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Gliobastoma : ग्लियोब्लास्टोमा कितने प्रकार का होता है? कुछ ऐसे होता है इसका ट्रीटमेंट

Gliobastoma : ग्लियोब्लास्टोमा कितने प्रकार का होता है? कुछ ऐसे होता है इसका ट्रीटमेंट

ग्लियोब्लास्टोमा (Gliobastoma) एक प्रकार का ब्रेन ट्यूमर है, जिसे एग्रेसिव ब्रेन ट्यूमर भी कहा जाता है। एस्ट्रोसाइटोमास ग्रुप के ब्रेन ट्यूमर में ग्लियोब्लास्टोमा भी शामिल है। ये ब्रेन ट्यूमर एस्ट्रोसाइट्स ( astrocytes) स्टार सेल्स से शुरू होता है। ये सेल्स नर्व को नरिश और सपोर्ट करती हैं। ग्लियोब्लास्टोमा (Gliobastoma) में विभिन्न प्रकार की ब्रेन सेल्स शामिल हो सकती हैं। यानी इसमें जीवित के साथ ही डेड ब्रेन सेल्स भी शामिल हो सकती हैं। ब्रेन ट्यूमर के कुल पेशेंट में करीब 12 से 15 प्रतिशत लोगों को ग्लियोब्लास्टोमा (Gliobastoma) की समस्या होती है। ये ट्यूमर तेजी से ब्रेन में डेवलप होता है। सेल्स तेजी से अपनी संख्या बढ़ाती हैं और ब्लड वेसल्स की सहायता से ये खुद का पोषण भी करती हैं। ऐसा रेयर केस में ही होता है कि ये शरीर के अन्य भागों में फैले।

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ग्लियोब्लास्टोमा  के लक्षण (Gliobastoma symptoms)

ग्लियोब्लास्टोमा

आमतौर पर ब्रेन ट्युमर के शुरुआती लक्षण नजर नहीं आते हैं। जब ट्यूमर बढ़ता जाता है, तो शरीर में कुछ बदलाव आने लगते हैं। जब मस्तिष्क के कुछ हिस्सों पर दबाव पड़ता है, तो ये स्थिति ग्लियोब्लास्टोमा लक्षणों का कारण बनती है। अगर ब्रेन ट्यूमर बहुत बड़ा नहीं है, तो मुश्किल ही है कि इसकी जानकारी मिल पाए या इसके लक्षणों का पता चले। अगर ब्रेन ट्युमर बड़ा हो रहा है, तो आपको निम्नलिखित लक्षण नजर आ सकते हैं।

  • सिर दर्द (headaches)
  • मतली और उल्टी (nausea and vomiting)
  • नींद न आना (sleepiness)
  • शरीर के एक ओर कमजोरी (weakness on one side of your body)
  • मेमोरी लॉस (Memory loss)
  • स्पीच और लैंग्वेज में समस्याएं (problems with speech and language)
  • पर्सनालिटी और मूड चेंज (personality and mood changes)
  • मसल्स वीकनेक (muscle weakness)
  • दोहरी दृष्टि या धुंधली दृष्टि (double vision)
  • भूख में कमी (loss of appetite)
  • सीजर्स (seizures)

अगर आपको उपरोक्त दिए गए लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो आपको बिना देरी किए डॉक्टर से जांच करानी चाहिए। कैंसर या ट्यूमर का इलाज शुरुआती चरणों में किया जा सकता है लेकिन समय के साथ ही फैलने लगता है। कैंसर की आखिरी स्टेज में ट्रीटमेंट मुश्किल हो जाता है। बेहतर होगा कि बीमारी के लक्षण दिखते ही तुरंत इलाज कराया जाए। आप घर परिवार के सदस्यों को भी इस बारे में जरूरी जानकारी दें।

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ग्लियोब्लास्टोमा (Gliobastoma) किन कारणों से हो सकता है?

ज्यादातर कैंसर के कारणों का पता नहीं चलता है। कुछ फैक्टर्स होते हैं, जिनके कारण कैंसर या फिर ट्यूमर की संभावना बढ़ सकता है। ग्लियोब्लास्टोमा (Gliobastoma) के केस में भी यही बात लागू होती है। जब ब्रेन में अचानक से सेल्स खुद की संख्या बढ़ाने लगती हैं, तो ये ट्यूमर का निर्माण करता है। अगर आप पुरुष हैं और आपकी उम्र 50 साल से अधिक है, तो ब्रेन ट्यूमर या ग्लियोब्लास्टोमा होने की संभावना बढ़ जाती है। आप इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर्स से भी परामर्श कर सकते हैं।

ग्लियोब्लास्टोमा के प्रकार (Types of glioblastoma)

