द इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (The Indian Council of Medical research) ने हाल ही में अनुमान लगाया कि भारत में 2020 तक कैंसर के लगभग 17 लाख नए मामले सामने आ सकते हैं। जिनमें से आठ लाख लोगों की मृत्यु कैंसर (Cancer) की वजह से हो सकती हैं। वहीं एक स्टडी यह भी कहती है कि भारत की 27 प्रतिशत महिलाएं कैंसर से पीड़ित हैं, जिसमें स्तन कैंसर का खतरा सबसे आम है। स्टडी के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी क्षेत्रों की महिलाओं में स्तनों में कैंसर (Breast cancer) होने की संभावना ज्यादा रहती है।
स्तनों में कैंसर (Breast cancer) के बारे में क्या कहती है स्टडी?
ट्रायल एसाइनिंग इंडविजुअलाइज्ड ऑप्शंस फॉर ट्रीटमेंट (टेलरक्स) के द्वारा यह रिसर्च की गई जिसमें महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर सबसे आम पाया गया है। इस स्टडी में दुनिया भर के छह देशों से स्तन कैंसर (Breast cancer) से पीड़ित लगभग 10,273 महिलाओं को शामिल किया गया। कैंसर से पीड़ित इन महिलों में से लगभग 70 प्रतिशत महिलाओं को कीमोथेरेपी (Chemotherapy) से कोई फायदा नहीं पहुंचा। ब्रेस्ट कैंसर की शुरुआत 30 की उम्र में से हो जाती हैं और जैसे-जैसे उम्र बढ़ने लगती है, इसका खतरा भी बढ़ जाता है।
[mc4wp_form id=”183492″]
शहर में रहने वाली महिलाओं को स्तनों में कैंसर का खतरा ज्यादा (women who live in cities are more at risk of breast cancer)
स्टडी कहती है अर्बन एरिया में हर 22 में से एक जबकि रूरल एरिया में यह 60 में से एक महिला को ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना रहती है। स्तन कैंसर की रोकथाम के लिए शहरी महिलाओं में जागरूकता फैलाने की जरूरत है। वैसे अभी तक स्तन कैंसर का सही कारण का पता नहीं चला है। हालांकि, कई कारक हैं जो स्तन कैंसर के विकास के जोखिम को प्रभावित करते हैं। रोग के विकास की संभावना आपकी जीवन शैली, जीन्स और पर्यावरण पर भी निर्भर करती है।
और पढ़ें : सिलेक्टिव ईस्ट्रोजन रिसेप्टर मॉड्यूलेटर्स (SERMs): जानिए कैसे करते हैं ब्रेस्ट कैंसर को रोकने में मदद?
ब्रेस्टफीडिंग से कम होता है कैंसर का खतरा (Breastfeeding reduces the risk of cancer)
स्टडी के अनुसार 15% महिलाओं में स्तन कैंसर का कारण जेनेटिक है, जबकि हाई ब्रेस्ट डेंसिटी, स्तन कैंसर के सबसे बड़े जोखिम कारकों में से एक है। हालांकि स्तनों का घनत्व उम्र के साथ धीरे-धीरे कम होता जाता है, लेकिन बढ़ती उम्र भी इस कैंसर का एक कारण है होने की वजह से ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम कम नहीं होता है। स्तन कैंसर (Breast cancer) को रोका नहीं जा सकता है लेकिन, गर्भावस्था और ब्रेस्टफीडिंग स्तन कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं। हालांकि, अगर शुरूआती समय में ही ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण का पता चल जाए तो इसका इलाज आसान हो जाता है।
और पढ़ें : स्तन की परेशानी की वजह से क्या हो सकता है कैंसर?
