20mg )
इस दवा का इस्तेमाल ब्लड डिसऑर्डर को ठीक करने के लिए किया जाता है। जिन लोगों में प्लेटलेट की संख्या कम हो जाती है, उनको इस दवा की जरूरत पड़ती है। अगर समय पर ट्रीटमेंट न काराया जाए, तो ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है। मेडिकल कंडीशन के अनुसार ही डॉक्टर दवा का डोज तय करते हैं। बिना सलाह के आपको रक्त विकार की दवाओं का सेवन नहीं करना चाहिए।
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भारत में रोमीप्लोस्टिम (Romiplostim in India)
दवा निर्माता इंटास फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (Intas Pharmaceuticals Ltd ) ने रोमी ब्रांड के नाम से भारत में रोमीप्लोस्टिम लांच की। इसके तहत जिन लोगों को क्रॉनिक इम्यून थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (Chronic immune thrombocytopenia) की समस्या होती है, उन्हें थेरिपी दी जाती है। हर महीने अगर थेरिपी ली जाए, तो करीब 60 हजार का खर्चा आता है लेकिन इसे 12,000 में लिया जा सकता है। अगर आपको क्रॉनिक इम्यून थ्रोम्बोसाइटोपेनिया की समस्या है, तो इस थेरिपी को लेने की सलाह डॉक्टर दे सकते हैं। इसके संबंध में आपको डॉक्टर से जानकारी लेनी चाहिए।
दवाओं के साथ ही आपको अन्य बातों का ध्यान रखने की भी जरूरत है। आपको खाने में ऐसे आहार का चयन करना चाहिए, जो प्लेटलेट को बढ़ाएं। आपको खाने में अनार, वीटग्रास (Vetgrass), पपीता, आवंला आदि को शामिल करना चाहिए। आप खाने में साबुत अनाज शामिल करने के साथ ही मीट, चिकन और फिश भी शामिल कर सकते हैं। अदिक जानकारी के लिए आपको डायट एक्सपर्ट या फिर डॉक्टर से भी इस संबंध में जानकारी लेनी चाहिए। साथ ही जो दवाएं आपको लेनी की सलाह दी गई है, उनका समय पर सेवन करें।
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यहां हमने आपको थ्रोम्बोसाइटोपेनिया मेडिसिंस (Thrombocytopenia medicines) के कुछ नामों के बारे में जानकारी दी है। ये किसी तरह का प्रचार नहीं है। अगर आपको रक्त विकार या फिर ब्लड डिसऑर्डर से संबंधित अन्य समस्याएं होती है, तो बेहतर होगा कि उन दवाओं का सेवन करें, जो डॉक्टर आपको कहें। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।