गतिहीन या मोटा होना, धूम्रपान करना और अत्यधिक शराब पीना ये सभी महिलाओं में कोलोन कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। महिलाओं को प्रति दिन एक से अधिक मादक पेय नहीं लेने की सलाह दी जाती है।
बढ़ती उम्र (Age)
उम्र बढ़ने के साथ कैंसर होने का रिस्क बढ़ जाता है, लेकिन बता दें कि यंग लोगों को भी कोलन कैंसर हो सकता है। मेनोपॉज के बाद महिला में सभी तरह के कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) (रजोनिवृत्ति के लक्षणों का प्रबंधन करने के लिए प्रयोग की जाती है) कुछ कैंसर के जोखिम को बढ़ाती है, यह कोलोरेक्टल कैंसर के कम जोखिम से जुड़ा है।
हालांकि अभी और शोध की जरूरत है। चिकित्सा शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से एचआरटी के फायदे और नुकसान के बारे में चर्चा करें।
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कोलोन कैंसर को डायग्नोस कैसे किया जाता है? (Diagnosis of colon cancer)
कोलोन कैंसर का इलाज करने के लिए फीकल इम्यूनोकेमिकल टेस्टिंग (Fecal immunochemical testing) की जाती है। यह एक प्रकार का ब्लड टेस्ट है। इस टेस्ट को जिन लोगों को कोलन कैंसर का रिस्क होता है उनमें हर 2 साल में किया जाता है। इसके अलावा हर 10 साल में कोलोनोस्कोपी भी रिकमंड की जाती है। जिसमें एक लंबी, फ्लैग्जिबल ट्यूब एनस से होते हुए कोलोन में जाती है। इस ट्यूब की टिप पर एक छोटा कैमरा होता है जो डॉक्टर को इमेज सेंड करता है जिन्हें वे कंप्यूटर पर देखते हैं।
अगर टेस्ट में किसी भी पॉलीप्स को पता चलता है तो कोलोनोस्कोप प्रॉसेस में विशेष उपकरणों के माध्यम को इसे हटाया जा सकता है। पॉलीप्स का एक प्रयोगशाला में विश्लेषण किया जाता है ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि कोई कैंसर कोशिकाएं मौजूद हैं या नहीं। प्रक्रिया के इस हिस्से को बायोप्सी के रूप में जाना जाता है। कोलोन कैंसर का निदान के लिए निम्न परीक्षण भी अपनाए जा सकते हैं।
- सटीक प्रकार के कैंसर की पहचान करने में मदद के लिए एक जीन टेस्ट किया जा सकता है, क्योंकि यह उपचार के निर्णयों को निर्देशित करने में मदद कर सकता है।
- कोलोन के पास ऊतक का एक कंप्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी) स्कैन डॉक्टर को यह देखने में मदद कर सकता है कि क्या कैंसर फैल गया है।
- अल्ट्रासाउंड, जो ध्वनि तरंगों का उपयोग करते हैं, शरीर में ऊतक की कंप्यूटर छवियां बना सकते हैं।
महिलाओं में कोलोन कैंसर का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatments for colon cancer)
महिलाओं में कोलोन कैंसर का इलाज कई प्रकार के किया जा सकता है। जो निम्न प्रकार है।
सर्जरी (Surgery)
अपने शुरुआती चरणों में, कोलन कैंसर का इलाज केवल कैंसरयुक्त पॉलीप्स को हटाकर किया जा सकता है। जब रोग बढ़ता है, तो टिशूज या कोलन के कुछ हिस्सों को हटाने की आवश्यकता हो सकती है।
सिस्टेमिक थेरिपीज (Systemic therapy)
कीमोथेरेपी के दौरान, पावरफुल दवाएं, जिन्हें अक्सर IV के माध्यम से दिया जाता है, कैंसर कोशिकाओं को मार देती हैं। यदि कैंसर लिम्फ नोड्स तक पहुंच गया है तो अक्सर इस थेरिपी की सिफारिश की जाती है। कभी-कभी ट्यूमर या ट्यूमर को सिकोड़ने में मदद करने के लिए सर्जरी से पहले कीमोथेरेपी शुरू की जाती है। टार्गेटेड थेरिपीज या इम्यूनोथेरिपीज की भी सिफारिश की जा सकती है और इसका उपयोग अकेले या कीमोथेरेपी के संयोजन में किया जा सकता है।
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रेडिएशन थेरिपी (Radiation therapy)
रेडिएशन थेरिपी के दौरान, एक्स-रे जैसी पावरफुल एनर्जी बीम्स का उद्देश्य कैंसर के ट्यूमर को सिकोड़ना या नष्ट करना होता है। रेडिएशन थेरिपी कभी-कभी कीमोथेरेपी के संयोजन में की जाती है, और सर्जरी से पहले इसकी सिफारिश की जा सकती है।
महिलाओं और पुरुषों में कोलन कैंसर की वजह से जीवित रहने की दर समान है। जीवित रहने की दर को प्रभावित करने वाला मुख्य कारक यह है कि कैंसर कितनी दूर फैल गया है। आपकी उम्र और समग्र स्वास्थ्य भी महत्वपूर्ण कारक हैं। सामान्य तौर पर लोकलाइज्ड कोलन कैंसर – जिसका अर्थ है कि कैंसर कोलन या रेक्टम से आगे नहीं फैला है तो इसकी जीवित रहने की दर 90 प्रतिशत है तक 5 साल तक है।
उम्मीद करते हैं कि आपको महिलाओं में कोलोन कैंसर (Colon cancer in women) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।