डेकन क्रॉनिकल को दिए गए बयान में डॉ. प्रथिमा रेड्डी (वरिष्ठ प्रसूति और स्त्री रोग विशेषज्ञ, निदेशक, फोर्टिस ला फेमे हॉस्पिटल) का कहना है कि “सभी महिलाओं यह पता होना चाहिए कि उनके स्तन सामान्य रूप से कैसे दिखते हैं और उनमें किसी भी तरह बदलाव दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। वहीं, 50 वर्ष की उम्र की महिलाओं को नियमित अंतराल पर से मेमोग्राफी कराना चाहिए, जिससे स्क्रीनिंग के द्वारा ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) को फर्स्ट स्टेज पर ही पकड़ा जा सके।”
स्तनों में कैंसर के लक्षण क्या हैं ? (Signs of breast cancer)
नीचे बताए गए कुछ सामान्य से लक्षण स्तन कैंसर की ओर इशारा करते हैं:
- ब्रेस्ट में गांठ होना (Lump in the breast)
- ब्रेस्ट के स्किन में बदलाव होना (Change in the skin of the breast)
- निप्पल के आकार या रंग में बदलाव होना (Change in the size or color of the nipple)
- ब्रेस्ट का सख्त होना (hardening of the breast)
- ब्रेस्ट के आस-पास (अंडर आर्म्स) में भी गांठ होना (Lumps in the underarms or around the breast)
- निप्पल से ब्लड या तरल पदार्थ का आना (Blood or fluid coming from the nipple)
- स्तनों में दर्द महसूस होना (Feeling pain in the breasts)
ऊपर बताए गए ये लक्षण स्तनों में कैंसर (Breast cancer) की ओर संकेत करते हैं स्तनों में किसी भी प्रकार के असामान्य परिवर्तन के लिए डॉक्टर से तुरंत परामर्श लें
और पढ़ें : स्क्वामस सेल कार्सिनोमा: लंग कैंसर के इस टाइप के बारे में जानते हैं आप? स्मोकिंग है इसका पहला कारण
स्तनों में कैंसर के कारण क्या हैं? (Cause of Breast Cancer)
ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) के कई कारण हो सकते हैं, जिनके बारे में हम नीचे बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं ब्रेस्ट कैंसर किन कारणों से हो सकता है :
- असंतुलित दिनचर्या और खानपान की आदतों की वजह से महिलाओं के स्तनों में कैंसर की संभावना बढ़ जाती है। अनहेल्दी खानपान (Unhealthy food habits) और खराब जीवनशैली भी कभी-कभी ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) का एक कारण बन जाता है।
- वहीं, अगर परिवार में किसी को पहले स्तन कैंसर होना, उम्र बढ़ना, कम उम्र में पीरियड्स (Periods) शुरू हो जाना आदि बातें स्तनों में कैंसर का जोखिम और बढ़ा देती हैं।
- एल्कोहॉल (Alcohol) या सिगरेट (Smoking) का सेवन करना, पहली गर्भावस्था (Pregnancy) में देरी होना, बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग न करवाना, बॉडी का वजन ज्यादा बढ़ना, बर्थ कंट्रोल पिल्स (Birth control pills) का सेवन करना, हार्मोनल बदलाव आदि स्तनों में कैंसर का रिस्क बढ़ा देते हैं।
- मोनोपॉज के इलाज के रूप में हॉर्मोन रिप्लेसमेंट (Hormone replacement) कराने वाली महिलाओं में भी स्तनों में कैंसर का जोखिम 20 गुना अधिक होता है।
और पढ़ें: रेड मीट बन सकता है ब्रेस्ट कैंसर का कारण, खाने से पहले इन बातों का ख्याल रखना जरूरी
ब्रेस्ट कैंसर पेशेंट को डायट का ख्याल रखना चाहिए: (Best Foods to Eat When You Have Breast Cancer)
- खुद को रखें हाइड्रेट (Stay hydrated): रोजाना 2 से 3 लीटर पानी पीना चाहिए। इसके अलावा कैफीन युक्त ड्रिंक्स से दूरी बनाकर रखें।
- पर्याप्त कैलोरी लें (Get enough calories): दिनभर पर्याप्त खाना खाएं। पूरे दिन में 5 से 6 बार छोटी मील में खाना खाएं।
- प्रोटीन को लेना न भूलें (Don’t forget protein): प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा लेने के लिए मीट, फिश, सी फूड, अंडे, बींस, सॉय और डेयरी प्रोडक्ट्स को शामिल करें।
- फलों और सब्जियों का सेवन करना चाहिए: फलों और सब्जियों में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-एस्ट्रोजन प्रॉपर्टीज होती हैं। इसके लिए
- डायट में फायटोकेमिकल्स से भरपूर ब्रोकली (Broccoli), कलीफ्लावर (Cauliflower), पत्तागोभी, स्प्राउट्स आदि को शामिल करना चाहिए।
साबुत अनाज मे उच्च मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, फाइटोकेमिकल्स जैसे विटामिन और मिनिरल्स होते हैं।
और पढ़ें: जानिए कैसे ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम कर सकता है अखरोट
स्तनों में कैंसर से बचने के लिए नियमित रूप से खुद से ही ब्रेस्ट की जांच (Breast checkup) करते रहें क्योंकि समय पर बीमारी का पकड़ में आना सही और प्रभावी इलाज के लिए जरूरी होता है। आशा करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा आपको यह आर्टिकल कैसा लगा? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही अगर आपका इस विषय से संबंधित कोई भी सवाल या सुझाव है तो वो भी हमारे साथ शेयर करें। कैंसर (Cancer) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।