यूनियन हेल्थ मिनिस्ट्री के आंकड़े कहते हैं कि भारतीय महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की समस्या सबसे ज्यादा है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो साल 2020 तक कम से कम 17,97,900 महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर की समस्या से पीड़ित हो सकती हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि आखिर क्या होती है ब्रेस्ट कैंसर स्टेज।
क्या है ब्रेस्ट कैंसर?
ब्रेस्ट में गांठ, स्किन में बदलाव, निप्पल के आकार में बदलाव, स्तन का सख्त होना, स्तन के आस-पास (अंडर आर्म्स) गांठ होना, निप्पल से रक्त या तरल पदार्थ का आना या स्तन में दर्द महसूस होना ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है। ऐसा एल्कोहॉल या सिगरेट का सेवन करना, पहले गर्भ धारण में देरी होना, बच्चों को स्तनपान न करवाना, शरीर का वजन अत्यधिक बढ़ना, बदलती लाइफस्टाइल, गर्भनिरोधक दवाईयों का सेवन करना या जेनेटिकल (परिवार में अगर किसी को ब्रेस्ट कैंसर हुआ हो) कारणों की वजह से भी कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
कैंसर से लड़ना संभव है अगर वक्त पर इलाज शुरू किया जाए। एक्सपर्ट्स का मानना है की ब्रेस्ट कैंसर के स्टेज पर भी निर्भर करता है की पेशेंट को ठीक होने में कितना वक्त लगेगा।
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जानते हैं ब्रेस्ट कैंसर के कितने स्टेज होते हैं ?
ब्रेस्ट कैंसर के 5 स्टेज होते हैं।
1. स्टेज 0
2. स्टेज I
3. स्टेज II
4. स्टेज III
5. स्टेज IV
ब्रेस्ट कैंसर स्टेज 0
ब्रेस्ट के टिशू से कैंसर की शुरुआत होती है, जिसे नॉनइवेसिव कैंसर (noninvasive cancer) कहते हैं। स्टेज-0 कैंसर की शुरुआती अवस्था है।
ब्रेस्ट कैंसर स्टेज I
स्टेज I की दो अवस्था होती है। (i) स्टेज I A और (ii) स्टेज I B
(i) स्तन कैंसर के चरण या ब्रेस्ट कैंसर स्टेज I A- इस स्टेज में ट्यूमर छोटा होता है, लेकिन लिम्फ नोड्स तक नहीं पहुंचता है।
(ii) ब्रेस्ट कैंसर स्टेज I B- इस स्टेज में कैंसर लिम्फ नोड्स तक पहुंच जाता है और 0.2 मिमी से बड़ा होता है। लेकिन, आकार में 2 मिमी से कम होता है। स्तन में ट्यूमर का इस वक्त आभास नहीं होता है क्योंकि ट्यूमर 20 मिमी या इससे भी छोटा हो सकता है।
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ब्रेस्ट कैंसर स्टेज II-
इसके दो स्टेज होते हैं। (i) स्टेज II A और (ii) स्टेज II B
(i) ब्रेस्ट कैंसर स्टेज II A- इस स्टेज में ट्यूमर की जानकारी नहीं पाती है लेकिन, ब्रेस्ट का लिम्फ नोड इससे प्रभावित होता है। कैंसर एक्सपर्ट के अनुसार 50 mm तक और इससे बड़ा ट्यूमर नहीं होता है। लेकिन, यह ऐक्सिलरी लिम्फ नॉड्स तक इस स्टेज में नहीं पहुंचता है।
(ii) ब्रेस्ट कैंसर स्टेज II B- इस स्टेज में दोनों ही स्थिति हो सकती है। ट्यूमर का साइज 50 mm से ज्यादा हो सकता और इस ऐक्सिलरी लिम्फ नॉड्स तक पहुंच सकता है या नहीं भी पहुंच सकता है।
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4. स्तन कैंसर के चरण या ब्रेस्ट कैंसर स्टेज III-
ब्रेस्ट कैंसर के स्टेज III में तीन अलग-अलग स्टेज होते हैं। (i) स्टेज II A, (ii) स्टेज II B और (iii) स्टेज III C
(i) स्टेज II A- इस स्टेज में कैंसर का साइज 50 mm से बड़ा हो सकता है और 9 ऐक्सिलरी लिम्फ नॉड्स तक फैल सकता है। लेकिन, किसी अन्य हिस्से तक नहीं पहुंच पाता है।
(ii) स्टेज II B- स्टेज III के दूसरे स्टेज में ब्रेस्ट में सूजन की शुरुआत हो सकती है। ऐक्सिलरी लिम्फ नॉड्स के अलावा इंटरनल मैमरी लिम्फ नॉड्स तक ट्यूमर पहुंच सकता है या ऐसा नहीं भी हो सकता है। शरीर के अन्य हिस्से में अभी तक नहीं फैलता है।
