थैलेसीमिया (Thalassemia) एक जेनेटिकल डिजीज है, जिसके कारण बॉडी में हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) का निर्माण ठीक तरह से नहीं हो पाता है। हीमोग्लोबिन (Haemoglobin) ही पूरे शरीर मे ऑक्सिजन को पहुंचाने का काम करता है। अगर शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाये, तो ब्लड (Blood) और ऑक्सिजन (Oxygen) दोनों की ही कमी सकती है। अगर थैलेसीमिया की जानकारी वक्त पर नहीं मिल पाती और इलाज शुरू ना होने की अभाव में यह बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है। हालांकि थैलेसीमिया सप्लिमेंट्स (Thalassemia Supplements) के सेवन से इस बीमारी से बचा जा सकता है। वहीं अगर आप ध्यान दें, तो शरीर में हीमोग्लोबिन भी दो अलग-अलग तरह के प्रोटीन के निर्माण में सहायक होता है, जिसे अल्फा और बीटा कहा जाता है। थैलेसीमिया भी दो अलग-अलग प्रकार हैं (1) अल्फा थैलेसीमिया (Alpha Thalassemia) एवं (2) बीटा थैलेसीमिया (Beta Thalassemia)।
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आज इस आर्टिकल में जानेंगे थैलेसीमिया सप्लिमेंट्स (Thalassemia Supplements) एवं विटामिन से जुड़ी पूरी जानकरी, जिससे आप खुद और अपनों को स्वस्थ रहने में कर सकेंगे मदद।
थैलेसीमिया सप्लिमेंट्स: कौन-कौन सी सप्लिमेंट्स करें शामिल? (List of Thalassemia Supplements)
थैलेसीमिया सप्लिमेंट्स (Thalassemia Supplements) की लिस्ट में शामिल हैं निम्नलिखित पोषक तत्व। जैसे:
1. फोलिक एसिड (Folic acid)
थैलेसीमिया सप्लिमेंट्स की लिस्ट में सबसे पहले बात करते हैं फोलिक एसिड की। फोलिक एसिड को प्रेग्नेंसी का सुपरहीरो कहा जाता है। फोलिक एसिड विटामिन बी (Vitamin B) से बनता है, जिसे फॉलेट (Folate) कहते हैं। फोलेट और फोलिक एसिड पानी में घुलनशील विटामिन बी का रूप है। फोलेट खाने-पीने की चीजों में शामिल होता है। फोलेट रेड ब्लड सेल्स (Red Blood Cells) बनाने और गर्भ में पल रहे शिशु के ब्रेन (Fetus brain) और स्पाइनल कॉर्ड (Spinal cord) में न्यूरल ट्यूब (Neural tube) के डेवलपमेंट में अहम भूमिका निभाता है। प्रेग्नेंसी में फोलिक एसिड के फायदे एक नहीं, बल्कि कईं हैं। द ऑफिशियल जर्नल ऑफ द रॉयल फार्मास्यूटिकल सोसाइटी (The official journal of the Royal Pharmaceutical Society) में पब्लिश्ट रिपोर्ट के अनुसार फोलिक एसिड थैलेसीमिया सप्लिमेंट्स (Thalassemia Supplements) के रूप में प्रिस्क्राइब किया जा सकता है।
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2. विटामिन ई (Vitamin E)
शरीर के एक नहीं, बल्कि कई अंग के लिए विटामिन ई (Vitamin E) अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। शारीरिक अंगों के ठीक तरह से काम करने के लिए विटामिन ई रिच फूड का सेवन किया जाता है। विटामिन ई (Vitamin E) रिच खाद्य पदार्थों में एंटीऑक्सिडेंट (Antioxidant) की प्रचुर मौजूद होती है, जो डैमेज सेल्स (Damaged cells) के निर्माण में सहायक होती हैं। अगर प्राकृतिक खाद्य पदार्थों के सेवन से शरीर में विटामिन ई की कमी को दूर ना हो, तो ओजीवा प्लांट बेस्ड नैचुरल विटामिन ई (OZiva Plant Based Natural Vitamin E) सप्लिमेंट्स या किसी अन्य विटामिन ई (Vitamin E) सप्लिमेंट्स के सेवन की सलाह दी जा सकती है।
3. विटामिन के (Vitamin K)
शरीर में विटामिन के कमी होने पर चोट लगने या कटने पर ब्लीडिंग तेजी से होती है और जल्द बंद भी नहीं होती है। ऐसी स्थिति में अगर अंदुरुनी ब्लीडिंग भी शुरू हो सकती है और हड्डियां भी कमजोर हो सकती हैं। इसलिए थैलेसीमिया सप्लिमेंट्स (Thalassemia Supplements) के रूप में विटामिन के से भरपूर खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह दी जाती है। अगर नैचुरल फूड इंग्रीडिएंट्स से शरीर को पोषण ना मिले, तो विटामिन के सप्लिमेंट्स यूनिवेड के2-7- वेज (Unived K2-7-veg) या ऐसे ही किसी अन्य सप्लिमेंट्स (Supplements) के सेवन की सलाह दी जा सकती है।