ज्यादातर कैंसर के कारणों का पता नहीं चलता है। कुछ फैक्टर्स होते हैं, जिनके कारण कैंसर या फिर ट्यूमर की संभावना बढ़ सकता है। ग्लियोब्लास्टोमा (Gliobastoma) के केस में भी यही बात लागू होती है। जब ब्रेन में अचानक से सेल्स खुद की संख्या बढ़ाने लगती हैं, तो ये ट्यूमर का निर्माण करता है। अगर आप पुरुष हैं और आपकी उम्र 50 साल से अधिक है, तो ब्रेन ट्यूमर या ग्लियोब्लास्टोमा होने की संभावना बढ़ जाती है। ग्लियोब्लास्टोमा (Glioblastomas) को ग्रेड 4 एस्ट्रोसाइटोमा ट्यूमर (astrocytoma tumors) भी कहा जाता है। सभी ट्यूमर एक जैसे नहीं होते हैं। यानी उनके आकार में परिवर्तन होता है। ट्यूमर कैसे दिख रहे हैं, इस आधार पर उन्हें एक से लेकर चार के स्केल में मापा जाता है। ग्रेड के आधार पर पता चल जाता है कि ट्यूमर कितनी गति से बढ़ रहा है या फिर कोशिकाएं कितनी तेजी से अपनी संख्या बढ़ा रही हैं। ग्रेड 4 ट्यूमर को एग्रेसिव ट्यूमर कहा जाता है क्योंकि ये तेजी से ग्रो करता है और साथ ही तेजी से ब्रेन में फैलता है। ग्लियोब्लास्टोमा (Gliobastoma) दो प्रकार का होता है। पहला प्राइमरी ग्लियोब्लास्टोमा और दूसरा सेकेंड्री ग्लियोब्लास्टोमा।

प्राइमरी ग्लियोब्लास्टोमा (Primary glioblastoma) – इस प्रकार का ट्यूमर एग्रेसिव फॉम में रहता है और तेजी से ब्रेन में फैलता है।

सेकेंड्री ग्लियोब्लास्टोमा (Secondary glioblastoma) – सेकेंड्री ग्लियोब्लास्टोमा की ग्रोथ कम होती है और ये कॉमन नहीं होता है। ये लोअर ग्रेड से शुरू होता है। इसे लेस एग्रेसिव एस्ट्रोसाइटोमा (astrocytoma) कहते हैं। ब्रेन कैंसर के कुल पेशेंट में केवल दस प्रतिशत लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें सेकेंड्री ग्लियोब्लास्टोमा की समस्या होती है। ये ट्यूमर 45 साल से अधिक उम्र के लोगों में होने की संभावना अधिक होती है।

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ग्लियोब्लास्टोमा का ट्रीटमेंट (Glioblastoma treatments)

ग्लियोब्लास्टोमा (Glioblastomas) का ट्रीटमेंट मुश्किल या यूं कहें कि जटिल होता है। ये ट्यूमर तेजी से बढ़ता है और ऐसे में सर्जरी के माध्यम से ट्यूमर को निकालना संभव नहीं हो पाता है। ट्यूमर में अलग-अलग प्रकार की कैंसर सेल्स रहती हैं। ट्रीटमेंट के दौरान कुछ कोशिकाओं में अच्छा प्रभाव पड़ता है जबकि कुछ कोशिकों को ट्रीट नहीं किया जा सकता है। रेडिएशन (radiation) के माध्यम से कैंसर सेल्स को खत्म किया जाता है। साथ ही पेशेंट को कीमोथेरिपी (chemotherapy) और टेमोजोलोमाइड (temozolomide) ड्रग भी दी जाती है। अन्य ड्रग्स जैसे कि एवास्टिन (Avastin), सीनू (Ceenu) आदि भी दिए जाते हैं। डॉक्टर जरूरत के अनुसार जीन थेरिपी ( gene therapy) स्टेम सेल थेरिपी (stem cell therapy ) , वैक्सीन थेरिपी (vaccine therapy ) , टार्गेट थेरिपी (personalized medicine) आदि भी दी जा सकती हैं।

ग्लियोब्लास्टोमा (Glioblastomas) के बाद कितना रहता है जान का खतरा?

जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि ये ट्यूमर एग्रेसिव होता है। अगर कोई व्यक्ति इस ट्यूमर से पीड़ित है और सर्जरी भी हो चुकी है, तो केवल सर्वाइवल टाइम 15 से 16 महीने ही रहता है। कुछ पेशेंट लंबे समय तक यानी चार से पांच साल तक भी जी सकते हैं। बच्चों में सर्वाइवल रेट बढ़ जाता है यानी अगर बच्चे को ब्रेन ट्यूम है, तो वो पांच साल से अधिक जी सकते हैं। जैनेटिक मार्कर जैसे कि एमजीएमटी मिथाइलेशन (MGMT methylation) से सर्वाइवल रेट अधिक बढ़ जाते हैं।

और पढ़ें: Wilms’ Tumor: विल्म्स ट्यूमर क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय

आपको कुछ दिनों में क्या बदलाव महसूस हुआ है या फिर अगर आपको कुछ लक्षण नजर आ रहे हैं, तो बिना देरी किए डॉक्टर से मिलें। डॉक्टर आपके बताए गए लक्षणों के आधार पर जांच करेंगे और आपको उचित सलाह भी देंगे।  इस आर्टिकल के माध्यम से आपको ग्लियोब्लास्टोमा (Gliobastoma) के संबंध में अधिक जानकारी मिली होगी। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Accessed on 6/5/2021

 Extreme long-term survival with glioblastoma.
https://www.cancer.gov/news-events/cancer-currents-blog/2017/glioblastoma-research-making-progress

Understanding glioblastoma
mdanderson.org/publications/cancerwise/2013/04/understanding-glioblastoma.html

Glioblastoma

abta.org/brain-tumor-information/types-of-tumors/glioblastoma.html

Glioblastoma.

thebraintumourcharity.org/understanding-brain-tumours/types-of-brain-tumour-adult/glioblastoma/

Glioblastoma multiforme
https://rarediseases.info.nih.gov/diseases/2491/glioblastoma

Tumor types: Understanding brain tumors.
braintumor.org/brain-tumor-information/understanding-brain-tumors/tumor-types/#glioblastoma-multiforme

Current Version

30/03/2022

Bhawana Awasthi द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Bhawana Awasthi


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

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Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 30/03/2022

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