भारतीय महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) की संख्या सबसे ज्यादा है। साल 2018 में 1,62,468 ब्रेस्ट कैंसर के नए पेशेंट रजिस्टर किए गए हैं वहीं 87,090 ब्रेस्ट कैंसर पीड़ित महिलाओं की मौत भी हुई है। आज जानेंगे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (Artificial Intelligence [AI]) ब्रेस्ट कैंसर में कैसे मददगार हो सकती है। हालांकि आर्टिफिशियल इंटेलीडजेंस (AI) की तकनीक को समझने से पहले ब्रेस्ट और ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जानकारी होना जरूरी हो सकता है।
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) से पहले समझें ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) क्या है?
ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) को स्तनों का कैंसर भी कहा जाता है। ब्रेस्ट कैंसर होने पर स्तनों के अंदर एक तरह की गांठ बनने लगती है, जो काफी घातक हो सकते हैं। ये ट्यूमर (गांठ) स्तन के साथ-साथ शरीर के अन्य ऊतकों पर आक्रमण करते हैं, जिससे शरीर के अन्य हिस्सों में इनके फैलने की क्षमता बढ़ने लगती है। स्तन कैंसर के ट्यूमर स्तन की कोशिकाओं में विकसित होते हैं। यह पुरुषों और महिलाओं दोनों में ही हो सकता है। हालांकि महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में स्तन कैंसर की समस्या दुर्लभ ही देखी जाती है। इसलिए ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) के अधिकतर मामले महिलाओं से जुड़े हुए होते हैं।
ब्रेस्ट क्या है?
आमतौर पर महिला और पुरुष दोनों में ही शारीरिक विकास के तौर पर स्तन होते हैं। हालांकि महिला के स्तनों (Breast) में विशेष ग्रंथियां होती हैं, जो दूध का उत्पादन कर सकती हैं। महिलाओं के स्तन संरचना में 15 से 20 लोब हो सकते हैं। प्रत्येक लोब कई छोटे-छोटे लोब्यूल से बने होते हैं, जिसमें छोटी-छोटी ग्रंथियों का समूह होता है, जो दूध का उत्पादन (Milk production) करने में मदद करते हैं। स्तनों के ये दूध छोटी नलिकाओं के एक माध्यन से होते हुए जलाशय तक आ जाते हैं, जो स्तनों के निप्पल के ठीक नीचे स्थित होता है। निप्पल के आस-पास की त्वचा के गहरे गोल क्षेत्र को एरोला (Aelora) कहा जाता है। ब्रेस्ट में ब्लड और लिम्फ की नसे और लिम्फ नोड्स भी होते हैं।
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स्तनों में लिम्फ सिस्टम
स्तनों के लिम्फ सिस्टम (Lymph system) ही स्तन कैंसर के फैलने के मुख्य कारकों में से एक हो सकता है। लसीका वाहिकाओं (Lymph vessels) में लसीका नामक एक स्पष्ट तरल पदार्थ होता है, जो इन नलियों से होते हुए लिम्फ नोड्स (Lymph nodes) में जाता है। लिम्फ नोड्स छोटे बीन के आकार की संरचनाएं होती है, जिनमें संक्रमण (इम्यून सिस्टम सेल्स) से लड़ने वाली कोशिकाएं होती हैं। स्तनों की इन नलियों से लिम्फ वेसल एक्सिलरी लिम्फ नोड्स (Axillary lymph nodes) और सुप्राक्लेविक्युलर लिम्फ नोड्स (Supraclavicular lymph nodes) में प्रभावित होते रहते हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) क्या है? (What is Artificial Intelligence?)