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4. एल कार्निटाइन (L-Carnitine)
थैलेसीमिया सप्लिमेंट्स (Thalassemia Supplements) की लिस्ट में शामिल है हिमालयन ऑर्गेनिक्स एल कार्निटाइन (Himalayan Organics L Carnitine), थैलेसीमिया की समस्या से पीड़ित लोगों को अगर नैचुरल खाद्य पदार्थों से एल कार्निटाइन की पूर्ति नहीं होने पर हिमालयन ऑर्गेनिक्स एल कार्निटाइन (Himalayan Organics L Carnitine) या ऐसे ही किसी अन्य एल कार्निटाइन (L-CARNITINE) सप्लिमेंट्स लेने की सलाह दी जाती है।
5. जिंक (Zink)
बॉडी में जिंक की कमी कैंसर (Cancer), सीलिएक डिजीज (Celiac disease) एवं डायबिटीज जैसी अन्य बीमारी का कारण बन सकती है। वहीं नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड रिपोर्ट्स के अनुसार थैलेसीमिया पेशेंट्स के लिए भी जिंक अत्यधिक आवश्यक है। शरीर में जिंक की कमी ना हो इसलिए शेलफिश (Shellfish), नट्स (Nuts) एवं सीड्स (Seeds) के सेवन की सलाह दी जाती है। अगर इनके सेवन से शरीर में फिर जिंक की कमी रहती है, तो सप्लिमेंट्स (Supplements) प्रिस्क्राइब की जा सकती है।
इन 5 थैलेसीमिया सप्लिमेंट्स (Thalassemia Supplements) के अलावा एस्ट्रागल्स (Astragalus) का भी सेवन किया जा सकता है।
एस्ट्रागल्स (Astragalus)
एस्ट्रागल्स एक प्रकार का हर्ब है, थैलेसीमिया सप्लिमेंट्स (Thalassemia Supplements) के रूप में भी जाना जाता है। नैशनल सेंटर फॉर कॉम्प्लिमेंटरी एंड इंटरगेटिव हेल्थ (National Centre for Complementary and Integrative Health) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार कई शारीरिक परेशानियों जैसे इम्यून सिस्टम (Immune System) से जुड़ी परेशानी, हार्ट प्रॉब्लम (Heart problem), किडनी फंक्शन (Kidney), कीमोथेरिपी (Chemotherapy) और ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) को कंट्रोल रखने में सहायक है।
शरीर को रोगों से दूर रखने के लिए अपने दिनचर्या में योग को करें शामिल। नीचे दिए इस वीडियो लिंक में योगासन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी जा रही है।
नोट: ज्यादा मात्रा में चाय (Tea) और कॉफी (Coffee) का सेवन ना करें, क्योंकि चाय या कॉफी जैसे पेय पदार्थों के सेवन से शरीर द्वारा आयरन (Iron) का अवशोषण कम हो जाता है और थैलेसीमिया के पेशेंट की तकलीफ बढ़ सकती है।
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थैलेसीमिया सप्लिमेंट्स (Thalassemia Supplements) लेने से पहले थैलेसीमिया के लक्षणों (Thalassemia symptoms) को जरूर जानें-
- थकावट (Fatigue) महसूस होना।
- कमजोरी (Weakness) महसूस होना।
- त्वचा का पीला होना (Yellowish Skin) होना।
- चेहरे की हड्डी की विकृति (Facial Bone Deformities)
- ग्रोथ (Slow Growth) का कम होना।
- पेट में सूजन (Abdominal Swelling) होना।
- यूरिन का रंग गहरा (Dark Urine) होना।
अगर ऐसे लक्षण (Thalassemia symptoms) महसूस हों, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से कंसल्टेशन करें। खुद से इलाज शुरू ना करें।
अगर आप थैलेसीमिया या थैलेसीमिया सप्लिमेंट्स (Thalassemia Supplements) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। आप चाहें, तो अपने सवालों को कमेंट बॉक्स में भी लिखकर पूछ सकते हैं। हालांकि अगर आप थैलेसीमिया (Thalassemia) के पेशेंट हैं, तो बेहतर होगा आप डॉक्टर से कंसल्ट करें।
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