हीमोफीलिया ए सीवियर (Severe Hemophilia A) होने पर निम्न लक्षण दिखाई देते हैं
- इंजरी के बाद बार-बार ब्लीडिंग होना
- बिना किसी कारण के जॉइंट्स और मसल्स से ब्लीडिंग होना
- ब्रेन में ब्लीडिंग होना
हीमोफीलिया के लक्षण जानने के बाद अब जान लीजिए हीमोफीलिया ए डायट के बारे में महत्वूपर्ण जानकारियां।
हीमोफीलिया ए डायट (Hemophilia A Diet)
अपनी डायट का ख्याल तो हमें वैसे ही हमेशा रखना चाहिए, लेकिन जब कोई शारीरिक समस्या हो तो एक संतुलित और हेल्दी डायट की आवश्यकता और बढ़ जाती है। हीमोफीलिया के मरीजों को अपनी डायट में कैल्शियम और आयरन को शामिल करने के साथ ही ऐसे फूड्स को अवॉयड करना चाहिए जो वेट गेन (Weight gain) का कारण बनें। क्योंकि मोटापा (Obesity) इस समस्या को और बिगाड़ देता है। हीमोफीलिया ए के पेशेंट को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। आइए जानते हैं।
कैल्शियम फूड (Calcium food)
कैल्शियम हड्डियों को मजबूत करने और हेल्दी दांतों के लिए बेहद जरूरी है। हीमोफीलिया ए (Hemophilia A) का सामना कर रहे लोगों के दांतों का स्वस्थ होना बेहद जरूरी है, क्योंकि गम डिजीज (Gum disease) के कारण ब्लीडिंग हो सकती है। इसके लिए डेंटल हायजीन (Dental Hygiene) भी आवश्यक है। साथ ही डायट में कैल्शियम रिच फूड को जरूर शामिल करना भी। जिसमें दूध, दही, चीज और कैल्शियम सीरियल्स शामिल हैं। मिल्क का उपयोग जरूरी है, लेकिन लो फैट मिल्क प्रोडक्ट्स का उपयोग करें। इससे कैल्शियम, विटामिन्स और मिनरल्स मिलने के साथ ही फैट का इंटेक कम रहेगा और वजन कंट्रोल में रहेगा।
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आयरन (Iron) भी है बेहद जरूरी
हीमोफीलिया ए डायट में आयरन युक्त फूड को जरूर शामिल करें। क्योंकि जब ब्लीडिंग होती है तो बॉडी से आयरन कम हो जाता है। लॉस हुए आयरन की मात्रा को पूरा करने के लिए आयरन रिच फूड्स का सेवन बेहद जरूरी है। रेड मीट, बीन्स, किशमिश और अंडे में आयरन की अच्छी मात्रा पाई जाती है। इन्हें हीमोफीलिया ए डायट में शामिल करें। बता दें कि बॉडी में आयरन का अच्छी तरह अवशोषण तभी होता है जब आप विटामिन सी का सेवन करते हैं। विटामिन सी (Vitamin C) के लिए संतरा, नींबू और टमाटर को अपनी डायट का हिस्सा बना सकते हैं।
हीमोफीलिया ए डायट (Hemophilia A diet) में होल ग्रेन (Whole grain) का उपयोग है जरूरी
वजन कम करने के लिए होल ग्रेन का उपयोग बेहद जरूरी है। जिसमें ओट्स, बार्ले, ब्राउन राइस और बाजरा शामिल है। यह भूख को कंट्रोल करके, कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) को कम करने और ब्लड ग्लूकोज लेवल (Blood glucose) को कम करने में मदद करते हैं। आजकल मार्केट में होल ग्रेन फूड पैकेट आसानी से उपब्लध हो जाते हैं फिर चाहे वह बाजरे का आटा हो या ओट्स। इन चीजों को खरीदते वक्त हमेशा इनके लेबल की जांच करें। फैट कंटेंट को जरूर देखें। ज्यादा फैट होने पर उसे खरीदना अवॉइड करें।