हाल ही में, रेडियोलॉजी में प्रकाशित हुए एक नए अध्ययन के अनुसार, दो प्रमुख संस्थानों के शोधकर्ताओं ने एक महिला के स्तन कैंसर के भविष्य के होने वाले जोखिमों का अनुमान लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) की विधियों के साथ एक नया उपकरण विकसित किया है। आमतौर पर ब्रेस्ट डेंसिटी ब्रेस्ट कैंसर के लिए एक सबसे बड़ा जोखिम कारक माना जाता है। इसलिए इस अध्ययन में ब्रेस्ट जोखिमों के मूल्यांकन में सुधार करने के लिए कुछ मॉडलों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (Artificial Intelligence) को भी जोड़ा गया है। हालांकि इसका परिणाम और अनुमान हर व्यक्ति के स्तनों के आकार (Breast size) पर निर्भर कर सकता है। जिसके लिए अभी भी इस तकनीक के बारे में अधिक शोध करने की आवश्यकता है।
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आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (Artificial Intelligence) एक प्रकार का मेमोग्राफी (Mammography) है, जो बड़े आकार और घनत्व वालों स्तनों का परीक्षण करने के लिए सबसे उपयुक्त माना जा सकता है। अन्य मैमोग्राफी की तुलना में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (Artificial Intelligence) के परीक्षण और उससे प्राप्त किए गए परिणामों पर अधिक विश्वास किया जा सकता है। इस अध्ययन में ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) से जुड़े भविष्य में होने वाले जोखिमों को जानने के लिए तीन विधियों का परीक्षण किया गया। जिसमें पारंपरिक मॉडल यानी ब्लड टेस्ट (Blood test) या टिश्यू की जांच करना, दूसरा मेमोग्राफी जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) के विधि को शामिल किया गया और तीसरा हाइब्रिड मॉडल।
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स्तन कैंसर के कारण क्या हो सकते हैं? (Cause of Breast Cancer)
निम्नलिखित कारणों से स्तन कैंसर हो सकता है, जिसमें शामिल हैंः
- अत्यधिक मात्रा में एल्कोहॉल (Alcohol) या सिगरेट (Smoking) का सेवन करना
- पहले गर्भ धारण में देरी होना, यानी लेट एज में पहली प्रेग्नेंसी
- बच्चों को स्तनपान न करवाना
- शरीर का वजन अत्यधिक बढ़ना
- बदलती लाइफस्टाइल
- गर्भनिरोधक (Contraceptive pills) दवाईयों का सेवन करना
इसके अलावा जेनेटिकल कारणों की वजह से भी स्तन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। यानी अगर परिवार में पहले भी कभी किसी सदस्य को स्तन कैंसर या कैंसर की समस्या थी, तो उसको जोखिम उसके बच्चे में भी हो सकता है।
स्तन कैंसर के लक्षण कैसे पहचाने जा सकते हैं? (Symptoms of Breast Cancer)
निम्नलिखत लक्षण स्तन कैंसर की ओर इशारा कर सकते हैं, जिनमें शामिल हैंः
- स्तन में किसी तरह का गांठ होना
- स्तन के स्किन में बदलाव होना
- निप्पल के आकार में बदलाव होना
- स्तन का सख्त होना
- स्तन के आस-पास (अंडर आर्म्स) भी गांठ होना
- निप्पल से रक्त या तरल पदार्थ का रिसाव होना
- स्तन में दर्द महसूस होना
- स्तन में गांठ की समस्या से भी महिलाएं परेशान रहती हैं और तनाव में आ जाती हैं। लेकिन, स्तन में होने वाले गांठ हमेशा स्तन कैंसर ही नहीं हो सकते हैं।
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कैंसर पीड़ित या सामान्य लोगों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
कैंसर पीड़ित व्यक्तियों को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसे-
- शराब, ध्रूमपान और तम्बाकू का सेवन न करें।
- मोटापे से दूर रहें। अगर वजन बढ़ा हुआ है, तो उसे कम करने के विकल्पों पर ध्यान दें।
- डॉक्टरों के संपर्क में रहें। अगर पूरी तरह से आप स्वस्थ्य भी हैं, तो भी आपको साल में एक बार अपने शरीर की पूरी जांत करवानी चाहिए।
- ध्रूमपान कर रहें व्यक्ति के पास खड़े न रहें।
सामान्य लोगों को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल के सेवन से बचें।
- एल्कोहॉल, सिगरेट और तंबाकू–गुटखा का सेवन न करें।
- जंक फूड को अपने आहार में शामिल न करें।
- पौष्टिक आहार और पानी का सेवन करें।
- महिलाओं को 40 साल की उम्र के बाद मैमोग्राफी करवाना चाहिए
कैंसर एक्सपर्ट के अनुसार स्तन कैंसर के 5 स्टेज (Breast Cancer Stage 5) होते हैं। अगर स्तन कैंसर पहले स्टेज में है, तो 70 से 80 प्रतिशत तक पेशेंट के ठीक होने की संभावना होती है। दूसरे स्टेज में होने पर 60 से 70 प्रतिशत तक महिलाएं ठीक हो सकती हैं। वहीं कैंसर एक्सपर्ट मानते हैं कि तीसरे या चौथे स्टेज में स्तन कैंसर का इलाज थोड़ा कठिन हो जाता है। इसीलिए स्तन में बदलाव या दर्द महसूस होने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।