शरीर के एक नहीं, बल्कि कई अंग के लिए विटामिन ई (Vitamin E) अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। शारीरिक अंगों के ठीक तरह से काम करने के लिए विटामिन ई रिच फूड का सेवन किया जाता है। विटामिन ई (Vitamin E) रिच खाद्य पदार्थों में एंटीऑक्सिडेंट (Antioxidant) की प्रचुर मौजूद होती है, जो डैमेज सेल्स (Damaged cells) के निर्माण में सहायक होती हैं। अगर प्राकृतिक खाद्य पदार्थों के सेवन से शरीर में विटामिन ई की कमी को दूर ना हो, तो ओजीवा प्लांट बेस्ड नैचुरल विटामिन ई (OZiva Plant Based Natural Vitamin E) सप्लिमेंट्स या किसी अन्य विटामिन ई (Vitamin E) सप्लिमेंट्स के सेवन की सलाह दी जा सकती है।
3. विटामिन के (Vitamin K)
शरीर में विटामिन के कमी होने पर चोट लगने या कटने पर ब्लीडिंग तेजी से होती है और जल्द बंद भी नहीं होती है। ऐसी स्थिति में अगर अंदुरुनी ब्लीडिंग भी शुरू हो सकती है और हड्डियां भी कमजोर हो सकती हैं। इसलिए थैलेसीमिया सप्लिमेंट्स (Thalassemia Supplements) के रूप में विटामिन के से भरपूर खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह दी जाती है। अगर नैचुरल फूड इंग्रीडिएंट्स से शरीर को पोषण ना मिले, तो विटामिन के सप्लिमेंट्स यूनिवेड के2-7- वेज (Unived K2-7-veg) या ऐसे ही किसी अन्य सप्लिमेंट्स (Supplements) के सेवन की सलाह दी जा सकती है।
और पढ़ें : हीमोफीलिया ए (Hemophilia A) का हैं शिकार, तो फॉलो करें ये डायट प्लान
4. एल कार्निटाइन (L-Carnitine)
थैलेसीमिया सप्लिमेंट्स (Thalassemia Supplements) की लिस्ट में शामिल है हिमालयन ऑर्गेनिक्स एल कार्निटाइन (Himalayan Organics L Carnitine), थैलेसीमिया की समस्या से पीड़ित लोगों को अगर नैचुरल खाद्य पदार्थों से एल कार्निटाइन की पूर्ति नहीं होने पर हिमालयन ऑर्गेनिक्स एल कार्निटाइन (Himalayan Organics L Carnitine) या ऐसे ही किसी अन्य एल कार्निटाइन (L-CARNITINE) सप्लिमेंट्स लेने की सलाह दी जाती है।
5. जिंक (Zink)
बॉडी में जिंक की कमी कैंसर (Cancer), सीलिएक डिजीज (Celiac disease) एवं डायबिटीज जैसी अन्य बीमारी का कारण बन सकती है। वहीं नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड रिपोर्ट्स के अनुसार थैलेसीमिया पेशेंट्स के लिए भी जिंक अत्यधिक आवश्यक है। शरीर में जिंक की कमी ना हो इसलिए शेलफिश (Shellfish), नट्स (Nuts) एवं सीड्स (Seeds) के सेवन की सलाह दी जाती है। अगर इनके सेवन से शरीर में फिर जिंक की कमी रहती है, तो सप्लिमेंट्स (Supplements) प्रिस्क्राइब की जा सकती है।
इन 5 थैलेसीमिया सप्लिमेंट्स (Thalassemia Supplements) के अलावा एस्ट्रागल्स (Astragalus) का भी सेवन किया जा सकता है।
एस्ट्रागल्स (Astragalus)