(iii) स्टेज III C- 10 या उससे ज्यादा ऐक्सिलरी लिम्फ नॉड्स तक ट्यूमर फैल सकता है।
5. स्तन कैंसर के चरण या ब्रेस्ट कैंसर स्टेज IV-
स्टेज IV में ट्यूमर का साइज बढ़ने के साथ-साथ यह शरीर के अन्य हिस्सों जैसे लंग्स, ब्रेन, लिवर, लिम्फ नोड्स, चेस्ट या हड्डियों तक फैल जाता है। कैंसर की बीमारी का पता चलते ही मैटास्टैटिक ब्रेस्ट कैंसर का नाम देते हैं।
स्तन कैंसर की अगर शुरुआत है, तो स्तन सर्जरी कर हटाने की जरूरत भी नहीं पड़ती है। रेडिएशन और कीमोथेरिपी की प्रोसेस स्तन कैंसर के सर्जरी के बाद अनिवार्य है। इसलिए ध्यान रखें इस बीमारी से छुटकारा पाना आसान है लेकिन, समय रहते इलाज शुरु करवाना जरूरी है। इसलिए शरीर के किसी भी हिस्से में हो रहे बदलाव को नजरअंदाज न करें और जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।
अगर आपकी मां या परिवार (ब्लड रिलेशन) में जैसे मां या मौसी को ब्रेस्ट कैंसर हुआ है, वो अब ठीक हो चुकीं हैं या वो ब्रेस्ट कैंसर पेशेंट हैं तो बेटी को भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है। इसे मां से होने वाली बीमारी कह सकते हैं। ऐसी स्थिति में महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए अगर आपके ब्लड रिलेशन में कैंसर पेशेंट हैं तो आप अपने ब्रेस्ट की जांच करें ब्रेस्ट कैंसर स्टेज के बारे में ज्यादा से ज्यादा समझने की कोशिश करें। दरअसल स्तन में गांठ महसूस होने पर कैंसर की संभावना हो सकती है, लेकिन यह भी ध्यान रखें की हर गांठ कैंसर नहीं होती है। कैंसर बदलती लाइफ स्टाइल और जेनेटिकल दोनों कारणों के वजह से होने वाली बीमारी है। कैंसर एक्सपर्ट्स के अनुसार लगभग 5-10 प्रतिशत स्तन कैंसर के मामले ज्यादातर जेनेटिकल होते हैं।
करा सकती हैं जीन टेस्ट
इन जीनों की पहचान जीन 1 (BRCA1) और स्तन कैंसर जीन 2 (BRCA2) के रूप में की गई है। इसलिए परिवार में कभी कोई स्तन कैंसर से पीड़ित रह चुका है, तो आप इन जींस (genes) का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट करवा सकती हैं । यही नहीं लंबी महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा सामान्य हाइट वाली महिलाओं की तुलना में ज्यादा होता है। एक रिसर्च के अनुसार जिन महिलाओं की हाइट 5’3″ से ज्यादा होती है, उनमें स्तन कैंसर की संभावना होने की 10 से 20 प्रतिशत संभावना बढ़ जाती है। हॉलैंड के कुछ वैज्ञानिकों के द्वारा की गई रिसर्च की मानें तो ज्यादा हाइट वाली महिलाओं का शारीरिक विकास कम उम्र में ही तेजी से होता है। इसकी वजह से उनमें हॉर्मोन्स में बदलाव भी तेजी से होता है। इस वजह से उन्हें ब्रेस्ट कैंसर की आशंका अधिक रहती है।
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हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार सुबह खाली पेट में रोजाना 2 अखरोट खाने से महिलाओं को लाभ मिल सकता है। खाली पेट (बिना कुछ खाये पीये) में अखरोट खाने से इसमें मौजूद पोषक तत्व शरीर को पूर्ण पोषण प्रदान करते हैं । अखरोट में मौजूद फाइटोस्टेरॉल ट्यूमर के खतरे को भी कम करने में मददगार होता है। अमेरिका के मार्शल विश्वविद्यालय के एक रिपोर्ट के अनुसार अगर स्तन कैंसर पीड़ित महिला को लगातार दो सप्ताह तक सही मात्रा में अखरोट खिलाया जाता है, तो कैंसर के जीन में बदलाव आता है और ये बदलाव सकारात्म होता है। अमेरिकी मार्शल विश्वविद्यालय में सबसे पहले ये रिसर्च चूहे पर किया गया और स्तन कैंसर पीड़ित महिलाओं के लिए गुड न्यूज बनकर सामने आई।
उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। आपको अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से परामर्श करना चाहिए। अगर आप ब्रेस्ट कैंसर स्टेज या इससे जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।